योग कमेंटरी | Experiencing Lightness | हल्केपन की अनुभुती

योग कमेंटरी | Experiencing Lightness | हल्केपन की अनुभुती

मैं फरिश्ता… बिल्कुल हल्का हूँ… कुछ भी वज़न नहीं है

मेरी प्रकाशमय काया है… पवित्रता कि… आध्यात्मिक ऊर्जा से सम्पन्न

मेरे सभी बोझ बाबा ने ले लिए हैं… मैं निश्चिंत हूँ… सुरक्षित हूँ

अब बाबा जिम्मेवार है… मुझे उनपर पूरा भरोसा है… ड्रामा कल्याणकारी है

हर पल मेरी उन्नति हो रही है… उड़ती कला का अनुभव है… मेरी कार्य क्षमता बहुत बढ़ गयी है

मेरे चारों ओर का वातावरण भी श्रेष्ठ अलौकिक बन गया है… मेरे आसपास सभी हल्के हो रहे हैं… तनाव-मुक्त… Tension-free बन गए हैं… ओम् शान्ति!


और योग कमेंटरी:

Thanks for reading this meditation commentary on ‘Experiencing Lightness | हल्केपन की अनुभुती’

3 Replies to “योग कमेंटरी | Experiencing Lightness | हल्केपन की अनुभुती”

  1. Wah! Baba wah!,
    Apne hume sarv baato me befikr bana diya h,
    Itna halka kr diya h,
    Sare bhoj apne sir le liye h,
    Aur mujhe kya chaiye,
    Bus under hi under yahi dhun lagi rahe ki( Pana tha so paa liya).?

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