शान्ति अनुभव करने के 111 संकल्प | 111 Thoughts for experiencing Peace

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शान्ति अनुभव करने के 111 संकल्प | 111 Thoughts for experiencing Peace

शान्ति आत्मा का मुख्य गुण है, जिसके आधार से ही प्रेम, सुख, आनंद, शक्तियों स्थाई रहती… और हम ओम् शान्ति वाले, शान्ति के लिए ही जाने जाते… तो आज आपको शान्ति अनुभव करने के 111 संकल्प भेज रहें हैं… इन्हें बहुत खुशी से, बाबा की याद में स्वीकार करना जी!

मैं शान्त-स्वरूप हूँ!

  • मैं शान्त, शान्त-स्वरूप आत्मा हूँ… ओम् शान्ति… शान्ति मेरा स्वधर्म, निजी गुण, अनादि संस्कार, गले का हार है… मेरी शक्ति है
  • I am Peace, Peaceful, Peaceful Soul, Peace is my original nature… Patient, Calm, Relaxed, Silent, Light, Cool

मैं शान्ति के सागर की सन्तान हूँ!

  • उनकी शान्ति की किरणें-लहरें-वाइब्रेशन-प्रकंपन मुझ पर पड़ रही है… मैं शान्ति अनुभव कर रही हूँ… शान्ति से भरपूर-सम्पन्न हो रही हूँ, हो चुकी हूँ… मुझे सच्ची शान्ति, शान्ति का भण्डार-खज़ाना मिल गया है… शान्ति ही शान्ति है… मैं मास्टर शान्ति का सागर-सूर्य हूँ
  • मेरे चारों ओर शान्ति को किरणें फैल रही है… वायुमण्डल शान्त हो, सबको शान्ति के प्रकंपन मिल रहे हैं, मेरा स्थान शान्ति कुण्ड बन चुका है…

मैं शान्तिधाम की रहवासी हूँ!

निर्वाणधाम, आवाज़ से परे, मेरे चारों ओर शान्ति ही शान्ति है… Sweet Silence… Dead Silence… बेहद चेन-सुकून-विश्राम-आराम अनुभव हो रहा है… इस मुक्तिधाम में, मैं सम्पूर्ण-मुक्त, निर्बंधन, स्वतंत्र, आजाद, उड़ता पंछी हूँ

मैं शान्ति की दुनिया स्थापन करती हूँ!

मैं शान्ति दूत, शान्ति का फरिश्ता, शान्ति का अवतार, शान्ति देवा, शान्ति दाता हूँ… सबको शान्ति का पैगाम, सन्देश दे… शान्ति की दुनिया (अथवा विश्व में शान्ति) स्थापन करती हूँ

शान्ति-दाता!

सबका स्वधर्म शान्त है… सब शान्ति चाहते, सब को शान्ति मिले, सभी शान्ति से भरपूर हो, शान्त रहे… मैं सबको शान्ति का वरदान-अंचली-सहयोग दे रही हूँ

शान्ति बढ़ाने के लिए और संकल्प

  • जो हुआ अच्छा, जो हो रहा और अच्छा, और जो होने वाला वह और भी अच्छा… ड्रामा accurate-कल्याणकारी है, कोई बड़ी बात नहीं, बाबा मेरे साथ है… मैं निश्चिंत, भय-मुक्त, बेफिक्र, निर्संकल्प हूँ
  • मेरा मन शान्त, बुद्धि स्थिर (श्रीमत मिल गई है, अभी दूसरा कोई संकल्प नहीं, एक बल एक भरोसा), संस्कार शीतल है, चित्त मौन है … मैं मायाजीत हूँ… मेरा तो एक बाबा, दूसरा ना कोई
  • मैं धैर्यता-सम्पन्न शीतल हूँ… मेरे संकल्प धीरे, बोल कम है
  • मैं शान्त-चित्त, क्रोध-मुक्त, आशा-वादी, निश्चय-बुद्धि हूँ
  • मैं पुरानी देह-दुनिया-वस्तु-व्यक्ति से परे-न्यारी-उपराम हूँ… अशरीरी-विदेही हूँ… देह की चंचलता समाप्त, मैं बिल्कुल शान्त हो चुकी हूँ
  • पास्ट बीत गया, मुझे वर्तमान सुन्दर बनाना है, भविष्य तो स्वर्णिम है ही… सिर्फ़ थोड़ा समय है… बाबा मुझे धीरज दे रहे हैं… धीरज धर मनुआ

सार

तो चलिए आज सारा दिन… इन्हीं संकल्पों को दोहराते, बहुत शान्ति-सुख-हल्केपन का शक्तिशाली अनुभव करते रहे… औरों को भी ऎसी श्रेष्ठ शान्ति की अनुभूति कराते, विश्व में शान्ति का राज्य सतयुग स्थापन कर ले… ओम् शान्ति!

1) गीत: शान्ति सागर की लहरें…

2) गीत: शान्ति की शक्ति से…


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ईश्वरीय सेवा करने की 108 विधियाँ | 108 ways of doing service

ईश्वरीय सेवा करने की 108 विधियाँ | 108 ways of doing service

पिछले रविवार की मुरली में बाबा ने कहा… सबमें विशेषताएं हैं, उन्हें सिर्फ कार्य में लगाना है, तो सहज सफलता मिल जाएंगी… तो आज आपको 108 सेवा-योग्य विशेषताएं भेज रहें हैं, इनमें से कोई एक द्वारा भी स्वयं और सर्व का कल्याण कर सकते … इन्हें प्रेम से स्वीकार करना जी!

मन्सा सेवा

वाचा सेवा

  • ज्ञान सुनाना, अनुभव सुनाना, निमन्त्रण देना, भाषण (कोर्स, मुरली, स्पेशल प्रोग्राम) करना, स्पीकर का इंट्रो देना
  • कमेंटरी द्वारा योग कराना

कर्मणा सेवा

  • स्टेज-माइक-म्यूजिक-लाइट वा audience सम्भालना… हॉल की सफाई, खुर्सी सेट करना
  • भोजन बनाना (रोटी, टोली बनाना-पैक करना, सब्जी काटना-बनाना)
  • टोली देना… कुछ समय गाड़ी देना, ड्राइव करना
  • मधुबन में यज्ञ-सेवा करना, गाइड बनना

सम्बन्ध-सम्पर्क से

  • किसी को ले आना (प्रोग्राम पे, सेन्टर वा मधुबन)
  • औरों को सेवा सिखाना, चान्स देना, आगे बढ़ाना

