योग कमेंटरी | निर्भय बनने के लिए | How to become fearless
यह संगम का समय कल्याणकारी है… ड्रामा भी कल्याणकारी है… मेरे साथ सब अच्छा ही अच्छा होगा
बाबा सदा मेरे साथ है… उनकी छत्रछाया में मैं सदा सुरक्षित हूँ… मुझ आत्मा को कोई छू भी नहीं सकता
मैं अमर आत्मा हूँ… मेरे चारों ओर पवित्रता का शक्तिशाली आभामण्डल है… औरों के भाव भी इससे शुध्द होते हैं
मैं मास्टर सर्वशक्तिमान… मायाजीत हूँ… माया खुद मुझसे घबराती है
कल्प-कल्प का मैं विजयी रत्न हूँ… सफलता निश्चिंत है… डरने की कोई बात नहीं है
परिस्थितयां मुझे मजबूत बनाने आती है… अनुभवी बनाती… सेवा-योग्य बनाती है… ड्रामा के हर सीन में कल्याण छिपा हुआ है… ओम् शान्ति!
गीत: ईश्वर अपने साथ है, डरने की क्या बात है….
और योग कमेंटरी:
- शान्ति,खुशी,सुुख,अलौकिक,हल्का,पवित्र,ज्ञान,शक्ति,शीतल,नम्र,वाह,नैन,सम्पर्क,भाव,कुण्ड,घर,निर्भय
- स्वमान,श्रेष्ठ,रॉयल,दिव्य,महान,स्वराज्य,भाग्य,गोपी,हंस,सार,दूत,ऋशी,ताज,माला,बालक,स्टुडेंट,हनुमान
- आत्मा(सितारा,बेदाग,हीरा,दीप,फूल,पंछी),रूह,दृष्टि,देहीअभिमानी,अशरीरी,प्रभाव,देहभान,नहीं,भयमुक्त
- प्यार,याद,दृष्टि,बातें,पार्ट,सूर्य,चुम्बक,नूर,मिलन,माँ,पिता,टीचर,गुरू,दोस्त,मुरली,संसार,जीवन,मैं-मेरा,ट्रस्टी
- स्वदर्शन(प्रिंस,देवता,दर्शनीय,पूज्य,शक्ति,ब्राह्मण,निमित्त,सेवा,समर्पित,लाइट,फरिश्ता,अवतार,घर,आस्मान)
- भोजन,सोना,न्यारा,थकावट,हॉस्पिटल,चाँद,बादल,होली,सुबह,बरसात,अंतरिक्ष,पानी,प्रकृति
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