Becoming pure gold! | Sakar Murli Churnings 07-06-2019

Becoming pure gold! | Sakar Murli Churnings 07-06-2019

हम समझते हैं कैसे हम विकारों-वश तमोप्रधान-काले-भूत बन गए हैं, अब फिर पावन-सतोप्रधान-गोरा गोल्डन-एजेड सर्वगुण-सम्पन्न बनना है… टाईम बहुत valuable है, इसलिए श्रीमत पर अपने को आत्मा समझ एक बाबा (जो निराकार पतित-पावन है) को याद कर लक्ष्मी-नारायण वा बाप-समान बनना है, अपने गुणों को चेक करते रहना है (दु:ख नहीँ देना है)… नहीँ तो पुराने विकर्म का बोझा सजा खिलाएं पद कम करा देगा (साक्षात्कार-विनाश आदि भी होगा), माया तो अंत तक आएंगी (नाम-रूप, आदि), हमें रूहानी योद्धे बन विजयी बनना है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि बाबा सुप्रीम सोनार बन आए हैं, तो सदा बाबा और हमारे स्वर्णिम भविष्य को बुद्धि में रख, बाबा की प्यार-भरी यादों में खोए रहे… तो हम भी सम्पूर्ण सतोप्रधान, सदा शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर, दिव्यगुण-सम्पन्न बन सबको बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Pulling God’s love! | Sakar Murli Churnings 06-06-2019

Pulling God’s love! | Sakar Murli Churnings 06-06-2019

1. बाबा हमें यह सत्य-न्यारी-wonderful पढ़ाई में कहते बाबा को बाप (बेहद की शिक्षा देते), टीचर (सृष्टि के आदि-मध्य-अन्त का ज्ञान देते), सतगुरू (साथ ले जाते) के रूप में याद करना है, तो पावन पारसबुद्धि 16 कला सम्पूर्ण विश्व का मालिक जीवनमुक्त 21 जन्मों के लिए बन जाएँगे… यह सब बातें धारण कर खुशी में रहना है, पढ़ेंगे ही नहीँ तो बिकर्म का बोझा बहुत सजा दिलाएगा… सुखदाई बनना है, newspaper सिनेमा से बचे रहना है…

2. बाबा का मददगार बच्चों से बहुत प्यार है, खुश होते… तो सारा दिन सेवा में बिजी रहना है, सबको सुनाना है कैसे बाबा राजयोग सिखाए साथ वले जाये स्वर्ग का वर्सा देते…

सार

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि बाबा का हमपर सदा ध्यान रहता, तो सदा उनकी श्रीमत पर ज्ञान-योग-सेवा द्बारा उसका प्यार-दुआएं-वरदान खींचेते, अपने जीवन को बिल्कुल सहज-आनंदमय बाबा की गोद में बिताते… सबका कल्याण करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Becoming full of love! | Sakar Murli Churnings 05-06-2019

Becoming full of love! | Sakar Murli Churnings 05-06-2019

1. सबको यही पाठ पक्का कराना है, अपने को आत्मा समझ बाप-टीचर-सतगुरु बाबा को याद करना है, तो पवित्र दिव्यगुण-सम्पन्न बन, पावन दुनिया के मालिक सुख-शान्ति सम्पन्न बन जाएँगे… जी बाबा हमें सारे सृष्टि का ज्ञान सुनाते, रुहानी पण्डा बन साथ ले जाते (वह सर्वव्यापी तो हो नहीँ सकता)… तो पुरुषार्थ कर देही-अभिमानी बन योगी जरूर बनना है, चलते-फिरते बाबा के प्यार में डूबे रहना है, तब ही सतोप्रधान बनेंगेे… और सबको प्यार बांटते रहेंगे

2. हम भारत को पावन बनाने की रुहानी सेवा करते, जिससे यह पीस-प्रासपर्टी सम्पन्न बनता… छोटे बच्चें भी समझाए, हम शिवबाबा के बच्चें है, जो ब्रह्मा तन में आकर हमें श्रेष्ठ कर्म सिखाकर लक्ष्मी नारायण बनाते

सार

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि बाबा हमपर रोज इतना प्यार लुटाते, तो सदा आत्म-अभिमानी बन उनकी सारी गुण-शक्तियों अपने में समाते… मास्टर प्यार सागर बन, सबको प्यार बांटते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Becoming ever-beautiful! | Sakar Murli Churnings 04-06-2019

