The greatest fortune, of becoming God’s child! | परमात्मा की नम्बर वन रचना | Avyakt Murli Churnings 10-03-2019

The greatest fortune, of becoming God’s child! | परमात्मा की नम्बर वन रचना | Avyakt Murli Churnings 10-03-2019

विस्तार में सार की सुन्दरता!

कैसे भी बच्चें हो, बाबा उनको मिलन का अधिकार देने अवश्य आ जाते हैं… बाबा दोनों को देख हर्षित हो रहे हैं, विस्तार में वेरायटी के रोनक का श्रूंगार, और उसमें सार-स्वरूप शक्तिशाली बच्चें… ऎसे विस्तार के बीच सार बहुत अच्छा लगता है

ब्राह्मण अर्थात कौन?

  • परमात्मा की नम्बर वन direct सबसे महान रचना, देवताओं से भी ऊंच… ज्ञान स्वरूप, त्रिकालदर्शी, त्रिनेत्री आत्माएं… जिन्होने सबसे पहले साकार में परमात्म मिलन का सुख अनुभव किया
  • सभी सिर्फ महिमा गाते हैं, और हमने सर्व सम्बन्धों से भगवान् को अनुभव किया है, सर्व चरित्र भगवान् के साथ द्वारा अनुभव करते… सर्व अखुट अविनाशी खझानों के मालिक, सर्व प्राप्तियों से सम्पन्न बन गए हैं
  • सदा ज्ञान अमृत पीने, ब्रह्मा भोजन खाने वाले रूहानी मौज में, दिलाराम द्वारा दिल के आराम से दिल-तख्त पर बैठ सर्वश्रेष्ठ सेवा करने वाले
  • कल्प वृक्ष की जड़े, बीज द्वारा सभी पत्तों को मुक्ति-जीवनमुक्ति का पानी दिलाने वाले, सभी आत्माओं के लिए पूर्वज, आधार-मूर्त, उद्धार-मूर्त… सर्वश्रेष्ठ नवनिर्माण का कार्य करने वाले, ज्ञान यज्ञ रच सबकी भाग्यवान जीवन-पत्री बनाने वाले, सबकी सामूहिक सगाई परमात्मा से कराने वाले, पवित्रता का कंगन बांध, अमर कथा सुनाकर ने अमर बनाने वाले

ब्राह्मण सो देवता वा क्षत्रिय में अन्तर:

  • ब्राह्मण अर्थात सदा बेहद की जिम्मेवारी निभाते उड़ती कला के अनुभवी
  • सदा निशाने पर स्थित विजयी आत्माएं
  • Complaints, मेहनत वा समस्याओं से परे, सदा समाधान स्वरूप

विशेषताओं से सम्पन्न विश्व!

  • Delhi है सदा शक्तिशाली रहने के ताजधारी
  • कर्नाटक है स्नेह-भावना और बुद्धिमान-position का बैलेंस, नम्रता वाले
  • U. P. है सबसे wonderful ऑफ वर्ल्ड सेवा करने वाले
  • महाराष्ट्र है महान बनने और महान आत्माओं का गुलदसता बनाने वाले
  • विदेशी है विश्व के आगे बाप को हाज़िर नाजिर अर्थात नजरों के सामने प्रत्यक्ष करने वाले

सार

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि हमें स्वयं भगवान द्वारा सर्वश्रेष्ठ महिमा-योग्य ब्राह्मण जीवन मिला है, तो उस अनुसार निरन्तर परमात्म साथ के अनुभवी बन सर्व प्राप्ति सम्पन्न, सर्व खझानों के मालिक अवश्य बने… जिससे स्वतः औरों को भी ऎसे श्रेष्ठ प्राप्ति-वान बनाते रहेंगे, सतयुग बना लेंगे… ओम् शान्ति!