विशेषताओं द्वारा

  • कलाओं द्वारा (गाना, नाचना, कविता-गीत-लेख लिखना, रचनात्मकता)
  • कंप्यूटर सेवा (ग्राफिक डिजाइन, pamphlet बनाना, ईमेल, आदि)
  • सोशल मीडिया (WhatsApp, Facebook, YouTube, SMS) द्वारा अच्छे quotes, classes, songs, videos भेजना

और सेवाएं

  • अपना समय-विशेषताएं सेवा में ऑफर करना
  • मन से (नई युक्तियां निकालना, suggestion देना)
  • धन से (बड़े दिनों पर, प्रोग्राम के वक्त, हर महीने, आदि)

श्रेष्ठ जीवन द्वारा

  • श्रेष्ठ स्थिति-वाइब्रेशन-सन्तुष्टता द्वारा… हर्षितमुख चेहरे, शीतल दृष्टि, मीठे बोल द्वारा… सुखदाई सम्मान-पूर्वक व्यवहार, रॉयल चलन द्वारा
  • शान्त-चित्त कार्य करने के तरीके से, अन्तर्मुखता, हल्केपन, पवित्रता से… श्रेष्ठ उसूल-नियम-मर्यादाओं द्वारा… सैंपल, example, आदर्श बनने से
  • धारणाओं द्वारा (रोज़ ज्ञान सुनना, योग करना, भोजन साइलेंस में बाबा की याद में करना, शुध्द भोजन, कार्य पहले 1 मिनट साइलेंस, परिस्थितियों में एकरस-अचल-अडो़ल-सकारात्मक रहना)

सार

तो चलिए आज सारा दिन… निरन्तर सेवाधारी बन, हर पल मन्सा-वाचा-कर्मणा अपने को निमित्त-निर्माण बन सेवा में busy रखे… सिर्फ़ हमें अपना समय-विशेषताएं को सेवा में ऑफर करना है, फिर बाबा अपने समय पर जैसे चाहे use करें… हमें अपनी श्रेष्ठ योगयुक्त स्थिति द्वारा सदा शान्ति प्रेम आनंद का अनुभव करते और कराते, सतयुग स्थापन करने रहना है… ओम् शान्ति!

1) गीत: दानी बनो, वरदानी बनो…

2) गीत: तेरी वाणी शिव बाबा…

3) गीत: करते चलो सबका भला…

4) गीत: हम दुनिया नई बनाएँगे…

5) गीत: हम स्वर्ग धारा पर लाएंगे…


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कैसा होगा सतयुग? (156 बातें) | 156 points describing Satyuga

कैसा होगा सतयुग? (156 बातें) | 156 points describing Satyuga

आज बाबा ने धारणा में कहा सतयुग में क्या-क्या होगा उस पर विचार करो, और स्वयं को ऎसा चरित्रवान बनाओ… तो आज आपको सतयुग की 156 बातें भेज रहे हैं, जो बाबा ने मुरलीयों में बताई है… इन्हे बहुत उमंग-उत्साह से, बाबा की याद में स्वीकार करना जी!

हम कैसे होंगे?

  • सर्वगुण सम्पन्न, सोलह कला सम्पूर्ण, सम्पूर्ण पवित्र (निर्विकारी), डबल अहिंसक (अहिंसा परमोधर्म), मर्यादा पुरुषोत्तम, सच्चे वैष्णव
  • पावन, सतोप्रधान, दिव्य, सतोगुणी (पवित्र, शान्ति, प्रेम, सुख, आनंद, शक्तियों से भरपूर)

हमारा भाग्य कैसा होगा?

  • डबल ताजधारी (पवित्रता का ताज और रतन-जड़ित ताज)… हर चीज़ नई
  • तन.. कंचन काया, सम्पूर्ण स्वस्थ (निरोगी), अकाले मृत्यु नहीं, कोई तकलीफ नहीं, बहुत बहुत सुन्दर (नैचुरल beauty)
  • मन.. शान्त, सन्तुष्ट, खुश
  • धन.. अनगिनत, अथाह, बहुत जमीन, बड़े बड़े बगीचे, सोने के महल, हिरों की जड़त, हरेक का पुष्पक विमान (जो संकल्प से चलता, कोई एक्सिडेंट नहीं), कोई कमी नहीं… हर स्थान-अवसर के वस्त्र अलग, बिल्कुल हल्के जेवर… रेत में भी सोना, हिरों के पत्थर
  • सम्बन्ध.. मीठे, पवित्र, स्नेह-समपन्न
  • सम्पर्क… हल्के, सन्तुष्टता-पूर्वक

समाज कैसा होगा?

सतयुग के विभिन्न नाम | Names of Paradise, Heaven | Golden Age names image
  • समाज… 9 लाख सूर्यवंशी देवताएं (2 करोड़ तक बढ़ेंगे, सतयुग अंत तक), 1 लक्ष्‍मी-नारायण का अटल-अखण्ड-अद्वैत राज्य (दिल्ली में, यमुना किनारे), 1 आदि सनातन देवी-देवता धर्म, 1 भाषा, 1 खण्ड, सम्पूर्ण एकता
  • 1 बच्चा-1 बच्ची, योगबल की पैदाइश, गर्भ महल, जन्‍मते ही गोल्डन स्पून इन माउथ, दास-दासियों द्वारा फर्स्ट-क्लास पालना… स्कूल में कविता, गीत, संगीत, चित्र, कलाओं की पढ़ाई
  • 1250 साल में 8 जन्म, लगभग 150 वर्ष की आयु

प्रकृति कैसी होगी?

  • प्रकृति.. सतोप्रधान, सुखदाई, लो & ऑर्डर, कोई उपद्रव नहीं
  • सदा बहारी मौसम, न ठंडी न गर्मी, सुगन्धित हवा… स्वच्छ-अहिंसक-फ़र्स्टक्लास पशु… साफ-सुगंधित नदियां… संगीत करने वाले पेड़-पंछी
  • धरती बहुत उपजाऊ, 56 प्रकार का भोजन, फल-फूल की सब्जियां, खाने-पीने के फल अलग (थोड़ा दबाने से रस मिलेगा)

सतयुग के भिन्न-भिन्न नाम

स्वर्ग, वैकुण्ठ, Heaven, Golden Age, जन्नत… और 23 नाम

क्या नही होगा?

