योग कमेंटरी | अपने दिव्य स्वरूपों का अनुभव | Sakar Murli Churnings 30-01-2021

सभी जिम्मेवारी निभाते हुए… मैं डबल लाइट… बाबा का समीप रत्न हूँ

एकान्तवासी-अन्तर्मुखी बन… बाबा-प्राप्तियों की स्मृतियों के… शक्तिशाली अनुभव से मायाजीत रहता

मैं सूक्ष्मवतनवासी फरिश्ता… स्थूल हड्डी-मास से परे…. याद की खुशी में रहता

मैं सम्पूर्ण पावन… देव आत्मा… स्वराज्य अधिकारी हूँ

मैं ब्राह्मण आत्मा हूँ… निराकार शिवबाबा से वर्सा प्राप्त कर रही… प्रजापिता ब्रह्मा द्वारा


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