Happy Birthday, Baba! | हम सभी को जन्म-दिन की बहुत बहुत बधाई हो, बधाई हो, बधाई हो… | Baba Milan Murli Churnings 03-03-2019

Happy Birthday, Baba! | हम सभी को जन्म-दिन की बहुत बहुत बधाई हो, बधाई हो, बधाई हो... | Baba Milan Murli Churnings 03-03-2019 image

Happy Birthday, Baba! | हम सभी को जन्म-दिन की बहुत बहुत बधाई हो, बधाई हो, बधाई हो… | Baba Milan Murli Churnings 03-03-2019

1. हम स्नेह के विमान में बैठ बाबा के पास सहज पहुँच गए हैं, लवलीन स्थिति में परमात्म प्यार के झूले में झूल रहे हैं… बाबा भी हमारे स्नेह में समा गए हैं… यह स्नेह हमें सहज बाप समान ashariri, व्यक्त भान से परे अव्यक्त स्थिति अव्यक्त स्वरूप में स्थित कर देता है

2. हम शिव जयन्ती वा शिव रात्रि मनाने, अर्थात बाप वा अपना जन्मदिन मनाने आए हैं… बाबा भी वतन से नीचे आ गए हैं… यह बर्थ-डे सारे कल्प में न्यारा प्यारा है, क्योंकि:

  • परमात्मा स्वयं हमारा बर्थडे मनाते, हम भी उनका मनाते
  • बाप और बच्चे दोनों का जन्मदिन एक साथ एक ही दिन आता
  • यह शिव जयन्ती (birthday) भी है, तो शिवरात्रि (कलियुग रात परिवर्तन हो सतयुग स्थापन होने की घड़ियां) भी है

तो बाबा इस विशेष दिन की बहुत बढ़ाइया, मुबारक, दुआ, और दिल का याद-प्यार देते हैं

3. हमारे दिव्य जन्म के श्रेष्ठ अलौकिक कर्म ही भक्त copy करते… हम सम्पूर्ण जीवन मन-वाणी-कर्म-भोजन-सम्बन्ध-सम्पर्क में पवित्र रहते, इसलिए भी एक दिन पवित्र रहते… यह पवित्रता ही foundation है ब्राह्मण जीवन का, पूज्य बनने का, प्राप्तियां अनुभव करने का…

4. तो जैसे प्यार में हम पक्के है, वैसे इस पवित्रता के व्रत को पक्का करना है… इसके लिए माया को विदाई देना है (वह भले आए, हमें उसके प्रभाव से न्यारे रह, उसे दूर से ही भगा देना है, बिठाने की आदत नहीं डालनी है अलबेलेपन-वश) … तो फिर:

  • हमारे सूरत में बाप की मूरत दिखाई देंगी, सदा सम्पन्न नैन-मुखड़ा बाप समान… चेहरा व्यर्थ के प्रभाव, उदासी वा मेहनत से परे सदा मुस्कुराता गुलाब समान बन जाएंगा
  • बोल बाप समान वरदानी हो जाएँगे

5. बाबा ने समय की समीपता वा अचानक होने का इशारा बहुत बार दिया है, इसलिए अलर्ट-एवररेडी बनना है… मन-बुद्धि को क्लीन-क्लियर रखना है ताकि बाबा की श्रीमत-directions की touching कैच कर सके… इसके लिए साइलेंस पावर जमा करना है, जिसकी बैंक अभी ही खुलती हैं, एक-एक second वा minute भी स्वीट साइलेंस की अनुभुती में खो जाने की ड्रिल करनी है… तो औरों को सहयोग-sakash दे पाएंगे… पश्चाताप से बच जाएंगे, बाबा की मुबारक लेंगे

6. हमने सबसे बड़े विदेशी बाबा को नीचे खींच लिया है, हम बाबा के घर का श्रूंगार है… तो सदा indoor (अर्थात अन्तर्मुखी) हो बाबा की परिवर्तन की आशाओं को पूर्ण कर number वन बनना है… नम्बरवन विजयी भव का वरदान सदा याद रखना है

