योग कमेंटरी | Increasing our fortune | भाग्य बढ़ाना | Avyakt Murli Churnings 03-02-2019
मैं भाग्यवान… सौभाग्यवान… पद्मपद्म भाग्यवान हूँ
बाबा ने अपने सर्व खझाने मुझे वर्से में दे दिये हैं… ज्ञान… गुण… शक्तियों के… अभी उन्हें जीवन में लाकर, उनकी वृद्धि करनी है
मैं निरन्तर सेवाधारी हूँ… अखण्ड महादानी हूँ… मेरे संकल्प, बोल, कर्म, सम्बन्ध-सम्पर्क से सबको देता हूँ… शान्ति, प्यार, खुशी, सम्मान आदि
मैं सदा महान श्रेष्ठ स्थिति में स्थित… विघ्न-विनाशक हूँ… विघ्न दूर से ही मुझे नमस्कार करते
मैं रूहे गुलाब… शीतल चन्दन हूँ… मुझसे चारों और गुणों की खुशबू फैल रही है… विश्व एक दैवी बगीचा बन रहा है
मैं देह से न्यारा… बाबा का प्यारा… सर्व का प्यारा हूँ
मैं सच्चा पण्डा बन… सबको बाबा का सत्य परिचय दे… भगवान से जुड़ाता हूँ… सभी सर्व-प्राप्ति सम्पन्न बन रहे हैं
मैं सदा ऊँची स्थिति में स्थित हूँ… समस्याएं छोटी है… मैं और मेरा बाबा बड़ा है… ओम् शान्ति!
गीत: ये मत कहो खुदा से मेरी मुश्किलें बड़ी है, ये मुश्किलों से कह दो मेरा खुदा बड़ा है…
और योग कमेंटरी:
- शान्ति,खुशी,सुुख,अलौकिक,हल्का,पवित्र,ज्ञान,शक्ति,शीतल,नम्र,वाह,नैन,सम्पर्क,भाव,कुण्ड,घर,निर्भय
- स्वमान,श्रेष्ठ,रॉयल,दिव्य,महान,स्वराज्य,भाग्य,गोपी,हंस,सार,दूत,ऋशी,ताज,माला,बालक,स्टुडेंट,हनुमान
- आत्मा(सितारा,बेदाग,हीरा,दीप,फूल,पंछी),रूह,दृष्टि,देहीअभिमानी,अशरीरी,प्रभाव,देहभान,नहीं,भयमुक्त
- प्यार,याद,दृष्टि,बातें,पार्ट,सूर्य,चुम्बक,नूर,मिलन,माँ,पिता,टीचर,गुरू,दोस्त,मुरली,संसार,जीवन,मैं-मेरा,ट्रस्टी
- स्वदर्शन(प्रिंस,देवता,दर्शनीय,पूज्य,शक्ति,ब्राह्मण,निमित्त,सेवा,समर्पित,लाइट,फरिश्ता,अवतार,घर,आस्मान)
- भोजन,सोना,न्यारा,थकावट,हॉस्पिटल,चाँद,बादल,होली,सुबह,बरसात,अंतरिक्ष,पानी,प्रकृति