Ensuring conviction on family, by empowering the mind through spiritual efforts! | Baba Milan Murli Churnings 03-04-2020

Ensuring conviction on family, by empowering the mind through spiritual efforts! | Baba Milan Murli Churnings 03-04-2020

1. हम स्नेह-लगन से बाप-समान समर्थ बन रहे, बाबा भी वाह-वाह कर हमे सिरताज कह आगे बढ़ाते… हमारे जीवन का फाउण्डेशन ही है निश्चय, जिससे विजयी होते… चारों निश्चय:

  1. बाबा पर निश्चय… सबको अटूट है ही (तब तो उनके बने-मिलने आए)… मैं बाबा का बाबा मेरा, इस स्मृति द्वारा बाबा-सर्व खजानो के अधिकारी बन गए
  2. स्व पर निश्चय… हम बाप-समान स्वमान-धारी, स्वराज्य अधिकारी, कोटों में कोई है (कितने स्वमान-टाइटल स्वयं भगवान् ने हमे दिए है)… इनकी स्मृति में खुशी-भाग्य-नशे में उड़ते रहते (जो चेहरे-चलन में भी दिखता), सदा विजयी-सफल रहते
  3. ड्रामा पर निश्चय… जिससे समस्या भी परिवर्तन हो समाधान होती, हम अचल-अडोल रहते… कल्प-पहले भी सफल हुए थे, अब भी और सदा रहेंगे (इस नशे में रहना है)
  4. परिवार पर निश्चय… जबकि स्वयं भगवान् ने यह परिवार दिया है, सबसे बड़ा परिवार, जो 21 जन्म साथ चलेगा… भिन्न संस्कार भल हो (माला हमारा ही यादगार है, एक बाप-परिवार-राज्य), बड़ी दिल-शुभ भावना से चलना… क्योंकि भल बाबा सकाश देते, परन्तु साकार साथी तो परिवार ही है, इसलिए संस्कार मिलाकर कल्याण-भाव से चलना है (ऐसे बाप-समान नॉलेजफुल-साक्षी ही फर्स्ट आते, सदा स्वभाव-संस्कार क्यों-क्या की गलतियों से परे, कैसे के बदले ऐसे)… छोड़कर तो जाना नहीं, उन्हें भी आप-समान बनाना है (हमारा ही ईश्वरीय-परिवार है)

एक भी निश्चय में कमी है, तो हलचल होंगी, इसलिए सदा वाह-वाह… समय की समीपता प्रमाण प्रकृति पर बोझ बहुत है, माया भी जाने बाली है (हम ही उसका आह्वान करते), इसलिए अब एवर-रेडी बनना है

2. परिवार पर निश्चय ही मुख्य सब्जेक्ट है… जबकि बाबा लास्ट बच्चे की भी विशेषता देखते (सदा मीठे-मीठे मेरे कहते, महात्मा से भी ऊँच समझते), ब्रह्मा-बाबा ने भी कितना बड़ा संगठन सम्भाला (भागन्ती भी कुछ हुए)… तो जबकि हमारा दोनों बाबा पर 100% प्यार हैं (तो दिन में 12-12 बार शिवबाबा-समान निराकारी-स्वरुप, ब्रह्मा-बाबा समान फरिश्ता स्वरुप में स्थित होना)… कोई के कैसे भी संस्कार हो, हमारे संस्कार तो अच्छे है ना

3. बहुतकाल का अभ्यास ही अचानक के लिए एवर-रेडी बनाता … तीव्र-पुरुषार्थ द्वारा कारण को निवारण कर, सबको तीव्र-सन्देश दे मुक्ति-जीवनमुक्ति का वर्सा दिलाना है

4. (यादप्यार)… हम स्नेही-सब बातों में सहयोगी, लवलीन है… समय-संकल्प के अमूल्य ख़ज़ाने को बाबा के कार्य में लगाकर प्रालब्ध बनाने वाले तीव्र-पुरूषार्थी… सर्व गुण-शक्तियों को जीवन में लाकर गुण-शक्ति सम्पन्न बनने वाले

सार (चिन्तन)

जबकि हम दिन में 12-12 बार बाप-समान निराकारी वा फरिश्ता स्थिति का अनुभव करने वाले है… तो सदा स्वयं को स्वमान-धारी स्वराज्य-अधिकारी अनुभव कर, मेरा बाबा की स्मृति द्वारा सर्व गुण-शक्ति-खजानों से सम्पन्न बन… हर समस्या का समाधान कर, परिवार में बड़ी दिल-शुभ भावना-कल्याण भाव से चलते, चारों ही प्रकार के निश्चयबुद्धि-विजयी बन… ऐसे बहुतकाल एवर-रेडी हो, सबको भी मुक्ति-जीवनमुक्ति का वर्सा दिलाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Combating the Corona virus through the power of silence! | Baba Milan Murli Churnings 18-03-2020 | Rev. 18-02-2008

Combating the Corona virus through the power of silence! | शान्ति की शक्ति द्वारा हलचल पर विजयी | Baba Milan Murli Churnings 18-03-2020 | Rev. 18-02-2008

