फॉलो फादर करने की 100 बातें | 100 ways to Follow Father

फॉलो फादर करने की 100 बातें | 100 ways to Follow Father

आज पूरी मुरली में बाबा ने कहा कि फालो फादर करना यह सबसे सहज-स्पष्ट-सरल-श्रेष्ठ मार्ग है… तो आज फोलो फादर करने की 100 बातें देखते हैं… इन्हे प्रेम से स्वीकार करना जी!

सर्वश्रेष्ठ पर्सनैलिटी!

  • ऊँचे-श्रेष्ठ-महान-कल्याणकारी विचार… दूरांदेशी विशाल-बुद्धि… दैवी फरिश्ते-समान सम्पन्न-सम्पूर्ण संस्कार
  • मीठे बोल, सुखदाई स्वभाव, रॉयल चलन, उदार-चित सम्मान-पूर्वक व्यवहार, दिव्य-अलौकिक-प्रेरणादायी कर्म

गुणवान!

  • देह-दुनिया से वैराग्य-त्याग, निश्चय-समर्पण… एकान्तवासी-अन्तर्मुखी, सरलता-सादगी, गंभीरता-रमणीकता
  • ज्ञान-मुरली-बाबा-परिवार यज्ञ-सेवा से अटूट प्यार 

सर्वश्रेष्ठ ब्राह्मण जीवन

  • सर्वश्रेष्ठ ज्ञानी-योगी-तपस्वी धारणा-मूर्त सेवाधारी… तीव्र पुरूषार्थी
  • रोज़ अमृतवेलामुरली कभी मिस नहीं, रेगुलर, पंचुअल, एकाग्र-चित्त… चिन्तन, अभ्यास, अनुभव, धारणा, प्रैक्टिकल में लाना… सबके लिए सैम्पल-उदाहरण-ऐग्जाम्पल बनना
  • देही-अभिमानी आत्म-अभिमानी अशरीरी-विदेही बनने का पक्का अभ्यास… बाबा की याद-योग-तपस्या
  • श्रीमत-बाबा नियम-मर्यादाओं-दिनचर्या प्रति आज्ञाकारी-वफादार-फरमानवरदार-सपूत-ईमानदार 

महान सेवाधारी

  • आत्मिक दृष्टि-वृत्ति, शुभ भावना-कामना, विशेषताएं देखना, आगे बढ़ना, दुआ-आशीर्वाद-वरदान-सकाश-सर्चलाइट देना
  • निमित्त-निर्माण-नम्रचित्त-निर्मल वाणी… अथक, एवर-रेडी, ऑल-राउंडर, बाबा को हाँ जी

सार

तो चलिए आज सारा दिन… हर संकल्प से बाबा को फोलो कर, सर्व प्राप्ति सम्पन्न बन, हर कदम पर पदमों की कमाई जमा करते… स्वयं और सर्व का भाग्य-भविष्य उज्ज्वल-सतोगुणी-सतयुगी बनाते रहे… ओम् शान्ति! 


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The easiest path! | Avyakt Murli Churnings 30-06-2019

The easiest path! | Avyakt Murli Churnings 30-06-2019

The easiest path!

1. हम हर संकल्प-कर्म-कदम में बाबा को फोलो करने वाले सच्चे साथी है… इससे हमारा रस्ता सबसे सहज, कदमों में पदमों की कमाई भर जाती… हम बहुत भटके-निराश व-दिलशिकश्त हुए हैं, अभी सिर्फ उसके कदमों पर चलना है, तो वह जिम्मेवार हो जाता

2. सिर्फ हमें अपने को बाबा से verify (अर्थात कॉपी) करना है… जब और रास्ते पर जाते (व्यर्थ संकल्प, कमझोर के, कलियुगी आकर्षण), तब कांटों के जंगल (क्या, क्यू, पुराने संस्कार) में फंसते और चिल्लाते… स्वयं भाग्यविधाता ने हमारे भाग्य की रेखा लम्बी-भरपूर की है, तो हम धोखा नहीं खा सकते… हमें और सहारों का बहुत अनुभव मिला है, अब सदा संकल्प को verify कर बाबा का साथी रहना है

कुमारियां, टीचर अर्थात?

