Overcoming Weaknesses | कमझोरीयों से मुक्त होने की सहज विधि | Avyakt Murli Churnings 16-12-2018

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Overcoming Weaknesses | कमझोरीयों से मुक्त होने की सहज विधि | Avyakt Murli Churnings 16-12-2018 

चैतन्य चात्रक! 

बाबा कहते मेरे सभी बच्चे चात्रक है… 3 रीति से:

  • सुनना… इसमे सभी नम्बरवन है… मास्टर मुरलीधर बन सहज ही मास्टर सर्वशक्तिवान बन सकते हैं 
  • मिलना… बाबा के संग में रहना… और गुणों और शक्तियों के रंग में रंगना… इसमें नम्बर है 
  • बनना… अर्थात हर संकल्प, बोल और कर्म में फॉलो फादर करना, हममे बाप दिखाई दे… इसमें सब यथाशक्ति है 

शक्तिशाली संकल्प को फलदायक बनाने की सहज विधि

शक्तिशाली संकल्प होते भी वह फल क्यूँ नहीं देता?… जैसे स्थूल बीज को धरती, पानी, धूप और देख-रेख चाहिए… हमारे शक्तिशाली संकल्प रूपी बीज को भी चाहिए:

  • धारणा रूपी धरती 
  • ज्ञान रूपी जल 
  • याद रूपी धूप (वा गर्मी) 
  • Attention रूपी देख-रेख

तो श्रेष्ठ संकल्प का प्रत्यक्षफल (अर्थात खुशी और अतिन्द्रीय सुख) अवश्य प्राप्त होता है! 

हमारी विशेषताएं! 

बाबा ने कहा हमारी विशेषताओं की लंबी चौड़ी माला है

  • सेवा में उमंग उत्साह अच्छा है, स्नेह है, खुशी के झूले में झूलते हैं, एकता अच्छी है 
  • पहचानने की और मेहसूस करने की शक्ति है, catching power अच्छी है, दृढ़ता है 
  • दूर होते भी समीप है… वाह बाबा, वाह परिवार, वाह ड्रामा के गीत अच्छे गाते हैं… बाप और परिवार के समीप है… मधुबन की शान और शृंगार है 

विशेषताएं बहुत है, और कमझोरी एक है… और वह भी 99% परिवर्तन हो गई है, सिर्फ 1% बाकी है… वह भी हुई पड़ी है

छोटी बातों को मिटाओ, हटाओ, और उड़ो! 

बच्चे जल्दी घबरा जाते हैं… फिर सोच सोचके बात को बड़ा बना लेते हैं… बातें हैं कंकड़, चींटी वा चूहे जैसी छोटी, लेकिन:

  • चींटी माथे में घुस जाती है, tension आदि के रूप में… उसको पांव के नीचे कर देना है
  • चूहा हमारी सहनशक्ति, सरलता, स्नेह को काट लेता… इसलिए उसको सवारी बनाकर, गणेश बनना है! 

अन्य पॉइन्ट्‍स 

  • कल्प पहले भी मिले थे, इसलिए फिर से अपना अधिकार लेने आए हैं… हमारे परिवार में, स्वीट होम में पहुँच गए 
  • ज्ञान, गुण और शक्तियों के अविनाशी खझाने से भरपूर रहते हैं, इसलिए हम जैसा धनवान कोई नहींहमारी ईश्वरीय position भी सबसे ऊंच है, इसे कोई छीन नहीं सकता… सिर्फ कमझोरी के पास्ट के व्यर्थ चिंतन से बचना है 

सार 

तो चलिए आज सारा दिन… हर कदम पर बाबा को फॉलो कर, अतिन्द्रीय सुख और खुशी के झूले में झूलते रहें… और बाबा ने बताई हुई अपनी विशेषताओं को स्मृति में रख, सभी कमझोरियों से मुक्त रहे… ओम् शान्ति!


