योग कमेंटरी | मैं शान्तिदूत हूँ | I am messenger of Peace

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योग कमेंटरी | मैं शान्तिदूत हूँ | I am messenger of Peace

मैं शान्ति के ख़ज़ाने से सम्पन्न… शान्ति के सागर की सन्तान… शान्त-चित्त हूँ

मैं शान्ति दूत हूँ… सबको शान्ति का पैगाम दे… शान्ति फैलाती हूँ

मैं शान्तिधाम की रहवासी… शान्ति के सागर बाबा ने मुझे भेजा है… विश्व में शान्ति स्थापन करने

मेरे संकल्प शान्त… बोल शीतल… कर्म अलौकिक है

सबकुछ करते भी… बिल्कुल हल्की… निश्चिंत हूँ… बाबा मेरे साथ है

मुझसे चारों ओर शान्ति को किरणें फैल रही है… सबको शान्ति अनुभव हो रही है… वातावरण परिवर्तन हो… शान्ति की दुनिया सतयुग स्थापन हो रही है… ओम् शान्ति!

गीत: शान्ति की शक्ति से…

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योग कमेंटरी | मैं नये विश्व की तकदीर हूँ | Avyakt Murli Churnings 31-03-2019

योग कमेंटरी | मैं नये विश्व की तकदीर हूँ | Avyakt Murli Churnings 31-03-2019

मैं नये विश्व की तकदीर… विश्व का आधार-मूर्त… विश्व राज्य अधिकारी आत्मा हूँ

मेरे श्रेष्ठ राजयोगी जीवन से… सारा विश्व सुख-शान्ति सम्पन बनता… मेरे योग से सारा विश्व पावन बनता… मेरी श्रीमत-पालना से नये विश्व का विधान बन रहा है

मैं पवित्रता की लाइट का ताजधारी… बाबा के दिल-तख्त-नशीन… स्वराज्य का तीलकधारी हूँ… मेरे हाथो में स्वराज्य का गोला है

मैं सदा सन्तुष्ट… प्रसन्न-चित्त… प्रसन्नता-स्वरूप हूँ

मेरी सन्तुष्टता, सारे विश्व को सन्तुष्ट करती… यही जिम्मेवारी, उन्नति का साधन है… बाबा मेरे साथ है… ओम् शान्ति!


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योग कमेंटरी | मैं श्रेष्ठ आत्मा (कुमार) हूँ | Avyakt Murli Churnings 31-03-2019

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योग कमेंटरी | मैं श्रेष्ठ आत्मा (कुमार) हूँ | Avyakt Murli Churnings 31-03-2019

मैं श्रेष्ठ आत्मा हूँ… अपनी सर्व-शक्तियों को श्रेष्ठ कार्य… विश्व कल्याण में लगाता

मैं शक्तिशाली आत्मा हूँ… सदा निर्बंधन, स्वतन्त्र, हल्का… बेफिक्र बादशाह हूँ

मैं समर्थ बाप की सन्तान… समर्थ आत्मा हूँ… उड़ती कला का अनुभवी… सदा शान्ति, प्रेम, आनंद से भरपूर हूँ

मैं विजयी आत्मा हूँ… सदा बाबा को साथ रख… सबको बाबा का साथी बनाता… अपने वरदानी स्वरूप… संतोषी-मूर्त द्वारा

श्रीमत के कदम पर कदम रखते… सदा मेहनत से मुक्त… सफलता-स्वरूप हूँ… ओम् शान्ति!


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योग कमेंटरी | अब घर जाना है

योग कमेंटरी | अब घर जाना है

84 जन्मों, 5000 साल से पार्ट बजा रहा हूँ… अब पार्ट पूरा हुआ… अब घर जाना है

परमधाम मेरा घर है… जहाँ सम्पूर्ण शान्ति है… विश्राम है

सबकुछ बाबा को सौप कर… मैं निश्चिंत हो गया हूँ… बाबा की याद से… सम्पूर्ण सतोप्रधान बन रहा हूँ

जैसे भरतू हो आए थे… वैसे ही भरतू हो जाना है… बाबा की याद में रह… सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनना है

सबको ख़ज़ाने बांटते… उन्हे भी आप समान सम्पन्न… तैयार करना है… ओम् शान्ति!

गीत:मेरे बाबा का पैगाम…


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योग कमेंटरी | मैं बालक सो मालिक हूँ

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योग कमेंटरी | मैं बालक सो मालिक हूँ

मैं ईश्वरीय सन्तान … बाबा का बच्चा… बालक सो मालिक हूँ

सदा निरहंकारी… सरल-चित्त… भोलेपन से भरपूर हूँ

मैं स्वराज्य अधिकारी… अपने मन का मालिक… सदा शान्त-चित्त, आन्तरिक खुशी से भरपूर हूँ

बाबा ने मुझे अपना बनाकर… अपने सारे ज्ञान-गुण-शक्तियों का मालिक… सर्व खजा़नों से सम्पन्न कर दिया है

उनकी छत्रछाया में… मैं सदा बेफिक्र… रूहानी मौज का अनुभव करता हूँ… ओम् शान्ति!