1. अलौकिक कुमारियां अर्थात सदा देही-अभिमानी बन उड़ती, सबको भी ऎसा बनाती, सर्व सम्बन्धों का रस एक बाबा से लेने वाली, एसी निश्चयबुद्धि-विजयी आत्माएं ही गाई-पूजी जाती… हम अपने हर चरित्र-कर्म-बोल-भाषण से बाबा को प्रत्यक्ष करने वाली, कमाल करती

2. हम शान्ति से अपना स्वराज्य लेने वाली सदा right है… स्वप्न में भी संगदोष में न आकर, सदा बाबा के संग रहने वाली… हम ही बाबा के सेन्टर की शान है

3. टीचर अर्थात बाप-समान निमित्त सेवाधारी, सदा न्यारे-प्यारे… तो सहज आगे बढ़ते सफलता को पाते रहेंगे, सिर्फ मैं-पन से बचे रहना है, जिज्ञासू-सेंटर सब बाबा के है

पार्टियों से मुलाकात

1. फ़रिश्ता अर्था देह-दुनिया से कोई रिश्ता नहीं, सर्व रिश्ता-प्यार एक बाबा के साथ… अभी-अभी कर्म में आए, और अभी अभी निर्बंधन, उड़ती कला में ऊपर, जैसे कि लिफ्ट

2. रूह गुलाब अर्थात श्रेष्ठ आत्माएं… सदा रुहानी नशे-सेवा में रहने वाले, सदा रूहानियत की खुशबु फैलाने वाले

सार

तो चलिए आज सारा दिन… सदा हर संकल्प में बाबा का साथी फ़रिश्ता बन, सदा श्रेष्ठ स्थिति द्बारा हर कदम में पदमों की कमाई जमा करने वाली पद्मापद्म भाग्यशाली बन … सबको को भी रूहानी गुलाब बन उड़ती कला में ले जाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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The power of Avyakt stage! | अव्यक्त स्थिति की शक्ति | (2nd) Avyakt Murli Churnings 23-01-2019

The power of Avyakt stage! | अव्यक्त स्थिति की शक्ति | (2nd) Avyakt Murli Churnings 23-01-2019

1. ड्रामा accurate है…. जितना हम अव्यक्त स्थिति में स्थित रहने (बुद्धि की लाइन clear है), तो व्यक्त में अव्यक्त को देख सकते (उसका साथ सदा अनुभव कर सकते), कर्मेंद्रीयों से कर्म ऎसा होगा जैसे कि श्रीमत करा रहा है… ऎसे शक्तिशाली बन, सबको बनाना है, तब ही अन्त तक रहेंगे

2. अस्थियों को नहीं, स्थिति को देखना है… त्रिमूर्ति स्थिति को नहीं भूलना है (स्व स्वरूप में टिकना, बाप-दादा की याद), ऎसे हर बात / इशारे में कल्याण है… सदा समर्पण-स्मृति स्वरूप-सरलता स्नेह-सम्बन्ध-सहयोगी बन सफलता पाना है… कुछ ही समय में हम श्रीमत पर चलने वाले धरती के सितारे प्रत्यक्ष हो जाएंगे

सार

तो चलिए आज सारा दिन… अव्यक्त स्थिति को मज़बूत कर, सदा बाबा का साथ अनुभव करते, सबको कराते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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The power of Remembrance! | याद की शक्ति | Sakar Murli Churnings 29-06-2019

