दीदी मनमोहिनी की 125 विशेषताएं | 125 Specialities of Didi Manmohini

दीदी मनमोहिनी की 125 विशेषताएं | 125 Specialities of Didi Manmohini

28 जुलाई हमारी मीठी प्यारी दीदी मनमोहिनी का स्मृति दिवस है… तो आज दीदी मनमोहिनी की 125 विशेषताएं देखते हैं… इन्हीं बहुत प्रेम से, बाबा की याद में स्वीकार करना जी!

मुख्य शिक्षाए

  • अब घर जाना है… पुरानी देह-दुनिया-वस्तु से बेहद का वैराग्य-त्याग, बाबा पर पूरा निश्चय-समर्पण…
  • सुबह 5 केले खाना… अकेले आए है, अकेले जाना है, अकेले में (एकान्त), अकेले बन (अन्तर्मुखी-आत्मा), अकेले (बाबा) को याद करना

बाबा से प्यार!

  • योग पक्का, बाबा के प्रेम में डूबे-मग्न रहना, डांस करना, बाबा की सच्ची दिलरूबा, सच्ची गोपी, बाबा ही नैन-चेहरे-दिल में बस्ता… एक तुम्हीं संग खेलु-खाउ-रहु… सच्ची एकव्रता-पिताव्रता-पतिव्रता
  • बाबा से सर्व सम्बन्ध (मात, पिता, शिक्षक, सतगुरू, सखा, साजन, सर्जन, बच्चा, धर्मराज)

सर्वश्रेष्ठ ब्राह्मण जीवन!

  • मुरली क्लास में रेग्युलर, पंचुअल, एकाग्र-चित्त (चश्मा-डायरी-पेन सहित) … श्रेष्ठ चिन्तन, प्रश्न-उत्तर निकालना, चित-चेत करना, ज्ञान-युक्त पालना-खातिरी-सौगात
  • श्रीमत-नियम-मर्यादाओं-धारणाओं पर स्ट्रिक्ट-discipline (संग की संभाल, अन्न की संभाल)… सदा हाँ जी, आज्ञाकारी, वफादार, फरमानवरदार, सपूत, ईमानदार

गुणवान!

  • निमित्त, निर्माण, नम्र-चित्त, निर्मल वाणी… सब को बाबा से जुड़ाना, स्नेही बनाना, प्यार बढ़ाना… गुण-ग्राही, सबको अपनापन मेहसूस कराना, सबकी सखी
  • पहले खुद करना, कर्म से सिखाना, बालक-मालिक का बैलेंस, कथनी-करनी समान
  • अन्तर्मुखी (परचिन्तन-परदर्शन, सुनी-सुनाई बातों से परे), गंभीर-रमणीक, सरलता-सादगी, दिव्यता-रूहानियत, निर्भय, सच्चाई-सफाई

यज्ञ माता!

  • यज्ञ रक्षक, यज्ञ स्नेही… यज्ञ प्रति बहुत प्यार
  • अलर्ट-ऐक्टिव-चुस्त, परख-निर्णय, लीडर-कंट्रोलर, economy… न्यारी-उपराम
  • सबको आगे बढ़ाना, प्रशंसा-खातिरी करना… अनेक रत्नों को तैयार-वफादार-समर्पित कराना
  • 8 बहनों के प्रथम ट्रस्ट मे, बाबा की right hand, मम्मा भी राय करती, सेवा में निकली पहली बहनो में से एक… दादी के साथ सारा कारोबार संभालना (सम्पूर्ण एकता, एकमत), एडवांस पार्टी में मुख्य

सार

तो चलिए आज सारा दिन… दीदी के सभी गुणों को स्वयं में धारण कर, सदा दीदी-समान मर्यादाओं पर स्ट्रिक्ट रह सदा ज्ञान-चिन्तन वा बाबा की प्यार-भरी यादों में मग्न रह दिव्यगुणों की खान बन, सब को बाबा से जुड़ाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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