आत्मिक दृष्टि पक्की करने के 108 संकल्प | 108 Thoughts for strengthening soul conscious drishti

आत्मिक दृष्टि पक्की करने के 108 संकल्प | 108 Thoughts for strengthening soul conscious drishti

आज बाबा ने पूरी मुरली में आत्मिक दृष्टि पक्की करने को कहा… तो आज आपको आत्मिक दृष्टि पक्की करने के 108 संकल्प भेज रहे हैं… इन्हें प्रेम से, बाबा की याद में स्वीकार करना जी!

आत्मा है!

  • वह आत्मा है… शान्त स्वरूप, प्रेम स्वरूप, आनंद स्वरूप, सुख स्वरूप, पवित्र स्वरूप, ज्ञान स्वरूप
  • आँखों द्वारा देखने वाली, कानों द्वारा सुनने वाली, मुख द्वारा बोलने वाली, शरीर द्वारा कर्म करने वाली, सबकुछ आत्मा ही करती है
  • प्रकाश का पुंज, चमकती मणि, दिव्य सितारा है

हमारा उनसे सम्बन्ध

  • एक बाबा के बच्चे… हम सभी भाई-बहन, भाई-भाई है
  • मुझे उनको देना है, शुभ-भावना, सकाश, गुण देखना है… शान्ति, रुहानी स्नेह, सुख, खुशी, सम्मान देना है
  • उनकी कोई गलती नहीं, वह खुद अपने संस्कारों से परेशान हैं, यह कलियुग है, मुझे उनको देना है

सम्पर्क में!

  • मेरा सम्बन्ध आत्मा के साथ है, लेन-देन हिसाब-किताब, आदि
  • (बातें सुनते) वह आत्मा बोल रही, शरीर द्वारा, भ्रकुटी के बीच बैठे… मैं आत्मा सुन रही हूँ, कानों द्वारा, भ्रकुटी में बैठ
  • (बातें करते) मैं आत्मा बात कर रही हूँ, मुख द्वारा, भ्रकुटी में बैठ… आत्मा को सुना रही हूँ, भ्रकुटी में, वह कानों से सुनती है
  • (फोन की रिंग बजते) आत्मा का फोन है, आत्मा से बात करनी है
  • जो गुस्सा, झगड़ा, तंग करते, वह आत्माएं है

सभी मित्र-सम्बन्धी

  • सभी मित्र (स्कूल, कॉलेज, बिल्डिंग, पड़ोसी) आत्माएं है
  • सभी सम्बन्धी (मात-पिता, भाई-बहन, चाचा-चाची, मौसा-मौसी, दादा-दादी, नाना-नानी, बच्चा-बच्ची, आदि) आत्माएं है
  • ऑफिस में सभी (बॉस, साथी, जूनियर) आत्माएं है
  • विश्व में सभी, आत्माएं है… वैज्ञानिक, राष्ट्रपति, प्रधान-मंत्री, नेता, अभिनेता, धनवान, आदि

दिन-चर्या में!

  • (उठते) मैं आत्मा हूँ, बाबा परम-आत्मा है, घर में सभी आत्माएं है
  • (सेन्टर पर मुरली) सुनाने वाली टीचर आत्मा है, सुनने वाले सभी आत्माएं है, जिज्ञासू सभी आत्माएं है 
  • (बाबा का कमरा) बाबा मुझे दृष्टि दे रहे, मुझ आत्मा को देखते, मैं भी उनके मस्तक पर शिवबाबा को देखता
  • (भोजन) परोसने वाले आत्मा है, मैं जिसको परोस रहा वह आत्मा है, भोजन पर बैठे सभी आत्माएं है 
  • (रास्ते में) सभी रास्ते पर आत्माएं है, गाड़ी में भी आत्माएं है, ट्रेफिक पुलिस भी आत्माएं है 
  • (ऑफिस) ईमेल, फोन, मीटिंग में सभी आत्माएं है
  • (छुट्टी के दिन) जो मेहमान आए, वह आत्माएं है… जिसके घर जाते, वह आत्माएं है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… इन्हीं संकल्पों को दोहराते, अपनी frequency को बहुत ऊँची, आत्मिक बनाके रखे… जिससे सदा शान्ति प्रेम आनंद से भरपूर-सम्पन्न रहते, सबको भी यह खज़ाने बांटते, सतयुग बनाते रहते… ओम् शान्ति!


Also read:

Thanks for reading this article on ‘आत्मिक दृष्टि पक्की करने के 108 संकल्प | 108 Thoughts for strengthening soul conscious drishti’

2 Replies to “आत्मिक दृष्टि पक्की करने के 108 संकल्प | 108 Thoughts for strengthening soul conscious drishti”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *