कविता – ऐसा श्रेष्ठ और सुन्दर मिला ईश्वरीय जीवन

कविता – ऐसा श्रेष्ठ और सुन्दर मिला ईश्वरीय जीवन

ऐसा श्रेष्ठ और सुन्दर मिला ईश्वरीय जीवन
सुगंधित है मन, परमात्म प्यार से भरा अन्तर्मन
पाके तुझको प्यारे ते प्यारा, सम्पूर्ण जीवन है नीखरा

दृष्टि में समाई शुद्ध निर्मलता, वृत्ति में सबके लिए है शुभ कामना
बोल में महकाया शीतल माधुर्य, कर्म बने अलौकिक और दिव्य
दिव्यगुणों से श्रृंगारकर, हमारा मीठा दिव्य रूप है सजाया
(पाके तुझको प्यारे ते प्यारा, सम्पूर्ण जीवन है नीखरा)

जहां साथी मिला स्वयं भगवान्‌, बनाता हमे बेहद भाग्यवान
जहां उन्नति होती हर पल, बढ़ता हममे सदा आत्म-बल
कल्प-कल्प का हुआ सौदा, पाना था वह सबकुछ है पाया
(पाके तुझको प्यारे ते प्यारा, सम्पूर्ण जीवन है नीखरा)

श्वासों-श्वास में कृतज्ञता के स्वर, हर धड़कन रंगा आभारों के रंग
दिल सदा गाता धन्यवाद तेरा, अब यह जीवन ही हुआ तेरा
तुझसे संसार का सब सुख है पाया, तू ही तो सदा मुझको है लुभाया
(पाके तुझको प्यारे ते प्यारा, सम्पूर्ण जीवन है नीखरा)


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