योग कमेंटरी | बाबा, मेरा सुप्रीम टीचर
मैं Godly Student हूँ… स्वयं भगवान् मुझे पढ़ाते… सुप्रीम टीचर बनकर
दूर-देश परमधाम से आते, खास मेरे लिए… मुझे रोज़ पढ़ाते… ज्ञान रत्नों से श्रृंगारते हैं
बाबा knowledgeful… ज्ञान का सागर है… मेरी ज़ोली भी ज्ञान रत्नों से भरपूर कर… मास्टर ज्ञान सागर बना दिया है
मुझे अपने से भी बेहतर जानते… मेरे आज के सारे दिन के लिए… सर्वश्रेष्ठ मत देते हैं
बाबा त्रिकालदर्शी है… मेरा आने वाला भविष्य भी जानते … उसी अनुसार मत देते हैं…
मुझे सच्ची दिल से उनकी शिक्षाएं धारण करनी है… सदा सुरक्षित… और पद्मापद्म भाग्यवान बनने लिए… ओम् शान्ति!
गीत : भगवान् तुम्हारा ज्ञान सिमरकर…
और योग कमेंटरी:
- शान्ति,खुशी,सुुख,अलौकिक,हल्का,पवित्र,ज्ञान,शक्ति,शीतल,नम्र,वाह,नैन,सम्पर्क,भाव,कुण्ड,घर,निर्भय
- स्वमान,श्रेष्ठ,रॉयल,दिव्य,महान,स्वराज्य,भाग्य,गोपी,हंस,सार,दूत,ऋशी,ताज,माला,बालक,स्टुडेंट,हनुमान
- आत्मा(सितारा,बेदाग,हीरा,दीप,फूल,पंछी),रूह,दृष्टि,देहीअभिमानी,अशरीरी,प्रभाव,देहभान,नहीं,भयमुक्त
- प्यार,याद,दृष्टि,बातें,पार्ट,सूर्य,चुम्बक,नूर,मिलन,माँ,पिता,टीचर,गुरू,दोस्त,मुरली,संसार,जीवन,मैं-मेरा,ट्रस्टी
- स्वदर्शन(प्रिंस,देवता,दर्शनीय,पूज्य,शक्ति,ब्राह्मण,निमित्त,सेवा,समर्पित,लाइट,फरिश्ता,अवतार,घर,आस्मान)
- भोजन,सोना,न्यारा,थकावट,हॉस्पिटल,चाँद,बादल,होली,सुबह,बरसात,अंतरिक्ष,पानी,प्रकृति
Thanks for reading this meditation commentary on ‘बाबा, मेरा सुप्रीम टीचर’