योग कमेंटरी | मैं होली हंस हूँ | I’m a Holy Swan
मैं होली हंस हूँ… सदा ज्ञान के मोती का चिन्तन करता… सबकी विशेषताएं देखता हूँ
मैं बिल्कुल स्वच्छ… पवित्र आत्मा हूँ… सर्वश्रेष्ठ ज्ञान की श्रेष्ठ पात्र हूँ
मैं सदा ज्ञान-सागर-तट पर रहता… सर्व गुणों का अनुभव करते… शक्तिशाली बन गया हूँ
मैं व्यर्थ से मुक्त… सदा समर्थ… Holy हूँ
मैं सदा श्रेष्ठ चीज़े देखती… बाबा का ज्ञान सुनती… सर्वश्रेष्ठ बनती-बनाती हूँ… ओम् शान्ति!
और योग कमेंटरी:
- शान्ति,खुशी,सुुख,अलौकिक,हल्का,पवित्र,ज्ञान,शक्ति,शीतल,नम्र,वाह,नैन,सम्पर्क,भाव,कुण्ड,घर,निर्भय
- स्वमान,श्रेष्ठ,रॉयल,दिव्य,महान,स्वराज्य,भाग्य,गोपी,हंस,सार,दूत,ऋशी,ताज,माला,बालक,स्टुडेंट,हनुमान
- आत्मा(सितारा,बेदाग,हीरा,दीप,फूल,पंछी),रूह,दृष्टि,देहीअभिमानी,अशरीरी,प्रभाव,देहभान,नहीं,भयमुक्त
- प्यार,याद,दृष्टि,बातें,पार्ट,सूर्य,चुम्बक,नूर,मिलन,माँ,पिता,टीचर,गुरू,दोस्त,मुरली,संसार,जीवन,मैं-मेरा,ट्रस्टी
- स्वदर्शन(प्रिंस,देवता,दर्शनीय,पूज्य,शक्ति,ब्राह्मण,निमित्त,सेवा,समर्पित,लाइट,फरिश्ता,अवतार,घर,आस्मान)
- भोजन,सोना,न्यारा,थकावट,हॉस्पिटल,चाँद,बादल,होली,सुबह,बरसात,अंतरिक्ष,पानी,प्रकृति
Thanks for reading this meditation commentary on ‘मैं होली हंस हूँ | I’m a Holy Swan’