मन्थन | बाबा और सतयुग के 22 सम्बन्ध

सम्बन्धों से

  • बाप का वर्सा 
  • टीचर द्वारा दी गई एम ओब्जेक्ट
  • सतगुरू की सद्गति 
  • सखा-साजन की (हथेली पर स्वर्ग की) सौगात 

नई शुरूआत 

  • ज्ञान सूर्य का स्थापन किया दिन
  • सतोगुणी बाबा का गोल्डन एज
  • रचता / क्रियेटर की नई दुनिया
  • भगवान् के पढ़ाई की प्रालब्ध 

धर्मों में 

  • अल्लाह का बगीचा 
  • हेवनली गॉड-फादर का हेवन
  • शिवबाबा का शिवालय

गुणों पर आधारित

  • सत्य बाबा का सतयुग, सचखण्ड
  • अमरनाथ का अमरलोक
  • सुख-दाता का सुखधाम
  • मुक्ति-जीवनमुक्ति दाता का जीवनमुक्ति-धाम
  • बबुलनाथ का फूलों का बगीचा
  • पवित्रता के सागर की पावन दुनिया
  • देवों के देव का डीटी वर्ल्ड

राज्य 

  • अल्फ की बादशाही 
  • राम का रामराज्य
  • एक का अद्वैत राज्य
  • ईश्वर का ईश्वरीय राज्य 

मेरे को तेरे मे परिवर्तन करने की 120 बातें | Transforming Mine to Yours

मेरे को तेरे मे परिवर्तन करने की 120 बातें | Transforming Mine to Yours

आज बाबा ने स्लोगन में कहा, मेरे को तेरे में परिवर्तन करने से फरिश्ता बनते… और बेफिक्र बादशाह बनने की भी यह सर्वश्रेष्ठ युक्ति है… तो आज मेरे को तेरे में परिवर्तन करने की 120 बाते देखते, इन्हें प्रेम से बाबा की याद में स्वीकार करना जी!

स्थूल

  • सारी दुनिया
  • शरीर-तन-देहकर्मेन्द्रियां (आंख-कान-मुख)… बीमारी-दुःख-दर्द-तकलीफ
  • सम्बन्ध-व्यक्ती (लौकिक-अलौकिक)… माँ-बाप-बच्चे-परिवार… जूनियर-छोटे, साथी-आसपास वाले, सीनियर-बॉस
  • पदार्थ-वस्तु-वैभव… धन-साधनमकान-प्रॉपर्टी… पलंग-तकिया, मोबाइल

नाम-रूप, देश-भाषा-धर्म-जाती… पढा़ई-डिग्री, पोस्ट-position, achievements-अवार्ड-ट्रॉफी

सूक्ष्म

  • मन-बुद्धि-संस्कार… गुण-विशेषताएं-कला-प्रतिभा … घर-गृहस्थी-प्रवृत्ति.. जिम्मेदारी-बोझ
  • संकल्प-बोल-कर्म… पास्ट, प्रेजेंट, फ्यूचर
  • निंदा-स्तुति, जय-पराजय, हार-जीत, लाभ-हानी, सुख-दुःख

ब्राह्मण जीवन में

  • वैराग्य-त्याग, ज्ञान-समझ ज्ञान-चिन्तन, योगाभ्यास-अनुभव-बल, परिवर्तन-पुरूषार्थ-धारणाएं
  • सेवा (मन्सा-वाचा-कर्मणा, तन-मन-धन … गीत-कविता-लेख… सुझाव-idea-युक्ति-विचार, प्लानिंग-organizing-implementing… वेबसाइट, यूट्यूब चैनल, आदि)
  • सेंटर-स्टूडेंट-जिज्ञासु… नाम-मान-शान

सार

तो चलिए आज सारा दिन… मेरे को तेरे में परिवर्तन कर, बेफिक्र बादशाह की सर्वश्रेष्ठ स्थिति का अनुभव करते… सदा खुश, सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनते-बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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दो-दो बातों की लिस्ट (116, 58×2 बातें)

दो-दो बातों की लिस्ट (116, 58×2 बातें)

आज बाबा ने मुरली में ज्ञान की दो-दो बातों की बात की… तो आज दो-दो बातों की लिस्ट (116, 58×2 बातें) देखते हैं… इन्हे बहुत रूचि से, बाबा की याद में स्वीकार करना जी!

