योग कमेंटरी | मैं सार स्वरूप आत्मा हूँ | I am essence-full

योग कमेंटरी | मैं सार स्वरूप आत्मा हूँ | I am essence-full

मैं सार स्वरूप… फल स्वरूप… शक्तिशाली आत्मा हूँ

पास्ट जो हुआ, accurate था… आगे जो होगा, कल्याणकारी होगा… मुझे वर्तमान को श्रेष्ठ रखना है

मेरे संकल्प धैर्यवत… कम… समर्थ हैं

कुछ सोचने की आवश्यकता नहीं… सिर्फ़ योगयुक्त श्रेष्ठ स्थिति में रहना है… बाकी सब बाबा सम्भालेगा

सिर्फ हर कदम श्रीमत पर चलते… ज्ञान चिन्तन… बाबा की यादों में… रूहानी मौज में रहना है… औरों की भी सेवा स्वतः होती रहेंगी… ओम् शान्ति!


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योग कमेंटरी | I’m an immortal soul | भय-मुक्त आत्म-अभीमानी अवस्था

योग कमेंटरी | I’m an immortal soul | भय-मुक्त आत्म-अभीमानी अवस्था

मैं अजर… अमर… अविनाशी शक्ति… आत्मा हूँ

मुझे अग्नि जला नहीं सकती… पानी डुबो नहीं सकता… हथियार काट नहीं सकते

मुझे धरती हिला नहीं सकती… हवा उड़ा नहीं सकती… बिजली छू भी नहीं सकती

मुझे कोई मार नहीं सकता… छू भी नहीं सकता… मेरा कुछ नुकसान नहीं हो सकता

मैं बाह्य प्रभाव से भी परे… ज्ञान योग की शक्ति से सम्पन्न हूँ… बहुत शक्तिशाली, मास्टर सर्वशक्तिमान हूँ… ओम् शान्ति!


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योग कमेंटरी | याद से याद मिलाना | Experiencing God’s Current | Sakar Murli Churnings 07-03-2019

याद से याद मिलाना | Experiencing God's Current | Sakar Murli Churnings 07-03-2019 image

योग कमेंटरी | याद से याद मिलाना | Experiencing God’s Current | Sakar Murli Churnings 07-03-2019

मैं निराकार ज्योति-बिन्दु आत्मा … मेरे परमपिता को याद कर रही हूँ… वो भी निराकार ज्योति-बिन्दु स्वरूप है

मैं बाबा को बहुत प्यार से याद करती… वो भी मुझे याद करते… याद से याद मिलती है… और उनकी current मुझे अनुभव हो रही है

बहुत शक्तिशाली current… जो मुझे शान्ति, प्यार और आनंद से भरपूर कर देती है… मैं एवर healthy, निरोगी, पावन बन रहा हूँ…

मेरी कर्मेंद्रीयां शीतल हो चुकी है… अपका बहुत शुक्रिया है बाबा… अपने मुझे सशक्त कर दिया है

औरों को भी यह current… कि sakash देकर… उनको सहयोग देना है… ओम् शान्ति!


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योग कमेंटरी | हमारे मीठे बाबा | Baba’s part

योग कमेंटरी | हमारे मीठे बाबा | Baba’s part

बाबा परमधाम में… सदा शान्ति, प्रेम, आनंद से भरपूर रहते… कल्प के संगमयुगे आकर… हमें ज्ञान देते हैं

ड्रामा को साक्षी हो देखते… सदा बच्चों को आगे बढ़ाते है… मीठी मीठी बातें करते

बाबा किसी से कुछ नहीं लेते… सदा देते रहते हैं… अपने से भी ऊंचा उठाते

बाबा मुझे दृष्टि देते… सदा विशेषताएं देखते… बहुत प्यार करते हैं

भक्ति में भी साक्षात्कार कराते थे… मनोकामनाएं पूर्ण करते थे..

अभी सर्व खज़ानों के अधिकारी, पद्मपद्म भाग्यशाली बना दिया है… बाबा का बहुत बहुत शुक्रिया है… ओम् शान्ति!

गीत: हजा़रों धन्यवाद है…


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योग कमेंटरी | श्रेष्ठ संकल्पों की बूँद-बूँद | Avyakt Murli Churnings 03-03-2019

योग कमेंटरी | श्रेष्ठ संकल्पों की बूँद-बूँद | Avyakt Murli Churnings 03-03-2019 image

योग कमेंटरी | श्रेष्ठ संकल्पों की बूँद-बूँद | Avyakt Murli Churnings 03-03-2019

मैं बिन्दु-रूप आत्मा… बिन्दु बाप की सन्तान… ड्रामा का बिन्दु लगाने वाली आत्मा हूँ

मैं सरल-चित्त… स्वच्छ बुद्धि… धारणा मूर्त आत्मा हूँ… भोली आत्मा… भगवान की प्रिय हूँ

मैं बाबा से बातें करती हूँ… बाबा, आप कितने मीठे हो, हमें क्या से क्या बनाते हो… सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनाते… एक आप ही महिमा-योग्य हो

मैं पूज्य आत्मा… दिव्य दर्शनीय मूर्त हूँ… वरदानी मूर्त… सबको शान्ति, प्यार और खुशियां बांटती हूँ

मैं व्यर्थ से मुक्त… सदा जागती ज्योत हूँ… मेरे तन-मन-धन के सहयोग से… सतयुग स्थापन हो रहा है… ओम् शान्ति!