  • लाइट-फैन की आवश्यकता नहीं… कोई वज़ीर नहीं
  • कोर्ट, जज, वकील, जेल, पुलिस… हॉस्पिटल, डॉक्टर, दवाई… सेना, हथियार, युद्ध… अपवित्रता, विकार, नकारात्मकता, व्यर्थ, दुःख आदि
  • मन्दिर, पूजा, भक्ति

सतयुग में पद कौन से होंगे? (सबसे श्रेष्ठ पद पहले)

महाराजा, राजा, रॉयल फ़ैमिली, साहूकार प्रजा, प्रजा, राजा के दास-दासी, प्रजा के दास दासी, चण्डाल

सार

बाबा हमें कितना श्रेष्ठ, ऊंच, सुखदाई वर्सा दे रहे हैं … तो चलिए आज सारा दिन, इसी खुशी के उमंग उत्साह द्वारा अपने ज्ञान-योग के पुरूषार्थ को ऎसा तीव्र बनाए, कि हम सर्वश्रेष्ठ महाराजा-महारानी पद प्राप्त कर ले… औरों को भी श्रेष्ठ पद प्राप्त कराते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!

1) गीत: जगमग हो जगमग…

2) गीत: जीवन गुणों से पूर्ण होगा...

3) गीत: सोने की दुनिया होगी…


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बाबा की याद से 134 प्राप्तियां | 134 Benefits of remembering Baba

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प्राण-प्यारे बाबा की याद हम सभी ब्राह्मण बच्चों का जियदान है, जिससे हम सदा अतिन्द्रीय सुख के झूले में झूलते, परिस्थितियों का सहज सामना कर पाते… तो आज आपको बाबा की याद से 134 प्राप्तियां भेज रहे हैं, आपकी याद की यात्रा को और सुखदाई और तीव्र बनाने… इन्हें बहुत रूहानी नशे से बाबा की याद में स्वीकार करना जी!

सर्वोत्तम प्राप्ति!

  • पवित्र-पावन सतोप्रधान बनते, बैट्री चार्ज होती… दिव्य बनते, सदा श्रेष्ठ स्थिति रहती
  • उड़ती कला के अनुभवी अर्थात सदा शान्ति प्रेम आनंद, वास्तविक खुशी, अतिन्द्रीय सुख के अनुभवी बनते… तृप्त-सन्तुष्ट होते… रूहानी नशे में रहते
  • बाप-समान, सम्पन्न-सम्पूर्ण, अव्यक्त-फरिश्ता बनते… पूज्य देवता बनते, श्रेष्ठ भाग्य बनता, रूहानी कमाई जमा होती, पद ऊंचा बनता
  • निरोगी होते, आयु बढ़ती… एकरस-अचल-अडो़ल रहते
  • श्रीमत पालन होती, फॉलो फादर होता… आज्ञाकारी, वफादार, फरमानवरदार, सपूत, ईमानदार, सच्चे बच्चे बनते… अन्त में साक्षात्कार होते

श्रेष्ठ, सहज, सुखदाई जीवन!

  • बाबा का प्यार-साथ-मिलन महसूस होता… उनकी आशीर्वाद-मदद-शक्ति-छत्रछाया अनुभव होती… वह जिम्मेवार हो जाता, हमारे सोचने का काम भी वही करता… अकेला-पन, भय से मुक्त रहते
  • देह-भान से न्यारे, मन शान्त, बुद्धि स्थिर, संस्कार परिवर्तन-शीतल होते… स्वराज्य अधिकारी बनते
  • जीवन आसान बनता, विकास होता… एकाग्रता, कार्य-क्षमता, कार्य-रचनात्मकता, कार्य-सन्तुष्टता बढ़ती… सम्बन्ध अच्छे बनते, सम्पर्क अलौकिक
  • पास्ट मर्ज होता, भविष्य निश्चिंत, वर्तमान सुन्दर बनता… समस्या हल्की हो जाती, परिस्थितियों का सामना सहज, कर्मभोग पर विजयी बनते, विघ्न-विनाशक, समाधान-स्वरूप बनते, आगे विकर्म से बचते

ब्राह्मण जीवन में उन्नति

  • ज्ञान गहराई से समझ आता, मुरली में बहुत आनंद आता… अनुभव मिलते, निश्चय-बुद्धि बनते, समर्पण-भाव जाग्रूत होता
  • देही-अभिमानी, आत्म-अभिमानी, अशरीरी, विदेही बनना सहज… याद से याद मिलती, करन्ट मिलती… ज्वालामुखी तपस्या, और शक्तिशाली योग, बीजरूप स्थिति का अनुभव कर सकते… बाबा के गले का हार बनते, विजय माला में आते
  • धारणा-मूर्त, हर्षितमुख चेहरा, शीतल दृष्टि रहती… अमृतवेला सफल होता… भोजन को श्रेष्ठ वाइब्रेशन मिलते… नींद अच्छी-गहरी आती, कम घंटे में… स्वप्न शान्त-शुध्द आते
  • प्रकृति को पवित्र वाइब्रेशन मिलते, शुध्द वायुमण्डल बनता, मन्सा सेवा कर सकते… वाणी में जौहर भरता, कथनी-करनी एक समान बनती… औरों को अनुभव करा सकते, आप समान योगी बना सकते

पुराना-पन समाप्त!

  • विकर्म विनाश, पाप कट, कीचड़ा समाप्त, स्वच्छ-साफ होते
  • कर्मातीत, मायाजीत, विकर्माजीत, विकार-जीत (काम-जीत, क्रोध-जीत, लोभ-जीत, मोह-जीत, अहंकार-जीत)
  • व्यर्थ-जीत, फीलिंग-प्रूफ, रोना-प्रूफ, प्रभाव-मुक्त साक्षी-दृष्टा रहते

उपराम!

  • देह-स्मृति, देहधारी-याद, वस्तु-आकर्षण, दुनियावी-बातें सब से… सहज न्यारा, उपराम, अनासक्त, इच्छा-मात्रम-अविद्या बन सकते
  • वैराग्य, त्याग सहज हो जाता

सार

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि बाबा ने हमें अपना सत्य परिचय दे दिया है, तो अपनी दिनचर्या के हर पहलू में बाबा को बहुत प्रेम से याद करते रहे… इससे स्थिति सदा श्रेष्ठ रह, हम सदाकाल का श्रेष्ठ भाग्य बनाते रहेंगे… औरों को भी बाबा से जुड़ाते, उन्हें भी सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनाते, हम सतयुग बनाते चलेेंगे… ओम् शान्ति!

https://youtu.be/gTPsBQnAeK0

1) गीत: तुम्हारी याद बाबा एक…

2) गीत: एक तेरी याद में बाबा…

3) गीत: यादें तुम्हारी बाबा…

4) गीत: याद तुम्हारी इतनी प्यारी…


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आत्म-अभिमानी बनने के 150 संकल्प | 150 thoughts for becoming soul-conscious

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आत्म-अभिमानी बनने के 150 संकल्प | 150 thoughts for becoming soul-conscious

आत्मा-अभिमानी बनना, हमारे इस सहज राजयोगी जीवन का मुख्य फ़ाउंडेशन है… तो इसे और सहज करने, आपको आत्म-अभिमानी बनने के 150 संकल्प भेज रहे हैं… इन्हें बहुत रूहानी स्नेह से, बाबा की याद में स्वीकार करना जी!

