योग कमेंटरी | बाबा मेरी बेहद की माँ

योग कमेंटरी | बाबा मेरी बेहद की माँ

बाबा मेरी बेहद की माँ… मात-पिता है… मेरी ज्ञान-गुण-शक्तियों से… सर्वश्रेष्ठ पालना करते

रोज़ सुबह उठाकर… ज्ञान रत्नों से श्रृंगार कर… सारे दिन के लिए तैयार करते

सदा साथ रहते… भोजन खिलाते गिट्टी-गिट्टी… प्यार करते

ब्रह्मा माँ द्वारा… मुझे प्यार-पुचकार… लाड़-दुलार करते… मुझे माँ की ममता मिल रही

सबको इस बेहद-माँ से जुड़ाकर … परमात्मा प्यार दिलाकर… सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनाना है… ओम् शान्ति!


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Fulfilling the desires of all | सर्व की मनोकामनाएं पूर्ण करने की सहज विधि | Avyakt Murli Churnings 12-05-2019

Fulfilling the desires of all | सर्व की मनोकामनाएं पूर्ण करने की सहज विधि | Avyakt Murli Churnings 12-05-2019

1. हम बाबा की राइट-हैंड भुजाएं सारे विश्व के बड़े है, सबकी स्नेह-शक्ति से सेवा कर, उनका खोया भाग्य फिर से दिलाते हैं… अब ऊँची स्थिति द्वारा मास्टर सूर्य बन सबको वरदान-दुआ की किरणें फैलानी है… इसके लिए खुद मनमनाभव की स्थिति द्वारा इच्छा मात्रम अविद्या बनना है, तब ही औरों को मनोकामनाएं पूर्ण करने वाले कामधेनु बन सकेंगे

2. यदि अपनी इच्छाओं को सेवा की नाम देंगे, तो एक इच्छा पूर्ण होने के बाद दूसरी उत्पन्न होगी, ऎसे मन से उलझते रहेंगे… बाबा मिला, सबकुछ मिला ऎसे तृप्त नहीं बन पाएंगे… और अभी कुछ ही समय में प्रत्यक्ष होगा कि हम ही चैतन्य भण्डार, विश्व के आधार-मूर्त, जहां के नूर, कुल दीपक है… इसलिए अभी से सम्पन्न बनना है, बहुत काल के अभ्यासी

3. सेवा बहुत अच्छी कर रहे है, साथ में हलचल का हल चलाओ की सब समझे यही एक है सच्चा रास्ता दिखाने वाले, भगवान् से मिलाने वाले, बुराइयों से बचाने वाले… यह तब होगा जब भाषण के साथ सबको शान्ति-शक्ति-अतिन्द्रीय सूख-आनंद की अनुभुती कराएं वाणी से परे ले जाएँगेे, जैसे बहता झरना वा साईंस के साधन… स्नेह के साथ शान्ति के सागर की शान्ति-शक्ति का अनुभव कराना है, फिर सब खींचे चले आएँगे… वाह-वाह से आगे बढ़, वारिस बनेंगे… सिर्फ़ सोने मे यह नग एड करना है… सभी plans को सम्पूर्ण दृढ़ता-एकता से साकार में लाना है

4. हम ही सबके लिए इष्ट-पूज्य-पूर्वज है, सिर्फ मेरे-पन से परे जाना है… इसी स्व परिवर्तन से विश्व परिवर्तन होगा… इसी नजर से सबको देखना है, कि यही विश्व की सबसे बुद्धिवान, शक्तिशाली, महान, विशेष आत्माएं है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… सदा मनमनाभव की स्थिति द्वारा इच्छा मात्रम अविद्या बन, मास्टर सूर्य बन सबको सुख-शांति-पवित्रता की किरणें फैलाते रहे… सबको श्रेष्ठ अनुभूतियाँ बांटते, बाबा से जुड़ाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Becoming an invaluable Jewel | Sakar Murli Churnings 11-05-2019

