योग कमेंटरी | डबल अथॉरिटी स्वरूप | Sakar Murli Churnings 29-01-2021प

मैं हर ज्ञान की प्वाइंट को स्वयं में समाकर… उस स्थिति-स्वरुप का अनुभव कर… शुभ संकल्पों के ख़ज़ाने से भरपूर मेहसूस करता

मैं ज्ञान-अनुभव की डबल अथॉरिटी… मस्त फकीर रमता योगी हूँ

बाबा मेरी सेवा पर उपस्थिति हुआ है, बुलावे पर… बहुत सहज रास्ता बताते… मन्मनाभव

मैं आत्मा मुसाफिर हूँ… बाबा आए हैं मुझे अपने साथ ले जाने… नई दुनिया का दैवी फूल बनाने

मैं ज्ञान-नेत्र से सदा अपने आत्मिक स्वरूप… बाबा के स्वरूप को देख… बाबा पर बलिहार जाती


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