1. बाबा अपने आशाओं के दीपक-विश्व परिवर्तक बच्चों को देख रहे (हम-बाबा का एक-दो से अति-पदमगुणा प्यार है, जो पूरा संगमयुग रहेंगा), सबके दिल में कुछ करने का उमंग है … आज धर्म-राज्य-साइंस सभी सत्ताएं हलचल में है (प्रकृति कंट्रोल में नहीं), अब परिवर्तन हम परमात्म-पालना की अधिकारी सहयोगी-साथी-शान्ति-देव आत्माएं ही कर सकेंगी… इसलिए साइलेन्स की शक्ति से सम्पन्न बनना है, शक्तिशाली-साइलेन्स के प्रयोग द्वारा शान्ति के वाइब्रेशन फैलाने… (बाबा-मम्मा-बड़ी दादी ने कैसे गुप्त पुरुषार्थ किया, सेवा-जिम्मेदारी होते भी… तब ही सेवा-वाणी में भी सफलता होती, सारे कल्प की प्रालब्ध भी बनती… ऐसे फॉलो करना)

2. इस शान्ति की शक्ति से ही आने वाले नाजुक समय में बाबा की टचिंग कैच कर सकेंगे (ऐसा बहुतकाल का अभ्यास चाहिए, मन-बुद्धि की लाइन क्लीन-क्लीयर, निगेटिव से परे)… इसलिए सेवाओं में बीच-बीच में भी शान्ति की शक्ति को चेक कर सम्पन्न करना है… थक जाओ तो बाबा के पास परमधाम-टॉप पर (वा संगम-टॉप पर), फिर सेवा फिर ऊपर… तब ही शान्ति सबको दे सकेंगे (सब अपने इष्ट-गुरू को याद कर रहे, साइंस कब-क्यों में है… गोल्डन-मॉर्निंग का इंतजार कर रहे, जिसको लाने के हम निमित्त है)

3. जैसे बाबा (नाजुक समय पर) हमारे बुलावे पर आए, हमे भी सबकी बातें-स्वभाव-वृत्ति को जान हाँ-जी द्वारा संगठन शक्तिशाली करना है… तो यह शान्ति की ज्वाला सबको मदद करेंगी

4. (यादप्यार) हम बाबा के दिल-तख्तनशीन सो विश्व राज्य तख्त-नशीन, शान्ति की शक्ति को बढ़ाते, लक्की-लवली बच्चें है… सदा खुश रह, खुशी की गिफ्ट सबको देने वाले

सार (चिन्तन)

(कोरोना-वायरस कारण) इस हलचल के समय पर शान्ति की शक्ति से सम्पन्न बनने… सेवाओं में बीच-बीच में भी शान्ति की शक्ति को चेक कर, वतन में बाबा के दिल-तख्तनशीन लक्की-लवली बन शान्ति की शक्ति से सम्पन्न हो (संगठन में भी समझ-हाँ जी द्वारा शान्ति की शक्ति को बढ़ाते)… सबको शान्ति देते, विश्व-परिवर्तन का कार्य वा बाबा की आशाओं को सम्पन्न कर, गोल्डन-मॉर्निंग सतयुग स्थापन कर ले… ओम् शान्ति!


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Experiencing our golden-aged future now through fast efforts! | Baba Milan Murli Churnings 06-03-2020

Experiencing our golden-aged future now through fast efforts! | Baba Milan Murli Churnings 06-03-2020

1. बाबा हमारी भिन्न-भिन्न भाग्य-रेखाएं देख हर्षित हो रहे:

  • मस्तक पर… चमकती ज्योति
  • नैनों में… रूहानियत
  • मुख में… श्रेष्ठ वाणी
  • होठों पर… रूहानी मुस्कराहत
  • हाथो में… सर्व परमात्म ख़ज़ाने
  • हर याद में लिए कदम में… पदम
  • ह्रदय में… बाबा से लवलीन

यह अभी ही अनुभव करने है, क्योंकि इसी समय स्वयं अविनाशी-भगवान् हमारे श्रेष्ठ कर्म-रूपी-कलम द्वारा अविनाशी-भाग्य खिंचवा रहे… पुरूषार्थ से प्राप्ति-प्रालब्ध, संस्कार से संसार, अनेक जन्मों के लिए

2. तो चेक कर, भविष्य-संसार के सभी संस्कार अभी प्रत्यक्ष अनुभव करने:

  • एक राज्य… मन-बुद्धि सम्बन्ध-सम्पर्क-जीवन में एक-आत्मा का राज्य, माया का नहीं
  • सम्पूर्ण पवित्रता की धारणा-धर्म… संंकल्प-बोल-कर्म-सम्बन्ध-सम्पर्क-स्वप्न में भी… ब्रह्मा-चारी… जड़ चित्रों से भी सभी पवित्रता चाहते
  • अखण्ड-अविनाशी सुख-शान्ति-सम्पत्ति… अपने स्वराज्य में अविनाशी अनुभव करना:
    • विनाशी साधन-सैलवेशन, नाम-मान-शान, दु:ख से परे सुख
    • अशान्त सरकमस्टांश-वातावरण में भी शान्त रहना-करना
    • सम्पत्ति में… ज्ञान (हर संकल्प-कर्म नॉलेजफुल), सर्व-गुण (प्रैक्टिकल-लाइफ में), सर्व-शक्तियाँ

जबकि हमारा वायदा है, बाबा के साथ विश्व-कल्याणकारी बन नया सुख-शान्तिमय संसार बनाएंगे… अन्त का इंतजार नहीं (बहुतकाल के अभ्यास से ही बहुतकाल-प्राप्ति)