सार

तो चलिए इस रूहानी अलौकिक जन्म-दिन पर… सदा परमात्म प्यार के झूले में झूलते रह, सदा श्रेष्ठ स्थित और प्राप्तियों का अनुभव करतेे रहे… इस पवित्रता के बल द्वारा एसा silence power से सम्पन्न रहे, कि औरों को भी स्वतः सर्वश्रेष्ठ सहयोग मिलता रहे… ऎसे स्व-उन्नति और विश्व-सेवा के बैलेंस द्वारा हम बहुत ही जल्द परमात्मा छत्रछाया में रहते सतयुग स्थापन करने के निमित्त बन जाएंगे… ओम् शान्ति!

शिव जयन्ती का आध्यात्मिक रहस्य | Spiritual Significance of Mahashivratri | Avyakt Murli Churnings 03-03-2019

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शिव जयन्ती का आध्यात्मिक रहस्य | Spiritual Significance of Mahashivratri | Avyakt Murli Churnings 03-03-2019

1. भोला अर्थात सरल स्वभाव, शुभ भाव और मन-कर्म दोनों में स्वच्छता, अर्थात सच्चाई और सफाई… भोलेनाथ बाबा को हमारा यह भोलापन इतना प्यारा है, कि हम बाप-बच्चों दोनों का बर्थ-डे साथ-साथ मनाते हैं

2. एक ओर है वियोगी पुकारने आह्वान करने वाले भक्त बच्चें, और हम है बाबा के सम्मुख सहजयोगी बच्चें, जिन्होनें ‘पा लिया!’… तो भक्तों की आवाज़ सुन, जल्दी ही तैयार अर्थात दिव्यगुणों के श्रूंगारों से सम्पन्न बन जााना है, तो स्वतः सर्व की मनोकामनाएं पूर्ण करते रहेंगे

3. शिव जयन्ती का आध्यात्मिक रहस्य

  • शिवलिंग के बीच बिन्दु लगाते, क्यूंकि सारे ईश्वरीय ज्ञान का सार ही है बिन्दु… बिन्दु बन, बिन्दु बाप को याद कर, ड्रामा का बिन्दु लगाना
  • बूँद-बूँद है:
    • एक-एक श्रेष्ठ स्मृतियाँ (मैं आत्मा हूँ, बाबा का बच्चा हूँ, आदि) से मिलन मनाना, मिलन की सिद्धि पाना
    • बाबा से रुह-रिहान की एक-एक सुन्दर बातें (बाबा आप कितने मीठे हो, आप हमें क्या से क्या बनाते हो, बाबा की एक-एक महिमा, बाबा से प्राप्तियां, आदि)
    • हमारा तन-मन-धन से सहयोग, जिससे सागर भर जाता अर्थात सतयुग स्थापन हो जाता है
  • व्रत अर्थात व्यर्थ संकल्पों के भोजन को स्वीकार नहीं करने का दृढ़ संकल्प
  • जागरण अर्थात सदा जागती ज्योत हो रहना
  • शिवबाबा का झण्डा लहराना अर्थात अपने मस्तक और नयनों में सदाकाल के विजय का अविनाशी झण्डा लहराना

4. हम है बाबा के स्नेही, साथी, कदम पर कदम रखने वाले बच्चे, तो बाबा भी हमें गुणों की माला पहनाते हैं… बाबा कहते हम सभी को बहुत बहुत शान्ति, प्यार और खुशियां बांटते हैं, इसलिए फिर हम भी पूज्य बन जाते

