The fastest rocket! | Sakar Murli Churnings 20-05-2019

The fastest rocket! | Sakar Murli Churnings 20-05-2019

1. जैसे बगीचे में फूल है, हम भी बाबा के पास आए हैं श्रीमत पर कांटे से फूल बनने… देह अभिमान मुख्य काँटा है (जिससे और विकार आते), इसलिए देही-अभिमानी बनना है, फिर सतयुग में भी ऎसे रहेंगे (जिससे सर्वगुण-सम्पन्न भी रहते)

2. विकारों-वश जो पाप किए है, उसे सर्वशक्तिमान बाप साथ योग लगाकर भस्म करना है… तो पावन-शक्तिमान नई दुनिया के मालिक लक्ष्मी-नारायण ऊंच ते ऊंच बन जाएँगे, यह दैवी sapling लग रहा है संगम पर… इसलिए हम सर्वोत्तम विद्यालय-टीचर के पास स्टूडेंट बने है

3. बाबा ने सारे ड्रामा का ज्ञान हमें समझाकर परिपक्व बना दिया है… औरो को भी बहुत अच्छे से समझाना है, बाबा (रॉकेट) को साथ रख… संस्कार साथ जाते, इसलिए दैवी संस्कार बनाते रहना है

4. बाबा ब्रह्मा-तन में प्रवेश उन्हें विष्णु-समान बनाते, तत्वम् हमें भी देवता बनाते, पवित्र-समझदार-लायक… भक्ति में बहुत शो, दलदल है… बाबा का सेवा-साथी खुदाई-खिदमतगार बन, सबको बाबा का परिचय देकर आप समान जरूर बनाना है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि हमें सबसे तीखा रॉकेट बाबा मिल गए हैं, तो बार-बार उसका आह्वान कर बुलाकर, अपने जीवन को बिल्कुल आसान, सुखमय, अलौकिक बनाते रहे … ऎसे बाबा के संग रह सदा शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर रह, सबको भी सम्पन्न बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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आत्मिक दृष्टि पक्की करने के 108 संकल्प | 108 Thoughts for strengthening soul conscious drishti

आत्मिक दृष्टि पक्की करने के 108 संकल्प | 108 Thoughts for strengthening soul conscious drishti

आज बाबा ने पूरी मुरली में आत्मिक दृष्टि पक्की करने को कहा… तो आज आपको आत्मिक दृष्टि पक्की करने के 108 संकल्प भेज रहे हैं… इन्हें प्रेम से, बाबा की याद में स्वीकार करना जी!

आत्मा है!

  • वह आत्मा है… शान्त स्वरूप, प्रेम स्वरूप, आनंद स्वरूप, सुख स्वरूप, पवित्र स्वरूप, ज्ञान स्वरूप
  • आँखों द्वारा देखने वाली, कानों द्वारा सुनने वाली, मुख द्वारा बोलने वाली, शरीर द्वारा कर्म करने वाली, सबकुछ आत्मा ही करती है
  • प्रकाश का पुंज, चमकती मणि, दिव्य सितारा है

हमारा उनसे सम्बन्ध

  • एक बाबा के बच्चे… हम सभी भाई-बहन, भाई-भाई है
  • मुझे उनको देना है, शुभ-भावना, सकाश, गुण देखना है… शान्ति, रुहानी स्नेह, सुख, खुशी, सम्मान देना है
  • उनकी कोई गलती नहीं, वह खुद अपने संस्कारों से परेशान हैं, यह कलियुग है, मुझे उनको देना है

सम्पर्क में!

  • मेरा सम्बन्ध आत्मा के साथ है, लेन-देन हिसाब-किताब, आदि
  • (बातें सुनते) वह आत्मा बोल रही, शरीर द्वारा, भ्रकुटी के बीच बैठे… मैं आत्मा सुन रही हूँ, कानों द्वारा, भ्रकुटी में बैठ
  • (बातें करते) मैं आत्मा बात कर रही हूँ, मुख द्वारा, भ्रकुटी में बैठ… आत्मा को सुना रही हूँ, भ्रकुटी में, वह कानों से सुनती है
  • (फोन की रिंग बजते) आत्मा का फोन है, आत्मा से बात करनी है
  • जो गुस्सा, झगड़ा, तंग करते, वह आत्माएं है

सभी मित्र-सम्बन्धी

  • सभी मित्र (स्कूल, कॉलेज, बिल्डिंग, पड़ोसी) आत्माएं है
  • सभी सम्बन्धी (मात-पिता, भाई-बहन, चाचा-चाची, मौसा-मौसी, दादा-दादी, नाना-नानी, बच्चा-बच्ची, आदि) आत्माएं है
  • ऑफिस में सभी (बॉस, साथी, जूनियर) आत्माएं है
  • विश्व में सभी, आत्माएं है… वैज्ञानिक, राष्ट्रपति, प्रधान-मंत्री, नेता, अभिनेता, धनवान, आदि

दिन-चर्या में!

