योग कमेंटरी | मैं समर्पित हूँ

योग कमेंटरी | मैं समर्पित हूँ

मेरा तन-मन-धन सब बाबा का है… वो मेरा है… उनकी सारी ज्ञान-गुण-शक्तियां मेरी है… मैं उनको समर्पित हूँ

मेरा सुहाग सदा अमर है… मैं सदा उनको प्रेम से याद कर… सुखशान्ति सम्पन्न… हर्षित रहती

बाबा ने मुझे दिव्यगुणों से श्रृंगार कर… दिव्य दर्शनीय मूर्त… सर्व प्राप्ति सम्पन्न बना दिया है

मैं खुश-किस्मत… सौभाग्यवती… पद्मपद्म भाग्यशाली हूँ

बाबा ने अपनी गद्दी पर बिठाकर… विश्व कल्याणकारी… बेहद सेवाधारी बना दिया है

मैं सच्ची पार्वती… सच्ची सीता… एकव्रता, वफादार सजनी हूँ… एक बाबा, दूसरा ना कोई… ओम् शान्ति!

गीत: कितना प्यार दिया बाबा…


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योग कमेंटरी | मैं रॉयल आत्मा हूँ | I’m a Royal Soul

योग कमेंटरी | मैं रॉयल आत्मा हूँ | I’m a Royal Soul

मैं रॉयल आत्मा हूँ… रॉयल बाबा की सन्तान… रॉयल कुल की… रॉयल स्टूडेंट हूँ

मैं शान्त-चित्त… नम्र-चित्त… उदार-चित्त हूँ

मेरा व्यवहार सुखदाई… सम्मान-दाई… बड़ा रॉयल है

मेरे बोल मधुर… शीतलश्रेष्ठ है

मैं सर्व प्राप्तियों से सम्पन्न हूँ… मेरी आँख कहीं डूबती नहीं… सब को देते रहता हूँ… सुख-शान्ति प्रेम-सम्मान… ओम् शान्ति!


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योग कमेंटरी | हमारा सुन्दर योगी जीवन

योग कमेंटरी | हमारा सुन्दर योगी जीवन

हमारा योगी जीवन… सर्वश्रेष्ठपावन… सर्व प्राप्ति सम्पन्न है

हम बहुत-बहुत प्यार से… बाबा को याद करते… जो हमारा अति मीठा पिता… शान्ति प्रेम आनंद का सागर है

बाबा ने हमें अपना बनाकर… क्या से क्या बना दिया है… भाग्य का सितारा ⭐ चमका दिया है

बाबा, आप कितने मीठे हो… हम आपकी ही यादों में… आपका बन कर रहेंगे

अब हमारी जीवन आप पर बलिहार है… सबको भी आपसे मिलाकर… उन्हें सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनाना है… ओम् शान्ति!

गीत: योगी पवित्र जीवन, कितना सुखद-सलोना…


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योग कमेंटरी | आत्मिक सम्पर्क

योग कमेंटरी | आत्मिक सम्पर्क

मैं आत्मा सदा हल्की… हर्षित… प्रसन्न-चित्त हूँ

मैं आत्मा को देखती… आत्मा से बातें करती… मेरा सम्बन्ध आत्मा के साथ है

सबने मेरी बहुत पालना की है… अभी मुझे उनकी पालना करनी है… अपनी श्रेष्ठ स्थिति-रॉयल व्यवहार द्वारा

उनमें बहुत विशेषताएं हैं… उनका सम्मान-शुभ भावना दे… आगे बढ़ाना है

मुझे सदा सन्तुष्ट रह… सबको सन्तुष्ट करना है… मैं सन्तुष्टमणि हूँ… बाबा की अमूल्य रत्न

एक बाबा के बच्चे… सभी मेरे भाई-बहन… ईश्वरीय परिवार है… ओम् शान्ति!


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योग कमेंटरी | बाबा रूहानी चुम्बक है

योग कमेंटरी | बाबा रूहानी चुम्बक है

मैं आत्मा हूँ… देह-भान से बिल्कुल न्यारी… आत्म-अभिमानी स्थिति में स्थित

बाबा रूहानी चुम्बक है… उनका प्यार मुझे खींचता है… सहज सबकुछ भुलाकर… उसके पास पहुंचा देता

उसकी मीठी-मीठी याद… मुझे भरपूर कर देती है… पावन बनाती, जैसे कि सारी कट उतर गई है

मैं बहुत हल्कीशुध्दखुशियों से भरपूर हो चुकी हूँ

सबको ऎसे बाबा से जुड़कर… सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनाना है… ओम् शान्ति!


