योग कमेंटरी | I’m a truly knowledgeful soul | Avyakt Murli Churnings 10-02-2019
मैं ज्ञानी तू आत्मा… सदा बाबा के साथ रहने वाली… मास्टर सर्वशक्तिवान हूँ
मैं स्वराज्य अधिकारी हूँ… सभी गुण शक्तियां मेरे सेवाधारी है… मैं जब चाहे, जैसे चाहे उन्हें use कर सकती हूँ
मैं बन्धन-मुक्त फरिश्ता हूँ… पुराने-पन का कोई भी बोझ मुझे खींच नहीं सकता… मैं सदा उड़ती कला के अनुभव में उड़ता रहता हूँ
मैं बाबा का वारिस बच्चा हूँ… सम्पूर्ण वर्से का अधिकारी… राज्य पद अधिकारी हूँ
मैं भय से मुक्त निड़र हूँ… औरों को भी सुख-शान्ति देने के निमित्त आत्मा हूँ… शान्ति का वरदान देने वाली वरदानी महादानी आत्मा हूँ
और योग कमेंटरी:
- शान्ति,खुशी,सुुख,अलौकिक,हल्का,पवित्र,ज्ञान,शक्ति,शीतल,नम्र,वाह,नैन,सम्पर्क,भाव,कुण्ड,घर,निर्भय
- स्वमान,श्रेष्ठ,रॉयल,दिव्य,महान,स्वराज्य,भाग्य,गोपी,हंस,सार,दूत,ऋशी,ताज,माला,बालक,स्टुडेंट,हनुमान
- आत्मा(सितारा,बेदाग,हीरा,दीप,फूल,पंछी),रूह,दृष्टि,देहीअभिमानी,अशरीरी,प्रभाव,देहभान,नहीं,भयमुक्त
- प्यार,याद,दृष्टि,बातें,पार्ट,सूर्य,चुम्बक,नूर,मिलन,माँ,पिता,टीचर,गुरू,दोस्त,मुरली,संसार,जीवन,मैं-मेरा,ट्रस्टी
- स्वदर्शन(प्रिंस,देवता,दर्शनीय,पूज्य,शक्ति,ब्राह्मण,निमित्त,सेवा,समर्पित,लाइट,फरिश्ता,अवतार,घर,आस्मान)
- भोजन,सोना,न्यारा,थकावट,हॉस्पिटल,चाँद,बादल,होली,सुबह,बरसात,अंतरिक्ष,पानी,प्रकृति
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