Coming in the rosary of victory through long-time spiritual efforts & service through mind! | बहुतकाल के तीव्र-पुरुषार्थ और मन्सा-सेवा द्वारा माला का मणका बनना | Baba Milan Murli Churnings 18-10-2020

Coming in the rosary of victory through long-time spiritual efforts & service through mind! | बहुतकाल के तीव्र पुरुषार्थ और मन्सा सेवा द्वारा माला का मणका बनना | Baba Milan Murli Churnings 18-10-2020

1. मेरा बाबा कह स्नेह के सागर को हमने अपना बनाया, और बाबा ने भी मेरे बच्चे कह दिल में समा लिया (लास्ट तक लास्ट बच्चे से भी प्यार है, लाडले-सिकीलधे)… स्नेह मे आकर्षण है, अपना बनाता, क्या से क्या बनाता.. बाबा हमारे मस्तक पर स्नेह की लहरे देख हर्षित-खुश हो रहे

2. (ड्रिल).. पुकारते हुए भक्त-दुःखी-अशान्त आत्माओं को मन्सा द्वारा सुख-शान्ति-शक्ति की कीरणें पहुंचानी (हम ही उनको सुख देने वाले रहमदिल है)… ऐसे मन को बीजी रखने से फालतू-व्यर्थ संकल्पों से बचे रहेंगे (अपना भी फायदा)… भिन्न-भिन्न सेवाओं में मन को बिजी रखना है (हम कितने ख़ज़ाने से रिचेस्ट है, जितना देंगे उतना बढ़ेगा):
° मन द्वारा शक्तियां देना
° वाणी द्वारा ज्ञान-दान
° कर्म द्वारा गुण-दान
° सम्बंध-सम्पर्क द्वारा खुशी

आपस ब्राह्मणों में भी सहयोगी बनो (हम तो संस्कार की टक्कर से छुड़ाने वाले है)

3. पुरुषार्थ में कभी-कभी शब्द समाप्त, गे-गे (करेंगे, हो जाएंगा) बदल करना ही है, एवररेडी (ऐसे बहुतकाल मन वा मायाजीत रहने से ही जगतजीत-विजयी-पास विध आनर-माला का मणका बनेंगे, यह शुद्ध संकल्प सदा रखना)… बाबा ऐसे तीव्र-पुरुषार्थी बच्चों को रोज़ अमृतवेले देखते-मिलते (गायन-योग्य, पूजन-योग्य, राज्य अधिकारी के साथी रूप में)

4. हम शुद्घ संकल्प-धारी, मन की हलचल से परे अचल-अडो़ल है… समय पर होगा नहीं (हमारा टीचर बाबा है, समय नहीं), समय तो रचना है… बिन्दु लगाना और बिन्दु को देखना तो कोई व्यर्थ नहीं चलेगा

5. (यू.पी.) भक्तों को परिचय देना हमारा कर्त्तव्य, फिर उनका भाग्य (नहीं तो उल्हना देंगे, हमारा बाबा आया वर्सा देने, और आप ने नहीं बताया)… वारिस-नामिग्रामी द्वारा प्रभावशाली सेवा होती (कर रहे हैं, अब थोड़ा और फास्ट)

6. (मुरली रेग्युलर नहीं उन्हें)… मुरली में चारों सब्जेक्ट के डायरेक्शन आते… तो जबकि बापदादा परमधाम-सूक्ष्मवतन से आते, मुरली एक दिन भी मिस वहीं करना… नहीं तो बाबा का दिलतख्त छूट जायेगा (और दो तख्त भी यथाशक्ति)… मुरली मुरली मुरली, साइंस के साधन यूज करो

सार (चिन्तन)

बीती सो बिन्दी कर रोज़ मुरली सुनने के साथ-साथ… सदा बाबा के दिल में समाये रह, सदा अपनी श्रेष्ठ मन्सा द्वारा सबको सुख-शान्ति-शक्ति की किरणें पहुंचाते… व्यर्थ-मुक्त विजयी, गायन-पूजन योग्य, बाबा के राज्य अधिकारी साथी बनते-बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!

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