Also read: How to overcome Weaknesses? | भूतों (अर्थात कमज़ोरियां) को भगाने की सहज विधि | Sakar Murli Churnings 03-12-2018

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Becoming an Angel | फरिश्ता स्वरूप की परिभाषा | Avyakt Murli Churnings 15-12-2018

Becoming an Angel | फरिश्ता स्वरूप की परिभाषा | Avyakt Murli Churnings 15-12-2018

आज बाबा हमारे 3 रूप देख रहे हैं… ब्राह्मण सो फरिश्ता सो देवता… यही हम संगमयुगी ब्राह्मणों का लक्ष्य और लक्षण हैं 

फरिश्ता-पन की परिभाषा और लक्षण

हमारा एम ऑब्जेक्ट है लक्ष्मी-नारायण बनना, लेकिन देवता बनने से पहले फरिश्ता बनना है… यही तीव्र पुरुषार्थ करना है, धुन लगानी है, संगमयुग के अन्तिम स्टेज को emerge करना है कि मैं डबल लाइट फरिश्ता हूँ!

फरिश्ता अर्थात स्वराज्य अधिकारी, कर्मेन्द्रियों का राजा, बाबा का राजा बच्चा… लाइट के स्वरूप-धारी

फरिश्ता अर्थात इन सभी बातों में लाइट (अथवा न्यारा):

  • संकल्प, स्वभाव, संस्कार 
  • देह, सम्बन्ध, सम्पर्क (अर्थात औरों के स्वभाव संस्कार), संसार

तो ब्रह्मा बाप, मम्मा और दादीयों समान सबके प्यारे, प्रिय बन जाएंगे… सब कहेंगे यह मेरे हैं!

हमे मस्तक पर आत्मा की लाइट अनुभव होगी, बोलते हुए अशरीरी हो जाएंगे, विस्तार सार में समा जाएगा, हमारी दृष्टि से रूहानियत की लाइट सबको मिलेंगी!

हम सहज कर्मातीत बन जाएंगे! 

अब क्या सेवा करनी है? 

सेवा में उमंग-उत्साह अच्छा है, प्लेन्स अच्छे बनाते हैं, सभी परिवार के प्यार की system से प्रभावित होते हैं, मानते हैं ब्रह्मकुमारियों का ज्ञान अच्छा है 

अब सेवा में addition चाहिए फरिश्ता बनने के धुन की… इससे अशरीरी बनना बहुत सहज हो जाएगा 

अशरीरी बनने के अभ्यास से मेहनत कम, सफलता ज्यादा मिलेगी… अशरीरी-पन के वातावरण से सबको अनुभव करा सकते हैंप्राप्तियों, शक्तियों, शान्ति, आत्मिक प्रेम, खुशी, सुख, आनंद का

इससे सब कहेंगे मेरा बाबा, मैं बाबा का और बाबा मेरा… अर्थात बाप की प्रत्यक्षता हो जाएंगी

सबसे बड़ा विघ्न है अभिमान 

सेवा में वा फरिश्ता बनने में सबसे बड़ा विघ्न है देह भान (63 जन्मों का संस्कार) और देह अभिमान… अर्थात अपने गुण, कला, विशेषता (भाषण करना, कोर्स कराना, हैंडलिंग, आदि) का अभिमान

अभिमान को चेक करने की सहज विधी है:

  • अपमान बहुत जल्दी महसूस होगा 
  • रोब (क्रोध का अंश) आ जाएगा 

(अभिमान को समाप्त करने लिए निमित्त भाव, और बाबा के दिए हुए सभी उपकारों को कभी नहीं भूलना है) 

सार 

तो चलिए आज सारा दिन… चलते फिरते अपने डबल लाइट फरिश्ता स्वरूप में स्थिति रहे… इससे हर बात में लाइट और सर्व के प्यारे रहेंगे… और अशरीरी-पान के वातावरण द्वारा सर्व को परमात्म प्राप्तियों का अनुभव कराते रहेn… इससे सहज परमात्मा प्रत्यक्षता होगी, और यह संसार पुनः स्वर्ग बन जाएगा… ओम् शान्ति! 

How God creates the New World | सतयुगी सृष्टि कैसे स्थापन होती है | Sakar Murli Churnings 15-12-2018

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How God creates the New World | सतयुगी सृष्टि कैसे स्थापन होती है | Sakar Murli Churnings 15-12-2018

आज बाबा ने मुरली में (रात्रि क्लास सहित) बड़ी स्पष्ट रूप में समझाया है कि नई दुनिया की स्थापना कैसे होती है! 

