Avyakt Murli 💌 Yog 29.9.24 (Rev. 3.2.02)
अविनाशी खज़ानों 🪙 की सम्पन्नता द्वारा सर्व प्राप्ति, तृप्ति, खुशी, दुआएं 🌬️ आदि सर्वगुण 🌈 emerge करने समझ + योगबल द्वारा संकल्पों 💭 को निश्चिंत, समर्थ रख सदा हल्के, इजी़, मीठे मीजाज़ में रहना; यह है आबाद, आयुश्वान, वाह-वाह, सर्व के प्यारे ❤️ बनना… Avyakt Murli 💌 Yog 29.9.24 (Rev. 3.2.02)!
सर्व, अविनाशी खजानों के मालिक द्वारा हम खज़ाने जमा कर… सदा भरपूर, सम्पन्न; प्राप्ति-स्वरूप, तृप्त, खुश रहते:
ज्ञान-खज़ाना जमा करने के फलस्वरूप… जीवन में रहते सर्व दुख, अशान्ति, चिंताओं के व्यर्थ बन्धनों के तूफ़ान, वातावरण 💨, वायुमण्डल 🌬️ से… मुक्त, जीवनमुक्त, कमल 🪷 समान न्यारे 🕊️, बाबा के प्यारे ❤️ है!
धारणाओं के खज़ाने द्वारा सर्वगुणोंं के खज़ाने प्राप्त करते; योगबल के खज़ाने द्वारा सर्व शक्तियां ⚡ प्राप्त हो, मास्टर सर्वशक्तिमान ✊🏻 बनते… तो एक-एक शक्ति 💪🏻 चेक करना, फुल हैं?… क्योंकि हमारा दृढ़ निश्चय, लक्ष्य, प्रतिज्ञा है कि फुल पास सूर्यवंशी, 16 कला सम्पन्न बनना ही है… और कमी भरने का समय कम है, तो अभी-अभी लक्ष्य-लक्षण 🎯 समान कर बाप समान बनना ही है!
यथार्थ सेवा द्वारा आत्मिक खुशी से खुशनुमः, खिला हुआ रूहानी गुलाब 🌹, खुशी के झूले में झूलते रहते… जिससे वायुमण्डल, सेवा-स्थान, सेवा-साथी, जिनकी सेवा करते; सब पर प्रभाव पड़ता… और सम्बन्ध-सम्पर्क द्वारा दुआओं की फीलिंग, अनुभूति से स्वयं-सर्व डबल लाइट, इजी रहते!
देह-भान से परे, स्वमान 👑 में टिकने जब भी मैं शब्द ✍🏻 बोलो तो ‘मैं कौन-सी आत्मा हूँ’ याद आये (मुझ निराकार आत्मा ने इस देह में प्रवेश किया है!); तो स्वतः निरहंकारी, निर्विकारी रहते… तो साक्षी हो खेल enjoy करने के साथ; बीच-बीच में भी सेकण्ड में एकदम देह से न्यारे; फुल 💯 शक्तिशाली, पॉवरफुल; निराकार आत्म-स्वरूप में स्थित होना (अभी-अभी कार्य में, अभी न्यारे!) … ऐसे तीव्र पुरूषार्थी को दिलाराम ❣️ के दिल का यादप्यार है!
सर्व खजाने आबाद कर, आबाद रहना (ब्राह्मण जीवन में सदा आयुश्वान भव ✋🏻; फिर ब्राह्मण सो देवता तो आयुश्वान है ही!)… हम प्रतिज्ञा में पक्के रहने वालों को अमृतवेले वह प्रतिज्ञा दोहरानी; फिर बार-बार प्रैक्टिकल में चेक करना; हम मजबूत, समाधान स्वरूप, विजयी रत्न 💎 एक-एक लाख समान है… हमारे मस्तक पर बाबा ने विजयी 🇲🇰 का अमर तिलक लगाये, अमर भव के वरदानी बनाया है; तो बाबा के संस्कार को अपने संस्कार बनाने है … हम सबके प्यारे सुकुमार अनेक कुमारों को पक्के, वाह-वाह, फर्स्टक्लास बनाने वाले हैं (फिर मधुबन 🏫 लाना; गवर्नमेंट भी पॉजिटिव कर्म करने वाले कुमारों की कमाल देख खुश होंगे!)
हम मीठा मिजाज वाले भूल से भी दुःख नहीं दे सकते… शिक्षक बन परिस्थिति हमें सहन, सामना शक्ति का पाठ पढाती; जबकि हम ट्रस्टी ने सब बाबा हवाले किया है; तो निश्चिन्त, समर्थ, निर्भय रहना… भक्ति का फल; ज्ञान सागर 🌊 और अविनाशी ज्ञान मिला; हम उसमें समाई हुई ज्ञानी तू आत्मा है; तो इच्छा रूपी अप्राप्ति आ ही नहीं सकती!
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