Becoming ever-beautiful! | Sakar Murli Churnings 04-06-2019

1. शिव ही निराकार है (जिनकी लिंग रूप में पूजा होती), वह जब शरीर में आते (भारत के पुराने प्रवृत्ति मार्ग के भक्त मनुष्य शरीर में) तब पार्ट बजाते हैं… यह राजस्व रुद्र ज्ञान यज्ञ स्थापन कर राजयोग की पढ़ाई पढ़ाकर हमें सम्पूर्ण सुखी-गौरा, हीरा वर्थ-पाउन्ड, पूज्य सतोप्रधान ऊंच ते ऊंच देवता बनाते… फिर रावण विकार दुःखी करते

2. मुख्य बात हमें फॉलो फादर कर ट्रस्टी बन बीच की जीवन-शैली (न बहुत ऊंच, न बहुत कम) अपनानी है… सर्वशक्तिमान पवित्रता-सुख-शान्ति के सागर से योग लगाए सर्व खजा़नों के वर्से को अपने में समाना है… समय अनुसार भिन्न भिन्न सम्बन्धों, प्राप्तियों, पास्ट के अनुभवों के आधार पर बाबा को साथ रखना है, तो सब सहज हो जाएँगा 

सार

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि सबसे हसीन मुसाफिर बाबा दूर-देश से आएं हैं, हमें दिव्यगुणों से श्रृंगारकर आप समान सुन्दर-गौरा-हसीन बनाने… तो हम भी ज्ञान-योग द्बारा सदा श्रेष्ठ स्थिति के अनुभवी दिव्य दर्शनीय मूर्त बन, सबको दिव्य बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!

गीत: तुमसा हसीन बाबा…


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Illuminating the diya within! | Sakar Murli Churnings 03-06-2019

Illuminating the diya within! | Sakar Murli Churnings 03-06-2019

बाबा इस छोटे से संगमयुग में आकर समझाते, कैसे हम जीव आत्माएं जब पावन थी, तो स्वर्ग में सुखी थी, फिर रावण ने दुःखी बनाया… अब फिर ऊंच ते ऊंच बाबा ज्ञान-योग द्बारा हमें आप समान श्रेष्ठ बनाते, मुख्य बात आत्म-अभिमानी बन बाबा को बहुत प्यार से याद करना है, तो बैट्री भर हम प्रिंस बन जाएँगे… इसलिए पूरा बेगर बनना है अर्थात सबकुछ भूलना वैसे भी सब मीट जाना है, पवित्रता और गुणों की धारणा ही साथ जाएंगी… औरों को भी समझाते रहना है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि परम ज्योति बाबा ने ज्ञान घृत द्बारा हमारी आत्म ज्योति जगाई है (इस देह रूपी दीपक में), तो सदा ज्ञान चिन्तन और योग बल द्बारा माया के तूफानों से बचे, इस ज्योति को और उज्ज्वल बनाते रहे… जिससे स्वतः हम औरों को भी प्रकाशित करते, सतयुग बनाते रहेंगे… ओम् शान्ति!


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हमारा wonderful ईश्वरीय परिवार | Sakar Murli Churnings 01-06-2019

हमारा wonderful ईश्वरीय परिवार | Sakar Murli Churnings 01-06-2019

1. जबकि बाबा ओबीडियन्ट सर्वेन्ट बन आए हैं हमें खुशबूदार फूल बनाने, तो भल माया कितने भी तूफान लाएं, हमें याद कर सतोप्रधान जरूर बनना है… तो आयु बड़ी, तन्दुरुस्त बनेंगे और ऊंच लक्ष्मी-नारायण समान पद मिल जाएंगा (अवगुण निकल, दिव्यगुण धारण होते जाएँगे)…

2. विकार, अपवित्र आदतें, पाप आदि सबसे ख़बरदार रहना है… याद (जो सेन्टर-मधुबन में सहज है) में ही गुप्त कमाई है, जो साथ जाती और यहां भी हमें थकावट से दूर रखती… औरों को भी समझाते रहना है, आगे चल सब हमें समझ जाएंगे

सार

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि हमें बाबा और ईश्वरीय परिवार का सर्वश्रेष्ठ संग मिला है, तो सदा उनसे गुण उठाते, अनुभवों का लाभ लेते, बाबा की प्यार-भरी यादों में मग्न रह… सर्व प्राप्ति सम्पन्न बन, श्रेष्ठ स्थिति में स्थित हो, सबको अविनाशी खजा़ने बांटते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Being a true Parvati! | Sakar Murli Churnings 31-05-2019

