दो-दो बातों की लिस्ट (116, 58×2 बातें)
आज बाबा ने मुरली में ज्ञान की दो-दो बातों की बात की… तो आज दो-दो बातों की लिस्ट (116, 58×2 बातें) देखते हैं… इन्हे बहुत रूचि से, बाबा की याद में स्वीकार करना जी!
विश्व का परिवर्तन
- सतयुग-कलियुग, नई दुनिया-पुरानी दुनिया
- गोल्डन ऐज-आइरन ऐज, बेहद का दिन-बेहद की रात
- स्वर्ग-नर्क, जन्नत-दोझक, हेवन-हैल
- सचखण्ड-झूठखण्ड, अमरलोक-मृत्युलोक, परिस्तान-कब्रिस्तान, फूलों का बगीचा-कांटों का जंगल
- सुखधाम-दुःखधाम, अशोक वाटिका-शोक वाटिका
- डीती वर्ल्ड-डेविल वर्ल्ड, पुण्यआत्माओं की दुनिया-पापआत्माओं की दुनिया
- शिवालय-वैश्यालय, रामराज्य-रावणराज्य
- ब्रह्मा का दिन-रात, ब्राह्मणों का दिन-रात
- विष्णुपूरी-कृष्णपूरी (वा कंसपूरी), क्षीरसागर-विषय सागर (वा विषय-वैतरनी नदी)
हमारा परिवर्तन
- बैटरी-फूल से थोड़ी, ऊंच-नीच, उत्थान-पतन
- सतोप्रधान-तमोप्रधान, पावन-पतित, पवित्र-अपवित्र
- सुखी-दुःखी, जीवनमुक्त-जीवनबन्ध
- दैवी-आसुरी, देवता-असुर, श्रेष्ठाचारी-भ्रष्टाचारी,
- सुन्दर-श्याम, गोरा-काला, प्रिंस-बेगर, डबल ताज- नो ताज
- सर्वगुण सम्पन्न-नो गुण, 16 कला संपूर्ण-नो कला
- सम्पूर्ण निर्विकारी-विकारी, पारस बुद्धि-पत्थर बुद्धि,
- फूल-कांटा,
- , हीरा-पत्थर, Koudi तुल्य से हीरे तुल्य, , बंदर से मन्दिर लायक
- आत्म अभिमानी-देह अभिमानी, देवता-लेवता
- मालिक-गुलाम, अधिकारी-भक्त, चिन्तित-बेफिक्र, विजयी-योद्धा, नकारात्मक-सकारात्मक, दूरभागयशाली-पदमापदम भाग्यशाली, योगी-भोगी
और दो-दो बातें!
- आत्मा-बाबा, मन-बुद्धि, दो बाप का परिचय देना
सार
तो चलिए आज सारा दिन… सदा यही स्मृति में रहे, कि बाबा हमें क्या से क्या बना रहे… इसी खुशी से अपने पुरुषार्थ की तेजी dodi लगाए, ज्ञान-योग से सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनते-बनाते, सतयुग बनाते रहे… ओम् शान्ति!
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