Sakar Murli Churnings 26-03-2019

Sakar Murli Churnings 26-03-2019

जो बच्चे अच्छा पढ़ते, बहुत प्रेम और खुशी से बाबा को याद करते, ऎसे अच्छे मीठे खुशबूदार फुलो को, जो serviceable कल्याणकारी है, उनको खुद बाबा याद करते वा sakash देते… तो देही-अभिमानी बन सच्चाई से अन्दर के भूतों को भगाना है, ज्ञान और योग की क्लास पर पूरा ध्यान देना है… ज्ञान रत्नों का दान कर, अपना सबकुछ ट्रान्सफर जरूर करना है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… सत्यता में स्थित हो अर्थात अपने को आत्मा समझ बाबा को याद कर खुशियों में नाचते रहे… ऎसा खुशबूदार serviceable फूल को स्वयं बाबा sakash देते… तो इन शक्तियों से सम्पन्न हो, औरों को भी बांटते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!

Sakar Murli Churnings 25-03-2019

Sakar Murli Churnings 25-03-2019

1. हम रॉयल बाप-कुल के रॉयल स्टूडेंट है, हमारे लिए बाबा हथेली पर स्वर्ग की सौगात लाएं हैं… तो उनकी श्रीमत अनुसार देह-भान-परे आत्म-अभिमानी बन बाबा को याद करना है, तो सारा कीचड़ा समाप्त हो खुशबूदार फूल बन जाएँगे .. ऎसा उपराम होना है, कि अंत में एक बाबा के सिवा और कुछ याद न आए… वह हमारी झोली भरते गुणवान बनाते, यही खुशी और नशा सहज ashariri बना देता…

2. ऎसी याद, पवित्रता और खुशी से औरों को बहुत प्रेम से समझाने से उनके भी आंखों में आंसू आ जाएंगे, कल्याण होगा… दो बाप का परिचय, बैज, ट्रेन में आदि समझाना हैै… विश्व कल्याणकारी बनना है

सार

हम रॉयल बच्चो के लिए बाबा स्वर्ग की सौगात लाए है, इसी स्मृति में सहज पुरूषार्थी बन बाबा के प्यार में योगयुक्त बन जाएँ… औरों का भी कल्याण करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!

योग कमेंटरी | निरहंकारी बनने | Becoming Egoless

योग कमेंटरी | निरहंकारी बनने | Becoming Egoless image

योग कमेंटरी | निरहंकारी बनने | Becoming Egoless

सदा स्वमान में स्थित… मैं निर्मान हूँ… अभिमान से मुक्त

सभी विशेषताएं बाबा की देन है… मैं निमित्त हूँ… सबकुछ वही करा रहा है

मैं भाग्यशाली हूँ… रोज़ बाबा का शुक्रिया मानता… हम क्या थे… हमें क्या से क्या बना दिया है

सबकी विशेषताएं देखते… शुभ भावना देते… मैं नम्र-चित्त बन गया हूँ

मैं निराकारी… निर्विकारी… निरहंकारी हूँ… बाबा की तरह… ओम् शान्ति!

गीत: बाबा कितने निरहंकारी…


और योग कमेंटरी:

Thanks for reading this meditation commentary on ‘निरहंकारी बनने | Becoming Egoless’

Singing the Song of God’s love | दिलारम की दिलरूबा के गीत | Avyakt Murli Churnings 24-03-2019

Singing the Song of God’s love | दिलारम की दिलरूबा के गीत | Avyakt Murli Churnings 24-03-2019

दिल के गीत!

  • हम सभी दिलाराम की दिलरूबा एक ही शब्द ‘बाबा’ के गीत गाते… वही हमारा संसार है, उससे ही हम सर्व सम्बन्धों की प्रीत अनुभव करते… वही हमारी दृष्टि, स्मृति, दिल, बोल में समाया हुआ है
  • फिर भी गीत का साज़ भिन्न- भिन्न नम्बरवार है… कोई उड़ने-उड़ाने खुशी के गीत गाते, कोई अभ्यास के… कोई की स्मृति की स्विच सदा ऑन होने कारण सदा गीत बजता रहता, कोई को बजाना पड़ता… कोई प्राप्ति के, तो कोई मेहनत-पुकार-दिलशिकस्त के

रूहानी चमत्कार!