5. लोग कहते गुड मॉर्निंग, और हमारा तो है ही गाॅड के साथ मॉर्निंग, अर्थात गॉडली मॉर्निंग (और नाइट)… बल्कि हर पल है गाॅड के साथ, अर्थात पूरा जीवन ही गॉडली है… और जहां गाॅड है, वहां सब गुड ही गुड है… तो बाबा को हर कर्म (भोजन आदि में) साथ रखना है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… श्रेष्ठ स्मृतियों और बाबा से रूह-रिहान द्वारा सदा गाॅड को साथ रख, मास्टर भोलानाथ सदा जागती ज्योत बन… सर्व के मन की आवाज सुन उन्हें शान्ति, प्रेम और खुशीयां बांटते रहे, इसी श्रेष्ठ सहयोग के बूँद-बूँद द्वारा हम सतयुग स्थापन करने के निमित्त बन जाएंगे… ओम् शान्ति!

The most illustrious meeting of fortune | भाग्यविधाता बाप और बच्चों का मंगल मिलन मेला | Avyakt Murli Churnings 24-02-2019

The most illustrious meeting of fortune | भाग्यविधाता बाप और बच्चों का मंगल मिलन मेला | Avyakt Murli Churnings 24-02-2019 image

The most illustrious meeting of fortune | भाग्यविधाता बाप और बच्चों का मंगल मिलन मेला | Avyakt Murli Churnings 24-02-2019

1. यह विचित्र मिलन मेला है, जहां सर्व खझानों प्राप्तियों के भण्डार खुले है (lottery), जितना चाहे उतना अधिकार (राज्य पद भी!) दृढ़ संकल्प से ले सकते हो… सबसे बड़ा ईश्वरीय चांस मिला है “दिल से मेरा बाबा कहो और बाबा के दिल-तख्त-नशीन बनो”… और ईश्वरीय गिफ्ट मिली है “छोटा सा सुखी-सम्पन्न एक बाप में ही संसार“, जिसमे सभी प्राप्ति और खुशियों का झूला बाबा की प्रीत, साथ वा श्रीमत में, और ज्ञान रत्नों से खेलने में, देह भान रूपी मिट्टी से परे फरिश्ता रहने में हैै… तो सम्पन्न सर्व प्राप्ति स्वरूप बनकर ही जाना है

2. सदा यही गीत गाते रहो वाह बाबा वाह, वाह मेरा भाग्य वाह, पाना था सो पा लिया (भगवान और भाग्य)… यही याद की खुशी दुआ-दवा दोनों है, जो बड़े ते बड़ा कर्म-भोग भी न्यारा-प्यारा बन चुक्तू कराता… सूली से कांटा बन जाता, क्योंकि हमारे पास समझ भी है (की यह हमारा ही हिसाब-किताब है) और योग द्वारा शक्ति भी है!

3. सदा याद और सेवा के बैलेंस द्वारा बाप की blessings वा वरदान मिलता, जिससे मैहनत समाप्त हो सहज सर्व प्राप्ति सम्पन्न बन जाते… याद के लिए सिर्फ़ एक बाप एकरस स्थिति वा एकमत हो रहना है, तो सफल रहेंगे… सेवा में डबल लाइट हल्का रहना है बाबा की याद से, तब ही उड़ेंगे और उड़ाएंगे, सेवा का प्रत्यक्ष फल मिलेंगा

4. यह बाप का सो अपना घर भी है, तो विश्व-विद्यालय भी है… Wonderful विद्यालय है, जहां बूढ़े-जवान अनपढ़-पढ़े भाई-माताएं सभी पढ़ते, और सबको एक का ही पाठ पढ़ाया जाता!… जिससे चरित्रवान बनते, जन्म-जन्मांतर के इनकम की guarantee मिलती, जितना करेंगे एक का पदमगुणा हमको ही फायदा है!

5. राजस्थान में ही मुख्य स्थान मधुबन है… तो बाबा सबको कह रहे हैं, हीरे-तुल्य बनना और बनाना है… सब बातों में number वन (क्वालिटी, संख्या और सेवा की विशेषता में) बनना है… निश्चय बुद्धि विजयन्ती!