3. तीव्र-पुरूषार्थी अर्थात्:

  • मास्टर दाता बन, सबको देते रहना (लेना नहीं, फॉलो फादर)
  • निर्माण (सेवा-प्लान्स) के साथ निर्मान-निर्मल (स्थिति-वाणी स्वभाव-संस्कार) का बैलेन्स (हीरे-समान बोल)… तो सबकी स्नेह-दुआएं मिल, सफलता होंगी

4. तीनों खातें सम्पन्न:

  • स्वयं के पुरूषार्थ का
  • मैं-मेरा की लम्बी-रॉयल लिस्ट से परे, निःस्वार्थ सेवा द्वारा पुण्य का खाता
  • सदा स्वयं-सर्व को सन्तुष्ट रख, दुआओं का खाता (यही पुण्य-खाते की भी चाबी है)

इसमे लिए कमज़ोर-संस्कार के प्रभाव से परे मास्टर-सर्वशक्तिमान, बाबा से कम्बाइण्ड, श्रीमत-छत्रछाया में रहना (यही सेफ्टी का साधन है)

पार्टियों से

  • (ईस्टर्न)… नई सेवा की इन्वेन्शन-प्लान द्वारा विस्तार को कवर करना… भल बने-बनाएं स्टेज का सहयोग ले-चांस भी देना पड़े, हम सकाश देंगे… उमंग-हिम्मत के वरदान से असम्भव भी सम्भव
  • (विदेशी)… मधुबन के श्रृंगार, सेवा का विस्तार अच्छा हैं, अब सिर्फ स्व-सर्व के बैलेन्स का इनाम लेना
  • (यादप्यार)… सच्ची दिल पर साहब राज़ी (बाबा की दुआ-दुलार प्राप्त है ही), सदा आगे बढ़ते-बढ़ाते रहो
  • (होमवर्क)… 5 स्वरूपों की ड्रिल दिन में 8 बार (सोने से पहले पूरा करना)
  • (ड्रिल)… स्वराज्य की सीट में स्थित

सार (चिन्तन)

सदा अपने सर्वश्रेष्ठ भाग्य का अभी अनुभव करने… तीव्र-पुरुषार्थ द्वारा सम्पूर्ण स्वराज्य-अधिकारी बन, अविनाशी पवित्रता-सुख-शान्ति-सम्पत्ति से भरपूर ज्ञान-गुण-शक्ति सम्पन्न हो… मास्टर दाता-निर्माण बन सारे विश्व का कल्याण कर पुण्य-दुआओं के खाते से सम्पन्न बनते-बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Spiritual Significance of Mahashivratri, in God’s own words! | Baba Milan Murli Churnings 20-02-2020

Spiritual Significance of Mahashivratri, in God’s own words! | Baba Milan Murli Churnings 20-02-2020

1. आज बाबा अपना (वा लाड़ले-सिकिलधे-परमातम प्यार के पात्र बच्चों का) बर्थ-डे मनाने-बधाई देने आए हैं (जो कल्प में एक ही बार होता, बाप-बच्चों का एक साथ!)… बाबा का हमपे कितना गहरा-प्यार है (जन्म भी साथ, और विश्व-कल्याण का कार्य भी साथ करते)बच्चे भी बाप से कम्बाइन्ड रहते (उमंग-दिल से गीत गाते वाह बाबा-बर्थ डे), और वायदा है साथ चलेंगे… लास्ट-बच्चा भी कहता मेरा बाबा, जिसका बाबा को भी नाज़-महत्व है (हमें सौगुना वाह-वाह कहते)

2. उत्सव अर्थात्‌ ही उत्साह में रहना… जो हम ज्ञान-प्रेम से मनाते, उसका ही श्रद्धा-भावना से भक्ति में यादगार-काॅपी होता… शिवरात्री का आध्यात्मिक-रहस्य:

  • वृत्तियों को श्रेष्ठ रखने लिए सम्पूर्ण पवित्रता का पक्का-व्रत (पांचो विकारों का मन्सा में भी अंश न हो, यह व्रत एक ही बार लेना होता)… पवित्रता तो हमारी प्रॉपर्टी-पर्सनैलिटी-रॉयल्टी है (जन्मते ही वरदान मिला, पवित्र भव योगी भव, पाँचों के लिए), अब बनना है ब्रह्मा-चारी
  • आलस्य-अलबेलापन-बहानेबाजी की नींद से जागरण… होता-चलता-महारथी भी करते, यह हो गया उनका दोष-आदि से परे (हमे तो बाबा की श्रीमत पर चलना है)… समय का कोई भरोसा नहीं, बहुतकाल के अभ्यास से ही लक्ष्मी-नारायण बनेंगे (सब हमें फोलो करते)… भल झुकना-बदलना-परिवर्तन होना पडेे, याद-सेवा के डबल-आलमाइटी-लॉक से कमज़ोरी का दरवाजा बन्द