  • (उठते) मैं आत्मा हूँ, बाबा परम-आत्मा है, घर में सभी आत्माएं है
  • (सेन्टर पर मुरली) सुनाने वाली टीचर आत्मा है, सुनने वाले सभी आत्माएं है, जिज्ञासू सभी आत्माएं है 
  • (बाबा का कमरा) बाबा मुझे दृष्टि दे रहे, मुझ आत्मा को देखते, मैं भी उनके मस्तक पर शिवबाबा को देखता
  • (भोजन) परोसने वाले आत्मा है, मैं जिसको परोस रहा वह आत्मा है, भोजन पर बैठे सभी आत्माएं है 
  • (रास्ते में) सभी रास्ते पर आत्माएं है, गाड़ी में भी आत्माएं है, ट्रेफिक पुलिस भी आत्माएं है 
  • (ऑफिस) ईमेल, फोन, मीटिंग में सभी आत्माएं है
  • (छुट्टी के दिन) जो मेहमान आए, वह आत्माएं है… जिसके घर जाते, वह आत्माएं है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… इन्हीं संकल्पों को दोहराते, अपनी frequency को बहुत ऊँची, आत्मिक बनाके रखे… जिससे सदा शान्ति प्रेम आनंद से भरपूर-सम्पन्न रहते, सबको भी यह खज़ाने बांटते, सतयुग बनाते रहते… ओम् शान्ति!


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Experiencing all Relations in One | एक में सर्व सम्बन्ध | Sakar Murli Churnings 18-05-2019

Experiencing all Relations in One | एक में सर्व सम्बन्ध | Sakar Murli Churnings 18-05-2019

1. इस पुरुषोतम संगमयुग पर भगवान् बाप-टीचर-सतगुरू बन सभी आत्माओं को पढ़ाकर श्रेष्ठाचारी देवता बनाते… इसलिए सिर्फ़ अपने को आत्मा समझ भाई-भाई की दृष्टि पक्की करनी है, एक बाप के सिवाय और कुछ याद न आए… यह है भी सहज, क्योंकि बाबा हमें सर्व सम्बन्धों का सुख देते, वर्सा देते, खास आकर रुहानी ज्ञान देते

2. हम परमधाम में थे, फ़िर पार्ट बजाते नीचे आए, अब तमोप्रधान बने, इसलिए फिर से पतित-पावन सर्वशक्तिमान बाबा को याद करना है, तो हम श्री देवता, श्रीकृष्ण बन जाएँगे स्वर्ग (वन्दर ऑफ वर्ल्ड में)… जहां आयु बड़ी, नैचुरल beauty रहती, सबकुछ नया-सुगन्धित होता… यह सब भगवान् के सिवा कोई सीखा नहीं सकता, हम अब भक्ति के राज़ को भी समज गए हैं

3. हम सारा चक्र जानते, मुख्य बात इस एक जन्म की पवित्रता हमें 21 जन्म सुख-शान्ति देती… माया से बचने सिर्फ़ आत्मा भाई-भाई की दृष्टि पक्की कर, बाबा को याद कर पावन बनते जाना है… ज्ञान भी सहज है, बाबा का परिचय और 84 का चक्र… जीवनमुक्ति में फिर न ज्ञान रहेगा, न विनाश की सामग्री… हम अभी ब्राह्मण कुल है, दैवी राजधानी स्थापन करते

सार

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि हमें बाबा सर्व सम्बन्धों का सुख ऑफर करते, तो हर एक सम्बन्ध उनसे जोड़ (और निभाते) परमात्मा ज्ञान-गुण-शक्तियों से सदा के लिए भरपूर बन, सदा श्रेष्ठ स्थिति के अनुभवी दिव्यगुण-सम्पन्न बन… सबको भी सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति! 