Being a true Parvati! | Sakar Murli Churnings 31-05-2019

1. हम शान्त स्वरूप आत्माओं को स्वयं पवित्रता-सुख-शान्ति का सागर आकर पढ़ाते है बाप (वा ओबीडियन्ट सर्वेन्ट) बन, हमें सचखण्ड-शिवालय सम्पूर्ण सुख ही दुनिया स्वर्ग का वर्सा देते… जैसे कि कल की बात है, फिर रावण (5 विकार, जिसका बीज है देह-अभिमान) ही तमोप्रधान-पत्थरबुद्धि-दुःखी बनाता

2. तो जबकि आत्मा ही सबकुछ करती (उनमें कर्म-संस्कार रिकॉर्ड होते, एक शरीर छोड़ दूसरा लेती), इसलिए देही-अभिमानी जरूर बनना है… इस स्थिति को स्थाई रखने लिए इस होपलेस कांटों की दुनिया कब्रिस्तान को बुद्धि से भूलना जरुर है… जबकि अल्लाह आया है हमें सुल्ता बनाने, तो आत्म-अभिमानी जरूर बनना है, तो देवता बन जाएँगे

3. सबको बाप से वर्सा लेने का हक है… तो जबकि हमारे सभी भाई अनजान दुःखी है, सबको दो बाप का परिचय दे, बेहद के वर्से की पहचान देनी है… शिवरात्रि मनाते है, तो जरूर वह निराकार आया होगा, बुढ़े तन में… हमारा यह शुभ भावना का बीज निष्फल नहीँ जाएंगा

सार

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि स्वयं अमरनाथ बाबा आकर हमें अमरकथा सुना रह है, तो सच्ची-सच्ची पार्वती बन एक बाबा, दूसरा ना कोई इस पाठ को पक्का कर, सदा अपने परम-प्रिय साजन की प्यार-भरी मीठी यादों में मग्न हो… सर्व ज्ञान-गुण-शक्तियों से सम्पन्न बन, सबको बांटते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Being Hanuman! | Sakar Murli Churnings 30-05-2019

Being Hanuman! | Sakar Murli Churnings 30-05-2019

सारी दुनिया के बच्चे बाबा के है, इसलिए सब की पुकार सुन वह ब्रह्मा तन में आए हैं सबको सुख-शान्ति देने (सतयुग में सब सद्गति में श्रेष्ठाचारी सर्वगुण सम्पन्न देवताएं होगे)… पवित्रता ही सुख-शान्ति की जननी है, इसलिए बाबा हम सबको पावन बनाते, सत्य ज्ञान देकर (रचता-रचना के आदि-मध्य-अन्त के wonderful खेल का)… ऎसे बाबा को तो बहुत प्यार से याद करना चाहिए (अपने को आत्मा समझ), जिसने हमको adopt कर अपना पौत्रा बनाया है…

सार

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि बाबा ने हमें बन्दर से मन्दिर लायक हनुमान समान बनाया है, तो सदा एक राम की याद में मग्न रह, सर्व शक्तियों से सम्पन्न महावीर बन, रावण पर विजयी बन… सभी सिताओं को रावण से छुडा़ए, राम से मिलाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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The magic of Check & Change | Sakar Murli Churnings 29-05-2019

The magic of Check & Change | Sakar Murli Churnings 29-05-2019

1. एक बाबा को ही याद करना है, उनसे ही वर्सा मिलाता, पद ऊंच बनता, स्वच्छ बनते… नाम-रूप में फंस बुद्धि-वृत्ति भटकाना नहीँ है, देह धन-दोलत में भी नहीं… अन्तर्मुखी बन अपनी जाँच करते रहना है, बाबा को बताने से हल्के-सावधान होंगे

2. यह दुनिया पुरानी हुई, अब घर जाना है, बाबा आया है दुनिया को नई करने… इसलिए श्रीमत पर एक की याद में रहना है बाकी सब भूल, यह बहुत सहज होता देही-अभिमानी बनने से (चेक-चेंज करते करते), विकर्म-डिससर्विस से परे रह… अन्त में आत्मा को ही देखेंगे, देह पर ज़रा भी दृष्टि नहीँ जाएंगी, इसका अभी से अभ्यास करना है, अन्त में बाबा ही याद आएं

