योग कमेंटरी | बाबा रूहानी चुम्बक है

योग कमेंटरी | बाबा रूहानी चुम्बक है

मैं आत्मा हूँ… देह-भान से बिल्कुल न्यारी… आत्म-अभिमानी स्थिति में स्थित

बाबा रूहानी चुम्बक है… उनका प्यार मुझे खींचता है… सहज सबकुछ भुलाकर… उसके पास पहुंचा देता

उसकी मीठी-मीठी याद… मुझे भरपूर कर देती है… पावन बनाती, जैसे कि सारी कट उतर गई है

मैं बहुत हल्कीशुध्दखुशियों से भरपूर हो चुकी हूँ

सबको ऎसे बाबा से जुड़कर… सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनाना है… ओम् शान्ति!


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Thanks for reading this meditation commentary on ‘बाबा रूहानी चुम्बक है’

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