बाबा के 121 अरमान | 121 aspirations of Baba

बाबा के 121 अरमान | 121 aspirations of Baba

गीत: तुमने किये पूरे अरमान हमारे…

बाबा ने हमारे सभी अरमान पूरे किए हैं, तो हमें भी दिल होती की हम भी उनके सभी अरमान पूरे करे… तो आज बाबा के 121 अरमान देखते है, इन्हें बहुत पुरुषार्थ के उमंग उत्साह से, बाबा की याद में स्वीकार करना जी!

प्रैक्टिकल लाइफ में

  • सदा खुश-सन्तुष्ट-तृप्त सर्व प्राप्ति सम्पन्न, श्रेष्ठ स्थिति में स्थित रहे… शीतल दृष्टि, हर्षित चेहरा, रुहानी मुस्कान, मीठे बोल हो… सबके लिए शुभ-भावना, श्रेष्ठ कामना, सम्मान से भरपूर रहे
  • उन्नति-प्रगति हो, आगे बढ़े… विजयी, सफलता-मूर्त, मेहनत से मुक्त बने
  • दुःख-अशान्ति-रोना, चिन्ता-भय से परे रहे… माया-प्रूफ
  • व्यर्थ, पास्ट, पर-चिन्तन, परदर्शन से परे… ज्ञान-चिन्तन, स्व-चिन्तन, प्रभु-चिन्तन में मस्त रहे

ब्राह्मण जीवन में

  • श्रीमत, फोलो फादर, accurate दिनचर्या बनाएं (अमृतवेला, मुरली, याद में शुध्द भोजन, ट्रेफिक कंट्रोल, नुमाशाम, रात योग, चार्ट)
  • सहज-योगी, स्वतः-निरन्तर कर्मयोगी बने, योग का चार्ट बढ़ाते, 4 घंटा-8 घंटा करे… बाबा के प्यार में डूबे, लवलीन रह… अतीन्द्रिय सुख-आनंद में नाचते-गाते रहे
  • स्वयं को प्रत्यक्ष करे, साक्षात्कार कराये, अपने कर्तव्य सार्थक करे… बाबा का कार्य सम्भाले, सेन्टर को आगे बढाए, मधुबन को सहयोग देते, यज्ञ-रक्षक बने… निमित्त, निर्माण, अथक, एवर-रेडी, ऑल-राउंडर, हाँँ-जी का पाठ पक्का
  • बुराईयों का त्याग, पुरानी दुनिया से वैराग्य-न्यारे-प्यारे रहे… श्रेष्ठ भाग्य बनाते, तपस्या करे, बुद्धि से समर्पण 

अपना लक्ष्य प्राप्त करना 

  • बाप समान, सम्पूर्ण, समीप, साथ, अव्यक्त, फ़रिश्ता बनना 
  • सम्पूर्ण पवित्र, दिव्यगुण सम्पन्न, सर्वगुण सम्पन्न, 16 कला संपूर्ण, देवता, विश्व-महाराजन्, लक्ष्मी-नारायण बनना
  • एकरस-अचल-अडो़ल, शक्तिशाली… सबको देते, पालना करते, भरपूर-सम्पन्न… विश्व कल्याणकारी बने, सबको जियदान देते, आप समान बनाते, सच्ची सेवा करे 
  • कमल-पुष्प समान श्रेष्ठ पवित्र-योगी जीवन बनाएं… श्रेष्ठ कर्म करे… Sample, example, उदाहरण बने 
  • विकर्माजीत, मायाजीत, विकार-जीत (काम-जीत, क्रोध-जीत, लोभ-जीत, मोह-जीत, अहंकार-जीत), व्यर्थ-जीत बने

सार 

वास्तव में बाबा को हमसे कुछ नहीँ चाहिए, उनके अरमानों से हमारा ही (और सबका) सर्वश्रेष्ठ वर्तमान और भविष्य बनता… तो चलिए आज सारा दिन, बाबा के अरमानों को पूरा कर, सदा शान्ति प्रेम आनंद से भरपूर रह, सबको भरपूर करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति! 


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