योग कमेंटरी | A pure attitude! | शुद्ध वृत्ति | Baba Milan Murli Churnings 17-10-2019

योग कमेंटरी | A pure attitude! | शुद्ध वृत्ति | Baba Milan Murli Churnings 17-10-2019

मैं बाप-समान… सम्पन्न-सम्पूर्ण… फरिश्ता सो देवता हूँ

सदा मन्सा द्बारा शक्ति-दान… वाणी द्बारा ज्ञान-दान… कर्म द्बारा गुण-दान करती

मेरी शुद्ध वृत्ति… सबकी विशेषताएं देखती… दुआ देती, दुआ लेती… शक्तिशाली वायुमण्डल बनाती

मैं हर पेपर में पास होती… कल्प-कल्प की विजयी रत्न… दृढ़ता-सम्पन्न आत्मा हूँ

सदा बाबा के साथ combined रहती… मेरे फीचर्स से सतयुगी फ्यूचर दिखता… ओम् शान्ति!


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योग कमेंटरी | शक्ति का अनुभव | Being Powerful

योग कमेंटरी | शक्ति का अनुभव | Being Powerful

मैं शक्ति-स्वरूप आत्मा… बहुत शक्तिशाली… मास्टर सर्वशक्तिमान हूँ

मैं शिव-शक्ति हूँ… सदा शिव से combined… उनकी शक्तियां लेती… सम्पन्न आत्मा हूँ

बाबा ने मेरे सिर पर हाथ रख… अपनी सारी शक्तियां दे दी है… मास्टर Almighty बना दिया है

मैं सदा समर्थ सोचती… व्यर्थ से मुक्त हूँ… सब को भी शक्तिशाली बनाती

मैं सदा अचल-अडो़ल… एकरस हूँ… शान्तिप्रेमआनंद से भरपूर… ओम् शान्ति!


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योग कमेंटरी | बाबा है बच्चा

योग कमेंटरी | बाबा है बच्चा

बाबा मेरा सपूत बच्चा है… सदा मेरे साथ रहता, मेरा ध्यान रखता… कभी छोड़ेगा नहीं

मेरे नाम रोशन करता… जयजयकार कराता… पूज्य देवता-सालिग्राम बनाकर

मैं उसपर सम्पूर्ण बलिहार गया हूँ… वह मेरा वारिस है… वह भी मुझ पर 21 जन्म बलिहार जाता

मेरे नज़र सदा उसपर है… उसका ख्याल रखता… वह भी चमक उठा है

वो मेरा बाप भी है… बच्चा भी है… सबकुछ, सर्वस्व है… ओम् शान्ति!


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योग कमेंटरी | मैं आधार मूर्त हूँ

योग कमेंटरी | मैं आधार मूर्त हूँ

मैं सारे विश्व की आधार मूर्त… उद्धार मूर्त… उदाहरण मूर्त आत्मा हूँ

मेरे श्रेष्ठ वाइब्रेशन… सारे विश्व की आत्माओं को पहुंचते… उनकी पालना करते

मैं पालनहार… पूर्वज… पूज्य आत्मा हूँ

मेरे संकल्प चेहरे पर झलकते… बोल-कर्म सब फोलो करते… मैं हीरो एक्टर, सदा स्टेज पर हूँ

मेरी खुशी, सबको खुश करती… हलचल भी प्रभाव डालती… मेरा अपने पर सम्पूर्ण attention है

मैं सतयुग स्थापन करने की आधर… सतयुगी-दिव्य आत्मा… देव कुल की महान आत्मा हूँ… ओम् शान्ति!

गीत: नयी उमर की कलियां हो तुम…


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योग कमेंटरी | बाबा है खुदा दोस्त

योग कमेंटरी | बाबा है खुदा दोस्त

बाबा मेरा खुदा-दोस्त… सदा मेरे साथ रहते… खुशी-आनंद से भरपूर करते

मैं उनसे बात करता… वह मुझसे बात करते… हम सर्वश्रेष्ठ रूहानी फ्रेंड्स है

जब भी बाहर निकलता, कार्य आरम्भ करता… उसको बुलाता… जो सबकुछ सहज कर देता

उनके साथ की मीठी-मीठी यादें… मुझे पद्मापद्म भाग्यशाली मेहसूस कराती… सब को भी भाग्यवान बनाना है

हम दोनों फरिश्ते… ज्योति-बिन्दु आत्माएं… सब का कल्याण करते रहते… ओम् शान्ति!


