योग कमेंटरी | चाँद पर | Creative Commentary on Moon

योग कमेंटरी | चाँद पर | Creative Commentary on Moon

मुझे सम्पूर्ण चन्द्रमा समान… सोलह कला सम्पूर्ण बनना है… माया के ग्रहण से बिल्कुल मुक्त

सफेद चन्द्रमा की तरह… मैं सम्पूर्ण पवित्र… सबके जीवन को प्रकाशित करता… राह दिखाता हूँ

हज़ारों चन्द्रमा के समान सूक्ष्मवतन में… मैं चमकीली फरिश्ता ड्रेस में… प्रकाशमय बापदादा के सम्मुख हूँ

ज्ञान चन्द्रमा मुझे… शीतलता प्रदान कर रहे हैं… मैं उनके स्नेह में समा गया हूँ

मैं रूहानी चकोर हूँ… मेरे चाँद बाबा को देख… नाच उठा हूँ… ओम् शान्ति!

गीत: ये गगन का चाँद… (बहुत सुन्दर गीत, अस्मिता बहन द्वारा गाया हुआ)


और योग कमेंटरी:

Thanks for reading this meditation commentary on ‘चाँद पर | Creative Commentary on Moon’

योग कमेंटरी | मुरली क्या है

योग कमेंटरी | मुरली क्या है

मुरली है बाबा से बातेंबाबा से मिलन मनाना… परमात्म-प्रेम अनुभव करना

यही मात-पिता की पालना… प्यार-पुचकार… श्रेष्ठ मार्ग-दर्शन है

सुप्रीम टीचर की शिक्षा… सर्वश्रेष्ठ गाइड-लाइंस, डाइरेक्शन्स … सोर्स ऑफ इन्कम है

सतगुरू की श्रीमत… वरदान है… जिसके द्वारा मनमनाभव का महा-मन्त्र मुझे दिया है

साजन का प्रेम-पत्र… मीठी-मीठी बातें है… जो दिव्यगुणों से मुझे श्रृंगारती

खुदा दोस्त से संवाद… चिट-चैट है… जो कल्प-कल्‍पान्तर का सर्वश्रेष्ठ भाग्य बनाता

मुझे मुरली में सदा रेगुलर… पंचुअल… एकाग्र-चित्त रहना है… ओम् शान्ति!


और योग कमेंटरी:

Thanks for reading this meditation commentary on ‘मुरली क्या है’

योग कमेंटरी | बाबा है ज्ञान सूर्य | Remembering the Supreme Sun

योग कमेंटरी | बाबा है ज्ञान सूर्य | Remembering the Supreme Sun

बाबा ज्ञान-सूर्य… पवित्रता के सूर्य है… उनकी पवित्रता की किरणें चारों ओर फैल… सारे परमधाम को जगमगा रही है

बाबा सर्वशक्तिमान… ऑलमाइटी अथॉरिटी है… उनके संग रहकार… मैं भी सशक्त हो गया हूँ

मैं मास्टर ज्ञान-सूर्य हूँ… मुझसे चारों और शक्तिशाली पवित्र किरणें फैल… वातावरण को शुध्द-सतोगुणी बना रही हैं

मेरे जीवन का अन्धकार… दुःख-दर्द सब समाप्त हो गया है… प्रभु प्रेम से मेरा जहां रोशन है

औरों के भी जीवन को प्रकाशित कर… सुखीश्रेष्ठ बनाते… सतयुग स्थापन करना है… ओम् शान्ति!


और योग कमेंटरी:

Thanks for reading this meditation commentary on ‘योग कमेंटरी | बाबा है ज्ञान सूर्य | Remembering the Supreme Sun’

योग कमेंटरी | प्रकृति को पावन वाइब्रेशन देने | Giving pure vibrations to Nature

योग कमेंटरी | प्रकृति को पावन वाइब्रेशन देने | Giving pure vibrations to Nature image

योग कमेंटरी | प्रकृति को पावन वाइब्रेशन देने | Giving pure vibrations to Nature

प्रकृति ने हज़ारों साल मेरी पालना की है… उसका बहुत शुक्रिया है… अभी मुझे उनकी पालना करनी है… प्रकृति-पति बनकर

मैं परम-पवित्र आत्मा… पवित्रता के सागर की सन्तान हूँ… बाबा की पवित्रता की किरणें… मुझमे समा रही हैं

मुझसे चारों ओर पवित्रता की किरणें फैल रही है… वातावरण बहुत शुध्द… सतोगुणी, दिव्य बन रहा है

यह प्रकंपन प्रकृति को पहुँच… पांचों तत्वों को शान्त, शीतल… पावन, सतोप्रधान बना रहे हैं

यही पावन प्रकृति… स्वर्ग में सम्पूर्ण सुख देगी… कल्प-कल्प हमारी सेवा करेंगी… वाह प्रकृति वाह!… ओम् शान्ति!


