योग कमेंटरी | मैं श्रेष्ठ आत्मा (कुमार) हूँ | Avyakt Murli Churnings 31-03-2019
मैं श्रेष्ठ आत्मा हूँ… अपनी सर्व-शक्तियों को श्रेष्ठ कार्य… विश्व कल्याण में लगाता
मैं शक्तिशाली आत्मा हूँ… सदा निर्बंधन, स्वतन्त्र, हल्का… बेफिक्र बादशाह हूँ
मैं समर्थ बाप की सन्तान… समर्थ आत्मा हूँ… उड़ती कला का अनुभवी… सदा शान्ति, प्रेम, आनंद से भरपूर हूँ
मैं विजयी आत्मा हूँ… सदा बाबा को साथ रख… सबको बाबा का साथी बनाता… अपने वरदानी स्वरूप… संतोषी-मूर्त द्वारा
श्रीमत के कदम पर कदम रखते… सदा मेहनत से मुक्त… सफलता-स्वरूप हूँ… ओम् शान्ति!
और योग कमेंटरी:
- शान्ति,खुशी,सुुख,अलौकिक,हल्का,पवित्र,ज्ञान,शक्ति,शीतल,नम्र,वाह,नैन,सम्पर्क,भाव,कुण्ड,घर,निर्भय
- स्वमान,श्रेष्ठ,रॉयल,दिव्य,महान,स्वराज्य,भाग्य,गोपी,हंस,सार,दूत,ऋशी,ताज,माला,बालक,स्टुडेंट,हनुमान
- आत्मा(सितारा,बेदाग,हीरा,दीप,फूल,पंछी),रूह,दृष्टि,देहीअभिमानी,अशरीरी,प्रभाव,देहभान,नहीं,भयमुक्त
- प्यार,याद,दृष्टि,बातें,पार्ट,सूर्य,चुम्बक,नूर,मिलन,माँ,पिता,टीचर,गुरू,दोस्त,मुरली,संसार,जीवन,मैं-मेरा,ट्रस्टी
- स्वदर्शन(प्रिंस,देवता,दर्शनीय,पूज्य,शक्ति,ब्राह्मण,निमित्त,सेवा,समर्पित,लाइट,फरिश्ता,अवतार,घर,आस्मान)
- भोजन,सोना,न्यारा,थकावट,हॉस्पिटल,चाँद,बादल,होली,सुबह,बरसात,अंतरिक्ष,पानी,प्रकृति
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