योग कमेंटरी | मैं कमल-आसनधारी पारसबुद्धि मास्टर सर्वशक्तिमान हूँ | Sakar Murli Churnings 11-02-2021

मैं कमल आसनधारी आत्मा… माया के आकर्षण से न्यारा, बाबा के स्नेह में प्यारा… कर्मयोगी हूँ

सदा वाह-वाह के सूक्ष्म आवाज में खुश… मैं मास्टर सर्वशक्तिमान, मास्टर रचयिता हूँ… उलझनों से मुक्त रह, सबको मुक्त रहता

मैं पारस-बुद्धि पारसनाथ… स्वराज्य अधिकारी… सो स्वर्ग के स्वर्ण महलों का अधिकारी हूँ

मैं सच्ची सीता… सच्ची पार्वती… अमर बाबा से अमरकथा सुन अमरलोक जा रही

मैं आत्म-अभिमानी स्थिति में स्थित… सदा बाबा की याद में बुद्धियोग उपर रहता… निर्वाणधाम-घर में


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