और योग कमेंटरी:

Thanks for reading this meditation commentary on ‘प्रकृति को पावन वाइब्रेशन देने | Giving pure vibrations to Nature’

योग कमेंटरी | ज्ञान सूर्य-चन्द्रमा से मिलन | Avyakt Murli Churnings 21-04-2019

योग कमेंटरी | ज्ञान सूर्य-चन्द्रमा से मिलन | Avyakt Murli Churnings 21-04-2019

सूक्ष्मवतन में… ज्ञान-सूर्य बाबा… ज्ञान-चन्द्रमा में प्रवेश कर… दोनों मुझे देख रहे हैं

बहुत प्यार-भरी… शीतल… मीठी दृष्टि दे रहे हैं

मुझे शक्ति का वरदान, स्नेह का वरदान देकर… लवली, लाइट-हाऊस… सफलता का सितारा बना दिया है

मैं बापदादा से मिलन मनाते… बहुत हल्की, निश्चिंत… आनंद-मई स्थिति में स्थित हूँ

सब को सफलता का वरदान देती… सुखशान्ति सम्पन्न बनाती हूँ… बाबा ने मुझे विश्व कल्याणकारी बना दिया है… ओम् शान्ति!

गीत: तुम तो यहीं कहीं बाबा…


और योग कमेंटरी:

Thanks for reading this meditation commentary on ‘ज्ञान सूर्य-चन्द्रमा से मिलन | Avyakt Murli Churnings 21-04-2019’

योग कमेंटरी | सुख का अनुभव

योग कमेंटरी | सुख का अनुभव image

योग कमेंटरी | सुख का अनुभव

मैं सुख-स्वरूप आत्मा… सुख के सागर की सन्तान हूँ… दुःख की लहर भी मुझे छू नहीं सकती

बाबा ने मेरे सर्व भण्डारे… ज्ञान-गुण-शक्तियों के ख़ज़ाने से सम्पन्न कर दिए हैं… सुखों से झोली भरकर… तृप्त, सन्तुष्ट कर दिया है

मुझे पवित्र-योगी बनाकर… सुख-शान्ति से भरपूर कर दिया है… जन्म-जनमान्तर के लिए

सभी सुखी हो… सबका कल्याण हो… सब आगे बढ़े

मैं सुखदेव हूँ… सबको सुख बांटता… सुखी-स्वर्णिम संसार बनाने के निमित्त बना हूँ… ओम् शान्ति!


और योग कमेंटरी:

Thanks for reading this meditation commentary on ‘सुख का अनुभव’

योग कमेंटरी | बाबा से दृष्टि लेते हुए | Taking drishti

योग कमेंटरी | बाबा से दृष्टि लेते हुए | Taking drishti image

योग कमेंटरी | बाबा से दृष्टि लेते हुए | Taking drishti

बाबा मुझे दृष्टि दे रहे हैं… बहुत प्यार-भरी, मीठी… शक्तिशाली… आत्मिक दृष्टि

बाबा सदा मेरी विशेषताएं देखते… जाने क्या देखा मुझमे… जो मुझे अपना बनाकर, पद्मपद्म भाग्यशाली बना दिया है

मुझमे अनोखी शक्ति भर रही है… मैं बिल्कुल हल्किशान्ति, प्रेम, आनंद से भरपूर हो गयी हूँ

मैं बाबा का अनन्य रत्न हूँ… बाबा की दृष्टि सदा मुझ पर है… मैं उनकी छत्रछाया में, सदा सुरक्षित हूँ

सबकुछ मुझपर लुटाने वाले बाबा, मुझे देख रहे हैं… मुझे उनकी आशाओं को पूर्ण कर… बाप समान बनना है

बाबा से दृष्टि ले… सारे विश्व को दृष्टि अर्थात श्रेष्ठ वाइब्रेशन देने है… सबकी विशेषताएं देखते, आगे बढ़ाना है… ओम् शान्ति!