विश्व का परिवर्तन

  • सतयुग-कलियुग, नई दुनिया-पुरानी दुनिया
  • गोल्डन ऐज-आइरन ऐज, बेहद का दिन-बेहद की रात
  • स्वर्ग-नर्क, जन्नत-दोझक, हेवन-हैल
  • सचखण्ड-झूठखण्ड, अमरलोक-मृत्युलोक, परिस्तान-कब्रिस्तान, फूलों का बगीचा-कांटों का जंगल
  • सुखधाम-दुःखधाम, अशोक वाटिका-शोक वाटिका
  • डीती वर्ल्ड-डेविल वर्ल्ड, पुण्यआत्माओं की दुनिया-पापआत्माओं की दुनिया
  • शिवालय-वैश्यालय, रामराज्य-रावणराज्य
  • ब्रह्मा का दिन-रात, ब्राह्मणों का दिन-रात
  • विष्णुपूरी-कृष्णपूरी (वा कंसपूरी), क्षीरसागर-विषय सागर (वा विषय-वैतरनी नदी)

हमारा परिवर्तन

  • बैटरी-फूल से थोड़ी, ऊंच-नीच, उत्थान-पतन
  • सतोप्रधान-तमोप्रधान, पावन-पतित, पवित्र-अपवित्र
  • सुखी-दुःखी, जीवनमुक्त-जीवनबन्ध
  • दैवी-आसुरी, देवता-असुर, श्रेष्ठाचारी-भ्रष्टाचारी,
  • सुन्दर-श्याम, गोरा-काला, प्रिंस-बेगर, डबल ताज- नो ताज
  • सर्वगुण सम्पन्न-नो गुण, 16 कला संपूर्ण-नो कला
  • सम्पूर्ण निर्विकारी-विकारी, पारस बुद्धि-पत्थर बुद्धि,
  • फूल-कांटा,
  • , हीरा-पत्थर, Koudi तुल्य से हीरे तुल्य, , बंदर से मन्दिर लायक
  • आत्म अभिमानी-देह अभिमानी, देवता-लेवता
  • मालिक-गुलाम, अधिकारी-भक्त, चिन्तित-बेफिक्र, विजयी-योद्धा, नकारात्मक-सकारात्मक, दूरभागयशाली-पदमापदम भाग्यशाली, योगी-भोगी

और दो-दो बातें!

  • आत्मा-बाबा, मन-बुद्धि, दो बाप का परिचय देना

सार

तो चलिए आज सारा दिन… सदा यही स्मृति में रहे, कि बाबा हमें क्या से क्या बना रहे… इसी खुशी से अपने पुरुषार्थ की तेजी dodi लगाए, ज्ञान-योग से सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनते-बनाते, सतयुग बनाते रहे… ओम् शान्ति!


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दीदी मनमोहिनी की 125 विशेषताएं | 125 Specialities of Didi Manmohini

दीदी मनमोहिनी की 125 विशेषताएं | 125 Specialities of Didi Manmohini

28 जुलाई हमारी मीठी प्यारी दीदी मनमोहिनी का स्मृति दिवस है… तो आज दीदी मनमोहिनी की 125 विशेषताएं देखते हैं… इन्हीं बहुत प्रेम से, बाबा की याद में स्वीकार करना जी!

मुख्य शिक्षाए

  • अब घर जाना है… पुरानी देह-दुनिया-वस्तु से बेहद का वैराग्य-त्याग, बाबा पर पूरा निश्चय-समर्पण…
  • सुबह 5 केले खाना… अकेले आए है, अकेले जाना है, अकेले में (एकान्त), अकेले बन (अन्तर्मुखी-आत्मा), अकेले (बाबा) को याद करना

बाबा से प्यार!