नई दुनिया की स्थापना

  • बेहद की रात (कलियुग) में है दुख, भगवान की पुकार, आदि… और सतयुग-त्रेता में है सुख, अशोक वाटिका… सर्वोत्तम आदि सनातन देवी-देवता धर्म
  • यह वही गीता एपिसोड चल रहा है… भगवान (ब्रह्मा के) रथ पर आए हैं, हम सभी अर्जुन (अपने अपने शरीरो के रथी) को ज्ञान देने… और इस महाभारत (अर्थात माया के साथ युध्द) में विजयी बनाने 
  • पवित्रता ही सुख-शान्ति की जननी है… इसलिए पीस स्थापन करने लिए बाबा राजयोग सिखाते, पवित्रता की प्रतिज्ञा कराते! 
  • सबको मिठास से, रॉयल्टी से, समझ-पूर्वक ज्ञान सुनाना है… और हमारी बुद्धि में धारणा तब होगी, जब योग अच्छा होगा… फिर भव्य रूप से भी समझा सकते हैं! 

रात्रि क्लास के पॉइन्ट्‍स 

  • मंगलम भगवान विष्णु… अर्थात हम अभी भगवान के साथ मंगल मिलन मना रहे हैं, जिससे भविष्य में विष्णु कुल में जाएँगे! 
  • इसलिए हम ब्राह्मणों जैसा खुशनसीब वा सौभाग्यशाली कोई नहीं 
  • बाबा कहते तुम जैसी ईश्वरीय समझ सारे कल्प में किसी के पास नहीं 
  • हम ब्राह्मण सिर्फ खुद देवता नहीं बनते, बल्कि सर्व को मनुष्य से देवता बनाने की सेवा करते हैं! 

और जब हम सब एक बड़ी संख्या में तैयार हो जाते, तो इसके प्रभाव से सारे विश्व की स्थिति बदल जाती, और यह सृष्टि परिवर्तन हो सतयुग बन जाती! 

सार 

तो चलिए आज सारा दिन… राजयोग का अभ्यास (अर्थात परमात्म मिलन) करते हुए, बहुत शुध्द और ऊंची स्थिति में स्थित रहे… और इस खुशनसीबी, मीठे बोल और रॉयल व्यवहार से सबका बुद्धियोग परमात्मा से जोड़ते रहे, जिससे सहज ही इस सृष्टि पर सतयुग स्थापन हो जाए!… ओम् शान्ति!

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Inculcating Divine Virtues | दैवी मैनर्स कैसे धारण करे |Sakar Murli Churnings 14-12-2018

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Inculcating Divine Virtues | दैवी मैनर्स कैसे धारण करे | Sakar Murli Churnings 14-12-2018

आज बाबा ने मुरली दैवीगुणों की धारणा पर चलाई है

बहुत मीठा कैसे बनें?

  • बहुत मीठा बनना है (जैसे लक्ष्मी नारायण कितने हर्षित है, कितने प्यारे लगते हैं)
  • इसके लिए बड़ा सयाना योगयुक्त बनना है, तो अपने आप शान्तचित रहेंगे… फिर बोल भी कम मीठे ज्ञानयुक्त, और व्यवहार बडा रॉयल रहेगा! 
  • एक आंख मे मुक्ति और दूसरी में जीवनमुक्ति हो! 
  • पवित्र बनना है… इसके लिए सद्गति दाता के दिए हुए सत्य ज्ञान को अच्छे से पढ़ना है, तो पावन बन जाएंगे! 

विश्व में शान्ति कैसे हो? 

  • सब चाहते है विश्व में शान्ति हो, वह कैसे होगी? 
  • जब हम सब अंदर से शान्त होंगे, तो अपने आप विश्व में शान्ति हो जाएगी
  • ऎसी सच्ची शान्ति (अथवा मुक्ति जीवनमुक्ति) तो बाबा के सिखाए हुए राजयोग से ही प्राप्त होती है!

सर्वव्यापी की बात

जितना परमात्मा (जो मिठास का सागर है) को यथार्थ रूप से याद करेंगे, उतना मीठा बनेंगे… इसके लिए बाबा अपना सत्य परिचय देते हैं, और समझाते कि मैं सर्वव्यापी नहीं हूँ… बाबा ने आज सर्वव्यापी की बात पर 3 पॉइंट्स सुनाए:

  • हम सभी ईश्वरीय सन्तान है, अर्थात ब्रदर्स है… लेकिन अगर सबके अंदर परमात्मा है, तो ब्रदरहूद के बजाए फादरहूद हो जाए! 
  • कोर्ट में परमात्मा के नाम पर कसम उठावाते हैं, इससे सिद्ध है कि परमात्मा कोई अलग चीज़ है 
  • परमात्मा को बुलाते हैं, तो जरूर वह हमारे अंदर नहीं है! 

