योग कमेंटरी | श्रेष्ठ संकल्पों की बूँद-बूँद | Avyakt Murli Churnings 03-03-2019
मैं बिन्दु-रूप आत्मा… बिन्दु बाप की सन्तान… ड्रामा का बिन्दु लगाने वाली आत्मा हूँ
मैं सरल-चित्त… स्वच्छ बुद्धि… धारणा मूर्त आत्मा हूँ… भोली आत्मा… भगवान की प्रिय हूँ
मैं बाबा से बातें करती हूँ… बाबा, आप कितने मीठे हो, हमें क्या से क्या बनाते हो… सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनाते… एक आप ही महिमा-योग्य हो
मैं पूज्य आत्मा… दिव्य दर्शनीय मूर्त हूँ… वरदानी मूर्त… सबको शान्ति, प्यार और खुशियां बांटती हूँ
मैं व्यर्थ से मुक्त… सदा जागती ज्योत हूँ… मेरे तन-मन-धन के सहयोग से… सतयुग स्थापन हो रहा है… ओम् शान्ति!
और योग कमेंटरी:
- शान्ति,खुशी,सुुख,अलौकिक,हल्का,पवित्र,ज्ञान,शक्ति,शीतल,नम्र,वाह,नैन,सम्पर्क,भाव,कुण्ड,घर,निर्भय
- स्वमान,श्रेष्ठ,रॉयल,दिव्य,महान,स्वराज्य,भाग्य,गोपी,हंस,सार,दूत,ऋशी,ताज,माला,बालक,स्टुडेंट,हनुमान
- आत्मा(सितारा,बेदाग,हीरा,दीप,फूल,पंछी),रूह,दृष्टि,देहीअभिमानी,अशरीरी,प्रभाव,देहभान,नहीं,भयमुक्त
- प्यार,याद,दृष्टि,बातें,पार्ट,सूर्य,चुम्बक,नूर,मिलन,माँ,पिता,टीचर,गुरू,दोस्त,मुरली,संसार,जीवन,मैं-मेरा,ट्रस्टी
- स्वदर्शन(प्रिंस,देवता,दर्शनीय,पूज्य,शक्ति,ब्राह्मण,निमित्त,सेवा,समर्पित,लाइट,फरिश्ता,अवतार,घर,आस्मान)
- भोजन,सोना,न्यारा,थकावट,हॉस्पिटल,चाँद,बादल,होली,सुबह,बरसात,अंतरिक्ष,पानी,प्रकृति
Thanks for reading this meditation commentary on ‘श्रेष्ठ संकल्पों की बूँद-बूँद | Avyakt Murli Churnings 03-03-2019’
Too good.. Thanx baba