योग कमेंटरी | अंतरिक्ष में

योग कमेंटरी | अंतरिक्ष में

अंतरिक्ष के सितारों जैसा… मैं रूहानी सितारा हूँ… चैतन्य प्रकाश से चमकता

बिल्कुल हल्का… स्थिर… शान्ति, प्रेम, आनंद से भरपूर हूँ 

नीचे ग्लोब दिखाई दे रहा… इसे फिर से पावन-सतोप्रधान-दैवी बनाना है… इसमें अवतरित होकर

ऊपर सूक्ष्मवतनपरमधाम है… जहां बाबा बैठे… मुझे बुला रहे हैं

कुछ समय इसी अवस्था में स्थिर रह… अपनी आत्मिक स्थिति मजबूत कर… फिर बाबा के पास जाते हैं… ओम् शान्ति!


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योग कमेंटरी | बाबा है पिता

योग कमेंटरी | बाबा है पिता

भगवान् मेरा पीता है… मैं ईश्वरीय सन्तान हूँ… बाबा ने मुझे adopt किया है

मैं बाबा की गोद में हूँ… उनकी श्रीमत रूपी उंगली पकड़ चलता… सहज पुरूषार्थी हूँ

बाबा ने ज्ञान-गुण-शक्तियों से… मेरी सर्वश्रेष्ठ पालना कर… आप समान योग्य बनाया है

अपने सर्वश्रेष्ठ सतयुगी वर्से का… अधिकारी बनाकर… बालक सो मालिक बना दिया है

मुझे बाप समान… सम्पन्न… सम्पूर्ण जरुर बनना है

सभी मेरे रूहानी भाई-बहनों को भी… बाबा से जुड़ाकर… अपने सतयुगी वर्से के अधिकारी बनाना है… ओम् शान्ति!


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योग कमेंटरी | मैं मास्टर सर्वशक्तिवान हूँ | I’m Master Almighty Authority

योग कमेंटरी | मैं मास्टर सर्वशक्तिवान हूँ | I’m Master Almighty Authority

मैं मास्टर सर्वशक्तिवान… मास्टर Almighty Authority हूँ… बहुत-बहुत शक्तिशाली

सर्वशक्तिवान बाबा की सन्तान हूँ… उसने मेरे सिर पर हाथ रख, अपनी सारी शक्तियां मुझे दे दी है… मैं most powerful हूँ

माया, समस्याओं से अधिक शक्तिशाली… विघ्न-विनाशक हूँ… मेरा कुछ भी अकल्याण नहीं हो सकता

औरों को भी शक्ति-दान… शुभ-भावना… सकाश-वरदान देता हूँ

श्रेष्ठ ज्ञान… श्रेष्ठ ज्ञान के चिन्तन… और गुणों की धारणा द्वारा… बाबा ने मुझे बहुत शक्तिशाली बना दिया है… ओम् शान्ति!


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योग कमेंटरी | Creative Commentary on Rain

योग कमेंटरी | Creative Commentary on Rain

ऊपर परमधामसूक्ष्मवतन से… बाबा का प्यार बरस रहा है.. मैं सदा उनके प्यार में डूबा रहता

मेरा चित्त सूखा, एक बूंद का प्यासा था… अब सागर मिल गया है… उसमें ही डूबकी लगाता रहता

बाबा के प्यार में सदा रिफ्रेश… तरो-ताझा रहता… शान्ति प्रेम आनंद से सम्पन्न

इस बारिश में, मैं कांटे से फूलरूहें गुलाब बन गया हूँ… हीरे-समान

औरों को भी परमात्म प्यार के छींते बांट… गुणवान… सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनाना है… ओम् शान्ति!

गीत: बरस रही है बाबा…


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योग कमेंटरी | मैं Godly Student हूँ

योग कमेंटरी | मैं Godly Student हूँ

मैं Godly Student हूँ… स्वयं भगवान मुझे पढ़ाते… सुप्रीम टीचर बनकर

मैं नम्बरवन स्टुडेंट हूँ… रेग्युलर… Punctual… एकाग्र-चित्त

मैं टीचर का favourite हूँ… मुझे बाबा बहुत-बहुत प्यार करते… मुझपे उनकी बहुत आश है

मैं सदा ज्ञान का सिमरण कर… धारणा-मूर्त बन… हर्षित रहता… Student life is the best

सबको भी पढ़ाकर… आप समान बनाता हूँ… मैं विश्व कल्याणकारी हूँ… ओम् शान्ति!