मैं आत्मा हूँ!

मैं आत्मा, रूह, प्राण, चैतन्य शक्ति, ऊर्जा, soul, spirit, consciousness, conscient-energy, life-force, being हूँ… स्थूल 5 तत्वों से परे, बिल्कुल हल्की हूँ

मैं अजर, अमर, अविनाशी, चैतन्य सत्ता हूँ… सत्-चित्त-आनंद स्वरूप

आत्मा का रूप!

मैं निराकार… बिंदी… ज्योति स्वरूप… बिन्दु स्वरूप… ज्योति-बिन्दु स्वरूप… Point of light-might… प्रकाश का पुंज… चमकती मणि… दिव्य सिताराअमूल्य हीरादियाखुशबूदार फूल हूँ

मैं आत्म-अभिमानी हूँ

मैं ज्ञान स्वरूप, पवित्र स्वरूप, शान्त स्वरूप, प्रेम स्वरूप, खुश, सुख स्वरूप, आनंद स्वरूप, शक्ति स्वरूप… सतोगुणी, सतोप्रधान, दिव्य आत्मा हूँ

मैं देही-अभिमानी हूँ

मैं देह से उपराम, न्यारी, detached हूँ… यह देह अलग, मैं आत्मा अलग हूँ… भ्रूकुटी के बीच विराजमान… भ्रूकुटी की कुटिया, गुफा में अकालतख्त-नशीन हूँ

इस शरीर को चलाने वाली… शरीर की मालिक… आँखों द्बारा देखने वाली… कानों द्वारा सुनने वाली… मुख द्वारा बोलने वाली… शरीर द्वारा कर्म करने वाली शक्ति आत्मा हूँ…

मैं सोचती-महसूस करती… निर्णय लेती… कर्म कर… अनुभव करती… मैं आत्मा ही सबकुछ करती… मुझमे ही संस्कार है

मैं दिव्य मूर्ति, शरीर मन्दिर है… मैं हीरा, शरीर डिब्बी… मैं एक्टर, शरीर वस्त्र है… मैं ड्राइवर, शरीर गाड़ी… और 51 ऎसे संकल्प

आत्मिक दृष्टि!

सभी आत्माएं है… बाबा भी परम-आत्मा है… सभी एक बाप के बच्चे, मेरे भाई-भाई है… सभी आत्माएं सुखी हो / कल्याण हो / आगे बढ़े / खुश रहे / बाबा से जुड़कर, सर्व-प्राप्ति सम्पन्न बने

(बातें करते वक्त) मैं आत्मा से बात कर रही हूँ… कानों द्वारा सुनती हूँ

(फोन use करते)… आत्मा का फोन है, मैं आत्मा से बात कर रही हूँ

आत्मा का पार्ट!

मैं परमधाम-निवासी… अशरीरी… विदेही हूँ… शरीर में प्रवेश कर पार्ट बजाती… इस देह में अवतरीत हुई हूँ… एक शरीर छोड़ दूसरा लेती हूँ…

मैं देव आत्मा, महान आत्मा, विश्व कल्याणकारी, फरिश्ता, हीरो एक्टर हूँ…

मैं जहान का नूर, बाबा की नैनों का नूर, मास्टर ज्ञान सूर्य, मास्टर पवित्रता का सूर्य, मस्तक मणि, स्वराज्य अधिकारी, श्रेष्ठ आत्मा हूँ

सार

तो चलिए आज सारा दिन… इन सभी संकल्पों का प्रयोग कर निरन्तर आत्म-अभिमानी स्थिति में स्थित रह, सदा शान्ति प्रेम आनंद का अनुभव करते रहे… औरों को भी यह खज़ानें बांटते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!

https://youtu.be/TZpeoMvJ2lo

गीत: मैं जगमगाती…

गीत: मस्तक सिंहासन पे हम आत्माएं…

गीत: भ्रूकुटी की कुटिया में…


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सूक्ष्मवतन का अनुभव करने लिए 150 संकल्प | 150 thoughts for experiencing the Subtle World

सूक्ष्मवतन का अनुभव करने लिए 150 संकल्प | 150 thoughts for experiencing the Subtle World

सूक्ष्मवतन में फरिश्ता स्वरूप की अनुभुती करना और बापदादा मिलन मनाना… हमारे इस सहज राजयोगी जीवन के बहुत सुन्दर, आनंद-मय, सहज अभ्यास है

तो इन्हें और सहज करने, आज आपको सूक्ष्मवतन का अनुभव करने लिए 150 संकल्प भेज रहे हैं… इस विशेष सतगुरूवार की सौगात को बहुत प्यार से बाबा की याद में स्वीकार करना जी!

सूक्ष्मवतन का अनुभव

  • आकाश से ऊपर, सूर्य-चंद्र-तारागण-अन्तरिक्ष से भी पार… यह सफेद प्रकाश की दुनिया है… चारों ओर प्रकाश ही प्रकाश है, जैसे हजारों चंद्रमा की रोशनी
  • यह सूक्ष्मवतन, सूक्ष्म लोक, अव्यक्त वतन… आकारी दुनिया, Subtle World, Subtle Region… मूवी वर्ल्ड है
  • यहां कोई आवाज नहीं, संकल्पों-इशारों की भाषा है
  • कोई स्थूलता नहीं, 5 तत्व, हड्डी-मास आदि … फरिश्तों की दुनिया है

फरिश्ता स्वरूप!

  • मैं फरिश्ता, angel हूँ
  • मेरा सूक्ष्म आकारी चोला, लाइट का कार्ब, प्रकाशमय काया, चमकीली ड्रेस, energy body, aura है
  • मैं हल्का, डबल लाइट हूँ… पारदर्शी हूँ, मुझे कोई छू भी नहीं सकता… बन्धन-मुक्त, निर्बंधन, स्वतन्त्र, आजा़द, उड़ता पंछी हूँ
  • मैं व्यक्त भान से परे, व्यक्तियों से भी परे, अव्यक्त स्थिति में स्थित… बिल्कुल शान्त हूँ
  • मैं उड़ती कला अर्थात सदा शान्ति, प्रेम, आनंद की अनुभवी हूँ
  • मैं ईश्वरीय ज्ञान, गुण, शक्तियों, नशे से सम्पन्न हूँ… ब्रह्मा बाप-समान सम्पन्न-सम्पूर्ण हूँ
  • मेरे चारों ओर लाइट फैल रही है… मैं लाइट हाउस, माइट हाउस फरिश्ता हूँ
  • मैं सबको शुभ भावना, दुआ, आशीर्वाद, वरदान देता हूं… बाबा का राइट हैड हूँ
  • मैं अर्श निवासी फरिश्ता, सूक्ष्मवतन से अवतरित हुआ हूँ… सब का कल्याण, विश्व कल्याण के लिए, सतयुग स्थापन करने
  • फ़र्श से कोई रिश्ता नहीं, सर्व रिश्ते एक बाप से.. देह-दुनिया से परे, न्यारा, उपराम, अनासक्त, ऊंच, अलौकिक हूँ

बापदादा का अनुभव!

