योग कमेंटरी | मैं अमूल्य हीरा हूँ | I am a diamond

योग कमेंटरी | मैं अमूल्य हीरा हूँ | I am a diamond

मैं अमूल्य हीरा हूँ… चमकता हुआ बेदाग हीरा… मस्तक मणि हूँ

मैं बाबा का विशेष अनन्य रत्न हूँ… कल्प-कल्प का विजयी रत्न… सन्तुष्टमणि हूँ

सभी defect के effect को दूर कर… मुझे perfect बनना है… बिल्कुल flawless!… परचिंतन की धूल से भी मुक्त

बाबा रत्नागर है… मुझ हीरे को रोझ चमकाता है… मेरा जीवन हीरे-तुल्य बनाता… सबका भी बनाना है!

मैं हीरो एक्टर हूँ… मुझसे सबको प्रेरणा मिलती… मैं सबसे अमूल्य कोहिनूर हीरा हूँ… ओम् शान्ति!


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योग कमेंटरी | मैं सर्वगुण सम्पन्न देवता हूँ | I’m full of all virtues

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योग कमेंटरी | मैं सर्वगुण सम्पन्न देवता हूँ | I’m full of all virtues

मैं सर्वगुण सम्पन्न देवता हूँ… सदा सन्तुष्ट… हर्षितमुख… प्रसन्नचित हूँ

मेरी आखें शीतल… बोल मधुर… व्यवहार बहुत मीठा है

मेरी चलन बड़ी रॉयल है… उदारचित हूँ… मैं दिव्यता से सम्पन्न… सतयुगी देव आत्मा हूँ

मैं सतोप्रधान… सम्पूर्ण पवित्र आत्मा हूँ… मर्यादा पुरुषोत्तम हूँ

मैं उमंग उत्साह से भरपूर हूँ… हर पल उत्सव है… हर दिन त्योहार… खुशियां ही खुशियां है… ओम् शान्ति!

गीत: जीवन गुणों से पुर्ण होगा…


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योग कमेंटरी | देही अभिमानी स्थिति का अभ्यास | Soul Conscious in actions

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योग कमेंटरी | देही अभिमानी स्थिति का अभ्यास | Soul Conscious in actions

मैं आँखों द्वारा देखने वाली… कानों द्वारा सुनने वाली… मुख द्वारा बोलने वालीं… शरीर द्वारा कर्म करने वाली शक्ति आत्मा हूँ

मैं करावनहार हूँ, शरीर करनहार है… मैं मालिक हूँ… इस रथ (व गाड़ी) की

यह देह बाबा की अमानत है… मुझे इसे श्रीमत पर ही use करना है

आँखों से विशेषताएं देखनी है… मुख द्वारा मीठे ज्ञान रत्न ही बोलने है… कर्म द्वारा गुणवान बनाना, सबको सुख देना है

मैं मालिक हूँ, इस शरीर को चला रही हूँ…

इन्हीं संकल्पों को बार बार दोहराते… मुझे अपनी देही अभिमानी स्थिति मजबूत करनी है… ओम् शान्ति!


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योग कमेंटरी | मैं पद्मपद्म भाग्यशाली आत्मा हूँ | I’m multimillion times fortunate

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योग कमेंटरी | मैं पद्मपद्म भाग्यशाली आत्मा हूँ | I’m multimillion times fortunate

मैं भाग्यशाली… सौभाग्यशाली… पद्मपद्म भाग्यशाली आत्मा हूँ

स्वयं भाग्यविधाता भगवान ने मुझे अपना बनाया है… भाग्य लिखने की कलम मेरे हाथों में दे दी है… मैं जीतने चाहे भाग्य बना सकती हूँ

मैं रूहानी सेवाधारी हूँ… मैं निमित्त आत्मा हूँ… मेरे कदम-कदम पर पद्मों की कमाई (अर्थात भाग्य) है

भगवान की श्रीमत से श्रेष्ठ बन रही हूँ… स्वयं भगवान मुझे पढ़ाते हैं… ज्ञान, गुण और शक्तियों से श्रृंगारते है

भगवान की छत्रछाया मुझ पर है… हर बात में मेरा कल्याण ही कल्याण है… भगवान मेरे साथ है

मेरे भाग्य का सितारा चमक उठा है… बाबा ने मुझे सतयुग का वर्सा दे दिया है… सबको भी दिलाना है… ओम् शान्ति!


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योग कमेंटरी | आत्मिक दृष्टि का अभ्यास | Soul Conscious Drishti

योग कमेंटरी | आत्मिक दृष्टि का अभ्यास | Soul Conscious Drishti

मैं आत्मा हूँ… सभी भी आत्माएं हैं… बाबा के बच्चे है

एक बाप के बच्चे, मेरे भाई-बहन है… वह भी शान्त स्वरूप… प्रेम स्वरूप… आनंद स्वरूप है

मुझे उनकी विशेषताएं ही देखनी है… सबको देते रहना है… शुभ भावनाएं, दुआएं, सम्मान आदि… बाप से लेकर, सबको देना है

मुझे उनसे कोई भी अपेक्षा नहीं… उनकी कोई गलती नहीं… वह खुद अपने संस्कारों से परेशान हैं

उनका जीवन सुखमय बने… वह खुश रहे, आगे बढ़े, उनका कल्याण हो… उनका भी सम्बन्ध उनके परमपिता से जुड़ जाए, वह सर्व प्राप्ति सम्पन्न बन जाएं

इस अभ्यास से मेरी आँखें निर्मल होती जा रही है… मैं सतयुगी देवता बन रही हूँ… ओम् शान्ति!