सार 

तो चलिए आज सारा दिन… अति मीठे बाबा की याद में रह, हम खुद भी बहुत मीठे, रॉयल और शान्तचित रहे… जिससे सब को ऎसा बनने की प्रेरणा मिले, और हम साथ में इस सृष्टि को सतयुग बना दें… ओम् शान्ति! 

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191 स्वमानों की माला | List of 191 Swaman (Self-Respect points)

175 स्वमानों की माला | List of 175 Swaman (Self-Respect points) image

191 स्वमानों की माला | List of 191 Swaman (Self-Respect points)

बाबा हमें बहुत ऊंची दृष्टि से देखते हैं… इस आधार से बाबा हमारे लिए जो भी शब्द उच्चारते, वह हमारे स्वमान बन जाते हैं!

तो आपके लिए, बाबा के दिए हुए 191 स्वमानों की लिस्ट तैयार की है, पुरुषार्थ को अति सहज बनाने के लिए!

अनादि (आत्मिक) स्वरूप

आत्मा का रूप

आत्मा के गुण

  • ज्ञान स्वरूप आत्मा, पवित्र स्वरूप आत्मा, शान्त स्वरूप, प्रेम, सुख, आनंद, शक्ति
  • मास्टर ज्ञान सागर, मास्टर पवित्रता का सागर, मास्टर शान्ति का सागर, प्रेम, सुख, आनंद, शक्ति
  • मास्टर नॉलेजफूल, ज्ञान गंगा, मास्टर ज्ञान सूर्य
  • परम पवित्र, मास्टर पतित पावनी, मास्टर पवित्रता का सूर्य
  • शान्तिदूत, शान्ति का फरिश्ता, शान्ति के भण्डार
  • प्रेम का अवतार
  • रहमदिल, दयालु, कृपालु
  • सुखदेव, मास्टर सुखकर्ता दुखहर्ता
  • सत-चित्-आनंद स्वरूप
  • मास्टर सर्वशक्तिवान, मास्टर ऑलमाइटी अथॉरिटी, समर्थ आत्मा

देवता स्वरूप

  • दिव्य आत्मा (देवता)
  • विश्व के मालिक, स्वर्ग के मालिक, विश्व राज्य अधिकारी, डबल ताजधारी
  • सर्वगुण सम्पन्न, सोलह कला सम्पूर्ण
  • सम्पूर्ण पवित्र, सम्पूर्ण निर्विकारी, सच्चे वैष्णव
  • डबल अहिंसक (अहिंसा परमोधर्म)
  • मर्यादा पुरुषोत्तम

पूज्य स्वरूप

  • पूज्य आत्मा, पूर्वज आत्मा, महान आत्मा
  • इष्ट देवी, शिव शक्ति, विघ्न विनाशक
  • आधार मूर्त, उद्धार मूर्त, उदाहरण मूर्त

फरिश्ता स्वरूप

ईश्वरीय जीवन

ज्ञान

  • ईश्वरीय सन्तान
  • गॉडली स्टूडेंट, ज्ञानी तू आत्मा
  • ब्रह्मा मुख वंशावली ब्राह्मण, ब्रह्माकुमार / ब्रह्माकुमारी
  • तीव्र पुरुषार्थी, सहज पुरुषार्थी, सच्चे पुरुषार्थी
  • स्वदर्शन चक्रधारी
  • त्रिकालदर्शी, त्रिनेत्री, त्रिलोकीनाथ
  • अकालतख्त-नशीन 
  • मास्टर क्रिएटर, मास्टर सतगुरू, मास्टर भगवान, मास्टर ब्रह्मा
  • अनन्य रत्न

योग

  • सहज योगी, निरन्तर योगी, स्वतःयोगी, कर्मयोगी
  • योगी तू आत्मा
  • राजयोगी, राजऋशी
  • बेहद के वैरागी, बेहद के सन्यासी, सर्वस्व त्यागी

भगवान का प्यार

  • भगवान के सिरमोर, नैनो के नूर, मस्तक मणी, गले का हार, दिलतख्तनशीन
  • रूहानी आशिक, दिलाराम की दिलरूबा, प्रीतमा
  • सच्ची गोपी, सच्ची सीता, सच्ची पार्वती