  • योग पक्का, बाबा के प्रेम में डूबे-मग्न रहना, डांस करना, बाबा की सच्ची दिलरूबा, सच्ची गोपी, बाबा ही नैन-चेहरे-दिल में बस्ता… एक तुम्हीं संग खेलु-खाउ-रहु… सच्ची एकव्रता-पिताव्रता-पतिव्रता
  • बाबा से सर्व सम्बन्ध (मात, पिता, शिक्षक, सतगुरू, सखा, साजन, सर्जन, बच्चा, धर्मराज)

सर्वश्रेष्ठ ब्राह्मण जीवन!

  • मुरली क्लास में रेग्युलर, पंचुअल, एकाग्र-चित्त (चश्मा-डायरी-पेन सहित) … श्रेष्ठ चिन्तन, प्रश्न-उत्तर निकालना, चित-चेत करना, ज्ञान-युक्त पालना-खातिरी-सौगात
  • श्रीमत-नियम-मर्यादाओं-धारणाओं पर स्ट्रिक्ट-discipline (संग की संभाल, अन्न की संभाल)… सदा हाँ जी, आज्ञाकारी, वफादार, फरमानवरदार, सपूत, ईमानदार

गुणवान!

  • निमित्त, निर्माण, नम्र-चित्त, निर्मल वाणी… सब को बाबा से जुड़ाना, स्नेही बनाना, प्यार बढ़ाना… गुण-ग्राही, सबको अपनापन मेहसूस कराना, सबकी सखी
  • पहले खुद करना, कर्म से सिखाना, बालक-मालिक का बैलेंस, कथनी-करनी समान
  • अन्तर्मुखी (परचिन्तन-परदर्शन, सुनी-सुनाई बातों से परे), गंभीर-रमणीक, सरलता-सादगी, दिव्यता-रूहानियत, निर्भय, सच्चाई-सफाई

यज्ञ माता!

  • यज्ञ रक्षक, यज्ञ स्नेही… यज्ञ प्रति बहुत प्यार
  • अलर्ट-ऐक्टिव-चुस्त, परख-निर्णय, लीडर-कंट्रोलर, economy… न्यारी-उपराम
  • सबको आगे बढ़ाना, प्रशंसा-खातिरी करना… अनेक रत्नों को तैयार-वफादार-समर्पित कराना
  • 8 बहनों के प्रथम ट्रस्ट मे, बाबा की right hand, मम्मा भी राय करती, सेवा में निकली पहली बहनो में से एक… दादी के साथ सारा कारोबार संभालना (सम्पूर्ण एकता, एकमत), एडवांस पार्टी में मुख्य

सार

तो चलिए आज सारा दिन… दीदी के सभी गुणों को स्वयं में धारण कर, सदा दीदी-समान मर्यादाओं पर स्ट्रिक्ट रह सदा ज्ञान-चिन्तन वा बाबा की प्यार-भरी यादों में मग्न रह दिव्यगुणों की खान बन, सब को बाबा से जुड़ाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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परमात्म प्यार अनुभव करने के 108 संकल्प | 108 thoughts for experiencing God’s love

परमात्म प्यार अनुभव करने के 108 संकल्प | 108 thoughts for experiencing God’s love

आज मुरली में बाबा ने परमात्म प्यार की बहुत महिमा की… तो आज परमात्म प्यार अनुभव करने के 108 संकल्प देखते हैं… इन्हे बहुत रुहानी स्नेह से, बाबा की याद में स्वीकार करना जी!

हमारा सम्बन्ध!

  • बाबा प्रीतम-प्रियतम है… मैं प्रीतमा-प्रियतमा हूँ
  • बाबा मेरा दिलवर-दिलाराम… मैं उसकी दिलरूबा हूँ
  • वह प्रेम का सागर… मैं मास्टर प्रेम सागर, प्रेम-स्वरूप हूँ
  • मैं आशिक, बाबा माशुक… बाबा साजन, में सजनी हूँ… सच्ची पार्वती, सीता, गोपी… शिव-साजन से मेरी सगाई हुई है

मैं बाबा की!