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योग कमेंटरी | शिवबाबा की याद | Remembering Shiv Baba

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मैं शिव बाबा का बच्चा हूँ… वो मेरा पिता है

बिल्कुल मेरी तरह, अति सूक्ष्म ज्योति बिन्दु स्वरूप… परंतु गुणों का सागर… उनकी शक्तियों की किरणें चारों ओर फैल रही है… पूरे परमधाम को प्रकाशित कर रही है

मैं बाबा को याद कर रहा हूँ… उनके गुण और शक्तियां मुझमे प्रवेश कर रही है.. मैं बहुत हल्का हो रहा हूँ… खुशियों से भरपूर… और शक्तिशाली

मैं आत्मा पावन बनती जा रही हूँ… सतयुगी देवता बन रही हूँ

मैं पद्मापदम भाग्यशाली आत्मा हूँ… सबको भी भाग्यशाली बनाना है… सदा बाबा की श्रीमत पर चलते रहना है… ओम् शान्ति!

गीत: शिव बाबा को याद कर…


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योग कमेंटरी | मैं फरिश्ता हूँ | I’m an Angel

योग कमेंटरी | मैं फरिश्ता हूँ | I’m an Angel

मैं बहुत हल्का हूँ… सब बोझ बाप को दे दिए हैं… मैं निश्चिंत हूँ

मैं डबल लाइट हूँ… आत्मा भी लाइट, शरीर भी लाइट… हल्का और प्रकाशमय

मैं लाइट रूपधारी हूँ… प्रकाशमय काया… जिसके चारों ओर लाइट ही लाइट फैल रही है… पारदर्शी हूँ… मुझे कोई छू भी नहीं सकता

मैं फरिश्ता हूँ… फ़र्श से कोई रिश्ता नहीं… सर्व रिश्ता एक बाप से

मैं बाप समान हूँ… कदम-कदम पर फॉलो फादर करने वाली आत्मा हूँ

मैं सबको देने अया हूँ… शुभ भावना, दुआएं, आशीर्वाद, आदि

मैं कर्मातीत बन्धनमुक्त हूँ… कोई भी रस्सीयां मुझे खींच नहीं सकती

मैं अव्यक्त हूँ… व्यक्त भान से परे… व्यक्तियों से भी परे

मैं सूक्ष्मवतन वासी हूँ… यहाँ अवतरीत हुआ हूँ… नयी सतयुगी सृष्टि की स्थापना करने… ओम् शान्ति!


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योग कमेंटरी | मैं निमित्त आत्मा हूँ | I’m an instrument soul

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योग कमेंटरी | मैं निमित्त आत्मा हूँ | I’m an instrument soul

करन-करावनहार बाबा है… मैं सिर्फ निमित्त हूँ

सदा हल्की हूँ… सभी बोझ बाबा को दे दिए हैं… वही मुझे चला रहा है

यह विशेषताएं सभी बाबा की देन है… और बाबा का ही ज्ञान सुनाते हैं… बाबा के बच्चों को

मेरा जीवन सफल हो रहा है… मैं बहुत भाग्यशाली हूँ… स्वयं भगवान ने मुझे चुना है, निमित्त बनाया है

बाबा ने मुझे मान दिया है… मुझे किसी से मान की अपेक्षा नहीं… सबको सम्मान देना है

मुझे सदा निर्मान रहना है… निर्मल वाणी रखनी है… चेहरे और चलन द्वारा सबकी सेवा करनी है… बाबा की आशाओं को पूर्ण करना है

मैं बाबा की हूँ… बाबा को अर्पित, समर्पित… ओम् शान्ति!

गीत: झलक तुम्हारी ओ प्यारे भगवंत…


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योग कमेंटरी | मैं स्वराज्य अधिकारी आत्मा हूँ | I’m a Ruler over the Self

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योग कमेंटरी | मैं स्वराज्य अधिकारी आत्मा हूँ | I’m a Ruler over the Self

मैं स्वराज्य अधिकारी आत्मा हूँ… भ्रकुटी सिंहासन पर विराजमान… बहुत शक्तिशाली हूँ

मन, बुद्धि, संस्कारों की मालिक… शरीर और कर्मेन्द्रियों की भी मालिक हूँ

मैं अपने संकल्पों का रचता हूँ… हर संकल्प मेरा चुनाव हैं…

मैं अपने मन-बुद्धि को जहां चाहे, जितनी देर चाहे, वहां टिका सकती हूँ… मैं मायाजीत हूँ… निरन्तर योगी हूँ

बाबा ने मुझे माया से छुड़ाकर स्व का राजा बना दिया है… मैं बाबा का राजा बच्चा हूँ… स्वराज्य मैं ही सच्ची शान्ति, सच्ची खुशी हैं

मैं अपनी श्रेष्ठ स्थिति और व्यवहार द्वारा , सर्व को सन्तुष्ट करती हूँ (अर्थात सर्व के दिलों पर राज करती हूँ!)… मैं स्वराज्य अधिकारी सो विश्व राज्य अधिकारी आत्मा हूँ… ओम् शान्ति!

गीत: मस्तक सिंहासन पै हम आत्माएं…


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