योग कमेंटरी | शीतलता का अनुभव | Experiencing Coolness

योग कमेंटरी | शीतलता का अनुभव | Experiencing Coolness

मैं देह से detach … न्यारी, उपराम हूँ… इस देह-भान रूपी गरम हवा से परे

मैं आत्मा बिल्कुल शीतल… शान्त-चित… सतोगुणी हूँ

मेरा मन शीतल, निर्मल… प्रेम और शुभ भावनाओं से सम्पन्न है

मेरी आँखें शीतल… बोल मधुर… कर्म अलौकिक है

मैं शीतला देवी हूँ… सबको शीतलता प्रदान कर… शान्ति का वरदान देती हूँ… ओम् शान्ति!


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Thanks for reading this meditation commentary on ‘शीतलता का अनुभव | Experiencing Coolness’

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