योग कमेंटरी | पद्मापद्म भाग्यशाली दैवी लाइट हाउस | Sakar Murli Churnings 28-01-2021

मैं पद्मापद्म भाग्यशाली आत्मा… स्वयं भगवान् मुझे मात-पिता, वा सर्व-सम्बन्धों की अलौकिक पालना देते… स्वयं सर्वशक्तिमान मेरा सेवक बना है

सदा अपने भाग्य के खुशी-नशे में रहता… शान्त रह, मुख से सदा फूल निकलते… सब पर आत्मिक सुख-प्यार बरसाता

चलते-फिरते बुद्धि में ज्ञान रखने वाला चैतन्य लाइट हाउस… मैं बाबा का अति लाडला-लवली बच्चा हूँ… बाबा मुझपर कुर्बान है, सिर पर रखते

मैं सदा समर्थ संकल्प-वान… तन-मन से सदा खुश रहता




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योग कमेंटरी | बाबा से रिफ्रेश हो दिव्यगुणों की कमाई | Sakar Murli Churnings 27-01-2021

योग कमेंटरी | बाबा से रिफ्रेश हो दिव्यगुणों की कमाई | Sakar Murli Churnings 27-01-2021

मैं बाबा-वर्से की स्मृति में सदा रिफ्रेश-खुश… दैवीगुणों की कमाई करने वाली भाग्यवान आत्मा… श्रीमत पर श्रेष्ठ बन रही

बाबा की मुझसे बहुत लव-प्रीत है… मुझे लवली-प्यारा कह.. सम्पूर्ण गोरा बनाते

मैं स्वयं-सेवा-सर्व से सन्तुष्टता का सर्टिफिकेट लेने वाली… सन्तुष्टमणि… सिद्धि स्वरुप आत्मा हूँ

संकल्प-स्वप्न में भी आत्मिक स्थिति में स्थित… बाबा-बाबा के अनहद शब्द की अनुभवी… सच्ची धारणा-मूर्त ब्राह्मण आत्मा हूँ


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योग कमेंटरी | हमारा रूहानी सतोगुणी स्वधर्म | Sakar Murli Churnings 26-01-2021

योग कमेंटरी | हमारा रूहानी सतोगुणी स्वधर्म | Sakar Murli Churnings 26-01-2021

मैं बाप-सर्व की दुआओं का पात्र… उड़ती कला का अनुभवी… उड़ता योगी हूँ

सबको अपनी रूहानी शक्ति-स्वरूप का अनुभव कराता… मैं एकाग्रता से सम्पन्न, व्यर्थ-मुक्त आत्मा… ज्ञान-सुर्य के चमत्कार दिखाता

सर्व दिव्यगुणों से सम्पन्न… मैं दैवी चलन वाली, देव आत्मा हूँ… अपने पवित्रता-सुख-शान्ति के स्वधर्म मैं स्थित

मैं योगबल से सम्पन्न… सम्पूर्ण पावन आत्मा, कर्मातीत… विजय माला का मणका हूँ


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योग कमेंटरी | ब्राह्मण सो फरिश्ता सो देवता | Sakar Murli Churnings 25-01-2021

योग कमेंटरी | ब्राह्मण सो फरिश्ता सो देवता | Sakar Murli Churnings 25-01-2021

चैतन्य-बीजरूप बाबा के संग.. मैं आत्मा बीजरूप स्थिति में स्थित हूँ… सारे वृक्ष को किरणें पहुंच रही

मै देह-भान के आकर्षण से भी परे… अशरीरी आत्मा हूँ… स्वयम पर रहमदिल

मैं आकार-अव्यक्त-शान्त फरिश्ता हूँ… एक सेकण्ड की स्मृति-वृत्ति-दृष्टि की शक्ति से… सबको शान्ति का सहयोग देता

मैं दिव्यगुण-सम्पन्न, ईश्वरीय बुद्धि… देव आत्मा हूँ… श्रेष्ठाचारी, पूज्य


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योग कमेंटरी | बाबा को प्रत्यक्ष करना | Sakar Murli Churnings 23-01-2021

योग कमेंटरी | बाबा को प्रत्यक्ष करना | Sakar Murli Churnings 23-01-2021

मैं पुण्य आत्मा… अपनी रहम की दृष्टि से… सबको परिवर्तन में सहयोग देती

अपने आदि-अनादि स्वरुप… के स्मृति स्वरूप हो… अपने सतोप्रधान हीरे-समान भाग्य से… बाबा को प्रत्यक्ष करती

