योग कमेंटरी | हमारा रूहानी सतोगुणी स्वधर्म | Sakar Murli Churnings 26-01-2021

योग कमेंटरी | हमारा रूहानी सतोगुणी स्वधर्म | Sakar Murli Churnings 26-01-2021

मैं बाप-सर्व की दुआओं का पात्र… उड़ती कला का अनुभवी… उड़ता योगी हूँ

सबको अपनी रूहानी शक्ति-स्वरूप का अनुभव कराता… मैं एकाग्रता से सम्पन्न, व्यर्थ-मुक्त आत्मा… ज्ञान-सुर्य के चमत्कार दिखाता

सर्व दिव्यगुणों से सम्पन्न… मैं दैवी चलन वाली, देव आत्मा हूँ… अपने पवित्रता-सुख-शान्ति के स्वधर्म मैं स्थित

मैं योगबल से सम्पन्न… सम्पूर्ण पावन आत्मा, कर्मातीत… विजय माला का मणका हूँ


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योग कमेंटरी | ब्राह्मण सो फरिश्ता सो देवता | Sakar Murli Churnings 25-01-2021

योग कमेंटरी | ब्राह्मण सो फरिश्ता सो देवता | Sakar Murli Churnings 25-01-2021

चैतन्य-बीजरूप बाबा के संग.. मैं आत्मा बीजरूप स्थिति में स्थित हूँ… सारे वृक्ष को किरणें पहुंच रही

मै देह-भान के आकर्षण से भी परे… अशरीरी आत्मा हूँ… स्वयम पर रहमदिल

मैं आकार-अव्यक्त-शान्त फरिश्ता हूँ… एक सेकण्ड की स्मृति-वृत्ति-दृष्टि की शक्ति से… सबको शान्ति का सहयोग देता

मैं दिव्यगुण-सम्पन्न, ईश्वरीय बुद्धि… देव आत्मा हूँ… श्रेष्ठाचारी, पूज्य


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योग कमेंटरी | बाबा को प्रत्यक्ष करना | Sakar Murli Churnings 23-01-2021

योग कमेंटरी | बाबा को प्रत्यक्ष करना | Sakar Murli Churnings 23-01-2021

मैं पुण्य आत्मा… अपनी रहम की दृष्टि से… सबको परिवर्तन में सहयोग देती

अपने आदि-अनादि स्वरुप… के स्मृति स्वरूप हो… अपने सतोप्रधान हीरे-समान भाग्य से… बाबा को प्रत्यक्ष करती

एक पतित-पावन शिवबाबा को… हर कर्म में (स्नान-सेवा, आदि) याद कर… सबसे आगे जाती

मैं सम्पूर्ण पावन देवता… सम्पूर्ण धन-दौलत से सम्पन्न… विश्व का मालिक था

मैं बापदादा की श्रीमत को धारण कर… सदा ज्ञान-चिन्तन वा सेवा में लगी रहती… रूहानी कमाई करने-कराने वाली श्रेष्ठ आत्मा हूँ


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योग कमेंटरी | बाबा से रिफ्रेश होना | Sakar Murli Churnings 22-01-2021

योग कमेंटरी | बाबा से रिफ्रेश होना | Sakar Murli Churnings 22-01-2021

मैं सन्तुष्टता द्वारा हर संकल्प पुण्य… हर बोल में दुआ कमाने वाली… सिद्धि स्वरुप आत्मा हूँ

सदा बाबा के सम्मुख-साथ रह… रिफ्रेश हो खुशी का अनुभव कर… दुःख-आलस्य से मुक्त हूँ

मेरा अविनाशी पतित-पावन बाबा… खिवैया बन… अपने साथ घर ले जाता

मैं सतोप्रधान दैवी आत्मा… अमरलोक-परिस्तान विश्रामपुरी की मालिक… सतयुगी दिन-सोझरे में जा रही

मैं गुप्त-रूप आत्मा… मुख द्वारा बोलती… मुझमे 84 जन्मों का वण्डरफुल पार्ट भरा हुआ है


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योग कमेंटरी | हमारे विभिन्न स्वरूप | Sakar Murli Churnings 21-01-2021

योग कमेंटरी | हमारे विभिन्न स्वरूप | Sakar Murli Churnings 21-01-2021

मैं तपस्या के बल से… भाग्यविधाता को अपना बनाने वाली… बालक सो मालिक, बाबा की सजनी हूँ

अकाल-मूर्त आत्मा… भृकुटी तख्त पर वीराजमान… मधुमक्खी-समान छोटी आत्मा हूँ

पावन-सतोप्रधान-शक्तिमान देवता थी… सर्वशक्तिमान की याद से फूल चार्ज बेटरी… घृत से भरपूर दीपक!

