योग कमेंटरी | मैं हनुमान हूँ
बाबा मुझे बन्दर से… मन्दिर-लायक देवता … पूज्य बना रहे हैं
मैं हनुमान… सदा एक राम की याद में मग्न… योगबल से भरपूर… सम्पूर्ण पवित्र हूँ
सर्व शक्तियों से सम्पन्न, महावीर… मायाजीत… मास्टर सर्वशक्तिवान हूँ
मैं वायु-समान हल्का… पर्वत-समान शक्तिशाली… पहाड़ को भी राई-रुई बनाता हूँ
सबको संजीवनी बुत्ती से सुरजीत कर… सभी सिताओं को रावण की जंजोरों से छुड़ाता… बाबा के महान स्वर्ग स्थापना के कार्य में सच्चा सहयोगी हूँ… ओम् शान्ति!
और योग कमेंटरी:
- शान्ति,खुशी,सुुख,अलौकिक,हल्का,पवित्र,ज्ञान,शक्ति,शीतल,नम्र,वाह,नैन,सम्पर्क,भाव,कुण्ड,घर,निर्भय
- स्वमान,श्रेष्ठ,रॉयल,दिव्य,महान,स्वराज्य,भाग्य,गोपी,हंस,सार,दूत,ऋशी,ताज,माला,बालक,स्टुडेंट,हनुमान
- आत्मा(सितारा,बेदाग,हीरा,दीप,फूल,पंछी),रूह,दृष्टि,देहीअभिमानी,अशरीरी,प्रभाव,देहभान,नहीं,भयमुक्त
- प्यार,याद,दृष्टि,बातें,पार्ट,सूर्य,चुम्बक,नूर,मिलन,माँ,पिता,टीचर,गुरू,दोस्त,मुरली,संसार,जीवन,मैं-मेरा,ट्रस्टी
- स्वदर्शन(प्रिंस,देवता,दर्शनीय,पूज्य,शक्ति,ब्राह्मण,निमित्त,सेवा,समर्पित,लाइट,फरिश्ता,अवतार,घर,आस्मान)
- भोजन,सोना,न्यारा,थकावट,हॉस्पिटल,चाँद,बादल,होली,सुबह,बरसात,अंतरिक्ष,पानी,प्रकृति
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