योग कमेंटरी | खुशी का अनुभव | Experiencing Happiness
खुशियों के सागर की सन्तान… मैं आनंद स्वरूप आत्मा हूँ… सदा खुश… सन्तुष्ट हूँ… खुशी मेरे जीवन की विशेषता है
मैं खुश-नसीब… खुश-किस्मत… खुश-मिजाज़ हूँ… खुश-हाल… खुशनुमा हूँ
संगमयुग मौजौं का युग है… बाबा मेरे साथ है… हर पल खुशीयां ही खुशियां… कमाई ही कमाई है
खुशी सबसे बड़ा खज़ाना है… इसलिए मैं सबसे धनवान हूँ
खुशी जैसी खुराक नहीं… मैं तन-मन से सदा स्वस्थ हूँ
मुझे सच्ची, अविनाशी, शाश्वत खुशी मिली है… मैं सबसे भाग्यवान हूँ
मुझे सबको खुशियां बांटनी है… सबकी सच्ची सेवा करनी है… खुशियों की दुनिया बनानी है… ओम् शान्ति!
गीत: खुशियों से भर दी ज़िन्दगी हमारी…
और योग कमेंटरी:
- शान्ति,खुशी,सुुख,अलौकिक,हल्का,पवित्र,ज्ञान,शक्ति,शीतल,नम्र,वाह,नैन,सम्पर्क,भाव,कुण्ड,घर,निर्भय
- स्वमान,श्रेष्ठ,रॉयल,दिव्य,महान,स्वराज्य,भाग्य,गोपी,हंस,सार,दूत,ऋशी,ताज,माला,बालक,स्टुडेंट,हनुमान
- आत्मा(सितारा,बेदाग,हीरा,दीप,फूल,पंछी),रूह,दृष्टि,देहीअभिमानी,अशरीरी,प्रभाव,देहभान,नहीं,भयमुक्त
- प्यार,याद,दृष्टि,बातें,पार्ट,सूर्य,चुम्बक,नूर,मिलन,माँ,पिता,टीचर,गुरू,दोस्त,मुरली,संसार,जीवन,मैं-मेरा,ट्रस्टी
- स्वदर्शन(प्रिंस,देवता,दर्शनीय,पूज्य,शक्ति,ब्राह्मण,निमित्त,सेवा,समर्पित,लाइट,फरिश्ता,अवतार,घर,आस्मान)
- भोजन,सोना,न्यारा,थकावट,हॉस्पिटल,चाँद,बादल,होली,सुबह,बरसात,अंतरिक्ष,पानी,प्रकृति
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