6. संगमयुग सर्व प्राप्ति करने और सर्वश्रेष्ठ बनने का युग है, तो इस युग के वासी हम सभी भी सर्वश्रेष्ठ हैं… इसलिए सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनना और सबको बनाना है, जितना देंगे उतना बढ़ता जाएंगा… हमें बाबा ने अलौकिक, न्यारा, ज्ञानी वा दुःखों से मुक्त बना दिया है, इसी श्रेष्ठ खुशी में रहना है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… बाबा के साथ मधुर मिलन मनाते रहे, एसी श्रेष्ठ खुशी में रहे कि शरीर का कर्मभोग भी हमारी खुशी हिला न सके… ऎसा सर्व प्राप्ति सम्पन्न बन अपना भाग्य बढ़ाते, औरों को भाग्यवान बनाएं, कि सारे विश्व का भाग्य पलटाकर हम कलियुगी से सतयुगी बना दे… ओम् शान्ति!

Remaining in Self Respect always| स्वमान में स्थित रह समय को पहचानना | Baba Milan Murli Churnings 17-02-2019

Remaining in Self Respect always | स्वमान में स्थित रह समय को पहचानना | Baba Milan Murli Churnings 17-02-2019 image

Remaining in Self Respect always | स्वमान में स्थित रह समय को पहचानना | Baba Milan Murli Churnings 17-02-2019

1. वैसे तो हम सभी परमात्म प्यार के पात्र स्वमान की सीट पर सेट हैं, लेकिन कोई एकाग्रता सेेे सेट है, कोई बार-बार अपसेट होते हैं… बाबा भी हमें एकाग्र-चित्त देखना चाहते, हम भी एकरस रहना चाहते… इसके लिए सिर्फ़ attention रखना है, हमें बाबा ने कितने स्वमान दिए हैं:

  • हम बाबा की पहली रचना, direct नम्बरवन सन्तान है
  • हम परमात्म दिल-तख्त-नशीन, लाइट के ताज-धारी, श्रेष्ठ स्मृति (हम कौन है, हमारा स्वमान क्या है) के तिलक-धारी है
  • हम ब्राह्मण सो फरिश्ता सो देवता है
  • हम विशेष पूर्वज, पूज्य, आधार-मूर्त, उद्धार-मूर्त उदाहरण-मूर्त आत्माएं हैं
  • हम बालक सो मालिक है, सर्व अविनाशी बेहद अनगिनत अख़ुत खजानों के मालिक हैं
  • हम मास्टर सर्वशक्तिमान है

जब इस स्वमान की शान को भूलते हैं, तब ही देह-भान देह-अभिमान से परेशान अपसेट होते हैं… इसलिए knowledgeful के साथ-साथ powerful भी बनना है

2. अभी स्वमान की सीट पर सदा सेट रहना है, इस सदा शब्द को प्रैक्टिकल लाइफ में underline करना है… करना चाहते हैं करेंगे नहीं, करना ही है!

3. मेरा बाबा कहना अर्थात शिवबाबा के साथी बनकर जाना (बाराती नहीं!), और ब्रह्मा बाबा के साथ आदि में आना… प्यार की निशानी वा सबूत ही है श्रीमत का हाथ पकड़कर साथ रहना, साथ चलना, साथ आना… इस वायदे को याद रख, निभाने में ही फायदा है

4. जीतना स्वमान में रहते, समय का महत्व realize होता… यह महान संगमयुग बहुत छोटा सा युग है, जिसमें सारे कल्प के भाग्य केे बीज बोए जाते हैं… हमारे शरीर का विनाश कभी भी हो सकता है, इसलिए अलबेलापन छोड़ अलर्ट, होशियार, खबरदार, ever-ready रहना है… पाना था सो पा लिया, इसी नशे में रहना है!