  • बाबा बहुत अच्छे-मीठे-प्यारे है… बाबा ही मेरा संसार-सबकुछ-सर्वस्व है… मेरे मात-पिता-शिक्षक-सतगुरु-सखा-साजन-सर्जन-बच्चा है
  • मैं एकनामी-एकव्रता एक बल-एक भरोसे वाली एकरस आत्मा हूँ… एक के अन्त में खोई-डूबी-समाई, एक बाबा दूसरा ना कोई
  • मेरा स्नेह-प्रेम-प्यार-प्रित सिर्फ एक बाबा से है

बाबा मेरा!

  • बाबा मुझे कहते… मेरे मीठे बच्चे, प्यारे बच्चें, लाड़ले बच्चे, सिकिलधे बच्चें, मेरे लाल
  • बाबा सदा मेरी विशेषताएं देखते, आगे बढ़ाते, गलती-कमझोरी भूल… सदा प्यार करते, निःस्वार्थ
  • बाबा का सर्वश्रेष्ठ-सर्वोत्तम-सर्वोपरि-परमात्म प्यार… छलकता है बाबा की दृष्टि, मुरली-बोली, टोली, वरदान, साथ-सहयोग सबमें
  • बाबा मुझे बहुत लाड़-प्यार-दुलार करते… सुबह उठाते, रोज़ पढ़ाते, गत्ती-गत्ती खिलते, सदा साथ रहते, सदा हाजिर (जब भी बुलाए), सुलाने आते, थकान उतार देते

सर्वश्रेष्ठ अनुभव

  • उनके प्रकंपन-वाइब्रेशन-किरणें-लहरें मैं फील-अनुभव कर, स्वयं में समाती-ग्रहण करती… बहुत चैन-सुकून-विश्राम-अतिन्द्रीय सुख-आनंद अनुभव हो रहा, मैं भरपूर-सम्पन्न हो रहा
  • सबके साथ बांटता… सबकी विशेषताएं देख, स्वीकार-सम्मान कर, स्नेह-शुभ भावना-सकाश देता

सार

तो चलिए आज सारा दिन… इन्हीं संकल्पों को दोहराते, बाबा के असीम प्यार में डूबे रहे, तो सदा उनके ज्ञान-गुण-शक्तियों से भरपूर-सम्पन्न रहेंगे… पुराने संस्कार बहुत सहज परिवर्तन हो, हम दिव्यगुण-सम्पन्न सदा खुश श्रेष्ठ स्थिति में स्थित हो… सबको करते, सतयुग बनाते रहेंगे… ओम् शान्ति!

गीत: 1) कितना प्यार दिया बाबा…

2) जो प्यार मिला मुझे तुमसे…

3) प्रभु प्यार की किरणों से…

4) तेरे प्यार में डूबा रहता है…


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फॉलो फादर करने की 100 बातें | 100 ways to Follow Father

फॉलो फादर करने की 100 बातें | 100 ways to Follow Father

आज पूरी मुरली में बाबा ने कहा कि फालो फादर करना यह सबसे सहज-स्पष्ट-सरल-श्रेष्ठ मार्ग है… तो आज फोलो फादर करने की 100 बातें देखते हैं… इन्हे प्रेम से स्वीकार करना जी!

सर्वश्रेष्ठ पर्सनैलिटी!

  • ऊँचे-श्रेष्ठ-महान-कल्याणकारी विचार… दूरांदेशी विशाल-बुद्धि… दैवी फरिश्ते-समान सम्पन्न-सम्पूर्ण संस्कार
  • मीठे बोल, सुखदाई स्वभाव, रॉयल चलन, उदार-चित सम्मान-पूर्वक व्यवहार, दिव्य-अलौकिक-प्रेरणादायी कर्म

गुणवान!