Becoming an invaluable Jewel | Sakar Murli Churnings 11-05-2019

1. पवित्र का ही नमन होता, सर्विसएबुल बनते, बाबा भी बहुत प्यार करते … हमारी पवित्रता की पर्सेंटेज बढ़ रही है, देह-भान घट रहा हैं… श्रेष्ठ मणि, परि, सदा गुलाब बनने लिए बाबा पर बहुत प्यार-याद चाहिए, खुशी में रोमांच खड़े हो जाएँ, दैवी स्वभाव गुणवान, ऎसा प्योर valuable हीरा बनना है

2. हम अपने को समझ सकते कहाँ तक पास होंगे, इसलिए बाबा (जो इतना मीठा-प्यारा है, आप समान पवित्र-सुख-शान्ति सम्पन्न बनाता) को याद कर दिल खिल जाना चाहिए… साथ में चक्र घुमाते खुश दिव्यगुण-सम्पन्न बन अपने एम object को भी जरूर प्राप्त करना है…

3. हमे सभी वर्गों का कल्याण करना है, इसलिए योगयुक्त बनना है, जिसके लिए देह-भान छोड़ देही अभिमानी भाई-भाई की दृष्टि पक्की करनी है… ऎसे कट उतारने से ही ऊंच पद पाएंगे, नहीं तो सजा खानी पड़ेगी

4. जितना बाबा हमें प्यार करते, उतना उसे प्यार करना है याद में रहने से बन्धन भी हल्के होते रहेंगे… आगे चल हम पवित्र सुई बन जाएंगे, तो घड़ी घड़ी बाबा को याद करेंगे, जैसेकी बाबा के पास ही पहुँच जाएँ

सार

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि बाबा ने हमें कोटों में से निकालकर कौड़ी से हीरा बनाया है, तो ऎसा ज्ञान-योग के अभ्यास द्वारा चमकदार अमूल्य रत्न बने… कि सदा शान्ति-प्रेम-आनंद से सर्व प्राप्ति सम्पन्न बन, जहां भी जाए, सर्व का कल्याण करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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योग कमेंटरी | मैं बेदाग हीरा हूँ | I’m a flawless diamond

योग कमेंटरी | मैं बेदाग हीरा हूँ | I’m a flawless diamond

मैं अमूल्य हीरा हूँ… सदा ज्ञान-गुण-शक्तियों के रंगों से सम्पन्न… सबका जीवन प्रकाशित करता

मैं बेदाग हीरा हूँ… सदा श्रेष्ठ संकल्प, बोल, कर्म करता… बहुत सुखदाई हूँ

परदर्शन-परचिंतन की धूल से परे… चमक रहा हूँ… पवित्रता के प्रकाश से

पुराने-पन की defect से परे… बाबा मुझे रोज़ और चमकाते… सर्वश्रेष्ठ कोहिनूर हीरा बना दिया है

मैं फ्लॉलेस हीरा हूँ… सम्पन्न-सम्पूर्ण… सदा शान्ति, प्रेम, आनंद से भरपूर… ओम् शान्ति!


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Becoming a flawless diamond | Sakar Murli Churnings 10-05-2019

Becoming a flawless diamond | Sakar Murli Churnings 10-05-2019

1. बाबा सर्वश्रेष्ठ वर्सा दे रहे, लेकिन उसमें पद नम्बरवार है… इसलिए श्रेष्ठ पद, खुशबूदार फूल, फ्लोलेस डायमंड बनने लिए अपनी जांच कर खामियां निकलनी है, मुख्य खामी है देह-अभिमान इसलिए देह में रहते देही-अभिमानी बनना है… अंत में एक बाप के सिवाय किसी की याद न आए, इसलिए लवली बाप को याद करते रहना है, तो लवली बच्चे बन जाएँगे, पूरे कल्प के लिए

