योग कमेंटरी | सूक्ष्मवतन में बापदादा से मिलन | Experiencing God in the subtle world
बाबा बाहें पसारे… बुला रहे हैं “आओ बच्चे”… मेरे मीठे बच्चे… प्यारे बच्चे… लाडले बच्चे
मैं फरिश्ता… बाबा के पास पहुँच गया हूँ… बाबा मुझे बहुत मीठी दृष्टि दे रहे हैं… मैं बाबा की दृष्टि ले रहा हूँ
उनका वरदानी हाथ मेरे सिर पर है… बाबा वरदान दे रहे हैं… निरन्तर योगी भव… मायाजीत भव… सदा सुखी भव
विजय का तिलक लगा रहे हैं… सफलता तुम्हारा जन्म सिद्ध अधिकार है… मैं सदा तुम्हारे साथ हूँ
उनकी छत्रछाया में, मैं सदा सुरक्षित हूँ… परिस्थितयां व माया मुझे हिला नहीं सकती… बाबा मेरा रक्षक है
सदा बाबा को साथ रख… इसी हल्की अव्यक्त स्थिति में रहना है… सबको भगवान से जुड़ाना है… ओम् शान्ति!
गीत: बाबा से मिलन मनाने, आ जाओ मेरे लाल…
और योग कमेंटरी:
- शान्ति,खुशी,सुुख,अलौकिक,हल्का,पवित्र,ज्ञान,शक्ति,शीतल,नम्र,वाह,नैन,सम्पर्क,भाव,कुण्ड,घर,निर्भय
- स्वमान,श्रेष्ठ,रॉयल,दिव्य,महान,स्वराज्य,भाग्य,गोपी,हंस,सार,दूत,ऋशी,ताज,माला,बालक,स्टुडेंट,हनुमान
- आत्मा(सितारा,बेदाग,हीरा,दीप,फूल,पंछी),रूह,दृष्टि,देहीअभिमानी,अशरीरी,प्रभाव,देहभान,नहीं,भयमुक्त
- प्यार,याद,दृष्टि,बातें,पार्ट,सूर्य,चुम्बक,नूर,मिलन,माँ,पिता,टीचर,गुरू,दोस्त,मुरली,संसार,जीवन,मैं-मेरा,ट्रस्टी
- स्वदर्शन(प्रिंस,देवता,दर्शनीय,पूज्य,शक्ति,ब्राह्मण,निमित्त,सेवा,समर्पित,लाइट,फरिश्ता,अवतार,घर,आस्मान)
- भोजन,सोना,न्यारा,थकावट,हॉस्पिटल,चाँद,बादल,होली,सुबह,बरसात,अंतरिक्ष,पानी,प्रकृति
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