5. मेरा बाबा कहा अर्थात विश्व कल्याण के जिम्मेवारी के लाइट का ताज मिलना (हमारा प्रभाव सब पर पड़ता है)… तो अभी डबल सेवा करनी है, एक ही समय स्वयं और विश्व दोनों की सेवा साथ-साथ… सारे विश्व में सुख-शान्ति की किरणें फैलानी है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… बाबा के दिए हुए भिन्न-भिन्न स्वमानों को स्मृति में रख सदा श्रेष्ठ स्थिति में स्थित रह, डबल सेवा करते रहे… तो समय के महत्व को realize कर, सर्व खजा़नों से सम्पन्न ever-ready रहेंगे… जिससे हम बहुत ही जल्दी सबको दुःखों से लिबरेट कर सतयुग की स्थापना सम्पन्न कर लेंगे… ओम् शान्ति!

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Becoming full of self respect | सहज स्वमान-धारी कैसे बने | Avyakt Murli Churnings 17-02-2019

Becoming full of self respect | सहज स्वमान-धारी कैसे बने | Avyakt Murli Churnings 17-02-2019

1. बाबा ने हमें सर्व खज़ानों का अधिकारी बनाया है, ज्ञान स्वरूप बना दिया है, भविष्य सुख-शान्ति-सम्पत्ति की guarantee दे दी है… तो चेक करना है, कहाँ तक हमने अपने में शक्ति और खुशी धारण की है, कितना लगन में मगन रहते हैं

2. हम श्रेष्ठ पवित्र आत्माएं, सर्व प्राप्ति सम्पन्न है, बेफिक्र बादशाह, दिव्य श्रूंगारों से सम्पन्न है… नौलखा हार से भी श्रेष्ठ है बाबा के गले का हार बनना, बाबा के सिरताज बनने के आगे बह ताज कुछ नहीं, ब्रह्मा भोजन का एक कणा 36 प्रकार के भोजन से भी श्रेष्ठ है… इन्हीं श्रेष्ठ स्वमानों के नशे में रहना है

3. स्वराज्य अधिकारी अर्थात शक्तिशाली, तो रोज चेक करना है, हमारी एक एक कर्मेंद्री (आँख, कान, मुख, आदि) हमारे अनुसार चली, बल्कि हर कर्म करने से पहले सोच-समझ कर करना है

4. आत्म-अभीमानी बनने के अनुभव से स्वतः परमात्म प्राप्तियों का अनुभव होगा… बस, दो बातें आत्मा और परमात्मा के अनुभव की अथॉरिटी बनो, तो spiritual जज बन सबको जन्म-जन्म के दुख छुड़ाने के निमित्त बन जाएंगे

5. गुजरात की विशेषता है, ज्ञान की खुशी का रास करना, लगन में मगन रहने की रास करना… राजस्थान है स्वराज्य अधिकारी राजाओं का स्थान… कर्नाटक ने विस्तार अच्छा किया है, तो अभी मन के विस्तार को समेटकर सार-स्वरूप बनना है (मक्खन जैसे)

सार

तो चलिए आज सारा दिन… सदा भिन्न-भिन्न स्वमानों के अभ्यास द्वारा श्रेष्ठ स्थिति में रहे… औरों को भी सम्मान देते हुए उन्हें श्रेष्ठ स्थिति में लाते, साथ मिलकर सतयुग बनाते चले … ओम् शान्ति!