मैं पवित्रता से सम्पन्न… सूक्ष्मवतनवासी फरिश्ता… साक्षात्कार-मूर्त हूँ


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योग कमेंटरी | मैं श्रेष्ठ पार्टधारी आत्मा हूँ | Sakar Murli Churnings 20-01-21

योग कमेंटरी | मैं श्रेष्ठ पार्टधारी आत्मा हूँ | Sakar Murli Churnings 20-01-21

मैं प्रयोगी विशेष आत्मा, देही अभिमानी स्थिति में स्थित… सर्व खजानों से भरपूर… सन्तुष्टता की वरदानी आत्मा हूँ

मैं अविनाशी आत्मा… उस निराकारी दुनिया, Incorporeal वर्ल्ड… परमधाम, शान्तिधाम, मुक्तिधाम की निवासी हूँ

गोल्डन एज में देवी-देवता… विश्व का महाराजा-महारानी… पुरूषोत्तम आत्मा थी

मैं सच्ची सीता… एक निराकार राम की याद-अग्नि से… सम्पूर्ण पावन आत्मा बन रही

मैं शिव साजन की सजनी.. ज्ञान रत्नों से श्रृंगारित… सम्पूर्ण पवित्र सुखी हूँ

मैं ज्ञान-सम्पन्न लाइट हाउस… सबको शान्तिधाम-सुखधाम का रास्ता दिखाता… सबकी जीवन-नावों का पायलट हूँ


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योग कमेंटरी | मीठी आत्म-अभिमानी स्थिति | Sakar Murli Churnings 19-01-21

योग कमेंटरी | मीठी आत्म-अभिमानी स्थिति | Sakar Murli Churnings 19-01-21

मैं अजर-अमर-अविनाशी आत्मा… सत्-चित्-आनंद स्वरूप… शान्त हूँ

मैं आत्मा मेरे बाबा को याद करती… स्वीट बाबा के संग… याद की यात्रा में रहती

पावन सतोप्रधान… मीठी सुखदाई फूल… पुरूषोत्तम देवता बन रही हूँ

मैं हिम्मतवान आत्मा हूँ… सदा बाबा को साथ रखती… मायाजीत हूँ

मैं विश्व कल्याणकारी आत्मा हूँ… सबके लिए शुभ भावना से सम्पन्न


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योग कमेंटरी | साइलेन्स की स्थिति | Sakar Murli Churnings 15-01-21

योग कमेंटरी | साइलेन्स की स्थिति | Sakar Murli Churnings 15-01-21

मैं व्यर्थ से मुक्त… देह-भान से परे… एकान्तवासी आत्मा हूँ

आत्मिक स्थिति में स्थित… योगयुक्त हूँ

ज्ञान-शान्ति सागर की यादों में समाई… रूहानी यात्री हूँ

जादूगर बाबा मुझे देवता बना रहे… माया की जेल से मुक्त

इसी silence में सर्व समाधान समाये है… सबको शान्ति-शक्ति मिलती.. साक्षात्कार होंगे… ओम् शान्ति!


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Answers from Sakar Murli 02-05-2020 (& सार)

सार

जबकि दुरदेश से आकर बागवान-खिवाया बाबा हमें पवित्र-पुरुषोत्तम देवता बना रहे (पावन दुनिया-सुखधाम के)… तो अब गफलत न कर चार्ट रख, देही-अभिमानी बन याद से पावन बन, सर्विस कर ऊँच पद पाए

Answers from Sakar Murli 02-05-2020

1. “आप और बाप” दोनों ऐसा _____ रहो जो तीसरा कोई अलग कर न सके।

      ° *कम्बाइण्ड*

2. _____ की लाइट का ताज है। तुम पढ़ते हो _____ बनने के लिए।

      ° *पवित्रता*, पुरूषोत्तम

3. _____ की विशेषता द्वारा स्व और सर्व का उद्धार करने वाले आधार और उद्धारमूर्त भव

      ° *उदारचित*

4. *संगमयुग* की कौन-सी मुख्य विशेषता आज की मुरली में वर्णन है? 

      ° इस जन्म में अगले जन्मों की प्रालब्ध पाना – यह सिर्फ इस संगमयुग पर ही होता है। (साथ में अभी प्रत्यक्षफल तो मिलता ही है!)

5. बुद्धि में है हम इस समय _____ सम्बन्ध में हैं फिर _____ सम्बन्ध में जायेंगे। 

      ° *ब्राह्मण, दैवी*

6. यह सब नाटक के _____ हैं। हर एक आत्मा शरीर के साथ _____ करती है। 

      ° *एक्टर्स*, एक्ट

7. बाप को याद करते-करते तुम _____ बन जायेंगे, फिर _____ आत्मा उड़ेगी।

      ° पावन, *पवित्र*

8. *ऊँच पद* कैसे पाएंगे? 

      ° जितना-जितना याद किया होगा, सर्विस की होगी उतना ऊंच पद पायेंगे

9. तुम जानते हो हमको पढ़ाने वाला _____ बाप है। हम भी गुप्त एक _____ पर हैं। 

      ° बेहद का, यात्रा

10. योग के लिए भी _____ है। ज्ञान के लिए भी _____ है। 

      ° ज्ञान, *ज्ञान*

11. _____ बार ज्ञान सागर आकर पढ़ाते हैं नई दुनिया अमरपुरी के लिए।

      ° *एक ही*

12. बाबा के कौन से *3 नये सुन्दर टाइटल्स* आज मुरली में है? 