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योग कमेंटरी | परमधाम रूपी आसमान में

योग कमेंटरी | परमधाम रूपी आसमान में

परमधाम लाल आसमान में… मैं रूहानी सितारा चमक रहा हूँ… ज्ञान सूर्य के समीप

उनकी शीतल किरणें अनुभव करते… मैं बिल्कुल शान्तहल्का हो गया हूँ

यह विशाल परमधाम… मेरा घर है… जब चाहे यहाँ आ सकता

मैं ऊँची स्थिति में स्थित हूँ… नीचे की सब बातें छोटी है… मैं उन्हें सहज परिवर्तन कर सकता

अपने अनादि स्वरूप में… मैं शान्ति-प्रेमआनंद से भरपूर-सम्पन्न हूँ… सबको भी करना है… ओम् शान्ति!


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योग कमेंटरी | बाबा मेरा संसार

योग कमेंटरी | बाबा मेरा संसार

बाबा मेरा मात-पिता-शिक्षक-सतगुरू… सखा-साजन-सर्जन- भाई है… मेरे सर्व सम्बन्ध उनसे है

मुझे सर्व प्राप्तियां… सर्व प्रकार के सुख… उससे मिलते हैं

माँ की ममता-पालना… पिता की रक्षा-वर्सा… टीचर की सर्वश्रेष्ठ पढ़ाई मिलती

साजन का प्यार… भाई का सुन्दर साथ… दोस्त की मीठी कंपनी… उससे ही मिलती है 

बाबा ही मेरा संसार है… एक उसी के प्यार में डूबे रहना है… सबको बांटना है… ओम् शान्ति!


गीत: दिल के सितार का…


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योग कमेंटरी | शरीर जैसे कि है ही नहीं

योग कमेंटरी | शरीर जैसे कि है ही नहीं

इस शरीर को चलाने वाली शक्ति… मैं आत्मा हूँ… यह देह अलग, मैं आत्मा अलग हूँ…

मैं चैतन्य ऊर्जा हूँ… सोचती-महसूस करती, निर्णय करने वाली शक्ति … शान्ति, प्रेम, आनंद से भरपूर

यह देह सिर्फ निमित्त यंत्र है… मैं इससे बिल्कुल न्यारी-उपराम हूँ… जैसे कि शरीर है ही नहीं

मैं अकेली-निराकार हूँ… (visualise करने लिए) सब जगह घूम रही हूँ… सिर्फ़ आत्मा-रूप में

कोई से आदान-प्रदान नहीं… बिल्कुल अन्तर्मुखी… अव्यक्त स्थिति में स्थित हूँ

स्थूल चीज़ें… और स्थूलता से परे… बिल्कुल आत्म-अभिमानीदिव्य-सतोगुणी… सतयुगी हूँ… ओम् शान्ति!


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योग कमेंटरी | प्रभाव से परे

योग कमेंटरी | प्रभाव से परे

मैं आत्मा हूँ… आंतरिक शान्ति, प्रेम, आनंद से भरपूर… बाह्य प्रभाव से परे

बाबा मेरे साथ है… उनकी छत्रछाया में, में सदा सुरक्षित हूँ… माया-परिस्थितियां मुझे छू नहीं सकती

औरों का प्रभाव मुझपर नहीं पड़ता… मैं विश्व कल्याणकारी हूँ… सबको श्रेष्ठ तरफ प्रभावित करती

मैं सतयुगी-दिव्य आत्मा हूँ… दिव्यता से सम्पन्न… प्रभाव-मुक्त

मैं कल्प-कल्प का विजयी रत्न हूँ… सफलता मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है… डरने की कोई बात नहीं… ओम् शान्ति!

गीत: इश्वर अपने साथ है…


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योग कमेंटरी | सुबह उठते ही अवतरीत

योग कमेंटरी | सुबह उठते ही अवतरीत

मैं परमधाम-निवासी आत्मासूक्ष्मवतन-वासी फरिश्ता… इस देह-सृष्टि में अवतरीत हुआ हूँ

इस कलियुग को परिवर्तन कर… सतयुग स्थापन करने… मैं शान्ति दूत… विश्व कल्याणकारी हूँ

मैं सबको वरदान-दुआएं देता… मेरे नैनों से रूहानियत झलकती… बोल प्रेरणादायी… कर्म दिव्यअलौकिक है

मैं उपराम-न्यारा… सबका प्यारा… निरन्तर सेवाधारी हूँ

सारा दिन श्रेष्ठ-सहज बितेगा … मैं बाबा से शक्तियां ले रहा… बाबा मुझे वरदानों से भरपूर कर रहे हैं… औरों को भी यह खज़ाने बांटने हैं… ओम् शान्ति!


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