The power of Remembrance! | याद की शक्ति | Sakar Murli Churnings 29-06-2019

1. भक्ति तो अथाह है, इस पुरुषोतम संगमयुग पर ही बाप (जिनमें सारे चक्र का ज्ञान है) हम आत्माओं को पढ़ाकर धारणा कराकर, मनुष्य से (फ़रिश्ता और) देवता बनाते… मुख्य है ज्ञान की पढ़ाई और याद की यात्रा (देही-अभिमानी बन बाबा की याद करना, जिससे पावन बन, ऊंच पद पाते)… बाकी trance से कोई फायदा नहीं (विकर्म विनाश नहीं होते, और ही माया आ सकती)… आँख बन्द करने की जरूरत नहीं (हमें बुद्धि में समझ है), नींद, शरीर निर्वाह कर्म भी करना है

2. सबको पढ़ाना है, Museum आदि खोल, हम तो पवित्र कैरक्टर बनाते… भोजन भी याद में बनाना है

चिन्तन 

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि हमें यथार्थ बाबा का परिचय और उनको याद करने की विधि मिली है, तो सदा अशरीरी बन अपने को आत्मा समझ परमधाम में बाबा को याद कर सर्व गुण-शक्तियों से भरपूर बन… फिर (बापदादा को साथ रख) चलते-फिरते फ़रिश्ता बन, सबको स्नेह-खुशियां बांटते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Strengthening the foundation of purity! | Avyakt Murli Churnings 30-11-08

1. महानता अर्थात पवित्रता के परिवर्तन के दृढ़ संकल्प का व्रत लेना (जिससे दुनिया असम्भव समझती), व्रत अर्थात वृत्ति द्बारा परिवर्तन करना, सिर्फ एक संकल्प से हम भाई-भाई है… यह पवित्रता ही ब्राह्मण जीवन का foundation है, जिससे परमात्म प्यार-सर्व प्राप्तियां होती… पवित्रता अर्थात:

  • मन-वचन-कर्म-सम्बन्ध-सम्पर्क सबमें पवित्रता
  • पवित्र वृत्ति अर्थात… सबके लिए शुभ भावना, शुभ कामना
  • पवित्र दृष्टि अर्थात… सबको आत्मिक स्वरूप में देखना, और स्वयं को भी सहज आत्मिक स्थिति में अनुभव करना
  • अपने को दुआ देना अर्थात… सदा खुश रहना और सबको करना

हमें 3 वरदान मिले हैं:

  1. स्वयं को स्वयं से वरदान, जिससे बाबा के प्यारे बनते
  2. बाबा से nearest dearest होने कारण, बाबा से दुआएं मिलती
  3. निमित्त द्बारा दुआएं मिलती

जिनके फल स्वरूप हम सदा उड़ती कला-नशे में रहते और सबको करते

2. जबकि हम अपने को BK कहलाते, मास्टर सर्वशक्तिमान (मास्टर अर्थात बाबा से भी ऊंच), तो सकल्प-बोल-कर्म सम्बन्ध-सम्पर्क-स्वप्न सब शक्तिशाली, सदा अतिन्द्रीय सुख की अनुभूति होनी चाहिए… इसके लिए पवित्रता की foundation मजबूत करना है, वृत्ति-बोल-समबन्ध-सम्पर्क में भी शुभ भावना-कामना से विपरित कुछ न हो, संकल्प भी व्यर्थ नहीं, बोल में भी व्यर्थ रूप अर्थात रोब नहीं… हम विश्व परिवर्तक है, 5 तत्वों और आत्माओं-साथियों-परिवार को भी परिवर्तन करने वाले

3. अन्त में second ही मिलेगा, second में परिवर्तन का फूल-स्टाप लगाने से ही अन्त मती सो श्रेष्ठ-ऊंची गति होगी… इसमे ही कमी है, तुरन्त फूल स्टाप नहीं लगा सकते, इसलिए क्या से क्या हो जाता… क्वामा (दूसरों को देखना), आश्चर्य वा क्वेश्चन मार्क की क्यू से बचे रहना है… एक सप्ताह वा 18 जनवरी तक यह सेकंड में फूल स्टाप का अभ्यास करना है, अभी चाहिए तीव्र पुरुषार्थ, अलबेलापन से मुक्त… अब मन्सा स्थिति-सेवा और अव्यक्त बोल-कर्म चाहिए