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The Joy of God’s pull! | बाबा की कशिश | Sakar Murli Churnings 17-05-2019

The Joy of God’s pull! | बाबा की कशिश | Sakar Murli Churnings 17-05-2019

1. जितना आत्मा समझ बाबा को याद करते, उनके समीप जाते चमकते रहे, बाबा भी हम सर्विसएबुल बच्चों को याद करते… याद से ही पावन बनते, कर्मेंद्रीयां शीतल होते (अभी सो 21 जन्मों के लिए), कर्मातीत बनते

2. एक है योग का ज्ञान, दूसरा है सृष्टि चक्र का ज्ञान (हम ही देवता थे, अब ब्राह्मण बने है, फिर देवता बनना है, जिसके लिए दैवीगुण भी चाहिए)… इसलिए भी मामेकम् याद चाहिए, फिर अच्छे-अच्छे पॉइन्ट्‍स emerge हो, अच्छा समझेंगे, सेवा होगी… ड्रामा की टिक-टिक होती रहती है, हम भक्ति के विस्तार को भी समझ गए है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि बाबा हमें कशिश करते, तो अपना सबकुछ उसे सौप, उसके ज्ञान-योग में मग्न हो जाएँ… तो सदा श्रेष्ठ स्थिति में स्थित, सर्व प्राप्तियों-दिव्यगुणों से सम्पन्न बन, सबको शान्ति प्रेम खुशी बांटते, सतयुग बनाते रहेंगे… ओम् शान्ति!


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The power of conviction! | निश्चयबुद्धि विजयन्ती | Sakar Murli Churnings 16-05-2019

The power of conviction! | निश्चयबुद्धि विजयन्ती | Sakar Murli Churnings 16-05-2019

1. सत्य गुरू सिर्फ़ एक निराकार सर्वशक्तिमान बाप है, जो हमें सत्य ज्ञान पढ़ाते… पढ़ाई से सुख मिलता और याद से शान्ति, सिर्फ शान्ति-सुख सागर ही हमें ऎसी सच्ची सुख-शान्ति दे सकते, पढ़ाई में ब्रह्मचर्य तो होता ही है

2. जबकि हमें निश्चय है संगमयुग चल रहा है, तो पूरी रीति फरमानवरदार बन आत्मा समझ बाबा को याद करना है… मुख्य है आत्म-अभिमानी बनना, तो बुरे ख्यालात-दृष्टि बंद हो, थोड़ा सा टच भी अच्छा नहीं लगेगा

3. यह तो पढ़ाई है आत्म-अभिमानी बनने की, अगर निर्विकारी नहीं बनेंगे, तो सजा खाएं पद काम हो जाएँगा… इसलिए सबकुछ सहज करने पढ़ाई-चिन्तन को बहुत अच्छा, याद को पक्का, वा समय (संगमयुग है, और सतयुग आना है) को स्मृति में रखना है

4. हमें सुख से शरीर छोड़ना है, इसलिए याद कर सबकुछ भूलते जाना है, जिसके लिए पूरा निश्चय चाहिए, माया को जरा भी संशय में लाने का चांस नहीं देना है… वास्तव में हम आत्मा ही है, सिर्फ जन्म-जन्म के देह भान के कारण ही मुश्किल लगता… इसको मिटाने लिए सिर्फ़ एक बाप को याद करने का लक्ष्य रखना है

सार

निश्चय का आधार है अनुभव… तो जबकि बाबा ने हम सभी को इतने योग के अनुभव कराएं है, इन सभी को याद कर फिर से उमंग-उत्साह-दृढ़ता से ज्ञान-योग का अभ्यास कर… सदा शान्ति प्रेम आनंद से भरपूर रह, औरों को भी भरपूर करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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हमारा सर्वश्रेष्ठ ब्रह्मा भोजन | Sakar Murli Churnings 15-05-2019

हमारा सर्वश्रेष्ठ ब्रह्मा भोजन | Sakar Murli Churnings 15-05-2019

1. प्रदर्शनी के बाद याद रखना है, कैसे हम शूद्र थे, अब बाबा ने ब्राह्मण तपस्वी बनाया है purity-पीस सम्पन्न देवता बनाने लिए, इसका भी चित्र बनाना है (और refine करते रहना है)… तो सदा इस ज्ञान-चिन्तन करते (और स्वदर्शन चक्रधारी बनते, अपने को आत्मा समझ टीचर बाबा को याद करते) सब बन्धनों से छूट, सूर्यवंशी देवता बन सतयुग में पहले पहले जाएँगे… अभी जीते जी मरने से (अर्थात देह से ममत्व मिटाने से) फिर अमरपूरी में कभी अकाले मृत्यु नहीं होंगी

2. बाबा नई दुनिया बनाते राजयोग सीखाकर… ज्ञान सागर में सारा ज्ञान है, जो सुनाते रहते, हमारी समझ भी refine होती जाएंगी, झाड़ पर भी समझाना है… विघ्न तो आएंगे, प्यार से समझाना है भगवानुवाच है काम महाशत्रु है, और अभी पावन दुनिया आनी है… आगे बहुत आएंगे, हम नींद भी नहीं कर पाएंगे, याद और सेवा की कमाई से ही फ्रेश रहेंगे