  • देह-दुनिया से वैराग्य-त्याग, निश्चय-समर्पण… एकान्तवासी-अन्तर्मुखी, सरलता-सादगी, गंभीरता-रमणीकता
  • ज्ञान-मुरली-बाबा-परिवार यज्ञ-सेवा से अटूट प्यार 

सर्वश्रेष्ठ ब्राह्मण जीवन

  • सर्वश्रेष्ठ ज्ञानी-योगी-तपस्वी धारणा-मूर्त सेवाधारी… तीव्र पुरूषार्थी
  • रोज़ अमृतवेलामुरली कभी मिस नहीं, रेगुलर, पंचुअल, एकाग्र-चित्त… चिन्तन, अभ्यास, अनुभव, धारणा, प्रैक्टिकल में लाना… सबके लिए सैम्पल-उदाहरण-ऐग्जाम्पल बनना
  • देही-अभिमानी आत्म-अभिमानी अशरीरी-विदेही बनने का पक्का अभ्यास… बाबा की याद-योग-तपस्या
  • श्रीमत-बाबा नियम-मर्यादाओं-दिनचर्या प्रति आज्ञाकारी-वफादार-फरमानवरदार-सपूत-ईमानदार 

महान सेवाधारी

  • आत्मिक दृष्टि-वृत्ति, शुभ भावना-कामना, विशेषताएं देखना, आगे बढ़ना, दुआ-आशीर्वाद-वरदान-सकाश-सर्चलाइट देना
  • निमित्त-निर्माण-नम्रचित्त-निर्मल वाणी… अथक, एवर-रेडी, ऑल-राउंडर, बाबा को हाँ जी

सार

तो चलिए आज सारा दिन… हर संकल्प से बाबा को फोलो कर, सर्व प्राप्ति सम्पन्न बन, हर कदम पर पदमों की कमाई जमा करते… स्वयं और सर्व का भाग्य-भविष्य उज्ज्वल-सतोगुणी-सतयुगी बनाते रहे… ओम् शान्ति! 


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मम्मा की 128 विशेषताएं | 128 Specialities of Mamma

मम्मा की 128 विशेषताएं | 128 Specialities of Mamma

मुख्य धारणाएं

  • हर घड़ी अन्तिम घड़ी… हुक्मी-हुक्म चला रहा (निमित्त, निर्माण भाव)
  • गुणवान बनना, गुण देखना, गुणदान करना, धारणा-मूर्त
  • श्रेष्ठ-कम बोल, सबको आप-आप कह के बुलाना

मुख्य गुण

  • शान्त-चित्त, silent, मधुरता, नम्रता-निरहंकारी, सरलता-सादगी
  • हर्षित, रुहानी मुस्कान, शीतल, रॉयल-फरिश्तों की चाल, बेफिक्र
  • दिव्यता, पवित्रता, रूहानियत, रूहानी नशा, स्वमान
  • शान्ति का अवतार, प्रेम की मूर्ति… गंभीर, रमणीक… सबके लिए सैम्पल, example, उदाहरण

शक्तिशाली

  • तीव्र पुरूषार्थी (कोई गलती दुबारा रिपीट नहीं)
  • सत्य, निर्भय, शक्तिशाली, शेरनी… परखने-समेटने-सार में लानी की श्रेष्ठ शक्ति
  • ड्रामा का पाठ पक्का, नथिंग-न्यू, साक्षी… कर्मभोग पर विजयी, एकरस, अचल अडो़ल… सदा आत्मिक स्थिति-दृष्टि

सम्बन्ध-सम्पर्क

  • सबकी पालना करना, सदा तृप्त-सन्तुष्ट, इच्छा मात्रम अविद्या, कामधेनु (सबकी शुद्ध मनोकामनाएं पूरी करना)… गुप्त सेवाधारी-पुरूषार्थी
  • इशारों से समझाना, सबकी बातों को समाना
  • जगत माता, यज्ञ माता, पहली मुख्य प्रशासिका, कुशल प्रशासन,… एडवांस पार्टी की लीडर