4. समय-भक्त-सब आत्माएं पुकार रही है… हमें परदर्शन-परचिन्तन-परमत से मुक्त रह, पर उपकार करना है… अभी समय है मन्सा सकाश द्बारा दुःखी आत्माओं को सुख-शान्ति की अंचली देना

5. हमारी पवित्रता की पर्सनैलिटी की realty वा royalty है:

  • अनादि काल… हम बाबा के पास, विशेष सितारा चमकते रहते
  • आदि काल… सतयुग-देवता रूप में लाइट का ताज
  • मध्य काल… चित्रों और उनकी विशेषता-पूजा सबकुछ रॉयल… ऎसे कोई नेता-अभिनेता-धर्म आत्मा का नहीं होता… चित्र को देख कर ही खुशी-दुआयें लेते
  • पवित्रता ब्राह्मण जीवन का जन्मसिद्ध अधिकार है… जन्मते ही बाबा ने वरदान दे दिया “पवित्र भव (फूल-स्टाप) योगी भव”.. हमारे वायब्रेशन दूर से ही आकर्षित करते (क्यूंकि डबल पवित्रता है, आत्मा-शरीर दोनों की)

6. बाबा ने attention खिंचवाया, क्यूंकि उनका हमपर बहुत प्यार है… हमें जल्दी ही सम्पन्न बनाकर, साथ ले जाने चाहते (बाबा वा एडवांस पार्टी सब हमारा इन्तज़ार कर रहे), फिर सतयुग में साथ आएँगे

सार

तो चलिए आज सारा दिन… अपनी पवित्रता के foundation को मजबूत कर, शुभ भावना-कामना सम्पन्न बन, सदा अतिन्द्रीय सूख की अनुभुती द्बारा शक्तिशाली स्थिति बनाए… तो स्वतः हमारी मन्सा द्बारा सबको सुख-शान्ति की अंचलों मिलतेे ऊँ, हम सतयुग बनाने की निमित्त बन जाएंगे… ओम् शान्ति!


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Being Present always! | Sakar Murli Churnings 28-06-2019

Being Present always! | Sakar Murli Churnings 28-06-2019

1. हमारा बाबा से प्यार है, बाबा का हमसे (क्यूंकि हम कल्याणकारी है)… ऎसे ही हम भाई-भाई को भी आपस में शुद्ध रुहानी प्यार की गंगा बनना चाहिए, लड़ना-झगड़ना रूसना-लूनपानी उल्टा-सुलटा बोलना नहीं (सब आसुरी स्वभाव, देह-अभिमान है, जो बाबा की निंदा कराता)… फिर हमारा सतयुग में भी ऎसा प्यार रहेगा, 21 जन्म क्षीरखण्ड… ऎसे माया से बचने वा ईश्वरीय गुण धारण करने लिए, देही-अभिमानी बन बाबा के शक्तियों का वर्सा लेना है (याद से)

2. बाबा की श्रीमत से श्रेष्ठ चलन वाला, गुणवान-पूज्य बनना है… स्वदर्शन चक्रधारी व बाबा की याद में रहना अर्थात प्रेजेंट रहना … ऎसा अभ्यास हो, जो अन्त समय सिर्फ बाबा की याद (वा स्वदर्शन चक्रधारी) रहे, लोभ-मुक्त

मातेश्वरीजी के महावाक्य

परमात्मा पाण्डव-शक्तियों के साथ है, कहते देह-सहित सबकुछ भूल अपने स्वधर्म में टिक सर्वशक्तिमान बाबा को याद करना है (अर्थात योगबल, न कि बाहुबल)… तो स्वतः अपने महान-पवित्र-श्रेष्ठ धर्म-कर्म को प्राप्त कर लेंगे 

चिन्तन

तो चलिए आज सारा दिन… सदा प्रेजेंट रहने लिए, सदा अपने संकल्पों पर attention रख, उन्हें श्रेष्ठ दिशा देते (ज्ञान-चिन्तन वा बाबा के यादों से) सर्वश्रेष्ठ-सतोगुणी स्थिति का अनुभव करते रहे… तो स्वतः हमारा पास्ट मर्ज, फ्यूचर बेफिक्र बन, वर्तमान बहुत-बहुत सुन्दर-स्वर्णिम हो, हम सब के साथ सतयुग बना लेंगे… ओम् शान्ति!