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योग कमेंटरी | रूहानी नैनौं का श्रूंगार | Spiritual Decoration of Eyes

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योग कमेंटरी | रूहानी नैनौं का श्रूंगार | Spiritual Decoration of Eyes

मेरे रूहानी नैन… सबकी विशेषताएं देखते… सबको आत्मिक रूप में देखते

मेरी आँखें शीतल… निर्मल… रहम भाव से भरपूर है

इन नैनों में भगवान समाया हुआ है… और कोई इसमे नहीं बस सकता… रूहानी नूर छलक उठा है

इन आँखों में… पवित्रता की झलक… भोलापन… सरलता चमक रही है

यह आँखें बहुत भाग्यवान है… जिन्होने धरती ? पर आते भगवान को देखा है

इस रूहानी दृष्टि से… सबको शक्तिशाली बनाकर… दुःखों से मुक्त करना है…

जब भी घर से निकले… ऎसे आँखों को सजाकर… सबकी सेवा करनी है… ओम् शान्ति!


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योग कमेंटरी | मैं ताज-तख्त-तीलकधारी हूँ

योग कमेंटरी | मैं ताज-तख्त-तीलकधारी हूँ

बाबा ने मुझे… रूहानी अलौकिक… ताज-तख्त-तीलकधारी बना दिया है

मेरे मस्तक पर आत्मिक स्मृति का तिलक लगाकर… सदा सुहागिन… विजयी रत्न बना दिया है… मैं अकाल-तख्त-नशीन हूँ

बाबा ने अपने दिल-तख्त-नशीन बनाकर… मुझे स्वराज्य अधिकारी… सो विश्व राज्य अधिकारी बना दिया है

मुझ पवित्र आत्मा के… चारों ओर पवित्रता का आभामण्डल है… मैं लाइट का ताजधारी हूँ

विश्व कल्याण की जिम्मेदारी का ताज देकर… डबल ताजधारी बनाया है… अभी, सो सतयुग में

मैं दिव्य दर्शनीय मूर्त… साक्षात्कार मूर्त… बाबा की अति प्रिय आत्मा हूँ… ओम् शान्ति!


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योग कमेंटरी | मैं रूहानी आत्मा (कुमारी) हूँ | Avyakt Murli Churnings 24-03-2019

योग कमेंटरी | मैं रूहानी आत्मा (कुमारी) हूँ | Avyakt Murli Churnings 24-03-2019

मैं श्रेष्ठ आत्मा हूँ… सदा श्रेष्ठ कार्य करने वाली… विश्व कल्याणकारी हूँ

मैं रूहानी आत्मा हूँ… सदा आत्मिक स्थिति में स्थित… सबको आत्मिक दृष्टि से देखती… बाबा की रूहानी याद में रहती

मैं सम्पूर्ण पवित्रमहान आत्मा हूँ… सदा बाबा को साथ रखने वाली… मायाजीत हूँ

मैं सौ ब्राह्मणों से उत्तम… ईश्वरीय विश्व विद्यालय की… बेहद सेवाधारी हूँ

मैं देवी हूँ… सदा मुस्कुराती… दृष्टि-हाथों से सदा देने वाली… सबको सुख शान्ति प्रेम आनंद, सर्व खजा़नों से भरपूर करने वाली… ओम् शान्ति!

गीत: दानी बनो, वरदानी बनो…


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योग कमेंटरी | निरहंकारी बनने | Becoming Egoless

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योग कमेंटरी | निरहंकारी बनने | Becoming Egoless

सदा स्वमान में स्थित… मैं निर्मान हूँ… अभिमान से मुक्त

सभी विशेषताएं बाबा की देन है… मैं निमित्त हूँ… सबकुछ वही करा रहा है

मैं भाग्यशाली हूँ… रोज़ बाबा का शुक्रिया मानता… हम क्या थे… हमें क्या से क्या बना दिया है

सबकी विशेषताएं देखते… शुभ भावना देते… मैं नम्र-चित्त बन गया हूँ

मैं निराकारी… निर्विकारी… निरहंकारी हूँ… बाबा की तरह… ओम् शान्ति!

गीत: बाबा कितने निरहंकारी…


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योग कमेंटरी | पवित्रता का अनुभव | Experiencing Purity

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योग कमेंटरी | पवित्रता का अनुभव | Experiencing Purity

मैं परम पवित्र आत्मा हूँ… पवित्रता के सागर की सन्तान… सम्पूर्ण पवित्र ब्रह्मा बाबा की भी सन्तान हूँ

मेरी दृष्टि सिर्फ विशेषताएं देखती… वृत्ति सर्व के लिए शुभ भावनाओं से सम्पन्न है… कर्म अलौकिक और दिव्य है

चेहरा हर्षित… बोल मधुर… व्यवहार सुखदाई… सबके लिए सम्मान से भरपूर है

बाबा ने मुझे श्रेष्ठ स्मृतियों से सम्पन्न कर दिया है… मैं देव-कुल की महान आत्मा… पूज्य… विश्व कल्याणकारी हूँ

मेरा अनादि-आदि काल सम्पूर्ण पवित्र था… पवित्रता मेरी वास्तविकता है… अब फिर पावन बन… सारे विश्व को पावन बनाना है… ओम् शान्ति!

गीत: तन एक मंदिर हो…


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