दिव्य गुणों की धारणा

  • धारणा-मूर्त, स्व चिंतक, शुभ चिंतक
  • संतुष्टमणी, सरलचित्त, मधुरभाषी, नम्रचित्त, निरहंकारी
  • आज्ञाकारी, वफादार, फरमानवरदार, ईमानदार, सपूत
  • एकनामी, एकव्रता
  • महावीर, महारथी, पाण्डव, रूहानी योद्धा
  • अचल, अडोल, एकरस
  • स्वमानधारी, स्वराज्य अधिकारी
  • एवर-रेडी, समाधान स्वरूप, सिद्धि स्वरूप
  • होली हंस
  • स्नेही
  • माननीय, गायन योग्य, पूजन योग्य

सेवा

  • अंधो की लाठी, रूहानी सेल्वेशन आर्मी, रूहानी सोशल वर्कर
  • भगवान के राइट हैंड, भगवान की भुजाएं, भगवान के मददगार, खुदाई खिदमतगार
  • दानी, महादानी, वरदानी 
  • सहयोगी, परोपकारी
  • सच्चे सेवाधारी, निरन्तर सेवाधारी, रूहानी सेवाधारी, ऑल-राउंड सेवाधारी
  • रूहानी माली, रूहानी सेल्समैन
  • विश्व कल्याणकारी, विश्व परिवर्तक
  • यज्ञ रक्षक

सार (191 स्वमानों की माला)

तो चलिए आज सारा दिन… भिन्न भिन्न स्वमानों का अभ्यास करने हुए सदा ऊंची स्थिति में स्थित रहे, जैसे बाबा हमें देखना चाहते हैं!… ओम् शान्ति!


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हमारी ईश्वरीय पढ़ाई के 4 सब्जेक्ट है:

  • ज्ञान
  • योग
  • दिव्यगुणों की धारणा
  • सेवा

इसमे बहुत महत्वपूर्ण सब्जेक्ट है योग

तो आपके योग को बहुत सहज, नवीन और आनंदमय बनाने के लिए… यह योग के 50 विभिन्न अभ्यास दिए हुए है (हर एक अभ्यास को dark में लिखा हुआ है)

स्व से संबंधित

  • आत्मा का अभ्यास
    • देही अभिमानी स्थिति (मैं आत्मा इस शरीर द्वारा कर्म कर / करा रही हूं)
    • आत्म अभिमानी स्थिति (आत्मा के 7 अनादि गुणों का अनुभव… ज्ञान, पवित्रता, शान्ति, प्रेेेेम, सुख, आनंद, शक्तियां)
    • अशरीरी स्थिति (बैठे हुए अनुभव हो, कि यह देह अलग और मैं आत्मा अलग हूं)
    • विदेही स्थिति (परमधाम निवासी, बीजरूप स्थिति)
  • फरिश्ता स्वरूप का अभ्यास 
  • देवता स्वरूप का अभ्यास 
  • पांच स्वरूपों की ड्रिल (अनादि, आदि, पूज्य, ब्राह्मण, फरिश्ता) 
  • भिन्न भिन्न स्वमान का अभ्यास (मास्टर ज्ञान सूर्य, स्वराज्य अधिकारी, आदि) 

स्थानों से संबंधित

  • परमधाम में टिकना 
  • सूक्ष्मवतन में रहना 
  • सतयुग में जाना 
  • मन बुद्धि से मधुबन की सैर करना 

बाबा की याद

  • शिवबाबा को याद करना (निराकार ज्योति बिन्दु स्वरूप) 
  • बापदादा की याद (शिव बाबा, अव्यक्त ब्रह्मा बाबा के तन में)…. (दृष्टि लेना, वरदान लेना, तिलक लगवाना) 
  • बाबा से रूहरुहान (अर्थात बातें) करना 
  • बाबा से सर्व संबंधों का अनुभव (माँ, बाप, शिक्षक, सतगुरु, बंधु, सखा, साजन, सर्जन, बच्चा
  • बाबा को भिन्न भिन्न titles के आधार से याद करना (बागवान, खीवैया, रत्नागर, जादूगर, आदि) 

कर्मयोग के अभ्यास 

  • में आत्मा इस शरीर द्वारा कर्म कर / करा रही हूं (देही अभिमानी स्थिति) 
  • बाबा के साथ का अनुभव (हाथों में हाथ, बाबा की छत्रछाया सिर पर, दुआओं का हाथ सिर पर) 
  • भोजन करते हुए (बाबा मुझे खिला रहे हैं, बाबा की शक्तिशाली किरणें भोजन पर पड़ रही है) 
  • सोते हुए (बाबा की गोद में सोना) 