  • बापदादा परम-फरिश्ता है, ज्ञान सूर्य-चंद्रमा कम्बाइन्ड है, लाइट स्वरूप
  • उनकी सूक्ष्म उपस्थिति, बहुत सुखदाई वाइब्रेशन अनुभव हो रहे हैं
  • मुझे बुला रहे हैं… देख रहे हैं, दृष्टि दे रहे हैं… वरदानी हाथ सिर पर है, विजय का तिलक लगा रहे हैं
  • मेरे हाथों में हाथ है, उनका साथ अनुभव कर रहा हुँ, सर्व सम्बन्धों से (मात, पिता, शिक्षक, सतगुरु, बड़ा भाई, सखा, साजन, सर्जन, बच्चा)
  • मुझे प्यार-पुचकार-दुलार देते… मैं बाबा को थैंक्स कहता… सारे बोझ दे देता… समर्पित हो जाता
  • बाबा ने मुझे ताज-तख्त-तीलकधारी बना दिया है… अपना सिरमोर, मस्तक मणि, नैनों का नूर, गले का हार, दिल-तख्त-नशीन, भुजा बना दिया है

ग्लोब को सकाश

  • मैं पूरे ग्लोब को सकाश दे रहा हुँ… बाबा के साथ घूमकर…
  • सबका भला हो, कल्याण हो, आगे बढ़े, प्रगति हो, सफलता मिले… शांत, खुश, सन्तुष्ट, सुखी रहे… दुःख-दर्द-पीडा़-तकलीफ-बीमारी-क्लेश से मुक्त हो… उनका भी प्रभु मिलन हो जाएँ, वर्से के अधिकारी बन जाएँ, जन्म-जन्मान्तर के लिए

भिन्न-भिन्न समय

  • भोजन पहले… मैं बापदादा को भोग स्वीकार करा रही हूँ, उनके मस्तक से पवित्र किरणें भोजन पर पड़ रही है
  • भोजन करते… मैं बाबा को खिला रही हूँ, बाबा मुझे खिला रहे हैं
  • रात को… बाबा ने मेरा लाइट का बिस्तर तैयार किया है, उनकी गोद में सो जाता हूँ, बाबा हाथ फेर रहे हैं
  • सुबह… बापदादा को गुड़मॉर्निंग

और कोई संकल्प आए तो… (उस योग-अभ्यास के कुछ मिनटों में)

  • पास्ट / समस्याओं के विचार…. कुछ देर बाद सोचेंगे
  • कोई देहधारी की याद… वह आत्मा है, बाबा के बच्चे, फरिश्ते है… मुझे बाबा के साथ रहना है… उन्हें देना है
  • स्थूल दुनियावी बातें… मैं तो सूक्ष्मवतन में हूँ
  • देह की बातें… मैं तो फरिश्ता हूँ
  • व्यर्थ बातें… मुझे तो ज्ञान-चिन्तन करना है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… इन सुन्दर संकल्पों के अभ्यास द्वारा बिल्कुल हल्के, शान्ति प्रेम आनंद की अनुभूति से भरपूर रहे… इन्हें औरों को भी शुभ-भावना दुआओं द्वारा बांटते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


बहुत सुन्दर विडियो योग कमेंटरी – फरिश्ता स्वरूप की अनुभूति – Sheilu Behn

https://youtu.be/RINyKmZ_hBY

1) गीत: फरिश्ते है हम…

2) गीत : फरिश्ता रूप रचकर…

3) गीत: मेरे मन फरिश्ता बन…

4) गीत: एक फरिश्ता आया है…

बाबा को थैंक्स कहने की 111 विधियाँ | 111 ways of saying thanks to Baba | Sakar Murli Churnings 10-04-2019

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बाबा को थैंक्स कहने की 111 विधियाँ | 111 ways of saying thanks to Baba | Sakar Murli Churnings 10-04-2019

गीत: किन शब्दों में आपका धन्यवाद करे…

आज मुरली के अन्त में बाबा को थैंक्स देने की बात चली थी… तो आज आपको बाबा को सच्चा-सच्चा थैंक्स कहने की 111 विधियाँ भेज रहे हैं… इन्हें प्रेम से स्वीकार करना जी!

अपना लक्ष्य प्राप्त करना!

  • बाप समान, सम्पन्न, सम्पूर्ण, समीप, अव्यक्त, फरिश्ता बनना
  • विकर्माजित, मायाजीत, कर्मातीत, व्यर्थ-मुक्त (फीलिंग-प्रूफ, रोना-मुक्त), विकार-जीत (काम-जीत, क्रोध-मुक्त, लोभ-जीत, मोह-जीत, अहंकार-मुक्त)
  • ज्ञानवान, गुणवान, शक्तिवान, सदा श्रेष्ठ स्थिति (श्रेष्ठ चेहरा, चलन, सदा खुश, सदा सन्तुष्ट)
  • अपना श्रेष्ठ परिवर्तन, बुराई छोड़ने की प्रतीज्ञा, श्रेष्ठ गुण धारण करने का वायदा

श्रीमत की पालना!

  • दिनचर्या….
    • रोज़ अमृतवेला (उठना और शक्तिशाली याद)
    • रोज़ मुरली (सेन्टर पर, रेग्युलर, punctual, attentive, बाबा के कमरे में जाना, बातें करना वा चिट्ठी लिखना)
    • चिन्तन, attention, ट्रेफिक कंट्रोल, भोजन याद में, नुमाशाम योग
    • सोते वक्त… चार्ट, थोड़ी मुरली फिर याद कर बाबा की गोद में सोना
  • दृष्टि … आत्मिक, गुणग्राही, शीतल
  • वृत्ति … शुभ-भावना सम्पन्न, अनासक्त, उपराम
  • कृति / कर्म … दिव्य, अलौकिक, प्रेरणादायी
  • बोल … कम, धीरे, मीठे, आवश्यक, योगयुक्त, युक्तियुक्त
  • संकल्प … शान्त, शक्तिशाली, ज्ञान-युक्त, आनंद-मय

सच्चाई सफाई!