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योग कमेंटरी | सूक्ष्मवतन में सोना

योग कमेंटरी | सूक्ष्मवतन में सोना

इस शरीर रूपी गाड़ी को… बिस्तर रूपी गैरेज में रख… मैं आत्मा उड़ चली ऊपर

बाबा ने सूक्ष्मवतन में… मेरा लाइट का बेड तैयार किया है… मैं फ़रिश्ता लेट जाता

बाबा मेरे सिर पर हाथ फ़ेर रहे… मैं अव्यक्त स्थिति में स्थित… बिल्कुल शान्त हो रहा

बाबा मेरे सिर-पैर दबाकर… सारी थकान दूर कर रहे… जन्म-जन्मान्तर की

मुझे नींद आ रही… मैं बाबा की गोद में सो जाता हूँ… बाबा, अमृतवेला उठा देना

मेरा बाबा… मीठा बाबाप्यारा बाबा… शुक्रिया बाबा… ओम् शान्ति!

गीत: निंदिया लेकर आयी…


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योग कमेंटरी | बाबा है सतगुरू

योग कमेंटरी | बाबा है सतगुरू

बाबा मेरा परम-सतगुरू है… मैं उनका प्रिय शिष्य… सर्वश्रेष्ठ follower हूँ

बाबा ने मुझे… मन्मनाभव का महामंत्र देकर… सर्व प्राप्ति सम्पन्न… सर्व खज़ानों से भरपूर कर दिया है

सर्वश्रेष्ठ श्रीमत देकर… श्रेष्ठ ते श्रेष्ठ… मनुष्य से देवता बना रहे हैं

मुझे गति-सद्गति… मुक्ति-जीवनमुक्ति देते… हथेली पर स्वर्ग की सौगात लाए है

मैं भी मास्टर सतगुरू हूँ… सबको मुक्ति-जीवनमुक्ति दिलाता… परम-सतगुरू बाबा से जुड़ाकर… ओम् शान्ति!


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योग कमेंटरी | मैं सतयुगी प्रिंस हूँ

योग कमेंटरी | मैं सतयुगी प्रिंस हूँ

मैं सतयुगी प्रिंस हूँ… सम्पूर्ण सतोप्रधान… सर्वगुण सम्पन्न

स्वर्ग का राज्य अधिकारी… पद्मापद्म भाग्यशाली… सर्व प्राप्ति सम्पन्न हूँ

मैं दिव्यता से भरपूर… शीतल दृष्टि, मीठे बोल, रॉयल चलन से सुशोभित… दिव्य दर्शनीय मूर्त हूँ

बाबा मुझे नर से नारायण… मनुष्य से देवता… पावन-पूज्य-सतोप्रधान बना रहे हैं

बाबा ने दिव्यगुणों से श्रृंगारकर… मुझे दिव्य फूलअलौकिक फ़रिश्ता बना दिया है… ओम् शान्ति!


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योग कमेंटरी | मैं हनुमान हूँ

योग कमेंटरी | मैं हनुमान हूँ

बाबा मुझे बन्दर से… मन्दिर-लायक देवतापूज्य बना रहे हैं

मैं हनुमान… सदा एक राम की याद में मग्न… योगबल से भरपूर… सम्पूर्ण पवित्र हूँ

सर्व शक्तियों से सम्पन्न, महावीर… मायाजीत… मास्टर सर्वशक्तिवान हूँ

मैं वायु-समान हल्का… पर्वत-समान शक्तिशाली… पहाड़ को भी राई-रुई बनाता हूँ

सबको संजीवनी बुत्ती से सुरजीत कर… सभी सिताओं को रावण की जंजोरों से छुड़ाता… बाबा के महान स्वर्ग स्थापना के कार्य में सच्चा सहयोगी हूँ… ओम् शान्ति!


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योग कमेंटरी | पानी के नीचे

योग कमेंटरी | पानी के नीचे

मैं आत्मा, सागर के नीचे हूँ… चारों ओर पानी है… मछलियों की दुनिया… जो अपने नियमों पर चलती

ऊपर सूरज का प्रकाश दिख रहा… मैं उस दुनिया से बिल्कुल दूर हूँ… यहां कोई देहधारी भी नहीं

मैं आसपास घूम रही हूँ… सभी पौधों को देख… बिल्कुल हल्की हूँ

मैं मास्टर सागर की स्थिति में स्थित हूँ… जितना सम्पन्न… उतना ही शान्त-चित्त… प्रेमसुखआनंद से भरपूर

गुणों के सागर के साथ सदा combined… ज्ञान-गुण-शक्तियों से सम्पन्न हूँ… सबको भी करती… ओम् शान्ति!


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