ब्राह्मण जीवन में

  • 2-3 बजे उठना… मुरली की मस्तानी, रेग्युलर, पंचुअल, एकाग्र-चित्त… विशाल-बुद्धि (हर बात की गहरी-स्पष्ट समझ)… ज्ञानवान, श्रेष्ठ चिन्तन-समझानी-प्रभाव… एक टॉपिक पर क्लास
  • श्रीमत-नियम-मर्यादा-धारणाओं पर आज्ञाकारी-वफादार-फरमानवरदार-सपूत-ईमानदार… हाँ जी, फोलो फादर, बाबा का पूरा regard-स्नेह रखना
  • वैराग्य (देह-दुनिया से न्यारी-उपराम), त्याग-तपस्या (पक्की योगी), निश्चय-समर्पण (एक ढक सेे)

लौकिक में

  • पढ़ाई में श्रेष्ठ… गीत-संगीत-नृत्य-कला में निपुण

भक्ति से सम्बन्धित

  • गायन-योग्य, पूजन-योग्य, साक्षात्कार-मूर्त
  • सच्ची दुर्गा (दुर्गुणों पर विजयी), काली (पुराने संस्कार-कलंकों पर विजयी), सरस्वती (ज्ञान की देवी), लक्ष्मी (ज्ञान धन लुटाने वाले), अंबा (पालना), गायत्री देवी

सार

तो चलिए आज सारा दिन… हमारी मीठी मम्मा की इनसभी विशेषताएं को स्वयं में धारण कर… मम्मा-समान बहुत तीव्र सम्पन्न-सम्पूर्ण बन, सबको बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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आत्मा क्या-क्या करती है (100 बातें) | 100 activities of the Soul

आत्मा क्या-क्या करती है (100 बातें) | 100 activities of the Soul

आज सारी मुरली में बाबा ने कहा, कैसे आत्मा ही सबकुछ करती… तो आज 100 बातें देखते हैं, कि आत्मा क्या-क्या करती है… इन्हे बहुत आत्मिक स्थिति में, बाबा की याद में स्वीकार करना जी!

शरीर की मालिक!

  • आँखों द्वारा देखती, कानों द्वारा सुनती, मुख द्वारा बोलती… स्पर्श-स्वाद-सुगंध अनुभव करती… शरीर को भोजन-व्यायाम कराती
  • शरीर द्वारा हिलती, कर्मेंद्रीयां-organs द्बारा कार्य-कर्म करती, भिन्न स्थानों पर जाती
  • शरीर को चलाती… सबकुछ आत्मा ही करती, एक शरीर छोड़ दूसरा लेती
  • सभी Organs वा सिस्टम चलाती (मस्तिष्क, हार्ट, लंग, पेट, लिवर, kidney, आदि)

मन-बुद्धि-संस्कारों की मालिक!

  • सोचती, महसूस करती… दृष्टिकोण, मंतव्य रखती
  • चित्र visualise करती… याद रखती-करती… परख-निर्णय करती… समझती-समझाती… पढ़ती-पढ़ाती
  • अनुभव करती… धारणा करती, संस्कार बनाती… पार्ट बजाती… रोल निभाती
  • 84 जन्मों का पार्ट नुन्धा रहता… ज्ञान, अनुभव, स्मृतियां रिकार्ड होती

सम्बन्ध-सम्पर्क में आती

  • बातें करती-सुनती… सम्बन्ध जोड़ती-निभाती
  • लेन-देन, हिसाब-किताब करती

अनुभव करती!

  • नाचती-गति… खुश होती
  • रोती-चिल्लाती… दुःखी होती
  • इच्छा करती… तृप्त-सन्तुष्ट होती
  • शान्त रहती, सुखी वा दुःखी होती… पतित वा पावन बनाती, पाप वा पुण्य करती, तमोप्रधान-सतोप्रधान, भोगी-योगी बनती, बैटरी चार्ज-डिस्चार्ज होती, दैवी-आसुरी बनती

ब्राह्मण जीवन में

  • देह-अभिमानी, वा देही-अभिमानी, आत्म-अभिमानी, अशरीरी, विदेही बनती… बाबा को याद करती
  • ज्ञान सुनती, योग करती, धारणा-मूर्त बनती, सेवा करती, भाग्य-प्रालब्ध बनाती, भोगना भोगती

सार

तो चलिए आज सारा दिन… इन सभी बातों को स्मृति में रख, सारा दिन सबकुछ करते, आत्म-अभिमानी स्थिति को मजबूत करते रहे… तो सदा शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर, बाबा से सहज जुड़े सर्व प्राप्ति सम्पन्न बन, सतयुग बनाते रहेंगे… ओम् शान्ति!