एक पतित-पावन शिवबाबा को… हर कर्म में (स्नान-सेवा, आदि) याद कर… सबसे आगे जाती

मैं सम्पूर्ण पावन देवता… सम्पूर्ण धन-दौलत से सम्पन्न… विश्व का मालिक था

मैं बापदादा की श्रीमत को धारण कर… सदा ज्ञान-चिन्तन वा सेवा में लगी रहती… रूहानी कमाई करने-कराने वाली श्रेष्ठ आत्मा हूँ


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योग कमेंटरी | बाबा से रिफ्रेश होना | Sakar Murli Churnings 22-01-2021

योग कमेंटरी | बाबा से रिफ्रेश होना | Sakar Murli Churnings 22-01-2021

मैं सन्तुष्टता द्वारा हर संकल्प पुण्य… हर बोल में दुआ कमाने वाली… सिद्धि स्वरुप आत्मा हूँ

सदा बाबा के सम्मुख-साथ रह… रिफ्रेश हो खुशी का अनुभव कर… दुःख-आलस्य से मुक्त हूँ

मेरा अविनाशी पतित-पावन बाबा… खिवैया बन… अपने साथ घर ले जाता

मैं सतोप्रधान दैवी आत्मा… अमरलोक-परिस्तान विश्रामपुरी की मालिक… सतयुगी दिन-सोझरे में जा रही

मैं गुप्त-रूप आत्मा… मुख द्वारा बोलती… मुझमे 84 जन्मों का वण्डरफुल पार्ट भरा हुआ है


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योग कमेंटरी | हमारे विभिन्न स्वरूप | Sakar Murli Churnings 21-01-2021

योग कमेंटरी | हमारे विभिन्न स्वरूप | Sakar Murli Churnings 21-01-2021

मैं तपस्या के बल से… भाग्यविधाता को अपना बनाने वाली… बालक सो मालिक, बाबा की सजनी हूँ

अकाल-मूर्त आत्मा… भृकुटी तख्त पर वीराजमान… मधुमक्खी-समान छोटी आत्मा हूँ

पावन-सतोप्रधान-शक्तिमान देवता थी… सर्वशक्तिमान की याद से फूल चार्ज बेटरी… घृत से भरपूर दीपक!

मैं पवित्रता से सम्पन्न… सूक्ष्मवतनवासी फरिश्ता… साक्षात्कार-मूर्त हूँ


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योग कमेंटरी | मैं श्रेष्ठ पार्टधारी आत्मा हूँ | Sakar Murli Churnings 20-01-21

योग कमेंटरी | मैं श्रेष्ठ पार्टधारी आत्मा हूँ | Sakar Murli Churnings 20-01-21

मैं प्रयोगी विशेष आत्मा, देही अभिमानी स्थिति में स्थित… सर्व खजानों से भरपूर… सन्तुष्टता की वरदानी आत्मा हूँ

मैं अविनाशी आत्मा… उस निराकारी दुनिया, Incorporeal वर्ल्ड… परमधाम, शान्तिधाम, मुक्तिधाम की निवासी हूँ

गोल्डन एज में देवी-देवता… विश्व का महाराजा-महारानी… पुरूषोत्तम आत्मा थी

मैं सच्ची सीता… एक निराकार राम की याद-अग्नि से… सम्पूर्ण पावन आत्मा बन रही

मैं शिव साजन की सजनी.. ज्ञान रत्नों से श्रृंगारित… सम्पूर्ण पवित्र सुखी हूँ

मैं ज्ञान-सम्पन्न लाइट हाउस… सबको शान्तिधाम-सुखधाम का रास्ता दिखाता… सबकी जीवन-नावों का पायलट हूँ


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योग कमेंटरी | मीठी आत्म-अभिमानी स्थिति | Sakar Murli Churnings 19-01-21

योग कमेंटरी | मीठी आत्म-अभिमानी स्थिति | Sakar Murli Churnings 19-01-21

मैं अजर-अमर-अविनाशी आत्मा… सत्-चित्-आनंद स्वरूप… शान्त हूँ

मैं आत्मा मेरे बाबा को याद करती… स्वीट बाबा के संग… याद की यात्रा में रहती

पावन सतोप्रधान… मीठी सुखदाई फूल… पुरूषोत्तम देवता बन रही हूँ

मैं हिम्मतवान आत्मा हूँ… सदा बाबा को साथ रखती… मायाजीत हूँ

मैं विश्व कल्याणकारी आत्मा हूँ… सबके लिए शुभ भावना से सम्पन्न


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