  • आज्ञाकारी, वफादार, फरमानवरदार, सपूत, ईमानदार… निश्चय-बुद्धि, समर्पण-भाव, बाबा से सच्चा रहना… नियम, मर्यादाओं पर चलना… तीव्र पुरूषार्थी बनना
  • स्नेही, सहयोगी, सहजयोगी, यज्ञ-रक्षक बनना
  • बाबा से सर्व सम्बन्ध निभाना (मात, पिता, शिक्षक, सतगुरु, बड़ा भाई, सखा, साजन, सर्जन, बच्चा)
  • योग करना, योगी बनना, बाबा को साथ रखना, देही-अभिमानी बनना… निरन्तर योगी, स्मृति-स्वरूप बनने का लक्ष्य
  • सेवा करना, बाबा का परिचय देना, निरन्तर सेवाधारी, सुखदाई, कल्याणकारी बनना… सबको आगे बढ़ाना, पालना करना… अथक, एवर-रेडी, ऑल-राउंडर, हाँ-जी का पाठ पक्का, निमित्त, निर्माण, नम्र-चित, regard देना

सार

वास्तव में बाबा को थैंक्स करने की सारी विधियों में हमारा ही कल्याण है (वा सर्वश्रेष्ठ भाग्य बनता), बाबा को तो कुछ नहीं चाहिए… तो चलिए आज सारा दिन, ऎसे सर्वोत्तम समय को इतना श्रेष्ठ सफल करे, जिससे न सिर्फ हम श्रेष्ठ बनते, सबको भी श्रेष्ठ बनाकर, सतयुग स्थापन कर लेते हैं… ओम् शान्ति!

गीत: हज़ारों धन्यवाद है…


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हर कर्म में ज्ञान-योग को लाने की 100 विधियाँ | List of 100 KarmaYog Practices! | Murli Vardan Churnings 09-04-2019

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हर कर्म में ज्ञान-योग को लाने की 100 विधियाँ | List of 100 KarmaYog Practices! | Murli Vardan Churnings 09-04-2019

आज बाबा ने वरदान की लास्ट लाइन मे कहा, कि हर कर्म में ज्ञान-योग को लाओ… तो आज आपको 100 कर्म और उनमें उचित योग-अभ्यास भेज रहे हैं… इन्हें खुशी से बाबा की याद में स्वीकार करना जी!

उठते ही!

  • बाबा को गुड़मॉर्निंग
  • सुबह का आदि काल अमृतवेला… बाबा की यादों में
  • ब्रश करते… मैं इस शरीर रूपी robot को साफ कर रही हूँ
  • स्नान करते… मैं इस मन्दिर को साफ कर रही हूँ, जिसमें बाबा की अति प्रिय मूर्ति (मैं आत्मा) विराजमान है!

अगर विशेष तैयार होना हो:

  • बिंदी लगाते… आत्मिक स्मृति का तिलक
  • रूहानी शीतल दृष्टि
  • यदि मेकअप करना पड़े… हर्षितमुखता की लाली
  • रूहानी मुस्कान की लिपस्टिक
  • कुंडल पहनते… Hear no evil, मैं कुछ गलत नहीं सुनूंगी
  • इत्र लगाते… दिव्यगुणों के वाइब्रेशन की स्मृति
  • सैट पहनते… गुणों की स्मृति
  • ईश्वरीय मर्यादाओं का कंगन
  • परमात्म प्रेम की अंगूठी
  • ड्रेस धारण करते… देवता रूप की ड्रेस
  • आईना देखते… मन का मुखड़ा देख ले प्राणी, जरा दर्पण में!

बाहर निकलते

  • बैग उठाते… सभी ज्ञान के पॉइंट कार्यक्षेत्र पर ले जाना
  • शूलेस टाइट करते… अपना आज का लक्ष्य पक्का करना
  • घर से बाहर निकलते… बाबा के साथ जाना
  • लिफ्ट में… मुझे सबकी दुआओं की भी लिफ्ट मिली है, सेवा भी भाग्य की लिफ्ट है
  • चाबी से वाहन शुरू करते… मेरा बाबा, सर्व खज़ानों की चाबी है!
  • कार चलाते… मैं डबल ड्राइवर हूँ, स्थूल कार और शरीर दोनों को चलाता हूँ… बाबा के गीत सुनते
  • सिग्नल पर… अपने मन की गति को भी धीरे करे, ट्रेफिक कंट्रोल!
  • किसी के घर जाने के पहले चप्पल उतारते… देह-भान उतारना

सेन्टर जाते

  • जाते… मैं बाबा के घर जा रही हूँ
  • आते… मैं सेवा-स्थान आ रही हूँ
  • बाबा की रूम में… दिल से बाबा से बातें करे
  • मुरली सुनते… देखे, बाबा मुरली सुनाते हुए (और भी कई अभ्यास है)
  • सबको देखते… यह बड़ा सुन्दर ईश्वरीय परिवार है

व्यायाम करते

  • Walking करते… बाबा के हाथों में हाथ
  • Exercise करते… मन को भी ऎसे flexible करना है
  • सांसो का व्यायाम… बाबा ने मुझे नया जीवन, जियदान दिया है
  • धड़कन का आवाज… मुझे अपने समय-श्वास को सफल करना है

ऑफिस

  • कार्य शुरू करने से पहले… बाबा का आह्वान
  • कार्य समाप्त करने के बाद… थैंक्स बाबा!
  • कार्य करते हुए… बाबा मेरे साथ है, मैं बाबा के साथ combined हूँ
  • कंप्यूटर पर कार्य करते… मैं आँखों द्वारा देख, हाथों द्वारा कर्म कर रही हूँ
  • बीच-बीच में… बाबा से बातें
  • मीटिंग से पहले… सब आत्माओं से मिलना है
  • सैलरी मिलते… बाबा ने मुझे कितना अविनाशी ज्ञान रत्नों से भरपूर किया है!
  • प्रोमोशन मिलते… बाबा ने भी मुझे, कहाँ से कहाँ पहुँचा दिया है