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इस ईश्वरीय विश्व विद्यालय की 108 बातें | 108 points on this wonderful Brahma Kumaris World Spiritual University

इस ईश्वरीय विश्व विद्यालय की 108 बातें | 108 points on this wonderful Brahma Kumaris World Spiritual University

हमारा परम सौभाग्य है हम ईश्वरीय विश्व विद्यालय में पढ़ते… आज़ भी मुरली में बाबा ने इस पर चर्चा की… तो आज इस ईश्वरीय विश्व विद्यालय की 108 बातें देखते हैं, इन्हे प्रेम से स्वीकार करना जी! 

लक्ष्य, टीचर और स्कूल

  • एम-ऑब्जेक्ट / डिग्री… दिव्य-पवित्र-सतोगुणी जीवनमुक्त-देवता लक्ष्मी-नारायण बनना… दिव्यगुण-सम्पन्न, सर्व प्राप्ति सम्पन्न, दिव्य दर्शनीय मूर्त
  • टीचर… स्वयं भगवान् (निराकार परमात्मा शिव)… पुराने-बुढ़े ब्रह्मा-तन में आकर पढ़ाते
  • स्कूल… प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय… यह स्कूल कॉलेज, यूनिवर्सिटी, पाठशाला भी है… राजस्व अश्वमेध अविनाशी रूद्र गीता ज्ञान यज्ञ 

पढ़ाई और सब्जेक्ट

  • पढ़ाई… राजयोग की (आत्मा, परमात्मा, सृष्टि के आदि-मध्य-अन्त, ड्रामा, कर्मों, आदर्श योगी जीवन का सत्य ज्ञान)… सच्ची सत्य-नारायण की कथा, अमर-कथा, तिज़री की
  • प्राप्ति… पवित्रता, शान्ति, प्रेम, खुशी, सुख, आनंद, शक्तियों सम्पन्न जीवन 
  • सब्जेक्ट… ज्ञान, योग, धारणा, सेवा… सदा खुश-सन्तुष्ट रहना, सबको करना 

स्टूडेंट कौन है?

  • कौन पढ़ते… विश्व की सभी आत्माएं, बुढ़े-जवान-बच्चे, स्त्री-पुरुष, गरीब-धनवान, अनपढ़ से लेकर PhD, 1 दिन के student से 80 वर्श तक, सभी रूप-रंग-जाती धर्म-देश-भाषा वर्ग-संस्था 
  • अच्छे स्टूडेंट… रेगुलर, Punctual, एकाग्र-चित्त… नोट्स (लिखना), मनन-चिन्तन-मंथन-सिमरण, धारणा (होमवर्क) करते… पेपर (परिस्थितियों) में पास होना, अन्तिम पेपर (सेकण्ड में नष्टोमोहा अशरीरी, बाबा की याद) में पास विद आनर

सार

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि स्वयं भगवान् ने हमें अपना स्टूडेंट बनाया है, तो रोज सेन्टर पर ज्ञान सुन सदा उसके चिन्तन योग-अभ्यास द्बारा श्रेष्ठ शान्ति प्रेम आनंद से सम्पन्न स्थिति अनुभव करते… सबको भी कराते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति! 