हमारे भाग्य का सितारा चमक उठा है, हम ताज-तख्त-तीलकधारी बन गए हैं… जिसके बाबा भी गुणगान करते, और सारे विश्व के लिए example है… इसलिए यथार्थ पुरूषार्थ की विधि द्वारा शक्तिशाली सिद्धि स्वरूप, सिद्ध सहज योगी बनना… रूहानी अविनाशी सिद्धियों द्वारा रूहानी चमत्कार दिखाने है, जैसाकि:

  • ऎसे उड़ना है, जो औरों को भी पंख मिल उड़ने लगे
  • अप्राप्त के बदले सर्व प्राप्ति सम्पन्न बन नाचने लगे
  • ज्ञान का तीसरा नेत्र मिल, अपना श्रेष्ठ वर्तमान वा भविष्य देख सके
  • चिंता की चिता वा दुःखों को शैया से उठ खुशी के गीत गाने लगे
  • मांगने के बजाए सर्व खजा़नों के अधिकारी बन जाएँ

क्यूंकि सभी बहुत मेहनत करते हैं, एक प्राप्ति पूरी होते और इच्छाएं खड़ी हो जाती… तो उन्हें सर्व प्राप्ति सम्पन्न जरूर बनाना है

हम आत्माएं (कुमारीयां) कौन है?

  • रूहानी आत्मा अर्थात सदा रूह आत्मा की स्मृति में रहने वाले, देह-भान से माया तरफ गिरते और देही-अभीमानी बाबा तरफ खींचते हैं… बाबा से प्यार होने कारण, प्यार से मुरली सुनने याद करने से सहज सफलता मिलती… माया के आकर्षणों से सहज मुक्त रहते
  • भगवान के ज्ञान वा आज्ञा पर पवित्र बनने कारण हमारी पवित्रता वा महानता 21 जन्म चलती है… हम बाबा के बन गए, अब माया के आगे झुकना नहीं है, पक्का बन सदा खुशी में शक्तिशाली रहना है
  • श्रेष्ठ आत्माएं अर्थात श्रेष्ठ कार्य अर्थात विश्व कल्याण के निमित्त, सारे विश्व के कुल का उद्धार करने वाले… बाबा सदा साथ है, डरने की कोई बात नहीं… हम तो बच गए, सदा इसी खुशी और नशे में हमें है
  • हम ईश्वरीय विश्व विद्यालय की आत्माए, सो ब्राह्मणों से भी उत्तम ही… सदा सेवाधारी बाबा के राइट हैंड है… निर्बंधन भाग्यवान पूज्य है
  • बाबा ने हमें देवी अर्थात सदा सुख देने वाली, मुस्कुराती बन दिया है… दासी के बजाए देवी

सार

तो चलिए आज सारा दिन… स्मृति की स्विच ऑन कर सदा बाबा के प्यार के गीत गाते, उनके प्यार में ऎसा सम्पूर्ण समा जाएं, कि हमसे बाबा ही दिखाई दे… इसी यथार्थ पुरूषार्थ की विधि द्वारा सर्व सिद्धि स्वरूप बन, रूहानी चमत्कार करने हे, अर्थात सभी को सर्व प्राप्ति सम्पन्न सुखी बनाना है… तो हम बहुत ही जल्द खुुशीयों की दुनिया सतयुग स्थापन करने के निमित्त बन … ओम् शान्ति!

योग कमेंटरी | पवित्रता का अनुभव | Experiencing Purity

योग कमेंटरी | पवित्रता का अनुभव | Experiencing Purity image

योग कमेंटरी | पवित्रता का अनुभव | Experiencing Purity

मैं परम पवित्र आत्मा हूँ… पवित्रता के सागर की सन्तान… सम्पूर्ण पवित्र ब्रह्मा बाबा की भी सन्तान हूँ

मेरी दृष्टि सिर्फ विशेषताएं देखती… वृत्ति सर्व के लिए शुभ भावनाओं से सम्पन्न है… कर्म अलौकिक और दिव्य है

चेहरा हर्षित… बोल मधुर… व्यवहार सुखदाई… सबके लिए सम्मान से भरपूर है

बाबा ने मुझे श्रेष्ठ स्मृतियों से सम्पन्न कर दिया है… मैं देव-कुल की महान आत्मा… पूज्य… विश्व कल्याणकारी हूँ

मेरा अनादि-आदि काल सम्पूर्ण पवित्र था… पवित्रता मेरी वास्तविकता है… अब फिर पावन बन… सारे विश्व को पावन बनाना है… ओम् शान्ति!

गीत: तन एक मंदिर हो…


और योग कमेंटरी:

Thanks for reading this meditation commentary on ‘पवित्रता का अनुभव | Experiencing Purity’

Sakar Murli Churnings 23-03-2019

Sakar Murli Churnings 23-03-2019

1. बाबा के फरमान अनुसार अपने को आत्मा (अविनाशी आत्मा शरीर द्वारा पार्ट बजा रहे हैं) समझ बाबा को याद करना है (जिसके साथ हमारी सगाई हुई है), तो विकर्म विनाश पाप कट हो सतोप्रधान बन जाएँगे… तो सुखी हो मुक्ति-जीवनमुक्ति को पा लेंगे

2. इसमें मजबूत होने अपना सच्चा-सच्चा चार्ट रखना, दही-अभिमानी हो अपने को सुधारने का पुरूषार्थ करना है

3. ऎसे पक्के योगी बन औरों को समझाने से तीर लगेगा, उनका कल्याण होगा… अल्फ बाबा का परिचय मुख्य है, जिनकी बहुत महिमा करनी है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… अपना सम्पूर्ण पवित्र अनादि-आदि काल स्मृति में रख, सदा बाबा की यादों में अतिन्द्रीय सुख में नाचते रहे… औरों को भी सुखी बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!