औरों से संबंधित

  • आत्मिक दृष्टि (अर्थात औरों को आत्मा देखना) 
  • बातें करते हुए (मैं आत्मा बोल रही हूँ, आत्मा से बात कर रही हूं
  • बातें सुनते हुए (मैं आत्मा सुन रही हूँ, आत्मा से सुन रही हूं
  • सकाश देना 
  • किसी की याद आए तो, उन्हें आत्मा देखकर शुभ भावना का दान देना

स्मृति में रखना की

  • अब घर जाना है 
  • यह संगमयुग का समय चल रहा है 
  • बाबा आया हुआ है 
  • आदि

सार (राजयोग के 50 विभिन्न अभ्यास)

तो चलिए आज सारा दिन… योग के विभिन्न अभ्यास करते हुए अपने योग के चार्ट को बढ़ाते जाए, और निरन्तर सहजयोगी बनने के हमारे लक्ष्य तक जल्दी से जल्दी पहुंच जाएं!… ओम् शान्ति! 


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Easy Techniques of transforming karmic accounts | हिसाब-किताब चुक्तू करने की सहज विधि | Sakar Murli Churnings 10-12-2018

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Sakar Murli Churnings 10-12-2018

सेवा के पॉइन्ट्‍स 

  • कर्म करते भी, अपनी शक्तिशाली स्थिति में स्थित रहना है… तो यह ज्ञान योग की रूहानी purity की  personality स्वतः सेवा करती रहेगी!  
  • त्रिवेणी पर, मंदिरों में (अंबाजी, माँ काली, लक्ष्मी नारायण, श्रीराम, आदि के) समझाना है… वानप्रस्थी और भक्तों को भी समझाना है… जगदम्बा की महिमा, भारत की महिमा, गीता का भगवान, परमात्मा से संबंध, आदि पर समझाना है… व्यवहार के साथ-साथ सेवा भी करनी है
  • विचार सागर मंथन करते, ज्ञान की पराकाष्ठा लानी है… योगबल भी चाहिए
  • अच्छा समझाएंगे तो… आसपास वाले और मित्र संबंधी भी आएंगे, निमंत्रण देंगे, सर्विस की सहज वृद्धि होगी

गृहस्थ व्यवहार में रहते हिसाब-किताब चुक्तू करने की सहज विधि

  • देही अभिमानी बनकर निरन्तर याद में रहने का अभ्यास करना है… इससे हमारी ऊर्जा बहुत ऊचे स्तर पर रहती है 
  • घर (और अमरलोक) को देखते रहो… हमें वहां जाना है… तो पुरानी दुनिया सहज भूलती जाएगी… और हमारे संकल्प और vibrations सहज नई सतयुगी सृष्टि की रचना करते रहेंगे! 
  • पूरी पवित्रता चाहिए… पुरानी देह से भी बेगर बनना है… तो बेगर से prince बन जाएंगे! 
  • किसी में बुद्धियोग नहीं लटकाना है… अर्थात सब को आत्मा देखना और बाबा का बच्चा समझना है… और सदा देते रहना है (स्नेह, सम्मान, दुआएं, शुभ भावनाएं, आदि), कुछ भी लेने की आश नहीं रखनी है 

ज्ञान के पॉइन्ट्‍स

  • जगदम्बा को eve वा बीबी भी कह सकते हैं… क्योंकि नई सृष्टि बनाने के निमित्त बनती है… परमपिता परमात्मा की सन्तान, ब्रह्मा मुख द्वारा adopt हुई है… तो जैसे वह राजयोग की तपस्या कर रही है, हमें भी करके स्वर्ग का मालिक बनना है! 
  • परमात्मा का सत्य परिचय… नाम शिव, निराकार, रचयिता, ज्ञान का सागर, ब्रह्मा मुख द्वारा ज्ञान देते, पुरानी सृष्टि को नया बनाते हैं, सूर्यवंशी राजधानी स्थापन करते
  • इतनी छोटी आत्मा में पूरा 84 जन्मों का पार्ट नुन्धा हुआ है… अब यह पार्ट भी पूरा होने को है

सार 

तो चलिए आज सारा दिन… बाबा के प्रेम में लवलीन रहे, जिससे सहज पुराने-पन से मुक्त रहेंगे… और हर कदम अपने संकल्प, स्थिति और vibrations द्वारा सतयुग बनाते रहेंगे… ओम् शान्ति! 