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योग कमेंटरी | बाबा के नैनों का नूर

योग कमेंटरी | बाबा के नैनों का नूर

बाबा ने कहा… तुम मेरे नैनों के नूर हो… मैं बाबा को अति प्रिय हूँ

मुझे चरणों से उठाकर… कितना ऊंच बना दिया है… सर्वश्रेष्ठ स्थान पर बिठा दिया है

मैं बाबा की नज़रों में हूँ… उनकी छत्रछाया में… सदा सुरक्षित, उड़ती कला का अनुभवी हूँ

मैं बाबा की दृष्टि में हूँ… उनकी शक्तिशाली सकाश मुझे मिल रही है… मैं पावन सतोप्रधान बन रहा हूँ

बाबा मुझे देख रहे… मैं भी बाबा को देख रहा हूँ… यह भगवान के साथ सर्वश्रेष्ठ मिलन, जन्म-जन्मान्तर का भाग्य बनाता… मेरा और सर्व का… सारे विश्व का… ओम् शान्ति!


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योग कमेंटरी | मेरा घर बन गया है सूक्ष्मवतन

योग कमेंटरी | मेरा घर बन गया है सूक्ष्मवतन

चारों ओर व्हाइट ही व्हाइट… लाइट ही लाइट है… मैं प्रकाशमय फरिश्ता हूँ

मैं बिल्कुल हल्काशान्त-चित… अलौकिक हूँ

बाबा का आह्वान करता हूँ… उसके अपने ही घर में… उनके वाइब्रेशन चारों ओर छा गएँ हैं

बापदादा आ गएँ है… वही इस घर के मालिक हैं… सबकुछ उन्हें सौप देती हूँ

सभी घर में फरिश्ते है… बाबा के बच्चे… मैं निश्चिंत हो गया हूँ…

हर पल उन्नति करते… सबको श्रेष्ठ अनुभूति कराता… बाबा ने मेरा जीवन सर्वश्रेष्ठ हीरे-तुल्य बना दिया है… ओम् शान्ति!


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योग कमेंटरी | बादलों पर | Creative Commentary on Clouds

योग कमेंटरी | बादलों पर | Creative Commentary on Clouds

मैं बिल्कुल सफेद-स्वच्छ हूँ… पवित्र-सरल… बाबा को अति प्रिय

बादलों के ऊपर… बापदादा बैठे है… मुझे बुला रहे हैं… आओ बच्चे

मैं फरिश्ता… उड़ चला… अपने खुदा दोस्त के पास… उनके बिल्कुल समीप बैठ गया हूँ

बाबा कहते बदला नहीं लो… बदल के दिखाओ.. मैं ऎसा निर्मल बादल हूँ

नीचे की बातें सब छोटी हो गई है… मैं ऊँची स्थिति में स्थित हूँ… ईश्वरीय ज्ञान-गुण-शक्तियों से भरपूर हो रहा हूँ

मैं सागर से बादल भर गया हूँ… अब सब पर प्यार से बरसना है… सबको यह अविनाशी खज़ाने बांटने है… ओम् शान्ति!


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योग कमेंटरी | थकावट दूर करने

योग कमेंटरी | थकावट दूर करने

आज बहुत अच्छी सेवा हुई… अब दिन पूरा हुआ… मैं बाबा का फिर से आह्वान करता हूँ

बाबा मेरी सिर-मालिश कर रहे… पैर भी दबा रहे हैं … मेरी जन्म-जन्म की ही थकान दूर कर दी है

उनके संग में रह… मैं बहुत हल्का… शक्तिशाली बन रहा हूँ

मैं बहुत भाग्यवान हूँ… हर पल याद और सेवा द्वारा… कमाई ही कमाई है

अब उनकी ही गोद में सो जाता हूँ… कल भी बहुत अच्छा बितेगा… उसकी यादों में… ओम् शान्ति!


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योग कमेंटरी | बाबा मेरी बेहद की माँ

योग कमेंटरी | बाबा मेरी बेहद की माँ

बाबा मेरी बेहद की माँ… मात-पिता है… मेरी ज्ञान-गुण-शक्तियों से… सर्वश्रेष्ठ पालना करते

रोज़ सुबह उठाकर… ज्ञान रत्नों से श्रृंगार कर… सारे दिन के लिए तैयार करते

सदा साथ रहते… भोजन खिलाते गिट्टी-गिट्टी… प्यार करते

ब्रह्मा माँ द्वारा… मुझे प्यार-पुचकार… लाड़-दुलार करते… मुझे माँ की ममता मिल रही

सबको इस बेहद-माँ से जुड़ाकर … परमात्मा प्यार दिलाकर… सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनाना है… ओम् शान्ति!


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