पार्टियों से

  • (भोपाल)… छुपे वीआईपी को मैदान पर लाना, 1 बर्ष में वारिस क्वालिटी सामने लाना… सेवा का गोल्डन चांस अच्छा लिया (स्व-उन्नति, यज्ञ-सेवा से पुण्य का खाता जमा)
  • (विदेशी)… कल्चर ट्रान्सफर अच्छा किया, संगठन को एक चंदन का वृक्ष बनाया है, आसपास की सेवा अच्छी कर रहे… एक बाबा संसार है, तो नम्बर-एक लेना है (इस उमंग-संकल्प में सिर्फ दृढ़ता-फोर्स भरना)
  • (कार्ड-पत्र-ग्रीटिंग, वा संकल्प-उमंग भेजने वालों को) बाबा का भी यादप्यार… (मधुबन में) सम्मुख सुनने से उन्नति और ही है
  • (यादप्यार में) सदा एकनामी-एकॉनाॅमी-एकाग्रता से आगे उड़ते वाले विशेष-बच्चे

सार (चिन्तन)

जबकि बाबा ने इतने प्यार से हमारे साथ बर्थ-डे मनाया (हमने भी बाबा से कम्बाइन्ड रह, वाह-वाह के गीत गाये)… तो अब बाबा को गिफ्ट देने, सम्पूर्ण पवित्रता का पक्का व्रत ले, सदा के लिए बहानेबाजी की नींद से जागरण कर… याद-सेवा के डबल-लॉक द्वारा नम्बर-वन ले, सर्वश्रेष्ठ पुण्य का खाता जमा करते-कराते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Exercising the mind to regain full control! | Baba Milan Murli Churnings 02-02-2020

Exercising the mind to regain full control! | Baba Milan Murli Churnings 02-02-2020

1. बाबा हमारे ओरीज्नल-प्यारे घर से हमें मिलने आए है (जिसकी हमें-बाबा को खुशी है)… बाबा हमारे 5 प्यारे रूप देख रहे:

  • चमकता-प्यारा ज्योति-बिन्दु स्वरूप
  • न्यारा-प्यारा देवता रूप
  • पूज्यनीय रूप
  • महान संगमवासी-ब्राह्मण
  • फरिश्ता

इन्हें सामने लाकर-अनुभव करने की, मन की रूहानी एक्सरसाइज-ड्रिल सारा दिन करते रहना (1 घंटे में 5 सेकण्ड, वा 5 मिनट)… तो मन खिंचकर व्यर्थ-अयथार्थ जाकर अलबेला नहीं होंगा, सदा एकरस-शक्तिशाली… यह सहज होना चाहिए, जबकि बार-बार अभ्यास किया है (हर कल्प), 5 मिनट सब निकाल सकते… कार्य-सेवा तो करना ही है, उसमें और नशा भरेंगा, मन्मनाभव सहज

2. इस मन्मनाभव के मंत्र से, मन को मायाजीत का यंत्र बनाना… मन को कहां भी लगा सके (कर्मेन्द्रियों का उदाहरण), आगे चल मन (वा बुद्धि-संस्कार) को सेकण्ड में स्टॉप करने की प्रैक्टिस करनी पड़ेगी… इसमें पास होने से बाबा भी वाह-वाह करेंगे

3. बाबा कहते मेरे बच्चे, हम भी दिल से कहते मेरा बाबा (जिससे बाबा का हज़ार बार शक्तिशाली-सहयोग मिलता, माया के वार से परे रहते)… जबकि बाबा ही हमारा संसार है, तो संस्कार विघ्न-रूप न बने (दृढ़ संकल्प-पुरूषार्थ से समाप्त, करना ही है!)… बाबा लक्ष्य देते, हमे उसे पूरा करना है (डेट-फिक्स कर), संस्कार सम्पर्क में वेरीफाय हो ही जाता

पार्टियों से

  • (पहली बार).. मधुबन आने की मुबारक (तू-लेट से पहले)… परिवार की शुभ-आश है, हम लास्ट सो फास्ट सो फर्स्ट(क्लास) में आएं… सिर्फ निश्चय-हिम्मत चाहिए
  • (दिल्ली)… पुरुषार्थ में नंबर-वन लेना (सेंटर को निर्विघ्न बनाकर, इनाम लेना)… सर्विस में नई-इन्वेन्शन निकालनी (जैसे आदि से करते आए है)… सदा सन्तुष्ट (नियम-सेवा से)
  • (आगरा)… जैसे मशहूर है, वैसे नवीन कार्य-सेवा से आलमाइटी गवर्मेन्ट में मशहूर होना… अमृतवेले खास बैठने से टचिंग होंगी
  • (विदेशी)… देश से दूर, दिल के समीप है (कल्चर में ढल गए, आदि से भारत के हैं)… आसपास की सेवा अच्छी कर रहे
  • (याद-प्यार)… सभी दुलारे बच्चों का संकल्प-उमंग है बाबा को प्रत्यक्ष करना (हमारा बाबा आ गया)… कोई वंचित न रहे (कम से कम मुक्ति का वर्सा पाए)

सार (चिन्तन)

सदा बाबा की दिल के समीप रह, 5 स्वरूप की सहज-रूहानी एक्सरसाइज सारा दिन करके मन को एकरस-शक्तिशाली-आर्डर में चलाकर… दृढ़ता-दिल से मेरा बाबा की स्मृति द्वारा सदा माया-संस्कार से परे, बाबा को अपना संसार अनुभव करने वाले निर्विघ्न बन… नवीनता से सेवा कर, बाबा को प्रत्यक्ष करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Becoming an embodiment of solutions through powerful pledge! | दृढ़ प्रतिज्ञा द्वारा निवारण-स्वरूप | Baba Milan Murli Churnings 18-01-2020

