योग कमेंटरी | मैं माला का मणका हूँ | I’m a bead of the rosary

योग कमेंटरी | मैं माला का मणका हूँ | I’m a bead of the rosary

मैं माला का मणका हूँ… विजयी रत्न… पूज्यनीय

बाबा माला का मेरु है… बहुत-बहुत प्यारा है… उनकी याद की शक्ति, मुझे मायाजीत बनाती

मैं बाबा के बिल्कुल समीप… बाप-समान स्थिति में स्थित हूँ… मेरे वाइब्रेशन सारे विश्व की पालना करते है

सभी मुझे याद करते… मुझे सबकी आशाओं को पूर्ण कर… सबका कल्याण करना है

आसपास सभी भी माला के मणके है… देव कुल की महान आत्माएं है… मुझे उन्हें बहुत-बहुत सम्मान देना है… ओम् शान्ति!


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Thanks for reading this meditation commentary on ‘मैं माला का मणका हूँ | I’m a bead of the rosary’

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