Becoming a great donor| महादानी, वरदानी बनो | Avyakt Murli Churnings 09-12-2018

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Becoming a great donor | महादानी, वरदानी बनो |Avyakt Murli Churnings 09-12-2018

जब मधुबन वा सेन्टर पर आते हैं 

  • स्वयं को सम्पन्न, अप्राप्ति से मुक्त अनुभव करना है 
  • सभी खजानों को अच्छे से धारण करना है 
  • फिर सारा दिन महादानी, वरदानी बनकर… सब को शक्तियों और प्राप्तियों का दान देते रहना है!… और सर्व के लिए समाधान स्वरूप बनना है

ब्राह्मण जीवन के stages 

  • बाल…
    • समस्याओं में उलझे रहना…. क्यूँकि समस्याएं कमजोर मन की रचना है, और शक्तिहीन बनाती है, बाप को भूलाती है, और पाप भी कराती है
    • अभी वह समय पूरा हुआ 
  • युवा… 
    • मायाजीत बनने की विधि द्वारा महावीर बनना 
    • सेवा में चक्रवर्ती बनना, अर्थात चारों ओर सेवा करते रहना 
    • सर्व के प्रति महादानी, वरदानी बनना 
    • अनेक प्रकार के अनुभवो को बढ़ाकर महारथी बनना 
    • अब यह समय भी पूरा होने को आया है
  • वानप्रस्थ अवस्था (अर्थात कर्मातीत, फरिश्ता स्थिति)
    • सर्व अत्माओं को मुक्ति का वर्सा दिलाना, कर्म-बंधनों से मुक्त करना 
    • सबको देते रहना… बहुतकल अर्थात अभी से देने का अभ्यास करना है
    • तीव्र गति का पुरुषार्थ करना है… उड़ती कला के पुरुषार्थ द्वारा मायाजीत वा निर्बंधन रहना है
    • स्वयं और सर्व के लिए समाधान स्वरूप बनना है

बाबा कहते… सभी आपको इष्ट-देव रूप में याद करते, और आप mood off करते, तो आपके दुखी vibrations (गरम आंसू) सब को पहुंचते हैं… इसलिए हम एक सेकंड भी मायूस नहीं हो सकते… इसलिए ब्रह्मा बाप समान इष्ट-देव रूप emerge करना है, और सबकी पालना करनी है! 

अन्य पॉइंट्स 

  • जैसी स्मृति, वैसी स्थिति और कर्म अपने आप बन जाते हैं… तो आज बाबा ने कई श्रेष्ठ स्मृतियाँ दी:
    • में बाप समान श्रेष्ठ आत्मा हूँ 
    • मैं ब्रह्मा मुख वंशावली सर्वोत्तम ब्राह्मण कुल भूषण आत्मा हूँ
    • हम भगवान के बन गए, ऐसा अलौकिक जन्म कल्प में एक ही बार होता है! 
    • हमने भगवान को अपना बना लिया, अब और क्या चाहिए! 
    • सदा एक का पाठ पक्के करते रहना है 
  • शुभ भावनाओं का दान देते रहने से, जादुई परिवर्तन होता है
    • मन की हलचल समाप्त हो जाएगी, पुरुषार्थ का आनंद ले सकते हैं
    • संगठन की छोटी छोटी बातें, समस्याएं समाप्त हो जाती है

सार 

तो चलिए आज सारा दिन… महादानी वरदानी बनकर सर्व को खुशियां बांटते रहे… ओम् शान्ति! 

Becoming pure! – Sakar Murli Churnings 08-12-2018

Becoming Pure imageBecoming pure! 

Sakar Murli Churnings 08-12-2018

ज्ञान की पॉइंट्स

  • कलियुग पतित, भ्रष्टाचारी दुनिया है…इस समय कोई भी पावन नहीं
  • इसलिए पतित-पावन बाप को संगम पर आना होता है
  • उसके ज्ञान से सद्गति हो जाती है… अर्थात पावन श्रेष्ठाचारी दुनिया, सतयुग बन जाती है!

योग की पॉइंट्स

  • हमारे योग में बहुत ताकत है… इससे पावन, पाप से मुक्त बनते और अंत मति सो गति हो जाती… इसलिए ऐसा अभ्यास करना है, जो अंत समय एक बाप ही याद आए… तो हमारा भविष्य और वर्तमान दोनों बहुत सुन्दर बन जाता हैं!

