योग कमेंटरी | Eating with God | बाबा के साथ भोजन
यह ब्रह्मा भोजन है… शिवबाबा के भण्डारे का भोजन… मुझे तन-मन से सम्पूर्ण स्वस्थ करेगा
मैं बाबा की याद में रह… भोजन को दृष्टि दे रहा हूँ… बाबा की पवित्रता की किरणें इसमें समा रही है… भोजन सम्पूर्ण शुध्द-शक्तिशाली बन गया है
मैं मेरे बाबा के साथ भोजन पर बैठी हूँ… मैं बाबा को खिला रही हूँ… बाबा मुझे खिला रहे हैं
इस शरीर (गाड़ी) को पेट्रोल मिल रहा है… मैं इस बाबा के शरीर को खिला रही हूँ… उपराम वृत्ति से… बाबा की याद में
भोजन शरीर को शक्ति देता… बाबा की याद मुझ आत्मा को सशक्त करती… मैं तन-मन से स्वस्थ हो रही हूँ… ओम् शान्ति!
गीत: तेरी याद का अमृत…
Beautiful 4-minute visualisation on offering Bhog to Baba, in Sheilu Behn’s voice:
और योग कमेंटरी:
- शान्ति,खुशी,सुुख,अलौकिक,हल्का,पवित्र,ज्ञान,शक्ति,शीतल,नम्र,वाह,नैन,सम्पर्क,भाव,कुण्ड,घर,निर्भय
- स्वमान,श्रेष्ठ,रॉयल,दिव्य,महान,स्वराज्य,भाग्य,गोपी,हंस,सार,दूत,ऋशी,ताज,माला,बालक,स्टुडेंट,हनुमान
- आत्मा(सितारा,बेदाग,हीरा,दीप,फूल,पंछी),रूह,दृष्टि,देहीअभिमानी,अशरीरी,प्रभाव,देहभान,नहीं,भयमुक्त
- प्यार,याद,दृष्टि,बातें,पार्ट,सूर्य,चुम्बक,नूर,मिलन,माँ,पिता,टीचर,गुरू,दोस्त,मुरली,संसार,जीवन,मैं-मेरा,ट्रस्टी
- स्वदर्शन(प्रिंस,देवता,दर्शनीय,पूज्य,शक्ति,ब्राह्मण,निमित्त,सेवा,समर्पित,लाइट,फरिश्ता,अवतार,घर,आस्मान)
- भोजन,सोना,न्यारा,थकावट,हॉस्पिटल,चाँद,बादल,होली,सुबह,बरसात,अंतरिक्ष,पानी,प्रकृति
Thanks for reading this meditation commentary on ‘Eating with God | बाबा के साथ भोजन’