घर-काम करते

  • यह बाबा का घर है
  • बच्चें संभालते… यह बाबा के बच्चे है
  • जाडू़ लगाते… मन को भी पुरानी बातों से साफ करना
  • कपदे मशीन में डालते… बाबा भी मुत पलिटी कपड़ धोते, मुझ आत्मा को साफ करते
  • बर्तन करते… यह शिवबाबा के भण्डारे की सेवा है
  • पानी का ग्लास लेते… मधुबन में भी है, ग्लास और क्लास!
  • पानी भरते… बाबा मुझे शक्तियों से भर रहे है, पानी भी चार्ज हो रहा है
  • पानी / दूध पीते… बाबा मुझे रोज़ ज्ञान अमृत / दूध पिलाते
  • घड़ी देखते… समय बहुत कम है
  • सब्जी खरीदते… सतयुग में सबकुछ श्रेष्ठ होगा
  • पैसे देते… सतयुग में सबकुछ free होगा
  • दूध खरीदते… सतयुग में गाएं भी फ़र्स्ट-क्लास होगी
  • लाइन में खड़े… मुझे अन्त में पश्चाताप के बजाए, प्राप्ति-स्वरूप की लाइन में रहना है
  • गीत-संगीत का आवाज सुनते… बाबा की यादों में रहना है
  • TV पर peace of mind देखते… सूक्ष्मवतन के TV में बाबा मुझे देख रहे है
  • किसी के लड़ाई-झगड़े का आवाज… 1 मिनट बैठ शान्ति शुभ-भावनाओं का दान देेना
  • यदि विश्व में कोई जगह विशेष आवश्यकता हो… पावरफुल सकाश देना

सारा दिन

  • सेवा करते… बाबा करन-करावनहार है
  • गैस on करते… बाबा के योग को अग्नि भी चालू
  • भोजन बनाते… बाबा की पवित्र किरणें इसमें पड़ रही है
  • मीठी चीज़ बनाते… बाबा मुझे रोज़ गरम-हलवा मुरली खिलाते
  • भोजन करने से पहले… बाबा को भोग लगाना
  • भोजन देखते… मैं परम पवित्र आत्मा हूँ
  • भोजन मुख में डालने से पहले… बाबा ने आज क्या कहा
  • भोजन करते… मैं बाबा को खिला रही हूँ, बाबा मुझे खिला रहे हैं, गत्ती-गत्ती
  • वार्तालाभ करते… मैं आत्मा से बात कर रही हूँ, कानों द्वारा सुन रही हूँ
  • ट्रेफिक कंट्रोल… मन को बिल्कुल शान्त करना
  • संकल्पों पर Attention
  • ज्ञान का विचार सागर मंथन
  • रेस्ट करते… बाबा सिर में massage कर रहे है
  • आराम करते… बाबा पैर भी दबाते हैं

मोबाइल use करते

  • यह साधन मुझे सेवा-अर्थ मिला हैं… साधना को इस पर आधारित नहीं करना है
  • रिंग बजते… आत्मा का फोन है
  • फोन करते… आत्मा को फोन कर रही हूं
  • चार्ज करते… मुझे अपने को भी चार्ज करना है, बाबा की याद से
  • Email आया तो… बाबा भी मुझे रोज़ प्रेम-पत्र मुरली भेजते
  • Message आया तो… बाबा ने मुझे आज क्या मैसेज दिया है?
  • सेवा-अर्थ whatsapp... बाबा मेरे लिए सदा online रहते
  • सेवा-अर्थ facebook… बाबा ही मेरा सच्चा खुदा दोस्त है

प्रकृति देखते

  • पेड़… बाबा ने हमें कितना अच्छा कल्प-व्रुक्ष का ज्ञान दिया है
  • फूल… मैं खुशबूदार फूल हूँ
  • फल… मुझे सेवा का प्रत्यक्षफल खाना है, नाम-मान-शान का कच्चा फल नहीं
  • पक्षी… मैं भी आत्म-पंछी हूँ
  • पशु… सतयुग में जानवार भी सम्पूर्ण-स्वच्छ फ़र्स्ट-क्लास होंगे
  • धरती… मुझे धरती-समान दाता बनना है
  • आकाश… मुझे भी आकाश समान विशाल बनना है
  • सूर्य… बाबा भी ज्ञान सूर्य है
  • चंद्रमा… मुझे भी ज्ञान-चंद्रमा ब्रह्मा-बाबा समान सम्पूर्ण बनना है
  • सितारे… मैं लक्की ज्ञान-सितारा हूँ

शाम को

  • नुमाशम को… बाबा की powerful याद!
  • लाइट-fan की स्विच on करते… कोई भी एक श्रेष्ठ स्मृति की स्विच ऑन
  • लाइट on करते… बाबा ने मेरा जीवन ज्ञान-रौ से प्रकाशित कर दिया है
  • Fan on करते… मैं बाबा का fan हूँ!

सोते समय

  • चार्ट लिखते के बाद… देखे, बाबा को चार्ट देते हुए
  • नाइट-ड्रेस पहनते… फरिश्ता रूप की ड्रेस
  • AC करते… बाबा की याद भी शीतल ठण्डक है
  • बिस्तर तैयार करते… बाबा भी सूक्ष्मवतन में मेरा bed तैयार कर रहे हैं
  • लेटते हुए… यह शरीर को गैरेज में रख, मैं आत्मा उड़ चली अपने घर!
  • सोना… बाबा की गोद में, बाबा मेरे सिर पर हाथ फेर रहे हैं

सार

तो चलिए आज सारा दिन… हर कर्म में बाबा के ज्ञान-योग को जोड़कर, सदा योगयुक्त स्थिति में स्थित शान्ति, प्रेम, आनंद से भरपूर रहे… जिससे औरों को भी प्राप्ति-प्रोत्साहन मिलता, और हम साथ में सतयुग स्थापन करने के निमित्त बन जाएंगे… ओम् शान्ति!


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संगमयुग के 25 नाम | 25 Names of Confluence Age

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बाबा कहते अगर इतना भी स्मृति में रहे, कि यह संगमयुग चल रहा है, तो यह भी मनमनाभव है, क्यूँकि इसमे सारा ज्ञान का सार समा जाता है… तो आज विशेष सतगुरूवार के दिन, आपको संगमयुग के 25 नाम भेज रहे हैं… इन्हें प्रेम से बाबा की याद में स्वीकार करना जी

संगमयुग के 25 नाम | 25 Names of Confluence Age

  • संगमयुग, Confluence Age
  • छोटा सा युग, लीप युग, धर्माऊ युग

भगवान का आना!

  • आत्मा और परमात्मा का संगम, मंगल मिलन मेला
  • सुहावना समय, मौजौं का युग

चढ़ना!

  • कल्याणकारी समय
  • चढ़ती कला का युग, उड़ती कला का युग

हीरे-तुल्य समय

  • पुरूषोत्तम युग, Diamond Age, हीरे-तुल्य युग
  • भाग्य बनाने का समय, कल्प-कल्प के recording का समय

परिवर्तन!