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समर्पित होने से 108 प्राप्तियां | 108 benefits of Surrendering to God

समर्पित होने से 108 प्राप्तियां | 108 benefits of Surrendering to God

बाबा के घर में समर्पित होना, यह सर्वश्रेष्ठ भाग्य है, जिसकी आज भी बाबा ने मुरली में बात की… तो आज समर्पित होने से 108 प्राप्तियां देखते हैं… इस सतगुरूवार की सौगात को बहुत रूहानी नशे से, बाबा की याद में स्वीकार करना जी! 

सर्वश्रेष्ठ ईश्वरीय जीवन

  • पवित्रता-अलौकिकता-दिव्यता-सादगी-सरलता सहज बढ़ जाती
  • सेवा के बहुत चान्स मिलते (कोर्स, मुरली, स्पेशल प्रोग्राम), सारा दिन याद सेवा में बीत सकता, हर पल कमाई ही कमाई, समय-श्वास-संकल्प सफल
  • सहज हो जाता श्रीमत-फरमान-नियम-मर्यादा की पालना, फोलो फादर
  • दिनचर्या-धारणाएं सहज (अमृतवेला, मुरली, revise, चिन्तन, शुद्ध भोजन योग में, ट्रेफिक कंट्रोल, नुमाशाम, रात योग, चार्ट)
  • सच्चा त्याग, tapasya, निश्चय…

सर्वश्रेष्ठ प्राप्तियां

  • सर्वश्रेष्ठ भाग्य है, कल्प-कल्प की नुन्ध, श्रेष्ठ भाग्य बना सकते… शिक्षक, सेवाधारी, बाप-समान बनने का भाग्य
  • सेन्टर (बाबा के घर, शहर के सर्वश्रेष्ठ स्थान) पर रहने को सौभाग्य मिलता, बाबा के कमरे में बार-बार जा सकते… मधुबन जाने के चान्स ज्यादा (गाइड, टीचर क्लासेज bhatti, आदि
  • श्रेष्ठ वातावरण-वायुमण्डल… संग (बड़ों से सीखते, उनका example, मार्गदर्शन मिलता)… ब्रह्मा भोजन (शुद्ध, बाबा की याद में)…

एक बाबा, दूसरा ना कोई!

  • सच्ची-पक्की ब्रह्माकुमारी ब्राह्मण बनते… सच्ची सजनी-पार्वती-सीता, शिव से सच्ची सगाई-शादी…
  • प्रैक्टिकल में एक बल, एक भरोसा, एक बाबा दूसरा ना कोई, एकव्रता, एकनामी…
  • बाबा को काम आते, मददगार बनते, उसकी gaddi संभालते, समय श्वास संकल्प जीवन सफल होती… दिल तख्त

बच जाते 

  • शादी (अपवित्रता, ढेर सारे सम्बन्ध, रोक टोक, आदि)
  • नौकरी (ट्रैवल, ऑफिस पालिटिक्स, संघर्ष, आदि)
  • औरों की बुरी दृष्टि-वृत्ति से
  • पैसे की लेन-देन, शॉपिंग, आदि
  • लौकिक जिम्मेवारी-बन्धन कम हो जाते
  • स्थूल-दुनियावी-लौकिक-भौतिक व्यर्थ-अपवित्र-नकारात्मक बातों से सहज उपराम-परे रहते 

सबके प्रिय!

  • सबका सम्मान-सत्कार मिलता
  • सबके लिए sample, example, उदाहरण बनते… स्वयं पर attention बढ़ता…
  • माँ-बाप-ज्ञान में चलने वाले सन्धी टीचर स्टूडेंट साथियों के दिल पर चाहते

सार

यदि निर्बंधन होने कारण हमारे पास समर्पित होने का गोल्डन चान्स है… तो बाबा और इन सभी प्राप्तियों को बुद्धि में रख, अपने को ज्ञान-योग से सशक्त कर इसे सर्वश्रेष्ठ सुहावने अवसर का लाभ ले, जीससे स्वयं और सर्व का श्रेष्ठ कल्प … सदा बाबा की सच्ची-सच्ची सजनी, सर्व प्राप्ति सम्पन्न, दिव्य दर्शनीय मूर्त बन, सबकी सच्ची सेवा करते सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति! 


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