Becoming an embodiment of solutions through powerful pledge! | दृढ़ प्रतिज्ञा द्वारा निवारण-स्वरूप | Baba Milan Murli Churnings 18-01-2020

1. आज स्मृति-समर्थी दिवस की बढ़ाई देते… स्नेह-सागर बाबा हम स्नेही-लवली-लवलीन बच्चों को मेरे-लाडले-सिरताज बच्चे कहते (हम भी मेरा-मीठा बाबा कहते, स्नेह-विमान वा फरिश्ता-रूप में पहुँच गए)… हमारी स्नेह-मोती-माला बाबा के गले में, उनकी स्नेह-भुजाएं-माला हमारे गले मेंं, हम उनके स्नेह में समा गये… एक-एक स्मृति सेकण्ड में समर्थी-नशा चढ़ाती:

  • पहली स्मृति, हम कल्प-पहले वाली भाग्यवान-आत्माएं है (जिससे परमात्म-बाप का नशा चढ़ता)…
  • दिल से निकला मेरा बाबा (जिससे सभी प्राप्ति-खज़ाना-पालना अपनी हो गई)…
  • जिस मेरेपन से सहजयोगी समर्थ-आत्मा मायाजीत बन गए

2. यह वर्ष न्यारा-प्यारा मेहनत-समस्या मुक्त बनने का है (तब ही स्वयं-औरों को मुक्ति दिला सकेंगे)… इसलिए ऐसे-वैसे वा करना-पड़ता के बहाने (पुरानी भाषा-चलन-अलबेलेपन) से परे रहना, इसका निवारण-समाधान है दृढ़-प्रतिज्ञा (भल झुकना-सुनना-सहना-बदलना पड़े)… तब ही पर्दे खुल-प्रत्यक्षता होंगी (सब अच्छे बनेंगे… अब सब बहुत दुःखी हैं), मन्सा-वाचा के साथ स्नेह-सहयोग-चेहरे-चलन के कर्म द्वारा (हमारी अवस्था देख सब ठीक हो जायेंगे)… जबकि बाबा के साथ चलना-राज्य करना है, तो सेवा में भी साथ रहना (सहयोगी-समान बनना, हाथों में हाथ)

पार्टियों से

  • (गुजरात)… सेवाधारी-सेवा बहुत है (वाचा-सेवा में पास है)… अब पावरफुल-मन्सा द्वारा मन्सा-सेवा सकाश देना (वे माइक बनेंगे)
  • (फूलों के श्रृंगार वालें)… स्नेह के कारण श्रृंगार-सुगन्ध और अच्छी हो गई, बाबा भी पदमगुणा-स्नेह देते
  • (डबल-विदेशी)… हम मधुबन के श्रृंगार, सबको प्यारे है (कोटों में कोई)… अब चैतन्य-म्युजियम बनना है (मस्तक-नैन-मुस्कान से सेवा).. सूक्ष्म रियलाइजेशन द्वारा विन कर नम्बर-वन बनना
  • (मधुबन) दूर बैठे भी सब पास है, फिर भी सम्मुख-मधुबन में गोल्डन-चांस है… मुरली से प्यार अर्थात् मुरलीधर से प्यार निभाने वाले
  • (याद-प्यार) हम श्रीमत-बाप के कदम पर चलने वाले सहजयोगी-नॉलेजफुल-पावरफुल स्वमान-सम्मानधारी है… इन्तजार समाप्त कर, इन्तजाम करने वाले

सार (चिन्तन)

जबकि स्नेह-सागर बाबा हम पर इतना स्नेह लुटाते… तो हम भी मुरली से प्यार वा मेरे-मीठे बाबा की स्मृति द्वारा समर्थ-सहजयोगी बन, दृढ़-प्रतिज्ञा द्वारा निवारण-स्वरूप हो… बाप-समान चैतन्य-म्युजियम बन, चेहरे-चलन-पावरफुल मन्सा द्वारा सबकी सर्वश्रेष्ठ-सेवा करते, नम्बर-वन बनते-बनाते, सतयुग बनाते रहे… ओम् शान्ति!


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Successfully bringing the New Age by becoming an embodiment of Follow Father! | Baba Milan Murli Churnings 31-12-2019

Successfully bringing the New Age by becoming an embodiment of Follow Father! | Baba Milan Murli Churnings 31-12-2019

1. बाबा ने हमें नया-जीवन दे, नये-युग की बड़े ते बड़ी गिफ्ट-सौगात का जन्मसिद्ध-अधिकार दे दिया है (निश्चित-भावी), जिसका हमें निश्चय-नशा है (जिसको कम नहीं होने देना)… नये वर्ष का लक्ष्य (बाप समान-सम्पन्न-सम्पूर्ण बनने का) प्राप्त करने लिए फॉलो-फादर करना, मुख्य बात हर ख़ज़ाने को सफल कर सफलता-मूर्त बनना है (सफलता हमारे गले का हार, बाप का वर्सा है), जो 21 जन्म चलेंगा:

  • समय सफल करने से… पूरा समय राज्य-भाग्य की प्राप्ति
  • श्वास सफल करने से… 21 जन्म सम्पूर्ण-स्वस्थ
  • ज्ञान-ख़ज़ाना जमा करने से… वजीर की आवश्यकता नहीं, निर्विघ्न अटल-अखण्ड राज्य चाला सकेंगे
  • शक्तियाँ स्व-सर्व प्रति सफल करने से… राज्य में कोई शक्ति की कमी नहीं होंगी
  • गुण-दान करने से… 84 जन्म जड़ चित्रों की महिमा होंगी (सर्वगुण-सम्पन्न रूप में)

इसकी सबसे सहज विधि है, हर संकल्प-बोल-कर्म-सम्बन्ध-सम्पर्क चेक करना (बाप-समान है?), फिर फॉलो कर उसका स्वरुप ही बन जाना… बाप-समान श्रेष्ठ निश्चय-स्वमान-पोजीशन में स्थित, आपोजीशन से परे रहना… हमारे लिए बाप-समान फरिश्ता सो देवता बनना निश्चित है

2. स्वयं-साथी-विश्व को भी मन्सा-शुभ भावना के दृढ़ संकल्प से परिवर्तन करना… बाबा हमें परिवर्तन-शक्ति का वरदान दे रहे (दिल से मेरा बाबा कहा, और शक्ति हाजिर), जिससे नेगेटिव में भी positive देखना-बोलना-करना… विश्व-परिवर्तक लिए सब सहज है, सिर्फ अंधकार को भगाना (अर्थात्‌ छोटी बात बड़ी-मुश्किल बना देना, क्या-क्यों कर), रोशनी का स्विच ऑन रखना (मास्टर सर्वशक्तिमान की सीट पर सेट, अपसेट से परे)… सिर्फ बाबा को बुला लेना (मेरा बाबा आ जाओ)

3. बधाई के साथ सबको अविनाशी-गिफ्ट देनी है

  • मन्सा द्वारा शक्तियां… इसलिए मन्सा-शक्ति के स्टॉक पर अटेन्शन रखना
  • वाचा द्वारा ज्ञान… मनन-शक्ति को स्मृति में रखना
  • कर्मणा द्वारा गुण… चेहरे-चलन-कर्म में गुण-स्वरुप बनना

सबको ईश्वरीय-परिवार की दृष्टि-वृत्ति से देखना…. सदा खुश-खुशनसीब-मुस्कराता रहना (तो बाबा प्राइज़ देंगे)… रौब के बोल-भावना वाइब्रेशन से परे

4. पार्टियों:

  • (पंजाब-कश्मीर से)… सबकी नजर है, इसलिए कमाल कर बाप का नाम बाला करना
  • (डबल foreigners से)… हम डबल तीव्र-पुरूषार्थी है, सदा बाबा-साथी-फ्रेंड के हाथों में हाथ रख सारा कल्प साथ रहना… हमें नशा है, मेरा बाबा आ गया
  • दु:ख-भक्तों को हिम्मत-उत्साह के पंख देना
  • (याद-प्यार)…होमवर्क पूरा कर, सपूत का सबूत देना.. बाबा हम श्रेष्ठ-लायक बच्चों को दुलार-दुआ-याद-प्यार दे रहे

सार (चिन्तन)

इस नव-वर्ष में बाप-समान बनने का लक्ष्य प्राप्त करने… अपने श्रेष्ठ मास्टर-सर्वशक्तिमान की पोजीशन में स्थित रह, हर संकल्प-बोल-कर्म को चेक कर, बाप-समान हर ख़ज़ाने को सफल कर, मन्सा-वाचा-कर्मणा ज्ञान-गुण-शक्ति की अविनाशी-गिफ्ट सबको बांटते… सफलता-पूर्वक नवयुग-सतयुग स्थापन कर ले… ओम् शान्ति!

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Becoming an Authority of Experience in each subject, by stabilising in Swaman in a second! | सेकण्ड में स्वमान के स्वरूप बन, हर सब्जेक्ट में अनुभव की अथॉरिटी बनो | Baba Milan Murli Churnings 15-12-2019

Becoming an Authority of Experience in each subject, by stabilising in Swaman in a second! | सेकण्ड में स्वमान के स्वरूप बन, हर सब्जेक्ट में अनुभव की अथॉरिटी बनो | Baba Milan Murli Churnings 15-12-2019

1.

  • हम ब्राह्मण-आत्माएं, विशेष कोटों में कोई है… जिन्होंने साधारण-रूप में आए भगवान् को पहचान लिया… उनको दिल में समाकर, दिल का प्यार प्राप्त कर लिया (बाबा के प्यारे ते प्यारे बन गए)
  • हम नेचरल योगी-जीवन वाले है… उठते-बैठते-चलते-फिरते-कर्म में निरन्तर-सदा योगी
  • बाबा सदा हमें भाग्यशाली, स्वमान-धारी, स्वदर्शन-चक्रधारी रूप में देखते… हमें कितने स्वमान मिले हुए हैं (जिन्हें याद करने से तुरन्त उनका स्वरूप बन, लवलीन हो जाते, देह-भान से परे)

तो इन स्वमानों में स्थित-स्वरूप-अनुभवी होने में मेहनत न लगे (सदा मोहब्बत में रहकर, जबकि स्वयं आलमाइटी ने हमें यह अथॉरिटी दी है)… हर सब्जेक्ट-पॉइंट-वरदान के अनुभवी-मूर्त बनना हैं (फिर कोई माया-देहभान-व्यक्ति हमें हिला नहीं सकते… कभी-कभी शब्द समाप्त, सदा नेचरल नेचर)… स्वमन-सीट पर अनुभव-स्विच की लाइट से अंधकार समाप्त… तब ही बाप-समान, स्मृति-स्वरूप, समर्थ बनेंगे (हर कर्म में)