2. हम जी हड्डी सेवा करते, वह व्यर्थ नहीं जाती, बहुतओं को श्रृंगार कर हमने लायक बनाया है… नयेे भी पुरानों से आगे जाते हैं… अगर खामी निकल जाएँ, तो और ही कमाल करेंगे, बाबा हमें कितना प्यार कर फ्लोलेस बनाते

3. हम श्रीमत पर वहां हैवन, paradise, वंडर ऑफ वर्ल्ड, स्वर्ग स्थापन कर रहे… यहां हमारा कुछ नहीं, हम ट्रस्टी है, बाबा की directions पर चलते है… बाकी थोड़ा समय है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… इस डायमंड एज में सदा अपने को डायमंड समझ, परम-डायमंड को याद कर सर्व गुण-शक्तियों के रंग से चमकते, अपने सभी फ्लो निकालते flawless डायमंड बनते रहे… औरों की भी सर्वश्रेष्ठ पालना-सेवा करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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योग कमेंटरी | मैं ट्रस्टी हूँ

योग कमेंटरी | मैं ट्रस्टी हूँ

मेरा तन-मन-धन सब बाबा का है… मैं सिर्फ आत्मा हूँ… बाबा की

सबकुछ उसकी अमानत है… उसमे ख्यानत नहीं करनी… सदा उसकी श्रीमत पर चलते रहना है

श्रीमत ही श्रेष्ठ बनाती… जिससे सभी खज़ाने (समय, श्वास, संकल्प) सफल होते… सर्वश्रेष्ठ भाग्य बनता

मैं निमित्त हूँ… करावनहार बाबा है… मेरा भाग्य है, जो मुझे अपनी श्रेष्ठ सेवा के लिए योग्य समझा

सदा बाबा का हाथ और साथ अनुभव कर… निश्चिंत, बेफिक्र हूँ… सदा सर्व प्राप्ति सम्पन्न बन… शान्ति, प्रेम, आनंद की अनुभुती में उड़ता रहता हूँ… ओम् शान्ति!


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योग कमेंटरी | रूहानियत का अभ्यास

योग कमेंटरी | रूहानियत का अभ्यास

मैं रूह हूँ… मेरा बाबा सुप्रीम रूह है… उनके संग में रूहानियत (आत्मिक स्थिति) का अनुभव कर रहा हूँ

देह से बिल्कुल न्यारा… रूहानी स्थिति में स्थित हूँ… देह को देखते भी नहीं देखता

निरन्तर शान्ति, प्रेम, आनंद का अनुभवी… मै बाबा को देख रहा… उनके सम्पूर्ण गुण-शक्तियों से सम्पन्न बन रहा हूँ

मैं पावन… सतोप्रधान… दिव्य बनता जा रहा हूँ

यह प्रकंपन सारे वातावरण को अलौकिक बनाता… सभी आत्माओं को बहुत सहयोग दे रहा… सारे विश्व को पावन-दिव्य बना रहा है… ओम् शान्ति!


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The beauty of Trustee-ship! | Sakar Murli Churnings 09-05-2019

The beauty of Trustee-ship! | Sakar Murli Churnings 09-05-2019

1. बाबा ऎसा wonderful बाप टीचर सतगुरू है, जो उनके ऊपर कोई नहीं… इसी बात को स्मृति में रख बाबा को याद करना है (आत्म अभिमानी बन, भाई-भाई की दृष्टि पक्की करके), तो पावन राज्य के मालिक बन जाएँगे… बाप को याद करने से विकर्म विनाश होते, टीचर को याद करने से सारी नॉलेज बुद्धि में आ जाती, और गुरू योग सिखाते