गीत: आप दृष्टि यूँ ही देते रहो बाबा…


और योग कमेंटरी:

Thanks for reading this meditation commentary on ‘योग कमेंटरी | बाबा से दृष्टि लेते हुए | Taking drishti’

योग कमेंटरी | Eating with God | बाबा के साथ भोजन

योग कमेंटरी | Eating with God | बाबा के साथ भोजन image

योग कमेंटरी | Eating with God | बाबा के साथ भोजन

यह ब्रह्मा भोजन है… शिवबाबा के भण्डारे का भोजन… मुझे तन-मन से सम्पूर्ण स्वस्थ करेगा

मैं बाबा की याद में रह… भोजन को दृष्टि दे रहा हूँ… बाबा की पवित्रता की किरणें इसमें समा रही है… भोजन सम्पूर्ण शुध्द-शक्तिशाली बन गया है

मैं मेरे बाबा के साथ भोजन पर बैठी हूँ… मैं बाबा को खिला रही हूँ… बाबा मुझे खिला रहे हैं

इस शरीर (गाड़ी) को पेट्रोल मिल रहा है… मैं इस बाबा के शरीर को खिला रही हूँ… उपराम वृत्ति से… बाबा की याद में

भोजन शरीर को शक्ति देता… बाबा की याद मुझ आत्मा को सशक्त करती… मैं तन-मन से स्वस्थ हो रही हूँ… ओम् शान्ति!

गीत: तेरी याद का अमृत…

Beautiful 4-minute visualisation on offering Bhog to Baba, in Sheilu Behn’s voice:


और योग कमेंटरी:

Thanks for reading this meditation commentary on ‘Eating with God | बाबा के साथ भोजन’

योग कमेंटरी | बाबा, मेरा सुप्रीम टीचर

योग कमेंटरी | बाबा, मेरा सुप्रीम टीचर image

योग कमेंटरी | बाबा, मेरा सुप्रीम टीचर

मैं Godly Student हूँ… स्वयं भगवान् मुझे पढ़ाते… सुप्रीम टीचर बनकर

दूर-देश परमधाम से आते, खास मेरे लिए… मुझे रोज़ पढ़ाते… ज्ञान रत्नों से श्रृंगारते हैं

बाबा knowledgeful… ज्ञान का सागर है… मेरी ज़ोली भी ज्ञान रत्नों से भरपूर कर… मास्टर ज्ञान सागर बना दिया है

मुझे अपने से भी बेहतर जानते… मेरे आज के सारे दिन के लिए… सर्वश्रेष्ठ मत देते हैं

बाबा त्रिकालदर्शी है… मेरा आने वाला भविष्य भी जानते … उसी अनुसार मत देते हैं…

मुझे सच्ची दिल से उनकी शिक्षाएं धारण करनी है… सदा सुरक्षित… और पद्मापद्म भाग्यवान बनने लिए… ओम् शान्ति!

गीत : भगवान् तुम्हारा ज्ञान सिमरकर…


और योग कमेंटरी:

Thanks for reading this meditation commentary on ‘बाबा, मेरा सुप्रीम टीचर’

योग कमेंटरी | मैं डबल लाइट हूँ | I am Double Light

योग कमेंटरी | मैं डबल लाइट हूँ | I am Double Light image

योग कमेंटरी | मैं डबल लाइट हूँ | I am Double Light

मैं प्रकाश स्वरूप आत्मा … बिल्कुल हल्की… डबल लाइट हूँ

आत्मा भी लाइट… शरीर भी लाइट, प्रकाशमय काया है… मैं डबल लाइट फरिश्ता हूँ

मेरे संकल्प हल्के… सम्बन्ध-सम्पर्क भी हल्के… सन्तुष्टता से भरपूर है

मेरी सारी जिम्मेवारीयां-बोझ… बाबा के है… मैं ट्रस्टी हूँ

परिस्थितियां… पुराने संस्कार, सब हल्के हो गये हैं… मैं स्वराज्य अधिकारी बन गया हूँ

मैं अव्यक्त स्थिति में स्थित… फरिश्ता हूँ… सदा बाबा के साथ हूँ… सब को भी हल्का कर… बाबा के साथ जोड़ता हूँ… ओम् शान्ति!


और योग कमेंटरी:

Thanks for reading this meditation commentary on ‘मैं डबल लाइट हूँ | I am Double Light’