2. अचानक में एवर-रेडी अर्थात् ही वरदान-स्वमान का संकल्प किया, और स्वरूप बनें (तब ही वरदान फलीभूत होते, यह करना ही पड़ेगा)… अभी से करने से ही बहुतकाल का अभ्यास समय पर काम आएगा… जैसे देह-भान नेचरल हो गया है, वैसे ही अब बनना है:

  • देही-अभिमानी… स्वमान-धारी
  • ज्ञान-स्वरूप… अर्थात् लाइट-माइट सम्पन्न
  • योग-स्वरूप… अर्थात् कर्मेन्द्रिय-जीत स्वराज्य-अधिकारी, युक्तियुक्त जीवन
  • तो गुणों की धारणा ऑटोमेटिक होगी
  • सच्चे-सेवाधारी (सेवा भी ऑटोमेटिक)… मन्सा-वाचा-कर्म से, सम्बन्ध-सम्पर्क में स्नेह-सहयोग-उमंग-उत्साह देते रहना… चाहे कोई कैसा भी हो संस्कार-वश, हमारी सदा शुभ भाव-भावना हो (कोई और संकल्प-घृणा नहीं)… जबकि हम प्रकृति को भी परिवर्तन करने वाले है, और यह प्रभु-परमात्म परिवार एक ही बार मिलता

बाप-समान निराकारी-निरहंकारी-निर्विकारी, फरिश्ता-भव के वरदानी बनना है… जबकि हमें बाबा पर इतना स्नेह है (स्नेह के विमान में ही पहुंचे है), बाबा भी हर एक को मेरे कहते

3. हम सेवा अच्छे उमंग-उत्साह से करते-कराते, सेवा का मेवा-फल-कमाई प्राप्त करते रहते (मधुबन के ज्ञान-स्नेह-परिवार-एकान्त के वाइब्रेशन-वायुमण्डल में सदा ज्ञान-स्नान है, योगी-प्रभु प्यार वाली आत्मायें है)…. बाबा हमें देख खुशी में गीत गाते रहते, वाह बच्चे वाह (हम उनके दिल में, वह हमारे दिल में है)

सार (चिन्तन)

सदा बाबा की मोहब्बत में, सेकण्ड में अपने भिन्न-भिन्न स्वमान-वरदानों के अनुभवी-स्वरूप बन… बहुत सहज स्वयं को ज्ञान-योग-धारणा-स्वरूप सच्चे सेवाधारी अनुभव करते, अपनी शुभ भावना-सेवा द्वारा सर्व को भी अंधकार से दूर करते… सम्पूर्ण निराकारी-निर्विकारी-निरहंकारी फरिश्ता-स्वरूप बनते-बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!

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Using the power of Swaman to stay beyond all worries! | स्वमान की शक्ति द्वारा बेफ़िक्र | Baba Milan Murli Churnings 30-11-2019

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1. हम श्रेष्ठ-विशेष आत्माओं जैसा स्वमान किसी का नहीं, हम ही सबके पूर्वज-पूज्य-आधार मूर्त है (सबसे पहली रचना)… सबमें विशेषताएं हैं:

  • छोटा बच्चा भी अपने ज्योति-बिन्दु आत्मा-स्वरुप को जानता (science वाले नहीं जानते)
  • बुजुर्ग माताएं भी कहती, हमने परमात्मा को पा लिया (महात्माएं मुश्किल समझते)
  • प्रवृति वालों ने भी पवित्रता को सहज-स्वधर्म स्वीकार कर लिया (लोग मुश्किल समझते)

2. हम विजयी-रत्न है (हिम्मते बच्चें, मददे बाप)… ईश्वरीय बच्चे समझने से बचे रहेंगे (माया-समस्याओं से)… साइलेन्स-परिवर्तन शक्ति से नेगेटिव को पॉजिटिव, कारण को निवारण, समस्या को समाधान करते… सर्व-शक्तियां हमें वर्से में मिली है

3. वर्सा-प्राप्ति याद करने से बाबा की याद सहज होती… पाना था सो पा लिया, ऐसे निश्चय-नशे से बेफ़िक्र हो गए (फिक्र आए, तो भी बाबा को दे देना है)… क्या-कैसे के गीत से परे, साक्षी-त्रिकालदर्शी की सीट पर सेट हो खेल देखो (तो अपसेट नहीं होंगे)

4. हमारे पुराने संस्कार तो दैवी है, मध्यम संस्कार को मेरा नहीं कहना (फिर वह छोड़ते नहीं)… वे भी समाप्त हो जाएंगे, जबकि बाबा साथ-combined-सहयोगी है, सिर्फ उनसे दूर नहीं जाना है

5. जबकि हम पूज्य है (16 कला सम्पूर्ण बनने वाले), तो दुआ देना हमारा नेचुरल संस्कार है, फिर सब भी खुश होकर दुआ देंगे… बाबा के प्यार में स्वयं को मास्टर सर्वशक्तिमान के वरदानी समझने से, माया के तूफान भी तोहफा, पहाड़ भी रुई बन जाएंगा… सिर्फ प्राप्त वरदानों को अभी अनुभव में लाना है