3. याद में भोजन बनाने की चैलेंज उठानी है… जिस ब्रह्मा भोजन से ताकत मिलती, ह्रदय शुध्द होता, रिफ्रेश होते… जिसके लिए देवताएं भी तरसते

सार 

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि हमको बाबा ने योगयुक्त भोजन बनाना सिखा दिया है, तो अपने भोजन बनाने-खाने का समय भी योग का समय बना दे… इससे न सिर्फ भोजन शक्तिशाली बनता, हमारी और परिवार की स्थिति भी सहज सदा शान्ति प्रेम आनंद से भरपूर रहती, हम सतयुग बनाने के निमित्त बन जाएंगे… ओम् शान्ति!


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Our wonderful badge! | Sakar Murli Churnings 14-05-2019

Our wonderful badge! | Sakar Murli Churnings 14-05-2019

1. हम रचता-रचना के आदि-मध्य-अंत का सम्पूर्ण ज्ञान जानने वाले आस्तिक है, इस बैज में यह सारा ज्ञान समाया हुआ है, शिवबाबा पतित-पावन सतगुरू है जो सच्चा देवता 100% प्योरिटी-पीस-प्रासपर्टी सम्पन्न बनाते… इसलिए इस ज्ञान के तीसरे नेत्र को use कर क्रिमिनल आइ पर विजयी बनना है, अर्थात आत्मा को ही देखना है

2. सबको कहना है भाई-बहनों, आओ हम आपको रचता-रचना के आदि-मध्य-अंत का ज्ञान सुनाएं, जिसे धारण करने से सतयुग का महाराजा-महारानी लक्ष्मी-नारायण बनते… जो यहां के होंगे वह झट समझेंगे, बरोबर ज्ञान-सागर बाप पढ़ाते, हमें दिव्यगुण धारण करने है, 84 का चक्र पूरा हुआ

3. इस पुरूषोत्तम संगमयुग पर भगवान् भारत में आते, इसलिए यह खण्ड अविनाशी बन जाता… बहुत जन्मों के भी अन्त के जन्म की वानप्रस्थ अवस्था में आते, उसका नाम ब्रह्मा रखते जिसे विष्णु समान-बनाते… मुख्य है पवित्रता और दिव्यगुणों की बात, इसलिए नर्क-नर्कवासियों से बुद्धियोग हटाए स्वर्ग से लगाना है (तब ही सबको सुख दे सकते)

सार

तो चलिए आज सारा दिन… सदा अपने बैज को सामने रखते, शिवबाबा से दिव्यगुणों की अनुभूति करते, अपने एम ऑब्जेक्ट को जल्द से जल्द सम्पूर्ण रीति प्राप्त कर ले… सबको भी दिव्य बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!

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A divine Intellect! | Sakar Murli Churnings 13-05-2019

A divine Intellect! | Sakar Murli Churnings 13-05-2019

1. अपने को आत्मा समझ (आत्मा ही पढ़ती, सतयुग में आत्मा-अभिमानी थे, बाबा भी आत्म-अभिमानी है, देह-भान से ही नाम-रूप विकारी भ्रष्टाचारी बनते रावण राज्य)… बाबा को याद करना है (और कोई नहीं, जिसकी हमें सत्य पहचान मिली है, वही हमारा बाप-टीचर-गुरु है)… तो पावन, सतोप्रधान, देवी-देवता, माला का मणका बन जाएँगे… स्वयं ज्ञान सागर बेहद का बाप हमें सबकी biography-राझ-समय की पहचान बताते, इसलिए हम ब्राह्मण सबसे ऊंच चोटी है

2. अब नई दुनिया आने वाली है, इसलिए हम सुप्रीम रूह से रूहानी पढ़ाई वा ईश्वरीय मत ले रहे हैं, पत्थरबुद्धि से पारसबुद्धि बन, श्रेष्ट पद प्राप्त करने… यह ज्ञान सभी धर्म वालों के लिए है, सभी एक बाप के बच्चे भाई-भाई है, वर्सा मिलता है बाप से, सिर्फ विकारों को छोड़ना है

3. भारत की अपरमपार महिमा है, यहा ही भगवान् आते, यह सबसे बड़ा तीर्थ स्थान है… जहां पवित्र बड़ी आयु थी, बहुत धनवान थे… अब तमोप्रधान बना है, इसलिए मामेकम् याद कर सतोप्रधान बनना है… सारी कहानी भारत पर ही बनी हुई है

