सर्व खजा़नों से सम्पन्न बन सबको बांटना, यही है समय का इशारा | Sharing our treasures with all, the call of time! | Baba Milan Murli Churnings 02-04-2019

सर्व खजा़नों से सम्पन्न बन सबको बांटना, यही है समय का इशारा | Sharing our treasures with all, the call of time! | Baba Milan Murli Churnings 02-04-2019 image

सर्व खजा़नों से सम्पन्न बन सबको बांटना, यही है समय का इशारा | Sharing our treasures with all, the call of time! | Baba Milan Murli Churnings 02-04-2019

1. ज्ञान-गुण-शक्ति वा श्रेष्ठ संकल्पों के अखण्ड खजा़नों के दाता बाबा ने… हमें अपने नयनों में समाकर सर्व खजा़नों के अधिकारी, बालक सो मालिक बना दिया है… तो अपना जमा का खाता सदा बढ़ाते रहना है, 3 विधियौं द्वारा:

  • स्व-पुरूषार्थ से प्रालब्ध-प्राप्तियों का खाता
  • सन्तुष्ट रह सबको सन्तुष्ट करने से पुण्य का खाता
  • अथक, नि:स्वार्थ, बड़ी दिल से सेवा करने से दुआओं का खाता

2. समय का बाबा ने कई बार इशारा दिया है, इस हीरे-तुल्य संगमयुग का स्लोगन ही है ‘अब नहीं तो कब नहीं’… क्योंकि अब का आधार सारे कल्प के प्रालब्ध से है, अब ही परमात्म-पार्ट नूंधा हुआ है, जब हम परमात्म प्यार-मिलन-ज्ञान-खजा़नों के अधिकारी बनते… हम पद्मापद्म भाग्यशाली है, इसी रूहानी नशे-स्मृति में सदा रहना है ‘वाह मेरा भाग्य वाह!’, तो चेहरा सदा हर्षित रहेगा… सदा शब्द अण्डरलाइन करना है

3. बाबा हमें हर सब्जेक्ट में पास-विथ-ऑनर देखना चाहते, इसलिए तीव्र पुरूषार्थी बनना है, जिसके 2 मुख्य लक्षण हैं:

  • इस देह-भान से नष्टोमोहा बनने से, और चीजें भी सहज भूल जाती… देह-भान की निशानीयां, व्यर्थ संकल्प-समय से बचने का श्रेष्ठ साधन है हर श्वास-संकल्प-कर्म सफल करना… इस संगमयुग में तो बाबा वरदान है ही, सफलता हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है
  • कल भी जाना हो, तो भी एवर-रेडी!… एवर-रेडी अर्थात ऑर्डर हो और तुरन्त मन-वचन-कर्म, सम्बन्ध-सम्पर्क में एवर-रेडी… जैसे कि दादीजी थे, स्वभाव-सम्पर्क, कर्म-सेवा, सन्तुष्ट रहनेे-करने सब में Easy!

4. प्रकृति-हलचल की छोटी-छोटी बातों के कारण यह समय नाजुक है… इसलिए आत्मिक स्वरूप, धारणा, ड्रामा के साथ-साथ कर्मों की गुह्य गति पर भी पूरा अटेन्शन रखना है, साधारण संकल्प-समय-कर्म से भी प्रालब्ध में फर्क पड़ता… और हम तो श्रेष्ठ विश्व-कल्याणकारी विश्व-परिवर्तक आत्माएं है, इन्हीं स्वमानों में स्मृति स्वरूप बनना है

5. अभी सेवा के प्लान बनाने के साथ-साथ, मुख्य आवश्यकता है… मास्टर ज्ञान सूर्य बन सबको शक्तियों की सकाश, सुख-शान्ति की किरणें दे दुःख-अशान्ति से मुक्त करना, शक्तिशाली वृत्ति से वायुमण्डल परिवर्तन करना… इस श्रेष्ठ सेवा में मन को busy रखने से सहज मायाजीत बनते, बातों को छोटी साइडसीन समझ साक्षी हो देख सकते

6. समय, बाबा, एडवांस पार्टी सब हमारा इन्तज़ार कर रहे है, मुक्ति के गेट खोलने… इसलिए मास्टर सर्वशक्तिमान बनना है, दृढ़ता से जो नहीं करना वो नहीं करना है!

7. हम सभी मधुबन के श्रृंगार डबल पुरूषार्थी है… Last सो फास्ट जाने के लिए कमाल करके दिखाना है… हिम्मत का पहला कदम उठाना है, तो बाप-परिवार की पद्मगुणा मदद मिलेंगी… मधुबन से जो सेवा का बल-फल अतिन्द्रीय सुख मिला है, वह सदा कायम रखना है… विघ्न-विनाशक बनकर

8. निर्विघ्न, निर्विकल्प, नीर-व्यर्थ जरूर बनना है… प्रदर्शनी-मेले विंग-कॉन्फ्रेंस स्नेह-मिलन से ऊपर कुछ नई invention निकालनी है, शॉर्ट & स्वीट (और सस्ती!)… बाबा को इस blog की invention के लिए बहुत बहुत शुक्रिया!!

सार

तो चलिए बाबा की अगली season तक… बाबा को सच्चा शुक्रिया कहने लिए,… इस हीरे-तुल्य संगमयुग पर सर्व खजा़नों से सम्पन्न बन, मास्टर ज्ञान सूर्य बन सबको सुख-शान्ति-शक्तियां बांटते रहे … वाह मेरा भाग्य वाह! के गीत गाते सदा श्रेष्ठ स्वमानों के स्मृति स्वरूप बन ever-ready रहे… तो हम बहुत ही थोड़े समय में सतयुग स्थापन करने के निमित्त बन जाएंगे… ओम् शान्ति!


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