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योग कमेंटरी | I’m a truly knowledgeful soul | Avyakt Murli Churnings 10-02-2019

योग कमेंटरी | I’m a truly knowledgeful soul | Avyakt Murli Churnings 10-02-2019

मैं ज्ञानी तू आत्मा… सदा बाबा के साथ रहने वाली… मास्टर सर्वशक्तिवान हूँ

मैं स्वराज्य अधिकारी हूँ… सभी गुण शक्तियां मेरे सेवाधारी है… मैं जब चाहे, जैसे चाहे उन्हें use कर सकती हूँ

मैं बन्धन-मुक्त फरिश्ता हूँ… पुराने-पन का कोई भी बोझ मुझे खींच नहीं सकता… मैं सदा उड़ती कला के अनुभव में उड़ता रहता हूँ

मैं बाबा का वारिस बच्चा हूँ… सम्पूर्ण वर्से का अधिकारी… राज्य पद अधिकारी हूँ

मैं भय से मुक्त निड़र हूँ… औरों को भी सुख-शान्ति देने के निमित्त आत्मा हूँ… शान्ति का वरदान देने वाली वरदानी महादानी आत्मा हूँ

गीत: दानी बनो, वरदानी बनो…


और योग कमेंटरी:

Thanks for reading this meditation commentary on ‘I’m a truly knowledgeful soul | Avyakt Murli Churnings 10-02-2019’

Becoming truly knowledgeful | सच्चे ज्ञानी के लक्षण | Avyakt Murli Churnings 10-02-2019

Becoming truly knowledgeful | सच्चे ज्ञानी के लक्षण | Avyakt Murli Churnings 10-02-2019 image

Becoming truly knowledgeful | सच्चे ज्ञानी के लक्षण | Avyakt Murli Churnings 10-02-2019

तीन प्रकार के बच्चे

  • भक्ति की भावना वाली आत्माएं… यथाशक्ति, शान्ति प्रेम ज्ञान खुशी का थोड़ा अनुभव करती… लेकिन indirect, अन्धश्रद्धा से मिक्स
  • परिचय के अधार से बाप और परिवार प्रति भावना वाली आत्माएं… बह भी कहती मेरा बाबा, प्यार मे बहुत खुशी में दिखती … लेकिन शक्तिशाली न होने के कारण सदा खुश नहीं रह सकते… वर्से के हकदार तो बने, लेकिन पूरा वर्सा नहीं ले पाएंगे
  • सच्चा ज्ञानी अर्थात मास्टर सर्वशक्तिमान, स्वराज्य अधिकारी, सर्व गुण शक्तियों जब चाहे स्वयं वा सर्व प्रति use कर सके… सम्पूर्ण वर्से के अधिकारी, राज्य पद अधिकारी

अन्य पॉइन्ट्‍स

1. बाबा ने हमें भय से मुक्त किया है, मृत्यु का भी (हम तो अविनाशी आत्मा है) और रहे हुए कामों का भी (सब बाबा को सौप दिया है)… जो खुद ऎसे मुक्त है, वही औरों को सुख-शान्ति दे सकते… आगे चलके प्रसिध्द होगा कि यही शान्ति का यथार्थ स्थान है, तो सबकी शान्ति की अनुभव कराते रहना है

2. हम शान्ति का पैगाम वा सन्देश देने वाली संदेशी आत्माएं है, महादानी, वरदानी है… ऎसे अपने भिन्न-भिन्न टाइटल्स को स्मृति में लाते ही खुशी होती, स्वतः सेवा याद आती

3. हम डबल लाइट फरिश्ते है… फ़र्श (अर्थात पुरानी देह और दुनिया) का कोई बोझ नहीं, सदा उड़ते हुए… अभी समय है ऎसे फरिश्ते बनने का… इसी एक शब्द फरिश्ता, जो कि बाबा का वरदान है, उसे याद रखना है, तो मालामाल बन जाएँगे

सार

तो चलिए आज सारा दिन… सच्चा ज्ञानी बन सदा बाप से combined रह, शक्तिशाली स्थिति का अनुभव करते रहे… और फरिश्ता बन सदा हल्का रहे, सबको सुख-शान्ति का वरदान देते रहे, भगवान से जुड़ाते रहे, सतयुग बना ले… ओम् शान्ति!

Making soul-consciousness our natural nature | देही-अभीमानी स्थिति का नैचुरल नेचर | Avyakt Murli Churnings 02-02-2019

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