योग कमेंटरी | मैं सार स्वरूप आत्मा हूँ | I am essence-full
मैं सार स्वरूप… फल स्वरूप… शक्तिशाली आत्मा हूँ
पास्ट जो हुआ, accurate था… आगे जो होगा, कल्याणकारी होगा… मुझे वर्तमान को श्रेष्ठ रखना है
मेरे संकल्प धैर्यवत… कम… समर्थ हैं
कुछ सोचने की आवश्यकता नहीं… सिर्फ़ योगयुक्त श्रेष्ठ स्थिति में रहना है… बाकी सब बाबा सम्भालेगा
सिर्फ हर कदम श्रीमत पर चलते… ज्ञान चिन्तन… बाबा की यादों में… रूहानी मौज में रहना है… औरों की भी सेवा स्वतः होती रहेंगी… ओम् शान्ति!
और योग कमेंटरी:
- शान्ति,खुशी,सुुख,अलौकिक,हल्का,पवित्र,ज्ञान,शक्ति,शीतल,नम्र,वाह,नैन,सम्पर्क,भाव,कुण्ड,घर,निर्भय
- स्वमान,श्रेष्ठ,रॉयल,दिव्य,महान,स्वराज्य,भाग्य,गोपी,हंस,सार,दूत,ऋशी,ताज,माला,बालक,स्टुडेंट,हनुमान
- आत्मा(सितारा,बेदाग,हीरा,दीप,फूल,पंछी),रूह,दृष्टि,देहीअभिमानी,अशरीरी,प्रभाव,देहभान,नहीं,भयमुक्त
- प्यार,याद,दृष्टि,बातें,पार्ट,सूर्य,चुम्बक,नूर,मिलन,माँ,पिता,टीचर,गुरू,दोस्त,मुरली,संसार,जीवन,मैं-मेरा,ट्रस्टी
- स्वदर्शन(प्रिंस,देवता,दर्शनीय,पूज्य,शक्ति,ब्राह्मण,निमित्त,सेवा,समर्पित,लाइट,फरिश्ता,अवतार,घर,आस्मान)
- भोजन,सोना,न्यारा,थकावट,हॉस्पिटल,चाँद,बादल,होली,सुबह,बरसात,अंतरिक्ष,पानी,प्रकृति
Thanks for reading this meditation commentary on ‘मैं सार स्वरूप आत्मा हूँ | I am essence-full’
That power of SAAR I was not knowing
That add to my knowledge.
Om shanti
Thanks