      ° *बागवान*, खिवैया, कमान्डर

13. चार्ट चेकिंग में कौन से *2 स्थान* बाबा ने आज याद किये (जहां भी बाबा को याद कर सकते)

      ° *बगीचा*, दुकान 

14. _____ नहीं बनेंगे तो फिर धर्मराज पुरी में सजायें भी खानी पड़ेगी। अन्त समय में _____ न करना पड़े उसके लिए बाप राय देते हैं – बच्चे, अच्छी रीति पढ़ लो। 

      ° *पावन* , पश्चाताप्

15. संग में आकर _____ नहीं होना चाहिए। माया _____ काम कराने के संकल्प लाती है।

      ° *लूज़* , रांग

16. अभी बाप आये हैं पुरूषार्थ कराने, यह _____ चांस है। बच्चे, _____ को याद करो, इससे अन्त मती सो गति हो जायेगी, घर चले जायेंगे। 

      ° लास्ट, *घर* (परन्तु सिर्फ घर को याद करेंगे तो पाप विनाश नहीं होंगे। बाप को याद करेंगे तो पाप विनाश हो और तुम अपने घर चले जायेंगे इसलिए बाप को याद करते रहो)

17. तुम _____ सबको रास्ता बताते हो, यह है _____ यात्रा का रास्ता।

      ° पण्डे, *रूहानी*

Answers from Sakar Murli 01-05-2020 (& सार)

सार

सदा देही-अभिमानी बन एक विदेही पतित-पावन बाबा की याद द्वारा शीतल-खुश-उन्नति का अनुभव कर (आसुरी चलन से परे), होशियार सेवाधारी बन ऊँच पद पाए

Answers from Sakar Murli 01-05-2020

1. _____ को गुल-गुल (फूल) कहा जाता है।

      ° *देही-अभिमानी*

2. बाप आकर _____ सिखलाए आदि सनातन दैवी राजधानी की स्थापना कराते हैं।

      ° *राजयोग*

3. ब्रह्मा बाबा को कौन सी *खुशी* है? 

      ° बाबा को कितनी खुशी है। मैं बूढ़ा हूँ, यह शरीर छोड़कर हम *प्रिन्स* बनने वाला हूँ। तुम भी पढ़ते हो तो खुशी का पारा चढ़ना चाहिए।

4. अपनी _____ स्टेज द्वारा सर्व की शुभ कामनाओं को पूर्ण करने वाले महादानी भव

      ° *पावरफुल*

5. इस रूहानी पढ़ाई से तुम _____ बन जाते हो। इसमें तो सिर्फ बाप को याद करते रहो तो एकदम _____ अंग हो जायेंगे। 

      ° शीतल, *शीतल*

6. *मर्यादा पुरूषोत्तम* कैसे बन सकते?

      ° सदा *ईश्वरीय मर्यादाओं* पर चलते रहने से

7. बाप ईश्वर पढ़ाते हैं तो उनको अपनी पढ़ाई का _____ दिखाना है। तब तो बाप भी _____ जायेंगे। 

      ° *जलवा, कुर्बान*

8. *अमरनाथ* बाप क्या कहते? 

      ° तुम सब पार्वतियाँ हो। अभी तुम मामेकम् याद करो तो तुम अमरपुरी में चले जायेंगे। और तुम्हारे पाप नाश हो जायेंगे।

9. तुम बच्चों को तो एकदम _____ होकर रहना चाहिए। _____ से भी यहाँ बाप तुमको ऊंच बनाते हैं।

      ° *क्षीरखण्ड, सतयुग*

10. बाप तुम बच्चों को _____ सब बातें समझाते हैं। 

      ° *आलराउण्ड*

11. *ईश्वरीय रेस* में आगे जाने क्या करना है?

      ° कोई दौड़ी आदि नहीं लगानी है सिर्फ *बुद्धि से प्यारे बाबा को याद* करना है। 

12. _____ बोलना है।

      ° *सच*

13. कोई ऐसी खराब चलन चलते हैं तो समझा जाता है इनमें अभी _____ है

      ° *भूत की प्रवेशता*

14. हमें किसके साथ *बुद्धि का योग* जोड़ना है?

      ° सिर्फ उस एक विदेही पतित-पावन बाप से, जिसको परमपिता परमात्मा शिव कहा जाता है (रहमदिल, कालों का काल)। … कोई देहधारी को याद नहीं करना है। 

15. *भूल* हो तो क्या करना है? इससे क्या फायदा होता?

      ° तुरन्त बाबा को बता देना, जिससे आधा माफ हो जाता (फिर अपने को सुधारना भी है) 

16. *पोतामेल* में कौन सी 3 बाते *चेक* करनी है?

      ° आज कोई भी आसुरी काम / पाप तो हमने नहीं किया?

      ° किसको हमने दु:ख तो नहीं दिया?

      ° सारे दिन में क्या सर्विस की?