4. हम भक्तियान को बाबा आकर विकारों से छुड़ाकर सद्गति करते, अर्थात सचखण्ड में ले जाते, जीवनबन्ध से जीवनमुक्त… मुख्य बात है अपने को आत्मा समझ बाप को याद करना, फिर सतयुग में भी क्षीर-खंड हो रहेंगे

सार

जबकि बाबा ने हमें सत्य ज्ञान देकर दिव्य-बुद्धि का वरदान दे दिया है… तो चलिए आज सारा दिन, ज्ञान का मंथन करते अपनी परिपक्व आत्म-अभिमानी योगयुक्त स्थिति बनाए रखे… सदा माया को परख, उससे सेफ रहते और सबको सेफ करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Becoming an invaluable Jewel | Sakar Murli Churnings 11-05-2019

Becoming an invaluable Jewel | Sakar Murli Churnings 11-05-2019

1. पवित्र का ही नमन होता, सर्विसएबुल बनते, बाबा भी बहुत प्यार करते … हमारी पवित्रता की पर्सेंटेज बढ़ रही है, देह-भान घट रहा हैं… श्रेष्ठ मणि, परि, सदा गुलाब बनने लिए बाबा पर बहुत प्यार-याद चाहिए, खुशी में रोमांच खड़े हो जाएँ, दैवी स्वभाव गुणवान, ऎसा प्योर valuable हीरा बनना है

2. हम अपने को समझ सकते कहाँ तक पास होंगे, इसलिए बाबा (जो इतना मीठा-प्यारा है, आप समान पवित्र-सुख-शान्ति सम्पन्न बनाता) को याद कर दिल खिल जाना चाहिए… साथ में चक्र घुमाते खुश दिव्यगुण-सम्पन्न बन अपने एम object को भी जरूर प्राप्त करना है…

3. हमे सभी वर्गों का कल्याण करना है, इसलिए योगयुक्त बनना है, जिसके लिए देह-भान छोड़ देही अभिमानी भाई-भाई की दृष्टि पक्की करनी है… ऎसे कट उतारने से ही ऊंच पद पाएंगे, नहीं तो सजा खानी पड़ेगी

4. जितना बाबा हमें प्यार करते, उतना उसे प्यार करना है याद में रहने से बन्धन भी हल्के होते रहेंगे… आगे चल हम पवित्र सुई बन जाएंगे, तो घड़ी घड़ी बाबा को याद करेंगे, जैसेकी बाबा के पास ही पहुँच जाएँ

सार

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि बाबा ने हमें कोटों में से निकालकर कौड़ी से हीरा बनाया है, तो ऎसा ज्ञान-योग के अभ्यास द्वारा चमकदार अमूल्य रत्न बने… कि सदा शान्ति-प्रेम-आनंद से सर्व प्राप्ति सम्पन्न बन, जहां भी जाए, सर्व का कल्याण करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Becoming a flawless diamond | Sakar Murli Churnings 10-05-2019

Becoming a flawless diamond | Sakar Murli Churnings 10-05-2019

1. बाबा सर्वश्रेष्ठ वर्सा दे रहे, लेकिन उसमें पद नम्बरवार है… इसलिए श्रेष्ठ पद, खुशबूदार फूल, फ्लोलेस डायमंड बनने लिए अपनी जांच कर खामियां निकलनी है, मुख्य खामी है देह-अभिमान इसलिए देह में रहते देही-अभिमानी बनना है… अंत में एक बाप के सिवाय किसी की याद न आए, इसलिए लवली बाप को याद करते रहना है, तो लवली बच्चे बन जाएँगे, पूरे कल्प के लिए

2. हम जी हड्डी सेवा करते, वह व्यर्थ नहीं जाती, बहुतओं को श्रृंगार कर हमने लायक बनाया है… नयेे भी पुरानों से आगे जाते हैं… अगर खामी निकल जाएँ, तो और ही कमाल करेंगे, बाबा हमें कितना प्यार कर फ्लोलेस बनाते

3. हम श्रीमत पर वहां हैवन, paradise, वंडर ऑफ वर्ल्ड, स्वर्ग स्थापन कर रहे… यहां हमारा कुछ नहीं, हम ट्रस्टी है, बाबा की directions पर चलते है… बाकी थोड़ा समय है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… इस डायमंड एज में सदा अपने को डायमंड समझ, परम-डायमंड को याद कर सर्व गुण-शक्तियों के रंग से चमकते, अपने सभी फ्लो निकालते flawless डायमंड बनते रहे… औरों की भी सर्वश्रेष्ठ पालना-सेवा करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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