56 दिव्यगुणों की लिस्ट | List of 56 Divine Virtues
हमारा लक्ष्य है मनुष्य से देवता (अर्थात सर्वगुण सम्पन्न) बनना… तो आज 56 दिव्यगुणों की लिस्ट देखते हैं, जो बाबा ने मुरलीयों में बताए हैं!
सबके प्रिय गुण!
- संतुष्टता, प्रसन्नता, हर्षितमुखता
- मधुरता, शीतलता, धैर्यता
- सरलता, स्वच्छता, नम्रता
- निमित्त भाव, निर्मान भाव, निर्मल वाणी, निःस्वार्थ भाव
- उमंग, उत्साह, रमणीकता
आत्मा के अनादि गुण
- दिव्यता, ज्ञान, पवित्रता, शान्ति, प्रेम, सुख, आनंद, शक्ति
और गुण!
- गंभीरता, सत्यता, निर्भयता
- दृढ़ता, सहनशीलता
- आज्ञाकारी, वफादार, फरमानवरदार, ईमानदार, सपूत
- एकांतप्रिय, अंतर्मुखी, एकाग्र-चित
- एकरस, अचल, अडोल
- एकव्रता, एकनामी, व्यर्थ से economy, एकता
- स्वमान में रहना, औरों को सम्मान देना
- स्वचिंतक, शुभचिंतक, गुण-ग्राही दृष्टि
- अथक, एवररेडी, आल-राउंडर
- निश्चयबुद्धि, बेफिक्र, समर्पण भाव, परोपकारी
सार
बाबा साजन बनकर हमें इन सभी दिव्यगुणों से श्रृंगारने आए हैं… तो चलिए आज सारा दिन, योगयुक्त रहकर इन सभी गुणों का अनुभव करते रहें… जिससे स्वतः इन दिव्यगुणों की खुशबू चारों ओर फैलती रहेगी, और सबका जीवन सुखमय और शान्तिमय बनता जाएगा… ऎसे सहज ही ये संसार स्वर्ग बन जाएगा!… ओम् शान्ति!
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