  • परिवर्तन का समय
  • कलियुग और सतयुग का संगम
  • कल्प का अमृतवेला

त्योहारों का सार

  • सच्ची होली… बाबा हमारी बुराईयों को खत्म कर, गुणों के रंगों से खेलना सिखाते हैं
  • सच्चा रक्षा-बंधन… बाबा हमें पवित्र की प्रतीज्ञा कराते
  • सच्ची दिवाली… बाबा हमारी ज्योति जगाते
  • सच्चा दशेरा… हम 5 विकारों रूपी रावण पर जीत पाते हैं
  • सच्चा गीता एपिसोड… भगवान् हमें सत्य गीता ज्ञान सुनाते

सार

तो अभी कितना श्रेष्ठ समय चल रहा है… तो चलिए आज सारा दिन, सदा यही स्मृति में रहे कि यह हीरे-तुल्य संगमयुग चल रहा है, भगवान आए हैं, हमें उनके संग में रहकर सदा उन्नति करते रहना है… तो हमारे इस श्रेष्ठ परिवर्तन से विश्व भी परिवर्तन हो सतयुग बन जाएंगा… ओम् शान्ति!

गीत: युगों में पुरुषोत्तम युग…


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आत्म-अभीमानी बनने से 131 प्राप्तियां | 131 Benefits of Soul Consciousness

आत्म-अभीमानी रहने से 130 प्राप्तियां | 130 Benefits of Soul Consciousness image

बाबा हमें रोज़ आत्म-अभीमानी बनने की प्रेरणा देते हैं… और जब हमें किसी भी अभ्यास की प्राप्तियां स्मृति में रहती, तो उसे करने की हमारी लगन कुछ और ही होती… तो आज आपको आत्म-अभीमानी बनने से 131 प्राप्तियां भेज रहे हैं, आपके पुरूषार्थ को और तीव्र बनाने का सहयोग देने… इन्हें प्रेम से स्वीकार करना जी

आत्म-अभीमानी बनने से 131 प्राप्तियां | 131 Benefits of Soul Consciousness

(हर एक भिन्न पॉइंट को गहरे अक्षरों में लिखा है)

तन, मन, धन, सम्बन्ध, सम्पर्क, समाज, प्रकृति

  • तन… स्वस्थ रहता, नींद अच्छी आती, हम अथक रहते
  • मन… शान्त, खुश, सन्तुष्ट, शुध्द, भय से मुक्त रहता… शक्ति बचती
  • धन…एकाग्रता, कार्य-क्षमता, रचनात्मकता, और कार्य-सन्तुष्टता बढ़ती
  • सम्बन्ध… सहज होते, औरों का नकारात्मक प्रभाव हमपे कम होता, उनको गुणों का दान दे सकते
  • सम्पर्क… हल्के, सफल, सन्तुष्टता-पूर्वक रहते
  • समाज… अच्छा सहयोग, योगदान दे सकते
  • प्रकृति… को पवित्र वाइब्रेशन मिलते

स्मृति, स्थिति, संकल्प, बोल, कर्म

  • स्मृति… श्रेष्ठ, पवित्र रहती
  • स्थिति… श्रेष्ठ, हल्की, शक्तिशाली, सुख-दायी बनती
  • चेहरा… हर्षित रहता, रूहानी मुस्कान रहती
  • चलन… श्रेष्ठ, बाप-समान
  • आँखे… शीतल, निर्मल
  • दृष्टि… विशेषताएं देखेंगे, भाई-भाई की दृष्टि सहज रहेंगी
  • वृत्ति… सबके लिए शुभ भावना से सम्पन्न
  • वातावरण… शुध्द, शक्तिशाली, योगयुक्त बनता
  • संकल्प… धैर्यवत और एकाग्र होंगे… व्यर्थ, नकारात्मक, अपवित्र संकल्प नहीं आएंगे
  • स्वप्न… शुध्द, हल्के, गुणों से सम्बन्धित आएंगे
  • बोल… स्वतः कम, धीरे, मीठे, योगयुक्त, युक्तियुक्त, आवश्यक निकलेंगे
  • कर्म… प्रेरणा-दायी, सुख-दायी होंगे
  • व्यवहार… रॉयल, सम्मान-पूर्वक
  • चाल.. फरिश्तों जैसी
  • सेवा… सहज होगी, पल-पल होगी, अच्छी होगी, तीर लगेगा, वृद्धि होगी, हम साक्षात्कार मूर्त बनते

पास्ट का प्रभाव कम, वर्तमान में रहते, भविष्य की चिन्ता कम

ज्ञान, गुण, शक्तियों का अनुभव

मुरली सुनने में अतिन्द्रीय सुख अनुभव होता… ज्ञान गहराई से, अच्छे से, सहज समझ आता, याद रहता, विचार सागर मंथन सहज, स्वदर्शन चक्रधारी सहज, स्मृति स्वरूप बनते…  दिव्यगुणों की धारणा अच्छी होती

बुद्धि स्थिर, अनुभव सहज… गुणों का अनुभव… ज्ञान-स्वरूप, पवित्रता, शान्ति, प्रेम, खुशी, सुख, आनंद

शक्तियों का विकास.. विस्तार को सार, समेटने की शक्ति, समाने की शक्ति, सहन, परखने, निर्णय, सामना, सहयोग, साइलेंस पावर, touching, catching, controlling, ruling power, मेहसुस्ता शक्ति, अन्तर आत्मा की आवाज सुनाई देती

स्वमान आत्म-विश्वास बढ़ता, हिम्मत बढ़ती… निर्माण नम्रचित्त निरहंकारी रहते, फीलिंग कम

बाबा, श्रीमत, माया

बाबा की याद सहज, लम्बा समय रहती

श्रीमत पालन होती… हम आज्ञाकारी, वफादार, फरमानवरदार, सपूत, ईमानदार बनते… बाबा राज़ी रहते.. हम प्रभु पसन्द बनते

फॉलो फ़ादर होता, हमारा पद ऊंचा बनता

पुराने संस्कार मर्ज हो जाते, माया कमझोर होती, विकारों का प्रभाव कम, मेहनत कम, युद्ध नहीं, प्राप्ति ज्यादा

आकर्षण, आसक्ती कम… त्याग, वैराग्य सहज

सार (131 Benefits of Soul Consciousness)

तो चलिए आज सारा दिन.. आत्म-अभीमानी बनने के हमारे पहले पाठ का फ़ाउंडेशन इतना पक्का कर दे, कि उसके आधार पर हम सहज ईश्वरीय जीवन में आगे बढ़ते, चारों सब्जेक्ट में तेज़ उन्नति करते रहे… सदा शान्ति, प्रेम और खुशी का अनुभव करते, औरों को भी कराते रहें… और इसी आत्म-बल के आधार पर बहुत ही जल्द सतयुग लाने के निमित्त बन जाएं… ओम् शान्ति!


कुछ योग कमेंटरी:

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Also read: Creating a soul-conscious stage (published in ‘The World Renewal’ magazine)


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