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योग कमेंटरी | मैं श्रेष्ठ आत्मा हूँ | I’m an elevated soul

योग कमेंटरी | मैं श्रेष्ठ आत्मा हूँ | I'm an elevated soul image

योग कमेंटरी | मैं श्रेष्ठ आत्मा हूँ | I’m an elevated soul

मैं श्रेष्ठ आत्मा हूँ… श्रेष्ठ बाप की सन्तान… श्रेष्ठ गुण-वाली हूँ

मैं विशेष आत्मा हूँ… सर्व विशेषताओं से सम्पन्न… बाबा की प्रिय आत्मा हूँ

मैं श्रेष्ठ ज्ञान सुनती… श्रेष्ठ चिन्तन करती… श्रेष्ठ कर्मों करने वाली आत्मा हूँ

मेरा संग पवित्र योगी आत्माओं से है… मैं रोझ बाबा के घर सेंटर जाती हूँ… सबको श्रेष्ठ बनाने की सेवा करती, शुभ भावना रखती हूँ

मुझे सर्वश्रेष्ठ सुप्रीम टीचर पढ़ाते हैं… मेरा भोजन भी सर्वश्रेष्ठ है… मैं सर्वश्रेष्ठ देवता बनने वाली हूँ… ओम् शान्ति!


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योग कमेंटरी | Experiencing Lightness | हल्केपन की अनुभुती

योग कमेंटरी | Experiencing Lightness | हल्केपन की अनुभुती

मैं फरिश्ता… बिल्कुल हल्का हूँ… कुछ भी वज़न नहीं है

मेरी प्रकाशमय काया है… पवित्रता कि… आध्यात्मिक ऊर्जा से सम्पन्न

मेरे सभी बोझ बाबा ने ले लिए हैं… मैं निश्चिंत हूँ… सुरक्षित हूँ

अब बाबा जिम्मेवार है… मुझे उनपर पूरा भरोसा है… ड्रामा कल्याणकारी है

हर पल मेरी उन्नति हो रही है… उड़ती कला का अनुभव है… मेरी कार्य क्षमता बहुत बढ़ गयी है

मेरे चारों ओर का वातावरण भी श्रेष्ठ अलौकिक बन गया है… मेरे आसपास सभी हल्के हो रहे हैं… तनाव-मुक्त… Tension-free बन गए हैं… ओम् शान्ति!


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योग कमेंटरी | बाबा से बातें करना | Talking with God

योग कमेंटरी | बाबा से बातें करना | Talking with God

बाबा आप कितने मीठे हो… हमें क्या से क्या बनाते हो… स्वर्ग की बादशाही देते हो

आप मेरे हो… मैं आपकी हूँ… सिर्फ़ एक आप ही मेरे हो

बाबा आप मिले, सबकुछ मिल गया… अब कोई इच्छा बाकी नहीं… पाना था सो पा लिया

आपका बहुत शुक्रिया है बाबा… आपने हमारा जीवन श्रेष्ठ ते श्रेष्ठ… पवित्र योगी बना दिया है

अब सबको आपसे जुड़ाकर… सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनाना है… मेरा जीवन अब आपकी ही सेवा के लिए है… ओम् शान्ति!

गीत: ओ बाबा, क्या आपसे मैं दो बातें कर लु…


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योग कमेंटरी | शरीर से ममत्व मिटाने | How to overcome attachment to the body

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योग कमेंटरी | शरीर से ममत्व मिटाने | How to overcome attachment to the body

यह देह temporary है… मैं इस देह में थोड़े समय का मेहमान… सो महान आत्मा हूँ

मैं निराकारी आत्मा, अशरीरी, विदेही हूँ… परमधाम निवासी हूँ… अब वापिस वहां जाना है

यह शरीर जुत्ती है… ऎसे कई शरीर मैंने लिए और छोड़े है… अब इस पुरानी जुत्ती को भी छोड़ना है

यह शरीर पुराना तमोप्रधान है, मुझे नयी कंचन-काया मिलनी है… अब इस शरीर के भान से परे… मुझे आत्म-अभीमानी स्थिति में स्थित रहना है

यह शरीर पतित रोगी है… इसे श्रेष्ठ स्थिति के vibrations द्वारा… बाबा की सेवा में चलाना है

इस देह में रहते, देह से न्यारा… और बाबा का… तथा सर्व का प्यारा रहना है

यह शरीर अब मेरा नहीं है… बाबा की अमानत है… मुझे इसे श्रीमत पर ही use करना है

यह शरीर सिर्फ मेरा यंत्र, वस्त्र वा रथ हैं… मैं आत्मा ही सबकुछ करती हूँ… ओम् शान्ति!


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योग कमेंटरी | अलौकिकता का अनुभव | Experiencing Spirituality

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योग कमेंटरी | अलौकिकता का अनुभव | Experiencing Spirituality

मैं विदेही आत्मा… देह भान से मुक्त… बिल्कुल हल्की हूँ

आत्म-अभीमानी स्थिति में स्थित … अव्यक्त स्थिति का अनुभव कर रही हूँ

मैं बाह्य प्रभाव से परे हूँ… मुझे कोई छू भी नहीं सकता… मैं अलौकिक सत्ता हूँ

मैं सदा श्रेष्ठ स्थित में स्थित हूँ… सबको खुशियां बांटती… सम्मान देती हूँ

सब कार्य करते हुए भी हल्की… निमित्त हूँ, बाबा करा रहे हैं

व्यर्थ से मुक्त हूँ… बिल्कुल शान्त चित्त हूँ… सबकुछ जैसेकि अपने आप हो रहा है… ओम् शान्ति!


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