योग कमेंटरी | हमारे विभिन्न स्वरूप | Sakar Murli Churnings 21-01-2021

योग कमेंटरी | हमारे विभिन्न स्वरूप | Sakar Murli Churnings 21-01-2021

मैं तपस्या के बल से… भाग्यविधाता को अपना बनाने वाली… बालक सो मालिक, बाबा की सजनी हूँ

अकाल-मूर्त आत्मा… भृकुटी तख्त पर वीराजमान… मधुमक्खी-समान छोटी आत्मा हूँ

पावन-सतोप्रधान-शक्तिमान देवता थी… सर्वशक्तिमान की याद से फूल चार्ज बेटरी… घृत से भरपूर दीपक!

मैं पवित्रता से सम्पन्न… सूक्ष्मवतनवासी फरिश्ता… साक्षात्कार-मूर्त हूँ


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