3. देह से प्यार के बजाए एक बाबा से सच्चा प्यार रखना है, परमात्म प्यारे बनने लिए न्यारा, अर्थात अपनी प्रवृति को भी सेवा समझ करना है… तो खुशी से भरपूर, दुःखों से परे रहेंगे

सार

जबकि बाबा ने हमें इतनी wonderful कला सिखाई है, संकल्पों पर attention रख ज्ञान-योग से check-change करने की… तो चलिए आज सारा दिन, सदा (वा 1 घंटे में 1 मिनट) अपने संकल्पों को चेक कर उन्हें सदा खुश-श्रेष्ठ-शक्तिशाली-योगयुक्त रख… सदा सम्पन्न रहते, सबको सम्पन्न करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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स्वदर्शन चक्रधारी बनने से 108 प्राप्तियां | 108 Benefits of Spinning the Discus of Self Realization

स्वदर्शन चक्रधारी बनने से 108 प्राप्तियां | 108 Benefits of Spinning the Discus of Self-Realization

आज की पूरी मुरली में बाबा ने स्वदर्शन चक्र फिराने को कहा… तो आज स्वदर्शन चक्रधारी बनने से 108 प्राप्तियां आपको भेज रहे हैं… इन्हे बहुत उमंग से, बाबा की याद में स्वीकार करना जी!

प्रैक्टिकल जीवन में

  • चिन्तन होता, खुशी-नशा-उमंग-उत्साह बढ़ता, स्थिति अच्छी-ऊँची बनती… श्रेष्ठ स्मृतियां-स्वमान जागृत होते, बढतेे… बुद्धि बेहद, विशाल, दूरांदेशी होती
  • स्वयं को भाग्यशाली महसूस करते, बाबा से प्यार बढ़ता
  • परिस्थिति, समस्याएं, विघ्न, पेपर छोटे लगते… औरों को समझना, स्वीकार करना सहज

श्रेष्ट स्मृतियों को जागृत

  • अनादि… परमधाम का अनुभव कर सकते, गहरी शान्ति
  • देव स्वरूप… दिव्य गुण, दैवी संस्कार (दिव्यता, पवित्रता, उदारता, मधुरता, रॉयल चलन) जागृत होते, सतयुग के नजारे दिखते
  • पूज्य स्वरूप… महानता जागृत होती, सब को देते रहते
  • ब्राह्मण स्वरूप… स्वयं को ज्ञानी, नॉलेजफुल, त्रिनेत्रि, त्रिकालदर्शी, त्रिलोकीनाथ अनुभव कर सकते
  • फ़रिश्ता स्वरूप… हल्का, न्यारा, उपराम, ऊंच, अलौकिक रहते

बुराइयों से परे

  • परदर्शन, परचिन्तन, पास्ट का चिन्तन, व्यर्थ से मुक्त रहते… रावण-माया से बचे रहते, उसका गला कटता
  • देह-दुनिया वस्तु-व्यक्ति से सहज परे रहते
  • बुराई-विकार-कमी-कमझोरी-खामी से वैराग्य-त्याग-समर्पण सहज

ब्राह्मण जीवन में

  • श्रीमत, फोलो फादर, योग सहज होता
  • मुरली सहज, अच्छे से गहराई से समझ आती… रस आता
  • आत्मिक स्थिति, पाँच स्वरूपों (अनादि, आदि, पूज्य, ब्राह्मण, फ़रिश्ता) का अभ्यास सहज… परमधाम, सूक्ष्मवतन, सतयुग का अनुभव सहज
  • सेवा सहज कर सकते (चलते-फिरते, कोर्स, मुरली सुनाना, प्रश्नों के उत्तर देना)
  • स्वयं-ड्रामा पर निश्चय, पुरुषार्थ बढ़ता… आत्म विश्वास बढ़ता, हम ही कल्प-कल्प के विजयी रत्न, मायाजीत है… धारणा-मूर्त बनते… संगम के समय-श्वास-संकल्प की वैल्यू होती
  • ऊंचा पद बनता… चक्रवर्ती राजा, विष्णु-वंशी, सूर्यवंशी बनते

सार

तो चलिए आज सारा दिन… स्वदर्शन चक्र फिराते, सदा खुश माया-व्यर्थ पर विजयी रहे… इसी श्रेष्ठ स्थिति में बाबा को बहुत प्यार से याद करते, उनकी सारी ज्ञान-गुण-शक्तियों से सम्पन्न बन… सबको बांटते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!

गीत: चलो करें हम सैर रुहानी…


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