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Drinking the nectar of spiritual knowledge! | Sakar Murli Churnings 27-06-2019

Drinking the nectar of spiritual knowledge! | Sakar Murli Churnings 27-06-2019

इस पुरुषोत्तम संगमयुग पर ही शिव भगवानुवाच होता हम सालिग्रामों प्रति, ज्ञान यज्ञ में विघ्न तो पड़ेंगे, फिर स्वाहा हो नई देवताओं की गोल्डन एजेड दुनिया बनेंगी… भगवान् रोज़ ऎसी नई-नई पॉइंट्स का ज्ञानामृत पिलाते, तो इस रोज़ की पढ़ाई और राजयोग द्बारा सम्पूर्ण पवित्र जरूर बनना है (ममत्व-मुक्त, सजाओं से छूटे, किसी को दुःख न देते), तो माला का दाना पास विद आनर, 21 जन्मों के लिए बन जाएँगे… हम पद्मपाद्म भाग्यशाली है, देने में ही लेना है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि ज्ञान सागर बाबा हमें रोज़ ज्ञान अकृत पिलाते, तो सदा इस ज्ञान के चिन्तन-अनुभव-धारणा द्बारा सर्व प्राप्ति सम्पन्न श्रेष्ठ स्थिति में स्थित हो… सबको करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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मम्मा की 128 विशेषताएं | 128 Specialities of Mamma

मम्मा की 128 विशेषताएं | 128 Specialities of Mamma

मुख्य धारणाएं

  • हर घड़ी अन्तिम घड़ी… हुक्मी-हुक्म चला रहा (निमित्त, निर्माण भाव)
  • गुणवान बनना, गुण देखना, गुणदान करना, धारणा-मूर्त
  • श्रेष्ठ-कम बोल, सबको आप-आप कह के बुलाना

मुख्य गुण

  • शान्त-चित्त, silent, मधुरता, नम्रता-निरहंकारी, सरलता-सादगी
  • हर्षित, रुहानी मुस्कान, शीतल, रॉयल-फरिश्तों की चाल, बेफिक्र
  • दिव्यता, पवित्रता, रूहानियत, रूहानी नशा, स्वमान
  • शान्ति का अवतार, प्रेम की मूर्ति… गंभीर, रमणीक… सबके लिए सैम्पल, example, उदाहरण

शक्तिशाली

  • तीव्र पुरूषार्थी (कोई गलती दुबारा रिपीट नहीं)
  • सत्य, निर्भय, शक्तिशाली, शेरनी… परखने-समेटने-सार में लानी की श्रेष्ठ शक्ति
  • ड्रामा का पाठ पक्का, नथिंग-न्यू, साक्षी… कर्मभोग पर विजयी, एकरस, अचल अडो़ल… सदा आत्मिक स्थिति-दृष्टि

सम्बन्ध-सम्पर्क

  • सबकी पालना करना, सदा तृप्त-सन्तुष्ट, इच्छा मात्रम अविद्या, कामधेनु (सबकी शुद्ध मनोकामनाएं पूरी करना)… गुप्त सेवाधारी-पुरूषार्थी
  • इशारों से समझाना, सबकी बातों को समाना
  • जगत माता, यज्ञ माता, पहली मुख्य प्रशासिका, कुशल प्रशासन,… एडवांस पार्टी की लीडर