2. हम अभी कलियुग से निकल आए हैं, हम न असुर है न देवता है, हम सर्वश्रेष्ठ ब्राह्मण है स्वयं भगवान् हमें पढ़ाते, यह ड्रामा बड़ा wonderful है… खुद चैतन्य बीज आकर हमें सारे झाड़ का राज समझाते, कैसे यह वेरायटी का खेल है, हम आत्मा शरीर धारण कर पार्ट बजाती, बाबा अब हमारी सद्गति करते… माया रावण को हमसे ईर्षा है, इसलिए वह विघ्न जरूर डालेगी, हमें बाबा को याद कर उन्नति को पाते रहना है, हमारे लिए सहज है

3. सबकुछ बाबा का दिया हुआ है, इसलिए सदा उनकी श्रीमत पर चलने वाले सच्चा ट्रस्टी बनना है, ममत्व नहीँ… मुख्य बात अपने को आत्मा समझ बाबा को देखते रहना है (अर्थात याद करना है) तब ही उनकी करेन्ट कैच कर पावन बन बाबा के साथ जा सकते, पहले शान्तिधाम फिर सुखधाम… औरों को भी बाबा का परिचय देना है, जो आने वाले होंगे वह आ जाएँगे

सार

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि बाबा आ गया है, तो सबकुछ उसे सौप हर पल उनकी यादों-प्यार में डूबे रहे, सदा सर्व प्राप्ति सम्पन्न भरपूर-तृप्त बन, सबको रूहानी स्नेह-खुशियां बांटते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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योग कमेंटरी | मैं उड़ता पंछी हूँ | I’m a flying bird

योग कमेंटरी | मैं उड़ता पंछी हूँ | I'm a flying bird image

योग कमेंटरी | मैं उड़ता पंछी हूँ | I’m a flying bird

मैं उड़ता पंछी हूँ… देह रूपी घोसले से न्यारा… बिल्कुल हल्का हूँ

ज्ञानयोग के पंख… वा उमंग-उत्साह के पंख द्वारा… मैं सदा उड़ती कला में… सदा शान्ति प्रेम आनंद से भरपूर हूँ

सभी डालियां छोड़… मैं उड़ चली ऊपर… परमधाम रूपी घर की ओर

मैं निर्बंधन… स्वतंत्र, आज़ाद हूँ… पहुँच गई अपने प्रियतम के पास

बाबा मुझे बहुत-बहुत प्यार करते… सभी गुण-शक्तियों से भरपूर-सम्पन्न कर… मुझे जन्म-जन्मान्तर के लिए पद्मपद्म भाग्यशाली बना दिया है… ओम् शान्ति!

गीत: मन पंछी तू…

गीत: मैं आत्म पंछी…


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Becoming a Hero Actor | Sakar Murli Churnings 08-05-2019

Becoming a Hero Actor | Sakar Murli Churnings 08-05-2019

1. ओम् शान्ति अर्थात अपने को आत्मा समझ शान्ति के स्वधर्म में रहना… स्वयं निराकार पतित-पावन बाप हमें बेहद सुख की पढ़ाई पढ़ाते, हीरे जैसा देवता सूर्यवंशी लक्ष्मी-नारायण बनाने… अभी हम संगमयुगी ब्रह्मा मुख वंशावली सर्वोत्तम ब्राह्मण कुल भूषण है, देवताओं से भी ऊंच, पुराना-पन समाप्त हो गया है

2. बाबा आकर मूत पलीती कपड़ धोते, अर्थात हम ब्राह्मण बच्चों को पावन बनाकर श्रेष्ठ सद्गति का वर्सा देते… जहां पवित्रता-सुख-शान्ति सम्पन्न एक ही आदि सनातन देवी-देवता धर्म होंगा, कोई वज़ीर-गुरू की भी जरूरत नहीं

सार

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि बाबा ने हमें इस विश्व नाटक का सम्पूर्ण ज्ञान दे दिया है, मुख्य बात कि हम हीरो एक्टर है… तो हर पल, श्रेष्ट स्मृतियों में रहते श्रेष्ठ पार्ट बजाते रहे, सदा शान्ति प्रेम आनंद का अनुभव करते और कराते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति! 


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