योग कमेंटरी | साइलेन्स की स्थिति | Sakar Murli Churnings 15-01-21

योग कमेंटरी | साइलेन्स की स्थिति | Sakar Murli Churnings 15-01-21

मैं व्यर्थ से मुक्त… देह-भान से परे… एकान्तवासी आत्मा हूँ

आत्मिक स्थिति में स्थित… योगयुक्त हूँ

ज्ञान-शान्ति सागर की यादों में समाई… रूहानी यात्री हूँ

जादूगर बाबा मुझे देवता बना रहे… माया की जेल से मुक्त

इसी silence में सर्व समाधान समाये है… सबको शान्ति-शक्ति मिलती.. साक्षात्कार होंगे… ओम् शान्ति!


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