योग कमेंटरी | मैं एक महान आत्मा हूँ | I’m a great soul

योग कमेंटरी | मैं एक महान आत्मा हूँ | I’m a great soul

मैं एक महान आत्मा हूँ… स्वयं भगवान ने कहा है… तुम महान हो

मैंने 2500 साल देव-रूप में बिताए हैं… मैं परम पवित्र… परम पूज्य आत्मा हूँ

सर्वो-महान परमात्मा की सन्तान… सर्वश्रेष्ठ ब्राह्मण परिवार की शान… सबकी आशाओं का दीपक हूँ

मेरा जन्म ही महान कार्यों के लिए हुआ है… मैं पूर्वज… विश्व कल्याणकारी हूँ

मेरे अन्दर छिपी हुई महानता… वा योग्यताएं जागृत हो रही है… मैं बहुत शक्तिशाली हो रहा हूँ

औरों को भी महान… भाग्यवान… सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनाना है… ओम् शान्ति!


और योग कमेंटरी:

Thanks for reading this meditation commentary on ‘मैं एक महान आत्मा हूँ | I’m a great soul’

Sakar Murli Churnings 22-03-2019

Sakar Murli Churnings 22-03-2019

स्वयं भगवान् हमारे लिए खीच कर आए हैं, इसलिए यह ब्राह्मण जीवन सर्वश्रेष्ठ हीरे-तुल्य है… अब वापिस घर जाने पावन सतोप्रधान जरूर बनना है, इसके लिए देह-भान-मुक्त आत्म-अभिमानी बन बाबा को याद करना है, फिर दैवीगुण भी धारण करने है… ऎसे योगयुक्त खुशमिजा़ज़ हो तन-मन-धन से सेवा करने से सहज स्थिति श्रेष्ठ रहती और सबकी बहुत आशीर्वाद मिलती, इसलिए रहमदिल बन सर्व का कल्याण करते रहना है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… स्वयं भगवान् मुझे पढ़ाकर ज्ञान रत्नों से झोली भर रहे हैं, इसी स्मृति में रह… सदा श्रेष्ठ स्थिति का अनुभव करते, औरों को भी ज्ञान दान देते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!

योग कमेंटरी | ज्ञान-वान होने का अनुभव | Experiencing knowledgeful-ness

योग कमेंटरी | ज्ञान-वान होने का अनुभव | Experiencing knowledgeful-ness

ज्ञान सागर ने… मुझे सर्वश्रेष्ठ ज्ञान सुनाकर… मास्टर ज्ञान सागर बना दिया है

मुरलीधर की मुरली ने… मुझे मास्टर मुरलीधर बनाकर… सदा अतिन्द्रीय सुख में रहना सिखा दिया है

तीनों कालों का ज्ञान देकर… त्रिकालदर्शी… त्रिनेत्री बना दिया है

अब मैं तीनों लोकों का मालिक… त्रिलोकिनाथ बन गया हूँ

मैं ज्ञान-वान… ज्ञान स्वरूप… ज्ञानी तू आत्मा हूँ

सदा मुख से ज्ञान रत्न ही सुनाने है… मैं ज्ञान गंगा हूँ… सबको पावन बनाती हूँ… ओम् शान्ति!


और योग कमेंटरी:

Thanks for reading this meditation commentary on ‘ज्ञान-वान होने का अनुभव | Experiencing knowledgeful-ness’

योग कमेंटरी | सच्ची-सच्ची होली मनाने | Celebrating Holi

योग कमेंटरी | सच्ची-सच्ची होली मनाने | Celebrating Holi

आज होली का दिन है… बाबा को आज की बढ़ाइया देते… अपनी पवित्रता की प्रतीज्ञा फिर से दोहराता हूं

सभी बुराइयां को… होली की आग में भस्म कर… मैं पावन बन गया हूं

बाबा के संग रह… उनके ज्ञान के रंग… अविनाशी सुख-शान्ति खुशियों के रंग में रंग गया हूँ

अपनी दिव्य बुद्धि रूपी पिचकारी द्वारा… सबको अविनाशी खुशियों का रंग लगाना है… स्नेह मिलन मनाना है

जो पास्ट में हुआ, वह हो-ली… अब मैं बाप की होली… Holy हूँ

गीत: प्रभु तेरे रंग में…


और योग कमेंटरी:

Thanks for reading this meditation commentary on ‘सच्ची-सच्ची होली कैसे मनाएं | Celebrating Holi’