योग कमेंटरी | मुरली क्या है
मुरली है बाबा से बातें… बाबा से मिलन मनाना… परमात्म-प्रेम अनुभव करना
यही मात-पिता की पालना… प्यार-पुचकार… श्रेष्ठ मार्ग-दर्शन है
सुप्रीम टीचर की शिक्षा… सर्वश्रेष्ठ गाइड-लाइंस, डाइरेक्शन्स … सोर्स ऑफ इन्कम है
सतगुरू की श्रीमत… वरदान है… जिसके द्वारा मनमनाभव का महा-मन्त्र मुझे दिया है
साजन का प्रेम-पत्र… मीठी-मीठी बातें है… जो दिव्यगुणों से मुझे श्रृंगारती
खुदा दोस्त से संवाद… चिट-चैट है… जो कल्प-कल्पान्तर का सर्वश्रेष्ठ भाग्य बनाता
मुझे मुरली में सदा रेगुलर… पंचुअल… एकाग्र-चित्त रहना है… ओम् शान्ति!
और योग कमेंटरी:
- शान्ति,खुशी,सुुख,अलौकिक,हल्का,पवित्र,ज्ञान,शक्ति,शीतल,नम्र,वाह,नैन,सम्पर्क,भाव,कुण्ड,घर,निर्भय
- स्वमान,श्रेष्ठ,रॉयल,दिव्य,महान,स्वराज्य,भाग्य,गोपी,हंस,सार,दूत,ऋशी,ताज,माला,बालक,स्टुडेंट,हनुमान
- आत्मा(सितारा,बेदाग,हीरा,दीप,फूल,पंछी),रूह,दृष्टि,देहीअभिमानी,अशरीरी,प्रभाव,देहभान,नहीं,भयमुक्त
- प्यार,याद,दृष्टि,बातें,पार्ट,सूर्य,चुम्बक,नूर,मिलन,माँ,पिता,टीचर,गुरू,दोस्त,मुरली,संसार,जीवन,मैं-मेरा,ट्रस्टी
- स्वदर्शन(प्रिंस,देवता,दर्शनीय,पूज्य,शक्ति,ब्राह्मण,निमित्त,सेवा,समर्पित,लाइट,फरिश्ता,अवतार,घर,आस्मान)
- भोजन,सोना,न्यारा,थकावट,हॉस्पिटल,चाँद,बादल,होली,सुबह,बरसात,अंतरिक्ष,पानी,प्रकृति
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