6. बीच-बीच में 2-3 मिनट भी अशरीरी-फरिश्ता-ब्राह्मण स्थिति का अभ्यास करना है, फिर चेक करना कहाँ तक स्वरुप बन पाए… सेवा का बल-फल तो हमारे साथ है ही

पार्टियों से

1. (कर्नाटक से)… सन्तुष्ट रह, सन्तुष्ट करने से जमा हुआ… अब संगठित निर्विघ्न सेवा कर, वारिस बनाने है

2. (विदेशी से)… सेवा में वृद्धि अच्छी है, निश्चय-नशे में हम उड़ते डबल-लाइट, सफलता के सितारे है

3. (टीचर्स से)… हर कर्म बाप-समान (गुरू-भाई) समझ करना है, जबकि हम स्टूडेंट के सामने निमित्त है (सब कहे, यह फोलो फादर के example है)

सार (चिन्तन)

सदा अपने सर्वश्रेष्ठ स्वमानों में स्थित, बाबा से combined, सर्व शक्तियों के अधिकारी बन… सदा साइलेन्स-परिवर्तन शक्ति द्वारा विघ्नों में भी साक्षी-बेफ़िक्र-उड़ते रह… सबको दुआएं दे सन्तुष्ट करते, बाप-समान सेवा करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!

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Being a carefree emperor through fast efforts! | तीव्र पुरूषार्थ द्वारा बेफिक्र बादशाह | Baba Milan Murli Churnings 15-11-2019

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1. उठते-कर्म करते भी बाबा ने हमारी फिक्र लेकर फखुर (ईश्वरीय नशा) दे, बेफ़िक्र बादशाह बना दिया है… यही जीवन प्यारी-प्रिय है, जिसकी निशानी मस्तक में लाइट-आत्मा दिखती… अगर फिक्र-बोझ आ भी जाए, तो:

  • बाबा को देकर, फिर से बेफ़िक्र हो जाना
  • हद के मेरे को तेरे में परिवर्तन करना… हम तो कहते ही हैं मेरा बाबा (सबकुछ तेरा)
  • स्मृति में लाना… हम तो है ही प्रकृति-जीत विकार-जीत, तो फिक्र किस बात की?
  • याद करना… भक्ति में भी हमारे चित्रों में दो ताज दिखाते (बेफ़िक्र-लाइट का ताज, विकारों पर विजयी का ताज)

2. बादशाह होने के साथ तख्त भी चाहिए… हमें तीन तख्त मिले है (भ्रकुटी, बाबा का दिलतख्त, भविष्य-राज्य तख्त)… सर्वश्रेष्ठ दिलतख्त में सदा बैठने लिए:

  • बाबा को अपने दिलतख्त पर बिठाना
  • अपनी सर्वश्रेष्ठ मास्टर सर्वशक्तिमान की स्थिति में स्थित रहना
  • देह-भान की मिट्टी से परे रहना

3. यह समय बहुत क़ीमती है (अचानक कुछ भी होना है, और अभी ही जन्म-जन्म की प्रालब्ध बना सकते)… इसलिए अपने समय-संकल्प पर अटेन्शन दे, व्यर्थ का त्याग करना है (तीव्र पुरूषार्थ अर्थात्‌ ही सेकण्ड में बिन्दी)… क्योंकि हमें तो सबको सुख-शान्ति दे, वर्से के अधिकारी बनाना है… हिम्मत द्वारा मदद अवश्य मिलती

4. जबकि बाबा और हमारा वायदा है साथ चलने का, तो इसकी तैयारी भी हो (बाबा हमें अकेला नहीं छोड़ना चाहते)… सेकण्ड में बिन्दी लगाए सम्पन्न-सम्पूर्ण बन सके… सेवा भी कर ली हो (सब को सन्देश दिया हुआ हो, कि बाप आए है वर्सा देने, फिर कोई उल्हाना न दे)

5. बाबा की आश है, हम समान और सम्पूर्ण बने (हम ही बाबा की आशाओं के सितारे हैं)… प्यार में तो सभी फुल-पास है

पार्टियों से

1. मधुबन सेवा का बल-फल मिला (जबकि हमने निर्विघ्न सेवा से सबको सन्तुष्ट किया है)… ईश्वरीय परिवार से मिलने-सेवा करने का भाग्य मिला, खुश रहें और सबको खुशी देकर ली

2. पुरुषार्थ-सेवा में उमंग का संस्कार अच्छा है… अब बाबा की आशाओं को पूर्ण कर, तीव्र पुरूषार्थी बनना-बनाना है

3. लास्ट आते भी लास्ट सो फास्ट जाने लिए… बाबा ने हमारे तीव्र पुरूषार्थ के लिए दृढ़ता की चाबी की सौगात दी है 

सार (चिन्तन)

सदा दृढ़ता की चाबी द्वारा मेरे को तेरे में परिवर्तन कर बेफ़िक्र बादशाह बन, बाबा को अपने दिलतख्त पर बिठाकर मास्टर सर्वशक्तिमान समान-सम्पूर्ण स्थिति का अनुभव करते … सदा तीव्र पुरूषार्थ द्वारा सेकण्ड में बिन्दी लगाए, व्यर्थ से परे रह… सबको ईश्वरीय सन्देश दे सुख-शान्ति से सम्पन्न करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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