सेवा की पॉइन्ट्‍स

  • अंधों की लाठी बनना है
  • सामझाने वाले बड़े अच्छे चाहिए… निरहंकारी रहकर silence में सेवा करनी है… युक्तियुक्त आदरपूर्वक समझाना है
  • वाचा सेवा के साथ, मन्सा भी शुभ भावनाओं और दुआओं से भरपूर रखनी है
  • मण्डप लेकर प्रदर्शनी लगानी है, चित्र रखने हैं, पर्चे बांटने है, जान-पहचान हो तो बहुत अच्छा

अन्य पॉइन्ट्‍स

  • स्थूल पानी सूक्ष्म आत्मा को पावन नहीं बना सकता… इसलिए पतित-पावन वाप को बुलाते हैं… उससे यथार्थ योग लगाने से ही आत्मा पावन बन सकती है
  • कहते हैं परमात्मा की गतमत न्यारी है… अर्थात उसकी श्रीमत से हम सद्गति पा लेते हैं!
  • एक बहुत सुन्दर आध्यात्मिक अर्थ…. श्रीनाथजी और जगन्नाथ-पुरी एक का ही यादगार है, लेकिन श्रीनाथ द्वारे 56 प्रकार के भोग बनते और जगन्नाथ में सूखे चावल का भोग लगता… अर्थात जब हम पावन गोरे सतोप्रधान होते हैं, तो धन साधन वैभव कमाना सब सहज हो जाता है… लेकिन पतित होने से आवश्यकताओं के लिए धन कमाना भी मुश्किल हो जाता है!

सार

तो चलिए आज सारा दिन… पवित्रता के सागर से योग लगाकर अतिन्द्रीय सुख और आनंद का अनुभव करते रहें… और सबको ऎसे आनंद से भरपूर होने का रास्ता बताते रहे!

ओम् शान्ति!

Inculcating God’s knowledge | Sakar Murli Churnings 07-12-2018

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Sakar Murli Churnings 07-12-2018

आज बाबा ने ज्ञान, पढ़ाई और श्रीमत पर मुरली चलाई

बाबा की महिमा

  • बाबा ज्ञान का सागर है, उनमे नॉलेज है
  • जो हमें बाबा ब्रह्मा मुख द्वारा direct देते हैं
  • जिससे मम्मा समान हम Goddess of Knowledge बन जाते हैं
  • और फिर मनुष्य से देवता, अर्थात फिर Goddess of Wealth बन जाते हैं… उसमे health, wealth, happiness सब आ जाता है!

तो हमें क्या करना है? 

  • सच्ची कमाई करनी है
  • और कमाई का आधार पढ़ाई है
  • और पढ़ते नहीं हैं, जब संग खराब होता है… फिर नापास होते, रसातल में चले जाते… श्रीमत पर नहीं चलते, और डिस-सर्विस के निमित्त बन जाते
  • इसलिए कदम कदम पर बाबा की राय पर चलना है, कुछ भी छिपाना नहीं है, गलती हो तो बाबा से क्षमा मांगनी है… तो हमसे गलतियों नहीं होगी, हमारा पद बच जाएगा
  • एकव्रता अर्थात एक बाबा की याद में रे‍हकर भोलेनाथ को राज़ी कर वरदानो से अपनी झोली भरनी है, खुशियों के जुले में जुलते रहना है!
  • याद और सेवा में busy रहना है… मन्सा वाचा दोनों सेवाएं साथ-साथ करनी है, तो डबल फल प्राप्त होगा

सेवा के पॉइंट्स

  • मनुष्य देवताओं की पूजा करते हैं, लेकिन उनके occupation को नहीं जानते, इसलिए पूरी प्राप्ति नहीं होती
  • तो समझाना है… की धर्म स्थापको को 2500 वर्ष हुए, तो जरूर उनके पहले देवताएं होंगे… देवताओं को भी आधाकल्प देना पड़े… तो जैसे हमारे पूर्वज देवताएं इतने दिव्य थे, हमें भी ऎसा बनना है!
  • और समझाने के साथ, अपने चेहरे और चलन से भी सेवा करनी है!

सार

तो चलिए आज सारा दिन, एक बाबा की याद में रहते, खुशियों में नाचते रहे!

ओम् शान्ति!