ब्राह्मण जीवन में

  • 2-3 बजे उठना… मुरली की मस्तानी, रेग्युलर, पंचुअल, एकाग्र-चित्त… विशाल-बुद्धि (हर बात की गहरी-स्पष्ट समझ)… ज्ञानवान, श्रेष्ठ चिन्तन-समझानी-प्रभाव… एक टॉपिक पर क्लास
  • श्रीमत-नियम-मर्यादा-धारणाओं पर आज्ञाकारी-वफादार-फरमानवरदार-सपूत-ईमानदार… हाँ जी, फोलो फादर, बाबा का पूरा regard-स्नेह रखना
  • वैराग्य (देह-दुनिया से न्यारी-उपराम), त्याग-तपस्या (पक्की योगी), निश्चय-समर्पण (एक ढक सेे)

लौकिक में

  • पढ़ाई में श्रेष्ठ… गीत-संगीत-नृत्य-कला में निपुण

भक्ति से सम्बन्धित

  • गायन-योग्य, पूजन-योग्य, साक्षात्कार-मूर्त
  • सच्ची दुर्गा (दुर्गुणों पर विजयी), काली (पुराने संस्कार-कलंकों पर विजयी), सरस्वती (ज्ञान की देवी), लक्ष्मी (ज्ञान धन लुटाने वाले), अंबा (पालना), गायत्री देवी

सार

तो चलिए आज सारा दिन… हमारी मीठी मम्मा की इनसभी विशेषताएं को स्वयं में धारण कर… मम्मा-समान बहुत तीव्र सम्पन्न-सम्पूर्ण बन, सबको बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Becoming a flower & gardener! | Sakar Murli Churnings 26-06-2019

Becoming a flower & gardener! | Sakar Murli Churnings 26-06-2019

रावण (देह अभिमान, विकार, दुःख) कांटों का जंगल बनाता, बागवान बाबा फूलों का बगीचा बनाते, हमें अभी फूल बना रहे हैं… कोई की दृष्टि-वृत्ति थिक नहीं (बताते भी नहीं) और कोई पक्के-पवित्र है (सोने की चिड़िया), तो चेकिंग-पुरूषार्थ और सर्वश्रेष्ठ पधाई-योग द्बारा अपनी खामियों को निकालने हैं, औरों को भी भूं-भूं कर आप समान बनाना है… निर्बंधन माली बन, बहुत उमंग-उत्साह से सबको सच्ची कथा सुनाकर फूल जरूर बनाना है, तब ही पद ऊंचा-श्रेष्ठ बनेंगा

सार

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि हम फूल-माली दोनों है, तो सदा ज्ञान-योग-धारणा-सेवा द्बारा खुशबूदार फूल बनते रहे… तो हमारे श्रेष्ठ वाइब्रेशन स्वतः ही औरों को भी फूल बनाते रहेंगे… और हम साथ में फूलों का बगीचा सतयुग बनाने के निमित्त बन जाएंगे… ओम् शान्ति!


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Being Children of the Master! | Sakar Murli Churnings 25-06-2019

Being Children of the Master! | Sakar Murli Churnings 25-06-2019

1. हम साहब के बच्चे साहबजादे है, श्रीमत पर याद-सेवा द्बारा (और माया पर विजयी बन) नई सुख-शान्ति सम्पन्न स्वर्ग की राजधानी स्थापन करते, शहजादे बनते… तो सदा खुशी-नशे-फलक में रहना है, मुरली सुनने से रोमांच खड़े हो जाए, कोई भी ईच्छा-मांगना न हो

2. तबीयत अच्छी होती याद और सेवा से, वैभव से नहीं…सारा विश्व परिवर्तन हो स्वर्ग बनना है, तो सबको पैगाम देना है, भिन्न-भिन्न युक्तियों से… सेवा (भाषण, धन, भोजन बनाना, आदि) जरूर करनी है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… सदा अपने को बाबा का साहबजादा समझ, उनके सर्व खजाने को स्वयं में समाते, सर्व प्राप्तियों से भरपूर बन… सबको बांटते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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